कार्यालय का सामान चोरी करते रंगे हाथ पकड़ाया शासकीय कर्मचारी, थाने में हुई शिकायत

*अभी तक नही हुई कोई कार्यवाही*


शहडोल

भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद जिम्मेदार कर्मचारी निजी लाभ के लिए नियमों को ताक पर रखने से नहीं चूक रहे। जिले की जयसिंहनगर नगर परिषद में सामने आए ताजा मामले ने सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहाँ परिषद कार्यालय से दो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी स्वयं चोर बन बैठे और कार्यालय में रखे सामान को चोरी करने की योजना बनाकर छुट्टी के दिन उसे अंजाम देने पहुंचे। सीएमओ द्वारा जयसिंहनगर थाना में दी गई शिकायत के अनुसार शनिवार को दोपहर करीब 2 बजे बसंतलाल यादव और घुरसेन सिंह बिना किसी अनुमति के नगर परिषद में रखे हैंडपंप उपयोग हेतु लिंक रॉड एवं अन्य सामान को एक बिना नंबर की ऑटो में लादकर ले जा रहे थे। उसी समय एक स्थानीय लोगों की सूचना पर सीएमओ के निर्देशन में नपा परिषद के कर्मचारियों ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ लिया गया। मामले की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई है।

दोनों कर्मचारियों की इतनी मजाल नही कि वे किसी भी अधिकारी की शह के बिना सामग्री उठाकर बाहर ले जाएं। जानकारों के अनुसार  नगर परिषद के जल शाखा सहित अन्य शाखाओं के प्रभारी लंबे समय से बिना निगरानी के अपने मनमर्जी के तर्ज पर अपने कार्यों को चला रहे है, जिसमें आए दिन सामग्री की निकासी हो रही है, लेकिन सामग्री के उपयोग का उल्लेख किसी पंजी में नहीं है। यह भी संदेह जताया जा रहा है कि चोरी का यह मामला सिर्फ एक उदाहरण है यदि प्रभारियों द्वारा कराए गए कार्यों के सामग्रियों की जांच की जाए तो कई सामग्रियों की अनुउपयोगिता सामने आ सकती है। बताया जा रहा है कि चोरी किया गया लिंक रॉड एवं अन्य सामान नगर की ही एक निजी दुकान में बेचे जाने की मंशा थी।

शिकायत के बाद भी दोनों आरोपी कर्मचारी अभी भी नगर परिषद कार्यालय में ड्यूटी कर रहे हैं। सीएमओ द्वारा नोटिस तो दिया गया और विभागीय कार्रवाई की शुरुआत तेजी से नहीं कि जा रही है। संभवतः स्थानीय कई नेताओं का दबाव इस कार्रवाई में बाधक बन रहा है। ऐसे में आम जनता का भरोसा सरकारी संस्थानों से उठना स्वाभाविक है। नगर परिषद में हुए इस प्रकरण ने साफ कर दिया है कि अब खुद शासकीय कार्यालय भी सुरक्षित नहीं हैं।

*इनका कहना है*

दोनों कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है मगर जवाब प्राप्त नही हुआ है, दूसरी नोटिस जारी की जा रही है। कार्य में कर्मचारी अनुपस्थित है, जब तक संतोषजनक जवाब नहीं मिलेगा कार्य पर नहीं रखा जायेगा, जल्द की कार्यमुक्त की कार्रवाई की जाएगी।

*सचिन कचेर सीएमओ, नगर परिषद जयसिंहनगर*

थाने में सूचना प्राप्त हुई है, जांच कर जल्द एफआईआर दर्ज की जाएगी।

*अजय बैगा थाना प्रभारी, जयसिंहनगर*

कमिश्नर के बंगले के लिए टेक्निकल स्कूल के खेल मैदान की दी जा रही है बलि, बंगले का निर्माण गलत- मनीष श्रीवास्तव


शहडोल

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष- मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि शहडोल देश का एकमात्र आदिवासी संभाग है और यहां जो भी इस उच्च अधिकारी आईएएस आते हैं ज्यादातर यहां पर अपना मनमाना रवैया अपनाते हुए कार्य करते हैं और जितनी भी कार्य अवधि में रहते हैं और यहां से चले जाते हैं, लेकिन शहडोल वासी अपने आप को लूटा महसूस करते हैं।

वर्तमान में पहले से आधा एकड़ में बने आवास से सीनियर IAS कमिश्नर महोदया का मोह भंग हो गया है, उन्होंने शहडोल कमिश्नर के बंगले के लिए एक शिक्षण संस्थान के खेल मैदान की बलि दी जा रही है।

मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि पहले से आधा एकड़ में बने सर्व सुविधायुक्त कमिश्नर बंगले से कमिश्नर साहिबा का मोह भंग हो गया है, अब शहडोल के कमिश्नर के लिए जो बंगला बनाया जा रहा है, वह ढाई एकड़ में बनेगा और इस बंगले को बनाने के लिए शासकीय टेक्निकल स्कूल के खेल मैदान की बलि दी जा रही है।

दरअसल, जहां एक ओर सरकारें अपने खर्च को कम करने की बात कर रही हैं, मंत्रियों और अधिकारियों के बड़े खर्चीले बंगलों को छोटा और कम जगह में बनाने की योजना चल रही है, वहीं इसके उलट शहडोल कमिश्नर के बंगले के लिए एक शिक्षण संस्थान के खेल मैदान को खत्म करना प्रशासन के अधिकारियों की मनमानी दर्शाता है, जिस पर कार्रवाई होना आवश्यक है, बल्कि इस तरह के उच्च अधिकारियों को शहडोल संभाग में रहने का कोई औचित्य नहीं है, यह अपने विकास के लिए आए हैं, शहडोल संभाग के विकास के लिए नहीं इनको तत्काल शहडोल संभाग से रवाना किया जाना आवश्यक है।

मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि दुर्भाग्य तो यह है कि सत्ताधारी दल के लोग जो शहडोल के निवासी हैं वह मुंह में पट्टी लगाकर लगा कर बैठे हुए हैं, यह पार्टी के प्रति भक्ति के साथ-साथ अधिकारियों की भक्ति ज्यादा दिखाता है, भाजपाइयों का विरोध ना करना चमचागिरी मानसिकता को उजागर करता है।

 मूसलाधार बारिश में सकुन बाई का आशियाना उजड़ा, चार लाख से  का नुकसान


अनूपपुर

बीते दिनों की मूसलाधार बारिश ने नगर पालिका पसान क्षेत्र में कहर बरपा दिया है सबसे हृदयविदारक दृश्य सामने आया वार्ड क्रमांक 8 में, जहाँ 70 वर्षीय सकुन बाई पति सत्यप्रकाश मिश्रा का कच्चा मकान पूरी तरह जमींदोज़ हो गया, इस हादसे में करीब चार लाख रुपये की क्षति हुई है और वृद्धा अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। प्राकृतिक आपदा के बाद भी सकुन बाई को कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है न तो राजस्व अमला मौके पर पहुँचा, न ही जनप्रतिनिधियों ने सुध ली एक असहाय वृद्ध महिला बेसहारा हो चुकी है लेकिन शासन-प्रशासन की चुप्पी कहीं अधिक पीड़ादायक साबित हो रही है।

हादसे को कई दिन बीत गए, पर स्थानीय प्रशासन ने अब तक स्थिति का जायज़ा लेने की भी ज़रूरत नहीं समझी न तहसील कार्यालय से कोई टीम पहुँची, न ही नगर पालिका का कोई कर्मचारी राहत लेकर आया यह घटना न केवल सरकारी लापरवाही की पोल खोलती है, बल्कि उस तंत्र की संवेदनहीनता को उजागर करती है जो आमजन की पीड़ा पर आंखें मूंदे बैठा है। स्थानीय लोगों ने नाराज़गी जताते हुए सवाल उठाया है कि जब आपदा के समय प्रशासनिक अमला और जनप्रतिनिधि नजर नहीं आते, तो उनके पद और योजनाएं आखिर किस काम की हैं? क्या शासन की योजनाएं सिर्फ कागजों में हैं, और क्या बुजुर्गों का जीवन अब आंकड़ों से भी सस्ता हो गया है। हर साल पसान में बारिश तबाही लाती है, लेकिन आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया अधिकारी सिर्फ आकस्मिक बैठकों और सर्वे की खानापूर्ति कर रहे हैं जबकि जमीनी हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं

नहाने गये 7 वर्षीय बालक की डूबने से हुई मौत, एसडीईआरएफ ने निकाला शव


अनूपपुर

जिले के चचाई थाना क्षेत्र में मंगलवार की दोपहर दोस्तों के साथ सोन नदी में नहाने गया 7 वर्षीय बालक की डूबने से मृत्यु हो गई। एसडीआरएफ की टीम ने 1 घंटे तक की तलाश के बाद शव को बाहर निकाला, परिक्षण उपारांत पोस्टमार्डम के लिए भेज दिया गया हैं। मौके पर चचाई पुलिस के साथ एसडीओपी सुमित केरकेट्टा पहुंचे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार की दोपहर ग्राम कैल्होरी के मौहार टोला निवासी बादल वासुदेव अपने साथियों अंशु वासुदेव, पीयूष पटेल, अनुराग सोन नदी में नहाने के लिए गया था। अचानक बादल वासुदेव सोन नदी में गहराई की तरफ चला गया। उसे बचाने के लिए अंशु वासुदेव ने कुछ देर तक कोशिश की, हालांकि वह असफल रहा। अंशु और पीयूष पटेल ने इसकी जानकारी वहीं मौजूद ग्रामीणों को दी। ग्रामीण ने थाना चचाई को सूचना दी, सूचना मिलते ही चचाई पुलिस और अनूपपुर एसडीओपी सुमित केरकेट्टा मौके पर पहुंच कर एसडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया। सूचना प्राप्त होने पर तत्काल जिला सेनानी के निर्देशन में टीम प्रभारी राम नरेश भवेदी प्लाटून कमांडर के नेतृत्व में होमगार्ड एवं एसडीईआरएफ के 08 जवान मुन्नालाल, शिवप्रताप सिंह, अनुज कुमार, सुनील सिंह, रामभरोसे सिंह, धन सिंह, अरुण मालवीय एवं प्रहलाद सिंह के साथ रेस्क्यू टीम सोन नदी में स्थानीय गोताखोर छोटेलाल सहानी की मदद से तलासी शुरू की लगभग 1 घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे को तलाश के बाद शव मिला।

स्थानांतरण आदेश होने के 20 दिन बाद भी कार्य मुक्त नहीं हुये प्रधानाध्यापक राजा बाबू सिंह

*चारागाह बना शाला विकास मद, कलेक्टर व सहायक आयुक्त का आदेश बेअसर*


अनूपपुर

जिले प्राथमिक शाला राजेन्द्रग्राम में नियम विरुद्ध तरीके से विगत 10 वर्षो से प्रधानाध्यापक का प्रभार लेकर कार्य कर रहे राजाबाबू सिंह जस नाम तस गुण राजसी अंदाज में नौकरी कर रहे राजाबाबू का मूल पदस्थापना ब्याख्याता पद पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लखौरा में है इसके बाबजूद उन्होंने तत्कालिक प्राचार्य से साठगांठ कर नियम विरुद्ध तरीके से प्राथमिक विद्यालय राजेन्द्रग्राम बतौर प्रधानाध्यापक का आदेश कराकर कार्य कर रहे है और उनकी उपस्थिति एवं वेतन आज भी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य लखौरा दे रहे है।जो शासन के नियमो का खुला उल्लंघन है जबकि 16.04 2025 को राजाबाबू सिंह का स्थानांतरण शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राजनगर किया जा चुका है स्थानंतरण आदेश के 20 दिन बीत जाने के बाबजूद कार्यमुक्त नही किया गया जो अपने आप मे सवाल खड़ा कर रहा है आखिर क्यों मेहरबान है अधिकारी और किसके दबाव में अभी तक उक्त आदेश को गोपनीय। तरीके से दबा कर रखा जा रहा है।

*चारागाह बना शाला विकास मद*

राजाबाबू सिंह प्रधानाध्यापक की कुर्सी अथियाने के लिए ना जाने कितनी जद्दोजहद की और विगत 10 वर्षों शाला विकास मद से निर्मित लगभग 10 दुकानों का किराया वसूल कर दुकान मरम्मत रंगाई पोताई के औने पौने खर्च का बिल बाउचर का खाका तैयार कर उक्त राशि को हजम कर रहे है जिसको लेकर कईबार स्थानीय पालको ने आय ब्यय का ब्यौरा मांगा तो गोलमोल जबाब देकर टाल दिया जाता है।

*स्थानांतरण के बाद भी नही छूट रहा है मोह*

राजाबाबू सिंह का स्थानांतरण पूर्व मे भी हो चुका था परंतु इन्होंने एनसीसी प्रभारी का हवाला देते हुये उच्चाधिकारियों सहित नेताओ की शरण मे चरण बंदन कर उक्त आदेश को संशोधित करवा लेते है अब देखना यह होगा इस वर्ष हुये स्थानंतरण आदेश जो शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लखौरा से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राजनगर कर दिया गया है उक्त आदेश का बखूबी पालन करते है या पूर्व की भांति इस बार भी स्थानंतरण आदेश कैंसिल करा पाने में सफल होते है हलाकि अभी 20 दिन बीत जाने के बाद भी इन्होंने राजनगर ज्वाइन तो नही किया बल्कि सम्बधित विद्यालय से एक पत्र लिखवा कर ले आये की उक्त विद्यालय में प्रधानाध्यापक का कोई पद ही खाली नही है।

*कलेक्टर व सहायक आयुक्त का आदेश बेअसर*

दिनांक:16.06.2025 एतद् द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ 6-1/2024/एक/9 दिनांक 29.04.2025 के द्वारा जारी स्थानांतरण नीति अनुसार राजाबाबू सिंह को माध्यमिक शाला राजेन्द्रग्राम से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राजनगर प्रशासनिक आधार पर स्थानंतरण आदेश जारी किया गया एवं उक्त आदेश में उल्लेखित किया गया की उक्त अधिकारी/कर्मचारी को 02 सप्ताह के भीतर कार्य मुक्त कर संबंधित कार्यालय को सूचित करें परंतु 20 दिवस बीत जाने के बाबजूद उक्त आदेश पर ना तो संबंधित को कार्यमुक्त किया गया और ना ही बरिष्ठ कार्यालय को कोई सूचना प्रदाय किया गया जिससे सिद्ध होता है की जिम्मेदार अधिकारी कितने कर्तव्य निष्ठ है।

*स्थानंतरण आदेश संसोधन कराने हुए गायब*

जब से स्थानंतरण आदेश जारी हुआ है तब से लेकर आज तक ना तो उनके द्वारा किसी को प्रभार दिया गया और ना ही उक्त स्थान्तरित विद्यालय में ज्वांइनिग दी गई बल्कि उक्त ट्रांसफर आदेश को लेकर बगैर अवकाश स्वीकृत कराये विद्यालय से नदारद रहकर संसोधन के चक्कर मे नेताओ के दरवाजे खटखटा रहे है।

*स्थान्तरण नीति को धता बताते राजाबाबू सिंह*

स्थानांतरण नीति कर्मचारियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया और नियमों को निर्धारित करती है। यह नीति विभिन्न सरकारी विभागों में लागू होती है, और इसका उद्देश्य कर्मचारियों की तैनाती को व्यवस्थित करना दक्षता बढ़ाना और कर्मचारियों के लिए उचित अवसर प्रदान करना है। परंतु पिछले एक दशक से अंगद की तरह पॉव जमाये बैठे राजाबाबू सिंह पर स्थान्तरण नीति लागू नहीं होती क्या स्थानांतरण आदेश का पालन न करने पर राजाबाबू सिंह शासकीय सेवक के विरुद्ध बारिष्ठ अधिकारियों द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यो नहीं की जा रही है।

*इनका कहना है*

राजाबाबू सिंह की ब्याख्याता पद के विरुद्ध पदस्थापना थी नियम विरुद्ध तरीके से माध्यमिक शाला में बतौर प्रधानाध्यापक के पद पर बने हुये थे 20 दिन पूर्व उनका स्थानांतरण राजनगर हो गया है, जिन्हें वरिष्ठ कार्यालय से बात कर तत्काल कार्यमुक्त करता हूं।

खस्ताहाल बना केंद्रीय विद्यालय, छात्र- छात्राओ को शिक्षा की जगह मिल रहा संघर्ष

*जनप्रतिनिधि व प्रशासन मौन*


उमरिया

केंद्रीय विद्यालय उमरिया इन दिनों शिक्षा का मंदिर नहीं, उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। बरसात ने स्कूल की खस्ताहाल तस्वीर उजागर कर दी है। स्कूल पहुंचना छात्रों के लिए रोज़ की जंग बन चुका है, कीचड़, जलभराव और गड्डों को पार करते हुए जब बच्चे पहुंचते हैं, तो वहां टपकती छतें और गीले फर्श उनका इंतजार करते हैं। हद तो ये है कि बच्चों के लिए विद्यालय में कोई स्थाई शौचालय भी नही है।

विद्यालय की कक्षाएं आज भी अल्बेस्टस सीटों से ढकी हैं। बारिश में छतें टपक रही हैं, किताबें भीग जाती हैं और बच्चे गीले बेंचो पर बैठने को मजबूर होते हैं। यह किसी ग्रामीण प्राथमिक स्कूल की नहीं, केंद्रीय विद्यालय की हालत है उस संस्था की, जिसे देशभर में उत्कृष्ट शिक्षा का प्रतीक माना जाता है। चौंकाने वाली बात यह है कि न कोई जनप्रतिनिधि व प्रशासन इस ओर ध्यान नही दे रहे हैं।केंद्रीय विद्यालय उमरिया में केवल कक्षा 10वीं तक कक्षाएं ही संचालित होती है, आगे की पढ़ाई के लिए छात्रों को 25-30 किलोमीटर दूर नोरोज़ाबाद जाना पड़ता है – यह छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों पर भी आर्थिक और मानसिक बोझ बनता है।

*छात्र को शिक्षा की जगह मिल रहा संघर्ष*

केंद्रीय विद्यालय में स्थायी शिक्षकों की भारी कमी है। अधिकांश कक्षाएं अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रही हैं। विद्यालय में करीब 400 छात्रों की अध्ययनरत है, ऐसे शिक्षकों की कमी स्कूल प्रबंधन के लिए भी चुनौती बना हुआ है। शिक्षकों के अभाव की वजह से स्कूल प्रबंधन मजबूरी में लाइब्रेरियन और स्पोर्ट टीचर से भी बच्चों को पढ़ाने मदद ले रहे है। नया सत्र शुरु हो चुका है, लेकिन कई कक्षाओं में अब तक किताबें नहीं पहुंचीं, बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए यह स्थिति और भी गंभीर है। क्या 'केंद्रीय विद्यालय' के नाम पर सिर्फ दिखावा ही पर्याप्त है? अब वक्त है कि शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि मौन तोड़ें, स्थल पर जाएं और स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाएं। वरना हर बारिश में न सिर्फ छतें टपकेंगी, बल्कि बच्चों का भविष्य भी कही न कही टपक जाएगा।

बस ने बाइक को मारी ठोकर, दो लोगों की घटनास्थल पर हुई मौत, बस चालक हुआ फरार


शहडोल

शहडोल से जनकपुर जा रही तेज रफ्तार बस ने बाइक को ठोकर मार दी, जिसमें सवार दो लोगों की मौके पर मौत हो गई है। घटना गोहपारू थाना क्षेत्र के लोढ़ी गांव में सोमवार शाम घटी। घटना के बाद मौके पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। जानकारी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की।

पुलिस ने बताया कि सूरज कंपनी की बस क्रमांक एमपी 18 पी 2187 शहडोल से जनकपुर की ओर जा रही थी, तभी तेज रफ्तार बस ने लोढ़ी के पास सामने से आ रही बाइक को ठोकर मार दी। इसमें सवार रामगोपाल यादव (32) एवं रवि कोल (15) की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई। दोनों मृतक लोढ़ी गांव के ही रहने वाले हैं। इससे घटनास्थल पर परिजन एवं गांव के लोग काफी संख्या में इकट्ठा हुए थे।

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि मौके पर पहुंचकर दोनों शवों को पीएम के लिए गोहपारू अस्पताल लाया गया है। घटना के बाद बस चालक मौके से बस छोड़ भाग गया। पुलिस ने बस को मौके से जब्त कर लिया है। बस में सवार लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचने का वाहन का पुलिस ने इंतजाम किया। पुलिस का कहना है दोनों मृतक लोढ़ी गांव के रहने वाले थे। बाइक सवार गांव से गोहपारू बाजार जा रहे थे, तभी रास्ते में दर्दनाक हादसा हुआ है।

डीएपी खाद ना मिलने से परेशान किसानो ने सड़क किया जाम


अनूपपुर

जिले के राजेंद्रग्राम में खाद न मिलने परेशान किसानों ने रीवा अमरकंटक मार्ग में करौंदी तिराहे के पास जाम लगा दिया, राजेन्द्रग्राम के गोदाम में पिछले कई दिनों से खाद उपलब्ध नही है, क्षेत्र में धान और सोयाबीन की बुवाई प्रारम्भ हो गई है, धान का रोपा भी बड़े पैमाने ओर दिया जा रहा है, समय पर खाद न मिलने से क्षेत्र के किसान परेशान हैं, खाद गोदाम के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा किसानों को एक सप्ताह पहले से खाद लेने के लिए पर्ची दे दी गई है। वही खाद बीज दुकानों में महंगे दरों में मिल रही है खाद।

सैकड़ों की संख्या में हर दिन किसान सुबह से लाइन लगा कर खड़े रहते हैं। शाम को घर चले जाते हैं, लेकिन खाद नहीं मिलती, इसी से परेशान होकर आज किसानों ने अमरकंटक रोड के करौंदी तिराहे में घंटों जाम लगा दिया, पुलिस प्रशासन और कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को समझा बुझाकर खाद गोदाम ले गए, गोदाम को खोलकर चेक किया गया, जिसमें खाद नहीं थी, अधिकारियों से बात करने पर 10 तारीख को खाद उपलब्ध कराने के लिए कहा गया।

धार्मिक यात्रा से लौट रही कार पेड़ से टकराई, 3 महिलाओ की हुई मौत, 15 हुए घायल


शहडोल 

जिले के ब्यौहारी थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह 4.40 बजे एक टेम्पो ट्रैक्स CG10-BP-8657 जोरा गांव के पास पेड़ से टकरा गया। हादसे में तीन महिलाओं की मौके पर मौत हो गई। वहीं 15 महिलाएं और बच्चे घायल हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक टेम्पो ट्रैक्स (तूफान) में कुल 20 लोग सवार थे। ड्राइवर के अलावा सभी महिलाएं और बच्चे थे। ये लोग अयोध्या से दर्शन कर लौट रहे छत्तीसगढ़ लौट रहे थे

थाना प्रभारी अरुण पांडे ने बताया कि हादसे में चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों को पहले ब्यौहारी अस्पताल ले जाया गया। वहां से गंभीर 4 घायलों को मेडिकल कॉलेज शहडोल रेफर किया गया है। मृतकों की पहचान गायत्री कवर (55), मालती पटेल (50) और इंदिरा बाई के रूप में हुई है। स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों से अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने मृतकों के परिजन को फोन पर सूचना दी है, जो ब्यौहारी के लिए रवाना हो गए हैं।

ताजिया देखने गए युवक की 4 लोगो ने की हत्या, विरोध में लोगों ने किया चक्का जाम


शहडोल

कोतवाली थाना क्षेत्र के पुरानी बस्ती में बीती रात एक घटना में 19 वर्षीय देवराज वंशकार पर चार अज्ञात बदमाशों ने चाकू से हमला कर दिया। घटना तब हुई जब देवराज और उसके साथी ताजिया देखने गए थे। गंभीर रूप से घायल देवराज को तुरंत जिला चिकित्सालय ले जाया गया, जहाँ उसकी नाजुक स्थिति को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। उपचार के दौरान सोमवार की सुबह 8:00 बजे उसने दम तोड़ दिया। अंतिम यात्रा के दौरान लोगों ने सड़क पर चक्का जाम लगा दिया, जिससे आवागमन आधे घंटे तक अवरुद्ध रहा।

घटना के बाद मृतक के परिजनों और स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश फैल गया। कोतवाली के इंद्रा चौक पर सैकड़ों लोगों ने सड़क पर चक्का जाम कर दिया, उनकी मांग थी कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उन्हें कठोर सजा दी जाए। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर लेट कर अपना विरोध जताया, जिससे मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। चक्का जाम के दौरान पुलिस मौके पर मौजूद रही, विरोध कर रहे लोगों को समझा बूझकर पुलिस ने उठाया है। जब तक चारों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई थी। यह चौक शहर का हृदय स्थल कहलाता है। इस मार्ग से लोग रेलवे स्टेशन बस स्टैंड एवं बुढार की ओर जाते हैं। 

स्थानीय निवासी और प्रदर्शन कर रहे लोगो ने कहा, यह एक बेहद दुखद घटना है। हम चाहते हैं कि पुलिस इस मामले में सख्त कार्रवाई करे। और हत्या में शामिल सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा पुलिस दिलाए। हालांकि पुलिस ने कुछ आरोपियों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया है, आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है, इस मामले में पुलिस जल्द खुलासा करेगी।

पति-पत्नी समेत 2 बच्चो की मौत, पंचायत कर्मी व पटवारी का निलबंन का प्रस्ताव, पुल से बही थी कार

*पति-पत्नी थे शासकीय कर्मचारी, मंत्री ने 25,25 हजार रुपए देने की घोषणा की*


अनूपपुर।

रविवार की रात्रि अनूपपुर जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर अमरकंटक रोड पर सजहा नाले में एक कार रात में बह गई। कार में पति-पत्नी और दो बच्चे सवार थे। जिसे एसईसीएल कर्मी 38 वर्षीय चंद्रशेखर यादव चला रहें थे। कार में पत्नी 37 वर्षीय प्रीति यादव, 8 वर्षीय बेटा रेयांश और बेटी 2 वर्षीय सीबी की मौत हो गई। पुलिस ने सोमवार को चारों के शव बरामद कर लिए हैं।

अनूपपुर निवासी चंद्रशेखर यादव अपनी पत्नी प्रीति और दो बच्चों के साथ रविवार को अमरकंटक गए थे। प्रीति यादव जिला चिकित्सालय में नर्स के पद पर कार्यरत थीं। प्रीति का शव रविवार को घटनास्थल से 5 किमी दूर मिला था। जबकि पति और दो बच्चों के शव सोमवार को 9 किमी के दायरे में मिले। जानकारी अनुसार सोमवार की समय सीमा बैठक में कलेक्टर हर्षल पंचोली ने घटना नारजगी व्यक्ता करते हुए ग्राम औढ़ेरा के पटवारी संजीव सिंह, पंचायत सचिव कल्याण सिंह एवं रोजगार सहायक पर कार्यवाही करने के निर्देश सीईओ जिला पंचायत को दिये हैं। परिवार को ढाढस बधाने के लिए मध्य प्रदेश कुटीर एवं ग्राम उद्योग राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल जिला चिकित्सालय अनूपपुर पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी। दिलीप जायसवाल ने पीड़ित परिवारों को विधायक निधि से 25,25 हजार रुपए देने की घोषणा की हैं।

जानकारी अनुसार चंद्रशेखर यादव मूल रूप से बाबा कालोली बदरा के रहने वाले थे। वह सोहागपुर एसईसीएल में फोरमैन के पद पर कार्य करते थे। रविवार छुट्टी का दिन था, इसलिए परिवार के साथ अमरकंटक घूमने गए थे। हादसा रात करीब 7 बजे हुआ। वापसी के दौरान जब सजहा पुल पर पानी का बहाव तेज था। दोनों तरफ कई वाहन रुके थे। लोगों ने चंद्रशेखर को भी पुल पार न करने की सलाह दी, लेकिन एक बस के पुल पार करने के बाद चंद्रशेखर ने भी हिम्मत कर कार आगे बढ़ाई। इसी दौरान पुल का एक हिस्सा टूट गया और तेज बहाव में कार बह गई। पुलिस ने सोमवार दोपहर चंद्रशेखर और उनके दो बच्चों का शव बरामद किया। ज्ञात हो कि रविवार देर रात पत्नी प्रीति का शव मिल चुका था। ज्ञात हो कि जिले में तीन दिनों से भारी बरसात के कारण नदी लाने कान पर हैं।

प्रत्यक्षदर्शी जसमत सिंह बंजारा ने बताया कि पुलिया में पानी ज्यादा होने के कारण पहले एक कार आई, जिसे आसपास के लोगों ने निकाल लिया था। उसके थोड़ी देर बाद एक बस निकली। बस के पीछे ही चंद्रशेखर यादव कार सवार अपने परिवार के साथ तेज बहाव में पुलिया पार करने लगे। पास ही स्थित वेयरहाउस के कर्मचारी उन्हें पुलिया पार करने के लिए बार-बार मना कर रहे थे।

जसमत सिंह बंजारा ने बताया कि शाम करीब 6 बजे पुलिया में पानी ऊपर तक आ गया था। पुलिया में पेड़-पौधे फंसने की वजह से पानी सड़क पर आया। पानी का बहाव इतना तेज था कि हमें घर से सामान निकालने का मौका नहीं मिला। घर का दरवाजा लगाकर पास ही स्थित एक पक्के मकान की छत पर चढ़ गए। इसी दौरान हमने ये हादसा देखा। चंद्रशेखर यादव की माता-पिता का पहले ही देहांत हो चुका था। चंद्रशेखर यादव अपनी परिवार के साथ अनूपपुर में रहता था। इस दुर्घटना में पूरा पारिवार खत्म हो गया। पत्नी प्रीति यादव की माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल हैं। वह अपने बेटी और दामाद, बच्चों का शव देखने के लिए जिला चिकित्सालय अनूपपुर पहुंचे। परिवार को सांत्वना देने के लिए मध्य प्रदेश कुटीर एवं ग्राम उद्योग राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल भी जिला चिकित्सालय अनूपपुर पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी। दिलीप जायसवाल ने पीड़ित परिवारों को विधायक निधि से 25,25 हजार रुपए देने की घोषणा की हैं।

 बारिश के कारण 2 जिलो के कलेक्टर ने 2 दिन का किया अवकाश घोषित


अनूपपुर 

ज़िले में आगामी 48 घंटों में भारी बारिश की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली ने 7 जुलाई एवं 8 जुलाई को शैक्षणिक संस्थाओं में अवकाश घोषित किया है। विद्यार्थियों को होने वाली परेशानी, जोखिम तथा छात्रहित में शासकीय एवं अशासकीय (मध्य प्रदेश शासन द्वारा मान्यता प्राप्त एवं सीबीएसई बोर्ड) शैक्षणिक संस्थाओं के लिए यह अवकाश घोषित किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति निर्मित ना हो। अवकाश के कारण बाधित शैक्षणिक पाठ्यक्रम की पूर्ति अन्य कार्य दिवसों में अतिरिक्त कालखंड लगाकर की जाएगी।

वही उमरिया जिले में तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण नदी नालों में उफान एवं बाढ़ की स्थित के मद्देनजर कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने जिले के सभी शासकीय एवं निजी विद्यालयों में आगामी 07 जुलाई एवं 08 जुलाई को अवकाश घोषित किया है,रविवार की देर शाम जारी आदेश में कलेक्टर ने भारी बारिश के कारण होने वाली संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के मद्देनजर यह आदेश जारी किया है।


बारिश के कारण 2 जिलो के कलेक्टर ने 2 दिन का किया अवकाश घोषित


अनूपपुर 

ज़िले में आगामी 48 घंटों में भारी बारिश की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली ने 7 जुलाई एवं 8 जुलाई को शैक्षणिक संस्थाओं में अवकाश घोषित किया है। विद्यार्थियों को होने वाली परेशानी, जोखिम तथा छात्रहित में शासकीय एवं अशासकीय (मध्य प्रदेश शासन द्वारा मान्यता प्राप्त एवं सीबीएसई बोर्ड) शैक्षणिक संस्थाओं के लिए यह अवकाश घोषित किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति निर्मित ना हो। अवकाश के कारण बाधित शैक्षणिक पाठ्यक्रम की पूर्ति अन्य कार्य दिवसों में अतिरिक्त कालखंड लगाकर की जाएगी।

वही उमरिया जिले में तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण नदी नालों में उफान एवं बाढ़ की स्थित के मद्देनजर कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने जिले के सभी शासकीय एवं निजी विद्यालयों में आगामी 07 जुलाई एवं 08 जुलाई को अवकाश घोषित किया है,रविवार की देर शाम जारी आदेश में कलेक्टर ने भारी बारिश के कारण होने वाली संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के मद्देनजर यह आदेश जारी किया है।


पुलिया टूटी कार सहित बहा पूरा परिवार, महिला का शव बरामद


अनूपपुर

जिले में भारी बारिश के कारण एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। रीवा-अमरकंटक मुख्य मार्ग पर किरर घाट की सजहा पुलिया टूट गई। इस हादसे में एक कार पानी में बह गई। जिसमें एक पूरा परिवार सवार था। मौके पर बचाव दल के साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इसरार मंसूरी, एसडीओपी अनूपपुर सुमित केरकेटा मौजूद हैं। एसडीआरएफ की टीम समाचार लिखे जाने तक बचाव कार्य में लगी हुई है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इसरार मंसूरी ने बताया कि रात 10:45 बजे कर में सवार महिला 38 वर्षीय प्रीति यादव का शव बचाव दल ने ढूंढ निकाला है, वही तीन लापता है। बताया जाता है कि चंद्रशेखर यादव का परिवार अमरकंटक से वापस अपने गृह ग्राम किरर निवासी सजहा मे बनी पुलिया भारी बारिश के चलते टूट गई जिसकी चपेट में यादव परिवार आने से इसके बहाव में बह गया। कार में चंद्रशेखर यादव पत्नी प्रीति यादव के साथ दो बच्चे थे। पुलिस ने प्रीति यादव का शव बरामद कर लिया है। उनकी पति और दो बच्चों की तलाश जारी है। राहत और बचाव दल मौके पर कार्यरत हैं। मिली जानकारी के अनुसार औढेरा गांव में के पास बने बाध के टूटने से अचानक पुलिया में पानी आने से यह घटना घटित हुई। 

कार बाइक में आमने-सामने जोरदार टक्कर, दो भाइयों की हुई मौत


अनूपपुर

जिले के भालूमाडा थाना अंतर्गत बदरा गौडारू नदी के पास दो पहिया वाहन एवं कार की आमने-सामने की भिड़ंत में बाइक में सवार दोनों चचेरे भाइयों की दर्दनाक मौत हो गई। भीषण सड़क हादसे में जहां मोटरसाइकिल के परखच्चे उड़ गए वहीं कार का सामने का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

प्राप्त जानकारी अनुसार भालूमाडा थाना अंतर्गत बदरा गौडारू नदी के पास दो पहिया वाहन एवं कार की आमने-सामने की भिड़ंत में बाइक में सवार अमलाई निवासी दोनों चचेरे भाइयों में एक की मौके पर तो दूसरे कि चिकित्सालय मृत्यु हो गई। सड़क हादसे में जहां बाईक के परखच्चे उड़ गए वहीं कार का सामने का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। दुर्घटना के बाद मौके पर ही 38 वर्षीय राकेश सिंह गोंड की मौत होने का बाद वाहन चालक फरार हो गया। जबकि दूसरा घायल 44 वर्षीय कृष्ण पाल सिंह उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। दुर्घटना की सूचना पर शिवांश सिंह ने मौके पर घायल कृष्ण पाल सिंह को अपने वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था।

घर में आकाशीय गिरी बिजली, समान जलकर राख, लगातार बारिश बनी आफत


अनूपपुर

3 दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जिले में जनजीवन और अर्थव्यवस्था दोनों को प्रभावित किया है। बारिश के कारण कई इलाके जलजग्न हो गये है, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है।ग्राम पंचायत दुलहरा में आकाशीय बिजली गिरने से अवधेश पटेल पुत्र लाल दास पटेल के घर में आग लग गई, जिसमें उसके सभी समान कपड़े कुर्सी टेबल, खाने पीने की सामग्री तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान जलकर राख हो गया। इस दौरान सभी मोहल्ला वासियों ने मिलकर आग बुझाए जिससे काबू पा लिया गया।

जिले के शहरी क्षेत्रों सहित ग्रामीण अंचलों में बारिश के कारण निचले इलाकों और शहरों में जलभराव हो गया है, जिससे लोगों को अपने घरों से निकलने में मुश्किल हो रही है। कई जगह ग्रामीण अंचलों में सड़कों पर पानी भरने से यातायात बाधित हो गया है, जिससे लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में देरी हो रही है। बारिश के कारण उमस बढ़ गई है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने लगी है। बारिश से कुछ फसलों को नुकसान भी हो सकता है। बारिश के कारण दुकानों और बाजारों में कम भीड़ हो रही है। जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है। वही बारिश के कारण निर्माण कार्य भी बाधित हो रहे हैं। शहर सहित ग्रामीण अंचलों में कुछ बारिश के कारण बिजली गुल होने की भी खबर कुल मिलाकर, 3 दिनों से हो रही बारिश ने अनूपपुर में जनजीवन और अर्थव्यवस्था दोनों को प्रभावित किया है।



बारिष से शहर व ग्रामीण क्षेत्र हुआ पानी-पानी, अस्पताल, बैंक रेल्वे स्टेशन में भरा पानी नदी नाले उफान पर


शहडोल 

जिला मुख्यालय शहडोल में पहली बारिश में ही बाढ़ जैसे हालात में डूब गया। शहर की सड़कें, गलियां और प्रमुख स्थल तालाब में तब्दील हो गए। गांधी चौक, जो शहर का दिल माना जाता है, पानी से लबालब होकर एक तालाब का रूप ले चुका था। मुड़ना नदी और टांकी नाला, जो शहर की जीवनरेखा हैं, अतिक्रमण के बोझ तले दम तोड़ रहे थे, लेकिन इस बारिश में उन्होंने अपने रास्ते खुद बना लिए। प्रकृति ने प्रशासन और शासन को उनकी लापरवाही का कड़ा सबक सिखाया। जल गंगा अभियानः वादों का अंत, हकीकत की हार मध्य प्रदेश सरकार ने जल गंगा अभियान के तहत जल संरक्षण और नदियों-नालों की सफाई का दावा किया था, लेकिन शहडोल में यह अभियान कागजी साबित हुआ। टांकी नाला, जो शहर के बीचोबीच बहता है, अतिक्रमण और कचरे के कारण जिंदा नदी बनकर उफान पर आ गया।

मुड़ना नदी ने भी अतिक्रमणकारियों को उनके दायरे याद दिलाए, जब वह अपने पूरे वेग के साथ बही। पोंडा नाला के पास कॉलोनाइजर द्वारा कि अतिक्रमण को नाले ने ध्वस्त कर दिया, पानी कॉलोनी में घुस गया अ अपना रास्ता बना लिया। बस स्टैंड और रीवा होटल के बीच की सड़क नदी का रूप ले चुकी थी। कुल मिलाकर, शहडोल पानी-पानी हो गया। शहदोल में जिला अस्पताल, बैंक व रेलवे स्टेशन में पानी भर गया है। पानी भरने से प्रशासन के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं।

*बारिश से अनूपपुर का जनजीवन अस्त व्यस्त*

अनूपपुर में पिछले 3 दिनों से हो रही लगातार दिन रात बारिश ने अनूपपुर में जनजीवन और अर्थव्यवस्था दोनों को प्रभावित किया है।बारिश के कारण कई इलाकों में जलजमाव हो गया है,जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। बताया जाता है कि नगर पालिका सहित ग्रामीण अंचलों में बारिश के कारण निचले इलाकों और शहरों में जलभराव हो गया है,जिससे लोगों को अपने घरों से निकलने में मुश्किल हो रही है।कई जगह ग्रामीण अंचलों में सड़कों पर पानी भरने से यातायात बाधित हो गया है,जिससे लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में देरी हो रही है।बारिश के कारण उमस बढ़ गई है,जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने लगी है।बारिश से कुछ फसलों को नुकसान भी हो सकता है।बारिश के कारण दुकानों और बाजारों में कम भीड़ हो रही है।जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है।वही बारिश के कारण निर्माण कार्य भी बाधित हो रहे हैं। शहर सहित ग्रामीण अंचलों में कुछ बारिश के कारण बिजली गुल होने की भी खबर हैं, कुल मिलाकर, 3 दिनों से हो रही बारिश ने अनूपपुर में जनजीवन और अर्थव्यवस्था दोनों को प्रभावित किया है। 

*बीते 24 घंटे में जिले में 39.8 मिली. वर्षा*

अधीक्षक भू-अभिलेख अनूपपुर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जिले में बीते 24 घंटे में 39.8 मिली मीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान वर्षामापी केन्‍द्र अनूपपुर में 52.4, कोतमा में 52, बिजुरी में 30.8, जैतहरी में 29.2, वेंकटनगर में 78.4 , पुष्पराजगढ़ में 21.6 , अमरकंटक में 28.8 तथा बेनीबारी में 24.8 मिली मीटर वर्षा दर्ज की गई ।


 माचार 01 फ़ोटो 01

फर्जी बिल मामले में कलेक्टर ने प्रभारी प्राचार्य को किया निलंबित, डीईओ को कारण बताओ नोटिस

*24 लीटर पेंट पोतने के लिए लगे 443 मजदूर, 3 लाख की मजदूरी का भुगतान*


शहडोल 

जिले में शिक्षा विभाग में रंगाई-पुताई के नाम पर बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है, जिसमें महज 24 लीटर आयल पेंट लगाने पर लगभग 3 लाख रुपये की मजदूरी खर्च करने का फर्जी बिल पास किया गया है। यह मामला ब्यौहारी विकासखंड के दो शासकीय स्कूलों हाईस्कूल संकदी और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपनिया से जुड़ा हुआ है।

घोटाले की परतें तब खुलीं जब बिल की प्रति इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई और मामला कलेक्टर डॉ. केदार सिंह के संज्ञान में आया। कलेक्टर ने तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) फूल सिंह मारपाची को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है और राशि वसूली व जांच के आदेश भी दिए हैं। हाईस्कूल संकदी में 4 लीटर पेंट (मूल्य 784 रुपये) खरीदने का बिल लगाया गया, लेकिन इसे दीवारों पर पोतने के लिए 168 मजदूर और 65 मिस्त्री लगाए गए, जिनकी कुल मजदूरी 1,06,984 रुपये दिखाई गई।

वहीं, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपनिया में 20 लीटर पेंट के लिए 275 मजदूर और 150 मिस्त्री दर्शाए गए। उनका भुगतान 2,31,650 रुपये के रूप में किया गया। इसमें खिड़कियों और दरवाजों की रंगाई का भी खर्च जोड़ा गया है। इन दोनों ही मामलों में एक ही ठेकेदार, सुधाकर कंस्ट्रक्शन का नाम सामने आया है। चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों बिल 5 मई 2025 को कटे हैं और उन पर स्कूल प्राचार्यों और जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर व सरकारी मुहरें लगी हैं। इससे यह स्पष्ट है कि विभाग के कई अधिकारी और शिक्षक इस फर्जीवाड़े में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल हैं।


*कलेक्टर ने प्रभारी प्राचार्य को किया निलंबित*

कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने विगत कुछ दिनों से सोशल मीडिया में वायरल बिल भुगतान के संबंधी समाचार के संबंध में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9 के अंतर्गत तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य सुग्रीव शुक्ला (प्राथमिक शिक्षक) शासकीय हाई स्कूल सकन्दी तहसील ब्यौहारी जिला शहडोल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया कर दिया है। निलंबन अवधि में श्री शुक्ला का मुख्यालय को खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, जयसिंहनगर जिला शहडोल नियत किया जाता है। 

*डीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी*

विगत कुछ दिनों से सोशल मीडिया में वायरल बिल भुगतान के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी शहडोल फूल सिंह मरपाची को कारण बताओ नोटिस जारी किया है तथा 3 दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। बिल भुगतान के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी, (राजस्व) ब्यौहारी, जिला शहडोल (म०प्र०)  द्वारा अवगत कराया है कि शास हाई स्कूल संकन्दी की जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत ब्यौहारी, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ब्यौहारी के साथ औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कार्य गुणवत्ताहीन एवं अधूरा पाया गया है। आपके द्वारा कार्य का भौतिक निरीक्षण नहीं किया गया एवं कार्य की पुष्टि किए बिना बिल के भुगतान की स्वीकृति जारी कर दी गई एवं भुगतान भी कर दिया गया है। कार्य का भौतिक निरीक्षण किया बिना बिल की पुष्टि कर भुगतान की स्वीकृति दिया जाना तथा राशि आहरण कर लिया जाना वित्तीय अनियमिता परिलक्षित करता है।

हत्या के मामले में सजा काट चुके कर्मचारी पर उठे सवाल, तथ्यों को छिपाकर एसीसीएल में कर रहे थे नौकरी


अनूपपुर

साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड एसईसीएल के सोहागपुर क्षेत्र अंतर्गत अमलाई ओपनकास्ट माइन्स में असिस्टेंट सुपरवाइजर (ट्रांसपोर्टेशन) के पद पर कार्यरत श्रीकांत मिश्रा पर गंभीर आरोप लगे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्रीकांत मिश्रा (NEIS न. 24358277) ने नियुक्ति के समय अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि को छिपाकर नौकरी हासिल की थी, जबकि वे पूर्व में हत्या के आरोप में न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध होकर तीन वर्ष तक कारावास की सजा भुगत चुके हैं। आरोप यह भी है कि श्री मिश्रा ने अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि का कोई उल्लेख नियुक्ति प्रपत्रों में नहीं किया, जो न केवल सरकारी सेवा नियमों का उल्लंघन है बल्कि यह स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है।

इस पूरे मामले को उजागर करते हुए ग्राम हरदुआ जिला रीवा निवासी श्रीनिवास पाठक ने जिलाधीश अनूपपुर को ज्ञापन सौंपकर मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी कर्मचारी के विरुद्ध शीघ्र कार्रवाई की मांग की है। शिकायतकर्ता का कहना है कि चूंकि अब श्रीकांत मिश्रा का सेवाकाल समाप्ति की ओर है, अतः जल्द जांच कर उन्हें सेवा से पृथक किया जाए तथा उनकी सेवा अवधि में प्राप्त वेतन एवं पीएफ राशि को जब्त कर राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा की जाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि इस कृत्य पर श्रीकांत मिश्रा के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर अलग से दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

शिकायत की प्रतिलिपि सतर्कता अधिकारी एसईसीएल बिलासपुर, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर एवं मुख्य महाप्रबंधक, सोहागपुर क्षेत्र को भी प्रेषित की गई है मामला गंभीर है और अब यह देखना होगा कि जिला प्रशासन एवं एसईसीएल प्रबंधन इस पर क्या कदम उठाता है।

तबादले के बाद नई कवायद में जिला बना ‘काली छाया’ अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा

*रिक्तियां गायब, सिस्टम में पारदर्शिता फेल, संकुल प्राचार्य और ऑपरेटरों का ‘राज*


अनूपपुर

मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के तबादले के बाद रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की ऑनलाइन नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन अनूपपुर जिले में यह कवायद पारदर्शिता से ज्यादा भ्रष्टाचार का पर्याय बनती नजर आ रही है। स्कूल शिक्षा विभाग ने सत्र 2025-26 के लिए जीएफएमएस पोर्टल पर रिक्त पदों का विवरण प्रदर्शित कर ऑनलाइन आवेदन बुलाए हैं, लेकिन अनूपपुर में अधिकांश शासकीय विद्यालयों के रिक्त पदों की जानकारी पोर्टल पर अदृश्य है।

*अपात्रों को मौके, पात्र ठगे हुए* 

विभाग के निर्देश साफ हैं कि आवेदन ऑनलाइन होंगे, चयन भी ऑनलाइन होगा, लेकिन यहां संकुल प्राचार्य और स्कूलों के कंप्यूटर ऑपरेटर ही नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया के ‘किंगमेकर’ बने हुए हैं। पात्र शिक्षक फाइलें और दस्तावेज लिए बीईओ, डीईओ और सहायक आयुक्त कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कहीं से भी कोई स्पष्ट सूचना नहीं दी जा रही। पोर्टल पर रिक्तियां ही अपलोड नहीं की गईं, तो आवेदन पात्र करें भी तो कैसे?

*तारीखों की बाजीगरी*

पहले चरण के लिए 26 जून से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 1 से 3 जुलाई तक उपस्थिति प्रमाणीकरण का शेड्यूल तय है। 5 जुलाई से 12 जुलाई तक दूसरे चरण की संभावित तारीखें हैं। लेकिन जिन जिलों में रिक्तियां गोपनीय रखी गई हैं, वहां यह प्रक्रिया सिर्फ दिखावे की रस्म बन चुकी है। सिस्टम में अनूपपुर ‘ब्लैकहोल’ बन गया है, विभाग का दावा  हैं कि “रिक्त पदों के विरुद्ध ही नियुक्ति होगी। मगर अनूपपुर की हकीकत यह है  कि रिक्त पदों का ऑनलाइन अता-पता ही नहीं हैं। विभाग का दावा “पूरा चयन ऑनलाइन होगा।” मगर  हकीकत यह है कि फाइलें लेकर अफसरों और प्राचार्यों के दफ्तरों में धक्के खा रहे अभ्यर्थी।

*कौन जिम्मेदार?*

संकुल प्राचार्य, कम्प्यूटर ऑपरेटर और संबंधित अधिकारी  सबकी जिम्मेदारी तय है, लेकिन अफसरशाही की मौन सहमति से पात्र शिक्षक हाशिए पर और ‘सेटिंग’ वाले अपात्र शिक्षक ही ऑनलाइन प्रणाली के नाम पर सीटें हथिया रहे हैं। डीईओ, बीईओ और सहायक आयुक्त आदिवासी परियोजना कार्यालय आंख मूंदे बैठे हैं या कहें जानबूझकर अनजान बने हुए हैं।

*ऑनलाइन, ऑफलाइन का तमाशा*

जहां प्रदेश में अतिथि शिक्षकों की पारदर्शी नियुक्ति के लिए शासन ऑनलाइन प्रणाली की दुहाई दे रहा है, वहीं अनूपपुर जिले में यह नियम मजाक बन गया है। शिक्षकों के स्कोरकार्ड, अनुभव अंक और मेरिट सब ताक पर रख दिए गए हैं।

यह कैसी डिजिटलीकरण की उपलब्धि? क्या अतिथि शिक्षकों की भर्ती भी अब ठेकेदारी में तब्दील हो गई है? क्या संकुल प्राचार्य और ऑपरेटर मिलकर पात्रों की मेहनत पर पानी फेरने की खुली छूट पाए बैठे हैं? क्या विभाग का एजुकेशन पोर्टल-3.0 सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है, शिक्षा विभाग को इन सबका जवाब देना होगा। अगर शिक्षा विभाग वाकई ई-गवर्नेंस और पारदर्शिता का दावा करता है तो अनूपपुर जैसे जिलों में अपात्रता और अपारदर्शिता के इस खेल पर तत्काल अंकुश लगाना होगा। अन्यथा ऑनलाइन सिस्टम सिर्फ दिखावा साबित होगा और असली हकदार शिक्षक ताउम्र भटकते रहेंगे।

सर्व शिक्षा अभियान शिक्षा विभाग सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग सभी स्कूलों की रिक्तियों की तत्काल पोर्टल पर सार्वजनिक जानकारी अपलोड की जाए। पात्र-अपात्र की सूची पारदर्शी तरीके से पोर्टल पर जारी हो। संकुल प्राचार्यों और कंप्यूटर ऑपरेटरों की भूमिका की जांच हो। डीईओ और बीईओ को जिम्मेदारी से निगरानी करने के निर्देश दिए जाएं। यह रिपोर्ट शिक्षकों, छात्रों और शिक्षा व्यवस्था के भविष्य के हित में है। ऑनलाइन प्रक्रिया में धांधली की यह मिसाल, शासन की साख को बट्टा लगाने वाली है और इसे तत्काल सुधारा जाना जरूरी है।

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget