नप अध्यक्ष पति ने बिजली कर्मचारी को नौकरी से निकालने की  धमकी देकर की अभद्रता


शहडोल

पंचायत और नगरीय निकायों में पत्नी की जगह सरपंची और अध्यक्षी करने वाले व्यक्तियों पर मप्र शासन ने कार्यवाही व एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किया था, किंतु अपने ही बनाए नियम को सरकार धरातल पर लागू नही करा पा रही है, ऐसे सैकड़ो लोग हैं जो अपने पत्नी के स्थान पर पंचायत और नगरीय निकायों में सरपंची और अध्यक्षी चला रहे हैं।

नगर परिषद बकहों का विवादों से अपना अलग गहरा सम्बन्ध रहा है कभी भ्रष्टाचार को लेकर तो कभी निर्माण कार्यों मे धाँधली को लेकर लेकिन अब इसके इतर एक और मामला सामने आया है, जहाँ अध्यक्ष पति पत्नी की जगह अध्यक्षी का कार्यभार लिए बैठे हैं और कर्मचारियों द्वारा उनके बात को न मानने पर उन्हें तू-तपड भी करने लगते हैं, हद तो तब हो गई जब एक इलेक्ट्रिक का काम करने वाले कर्मचारी को अध्यक्ष पति ने फोन पर नौकरी से निकलवाने की धमकी दे डाली।

पीड़ित जितेन्द्र दाहिया इलेक्ट्रीशियन के पद में नगर परिषद बकहों में पदस्थ हैं उन्होंने शिकायत में लिखा है की वार्ड क्र० 03 कुदरा टोला में मेरे द्वारा लिफ्टर से स्ट्रीट लाईट सुधार का कार्य कराया जा रहा था तभी अध्यक्ष पति द्वारा कॉल किया गया और बोला गया कि बकहो ग्राउंड में चल रहे किक्रेट मैच में नगर परिषद् के केबल से लाईट कनेक्शन करने हेतु बोला गया, उसके उपरांत मेरे द्वारा बोला गया कि नगर परिषद् बकहो के स्ट्रीट लाईट के केबल से कनेक्शन न लेकर बिजली विभाग से तत्कालीन व्यवस्था के लिये टी.सी. कनेक्शन ले लिया जाये जो कि उचित होगा भैया इसके उपरांत मेरे द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी जी को कॉल करके इस विषय में जानकारी दी गई एवं उपयंत्री को भी यह जानकारी दी गयी की अगर स्ट्रीट लाईट से कनेक्शन किक्रेट मैच हेतु दिया जाता है तो वार्ड क्र० 01 और 02 की स्ट्रीट लाइट दिन एवं रात्रि में भी जलेगी जिससे निकाय का बिल का भुगतान बढेगा जो कि निकाय हेतु मे उचित नहीं है।

इसके उपरांत दोपहर को अध्यक्ष पति बिष्णु केवट द्वारा कॉल किया गया एवं मुझसे अभद्रता पूर्ण बात करते हुये मुझे बोला गया कि तुम अभी तक मेरी बात क्यो नहीं सुने एवं लाईट कनेक्शन क्यो नही चालू करवाये और उसके उपरांत मुझे धमकी देते हुये बोला गया की तुम मेरी बात को क्यों नहीं सुने और अब तुम्हे नौकरी से बाहर करावा दूंगा। एवं मुझसे अभद्रता पूर्ण बात की गयी एवं पूर्व में भी कई बार इसी प्रकार से म धमकी दी गयी। पीड़ित ने मुख्य नगर परिषद अधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है।

ठंड के कारण स्कूलों में 2 दिन का अवकाश घोषित, 9.30 से स्कूल होंगे संचालित


अनूपपुर

जिले में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जिले के अमरकंटक में सुबह उसकी बुदे जम रही है। ज्यादातर शहरों में कई सालों के सर्दी के रिकार्ड टूट गए हैं। अनूपपुर में न्यूनतम तापमान 8 से 11 डिग्री से कम पर पहुंच गया है। ठंड के कारण स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। सुबह की शिफ़्ट का समय बढ़ाने की मांग की जा रही थी। जिस पर अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली ने स्कूली विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की यह मांग मान भी ली है।


कड़ाके की ठंड को देखते हुए सुबह की शिफ़्ट के समय में बदलाव संबंधी आदेश शनिवार की रात जारी कर दिया है। जारी आदेश में जिला शिक्षा अधिकारी तुलाराम मार्को ने बताया कि जिले पिछले दिनों से लगातार मौसम में परिवर्तन जारी है तथा मौसम में परिवर्तन के कारण ठण्ड बढ़ रही है। जिसके कारण विद्यार्थियों को होने वाली परेशानी, जोखिम एवं विद्यार्थियों के हित को देखते हुये जिले में संचालित समस्त शासकीय अशासकीय, मान्यताप्राप्त सीबीएसई आईसीएसई नवोदय विद्यालय जो दो पालियो में संचालित हो रही हैं उनके प्रथम पाली के संचालन समय में परिवर्तन करते हुए 22 एवं 23 दिसंबर 2025 को कक्षा 1 से 5 तक कि विद्यार्थियों के लिए पूर्णता अवकाश रहेगा वही 22 दिसंबर से दो पाली में होता है जिस परिवर्तन करते हुए आगामी आदेश तक के लिए सुबह 09:30 बजे से संचालित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।

संयुक्त संचालक के निर्माण पर रोक आदेश के बाद भी बेखौफ जारी है विवादित भवन का निर्माण

*गोफ एरिया में हो रहा है मौत का निर्माण*


इंट्रो-नगर परिषद बनगवां में नियमों की धज्जियां उड़ाने और वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। शहडोल संभाग के संयुक्त संचालक (नगरीय प्रशासन) ने पार्षद और क्षेत्रीय निवासियों की शिकायत पर नवीन कार्यालय भवन के निर्माण को तत्काल प्रभाव से रोकने का लिखित आदेश (क्र./2076) जारी किया है, लेकिन धरातल पर स्थिति इसके उलट है। प्रशासनिक आदेशों को रद्दी की टोकरी में डालते हुए निर्माण कार्य न केवल चालू है बल्कि उसे युद्ध स्तर पर पूरा करने की कोशिश की जा रही है। हैरानी की बात यह है कि यह निर्माण उस संवेदनशील क्षेत्र में हो रहा है जिसके 'गोफ एरिया' (धसकने वाली जमीन) होने की आशंका जताई गई है फिर भी जिम्मेदार अधिकारी इसे रोकने के बजाय मूकदर्शक बने हुए हैं।

अनूपपुर 

जिले के नगर परिषद बनगवां में नियमों और वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों को ठेंगे पर रखा जा रहा है। संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल ने पत्र (क्र./2076) जारी कर नवीन कार्यालय भवन के निर्माण को  रोकने के निर्देश दिए थे लेकिन धरातल पर काम युद्ध स्तर पर जारी है। भाजपा पार्षद की शिकायत और कैबिनेट मंत्री दिलीप जायसवाल के हस्तक्षेप के बाद भी काम न रुकना परिषद की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। आखिर किसके रसूख के आगे संयुक्त संचालक का आदेश बौना साबित हो रहा है, क्या प्रशासन को किसी बड़ी अनहोनी या यह जारी सरकारी राशि का दुरुपयोग  का इंतजार है।

गोफ एरिया की आशंका के बावजूद अधिकारियों ने नहीं थामी निर्माण की रफ्तार क्या बनगवां का नया परिषद भवन किसी बड़े हादसे की नींव पर खड़ा हो रहा है? संयुक्त संचालक कार्यालय ने स्पष्ट पूछा है कि जिस जगह निर्माण हो रहा है, क्या वह एसईसीएल का गोफ एरिया (धसकने वाली जमीन) है, क्या वहा का एसबीसी टेस्ट हुआ है, इन तकनीकी और सुरक्षात्मक सवालों का जवाब देने के बजाय परिषद प्रबंधन ने निर्माण कार्य चालू रखा है। संयुक्त संचालक द्वारा कार्य रोकने के स्पष्ट आदेश के बावजूद मशीनें गरज रही हैं और ईंटें जुड़ रही हैं। यदि भविष्य में जमीन धसकती है या स्ट्रक्चर फेल होता है तो क्या इसकी जिम्मेदारी सीएमओ लेंगे? नियमों को दरकिनार कर किया जा रहा यह निर्माण सीधे तौर पर सरकारी धन की बर्बादी और जान से खिलवाड़ है।

नगर परिषद का भवन शहर के बीचों-बीच बने जिस पर कैबिनेट मंत्री दिलीप जायसवाल ने संज्ञान लेते हुए कार्यवाही के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में नगरी प्रशासन एवं विकास शहडोल  संभाग से निर्माण रोकने का फरमान जारी हुआ लेकिन बनगवां परिषद के अधिकारियों के इरादे कुछ और ही नजर आते हैं। शिकायत का निराकरण तो दूर, विभाग को बिंदुवार जानकारी दिए बिना ही काम को बदस्तूर जारी रखा गया है। यह न केवल प्रशासनिक आदेश की अवेलना  है बल्कि जनता की भावनाओं और क्षेत्रीय मंत्री के निर्देशों को भी खुली चुनौती है। आखिर वह कौन सी मजबूरी या कमीशन का खेल है जिसके चलते रोक के बावजूद काम को बंद नहीं किया जा रहा।



जंगल में गश्त के दौरान सुरक्षा श्रमिक पर बाघ ने किया हमला, आई गंभीर चोट


उमरिया 

जिले के मानपुर बफर परिक्षेत्र में जंगल गश्त के दौरान एक सुरक्षा श्रमिक पर बाघ ने हमला कर दिया। इस हमले में डोभा गांव निवासी दयाराम बैगा (48) गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना गुरुवाही बीट के पीएफ 612 अंतर्गत राजस्व क्षेत्र बोदवाह में हुई।

बाघ के हमले से दयाराम बैगा के सिर, आंख और बाएं हाथ में गंभीर चोटें आई हैं। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और घायल श्रमिक को मानपुर अस्पताल में प्राथमिक उपचार के लिए भर्ती कराया। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए, बेहतर इलाज के लिए उन्हें जबलपुर रेफर कर दिया गया है।

मानपुर बफर परिक्षेत्र के अधिकारी मुकेश अहिरवार ने बताया कि घायल श्रमिक के साथ वन विभाग की टीम लगातार संपर्क में है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह क्षेत्र कोर जोन से सटा हुआ है, जहां बाघों की आवाजाही सामान्य है। इस घटना के बाद क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और गश्त भी बढ़ा दी गई है।

वन विभाग ने आसपास के ग्रामीणों और जंगल में काम करने वाले श्रमिकों से सतर्क रहने की अपील की है। विभाग द्वारा क्षेत्र में बाघ की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।

अधूरे पुल पर चढ़ी कार हुई क्षतिग्रस्त, बाल-बाल बचे लोग, कोहरे के कारण हुआ हादसा


शहडोल

जिले में इन दिनों कड़ाके की ठंड के साथ घना कोहरा जनजीवन और यातायात दोनों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है। रात और सुबह के समय कोहरे की सफेद चादर सड़कों पर छा जाती है, जिससे दृश्यता बेहद कम हो जाती है। इसी कोहरे के चलते उमरिया–अनूपपुर नेशनल हाईवे 43 पर एक बड़ा सड़क हादसा होते-होते टल गया।

घटना सोहागपुर थाना क्षेत्र के ठीक सामने निर्माणाधीन अधूरे पुल की है। बताया जा रहा है कि कोहरे की वजह से सड़क ठीक से दिखाई नहीं दी और तेज रफ्तार कार सीधे अधूरे पुल पर चढ़ गई। हादसे में कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, जबकि कार सवार लोगों को मामूली चोटें आई हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पुल कई वर्षों से निर्माणाधीन है, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो सका है। हाईवे से पुल की ओर जाने के लिए मिट्टी की पिचिंग कर दी गई है, जिससे हाईवे और पुल की सड़क का लेवल लगभग एक जैसा हो गया है। इसी कारण वाहन चालक भ्रमित हो जाते हैं और आए दिन हादसे हो रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि निर्माण एजेंसी की ओर से न तो कोई सूचना पटल लगाया गया है और न ही चेतावनी के लिए सांकेतिक बोर्ड।

स्थानीय निवासी निलेश कुशवाहा ने बताया कि इस अधूरे पुल के आसपास पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें लोगों की जान तक जा चुकी है। इस समस्या को लेकर सीएम हेल्पलाइन और जिला प्रशासन में कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वाहन मालिक अब्दुल हुसैन ने बताया कि वह रात में महेंद्रगढ़ से दियापीपर जा रहे थे। घने कोहरे के कारण उन्हें सड़क का अंदाजा नहीं लग पाया और पुल व हाईवे के बीच कोई स्पष्ट संकेत नहीं होने से कार सीधे पुल पर चढ़ गई। 

वन भूमि पर अवैध निर्माण का आरोप, बिना अनुमति मुक्तिधाम निर्माण से वन एवं वन्यजीवों को नुकसान


कोतमा।

जिले में वन परिक्षेत्र कोतमा अंतर्गत सकोला बीट की वन भूमि पर बिना विभागीय अनुमति के मुक्तिधाम का निर्माण किए जाने का गंभीर मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार नगर पालिका परिषद पसान के वार्ड क्रमांक 17 में केवई नदी पुल के नीचे वन विभाग की स्वीकृति के बिना पार्क निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है।

बताया जाता है कि उक्त क्षेत्र वन विभाग के अधीन है, बावजूद इसके नगर पालिका परिषद द्वारा लगभग 3 लाख रुपये की लागत से मुक्तिधाम का निर्माण कराया जा रहा है। आरोप है कि इस निर्माण कार्य के संबंध में न तो वन विभाग से पूर्व अनुमति ली गई और न ही पर्यावरणीय नियमों का पालन किया गया। इससे वन भूमि को भारी क्षति पहुंच रही है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस अवैध निर्माण से वन क्षेत्र का प्राकृतिक स्वरूप नष्ट हो रहा है, वहीं दूसरी ओर क्षेत्र में विचरण करने वाले वन्य जीव-जंतु भी प्रभावित हो रहे हैं। निर्माण कार्य के चलते जंगल में शोर, खुदाई और मानव गतिविधियों के बढ़ने से वन्य प्राणियों के प्राकृतिक आवास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

सूत्रों के अनुसार सकोला बीट प्रभारी की जानकारी के बावजूद निर्माण कार्य जारी है, जिससे उच्च अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण यह अवैध निर्माण कार्य बिना रोक-टोक के आगे बढ़ रहा है।

इस संबंध में क्षेत्रवासियों एवं पर्यावरण प्रेमियों मिथिलेश कुमार एवं अनिल कुमार ने वन विभाग के उच्च अधिकारियों से अपील की है कि वन भूमि पर हो रहे अवैध निर्माण कार्य को तत्काल रोका जाए तथा दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो वन संपदा को अपूरणीय क्षति होगी। अब देखना यह होगा कि वन विभाग एवं जिला प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाता है और वन भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कब तक ठोस कार्रवाई की जाती है।

मजदूरी घोटाले में न्यूनतम कैश भुगतान, फर्जी बिल बाउचर, 150 स्क्वायर फीट में ठेका, 6 सदस्यीय जांच समिति गठित

*शिकायत के बाद जागा वन मंडल शहडोल* 


शहडोल

दक्षिण वन मंडल शहडोल में लंबे समय से दबे पड़े मजदूरी घोटाले की परतें अब एक-एक कर खुलने लगी हैं। मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के विरुद्ध न्यूनतम कैश भुगतान, फर्जी बिल बाउचर, और नियमों को ताक पर रखकर 150 स्क्वायर फीट के हिसाब से ठेका दिए जाने के गंभीर आरोपों के बाद विभाग हरकत में आया है।

शिकायत के सामने आने के बाद वन विभाग ने स्वीकार किया कि मामले की विभागीय जांच आवश्यक है। इसी क्रम में आई एफ एस मीणा जी की अध्यक्षता में छः अधिकारियों की समिति गठित की गई है, जो पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगे।

वन विभाग के नियमों के अनुसार मजदूरी कार्य बिल वाउचर आधारित होता है, लेकिन शिकायत में खुलासा हुआ है कि कार्य को एरिया रेट 150 स्क्वायर फीट में बांटकर ठेकेदार को दे दिया गया। वह भी बिना टेंडर, बिना वर्क ऑर्डर और बिना प्रशासनिक स्वीकृति के।

विशेषज्ञों के अनुसार यह मामला केवल विभागीय लापरवाही नहीं, बल्कि संगठित वित्तीय अनियमितता और आपराधिक विश्वासघात की श्रेणी में आता है। अब दस्तावेज़ों की परीक्षा से तय होगा सच शिकायतकर्ता ने जांच समिति से लिखित रूप में मांग की है कि मजदूरी बिल वाउचर, भुगतान रजिस्टर, बैंक/PFMS विवरण, MB बुक, ठेकेदार से निर्माण कार्य स्वीकृति आदेश, निरीक्षण रिपोर्ट यदि ये दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं होते, तो घोटाले की पुष्टि स्वतः मानी जाएगी।*

शिकायतकर्ता ने स्पष्ट किया है कि यदि जांच में विभागीय अधिकारियों की भूमिका उजागर होती है और कार्रवाई केवल दिखावटी रहती है, तो ट्रेनिंग में आए नए आई एफ एस अधिकारियों को आवेदन देकर पुनः जनहित याचिका (पीआई एल) दायर की जाएगी। साथ ही ईओडब्लू लोकायुक्त और एसीबी जांच की भी मांग की जाएगी।

न्यूनतम मजदूरी भुगतान कैश में किसके आदेश से हुआ? निर्माण ठेका किसकी मौखिक/लिखित अनुमति से दिया गया? बिल बाउचर और भुगतान का सत्यापन किसने किया? क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी?अब नजरें छः सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट पर टिकी हैं।यह रिपोर्ट तय करेगी कि यह मामला केवल कागजी गड़बड़ी है—या फिर दक्षिण वन मंडल शहडोल का अब तक का सबसे बड़ा मजदूरी घोटाला।

*इनका कहना है*

डीएफओ शहडोल श्रद्धा पेंद्रो द्वारा दिया गया कथन कि डिवीजन स्तर पर मजदूरों को उनके निर्धारित नॉर्म्स के आधार पर ही भुगतान किया जाता है।उक्त जानकारी के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएँ, क्योंकि आपकी शिकायत पर आई एफ एस मीणा जी की अध्यक्षता में छः अधिकारियों की समिति जांच हेतु गठित की गई है। जांच उपरांत तथ्यों एवं प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। अंतिम निर्णय जांच रिपोर्ट के आधार पर लिया जाएगा।

*श्रद्धा पेंद्रो डीएफओ शहडोल*

निजी अस्पताल में वार्ड बॉय के उपचार से मरीज की हुई मौत, परिजनों का हंगामा, थाने में हुई शिकायत


शहडोल

स्वास्थ्य मंत्री के प्रभार का जिला शहडोल होने के बावजूद यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पाली रोड स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार में भारी लापरवाही का मामला सामने आया। यहां डॉक्टर की अनुपस्थिति में कथित तौर पर वार्ड बॉय और स्टाफ द्वारा इलाज किए जाने के बाद एक मरीज की मौत हो गई। इस घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने कोतवाली पहुंचकर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

शिकायतकर्ता दिनेश कुमार जैन ने पुलिस को बताया कि उनके परिजन कमलेश जैन, निवासी गुरुनानक चौक, को 16 दिसंबर की रात करीब 11.30 बजे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मरीज को इमरजेंसी कक्ष में ले जाया गया, जहां मौजूद एक युवक ने स्वयं को चिकित्सक बताकर उपचार शुरू कर दिया। वहीं, अस्पताल की एक महिला स्टाफ द्वारा दवाइयां लिखी गईं। आरोप है कि उस समय अस्पताल में कोई योग्य डॉक्टर मौजूद नहीं था।

परिजनों का कहना है कि इलाज के दौरान मरीज की हालत बिगड़ने लगी और उसे घबराहट होने पर भी समय पर सीपीआर नहीं दिया गया। उचित और तत्काल चिकित्सा सहायता के अभाव में कुछ ही देर बाद कमलेश जैन की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि मरीज का इलाज वार्ड बॉय द्वारा किया गया, जो सीधे तौर पर लापरवाही और नियमों का उल्लंघन है।

घटना के बाद अस्पताल परिसर में हंगामे की स्थिति बन गई। परिजन तत्काल कोतवाली पहुंचे और पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई। उपनिरीक्षक उपेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि शिकायत स्वीकार कर ली गई है और जांच शुरू कर दी है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

एफआईआर न होने पर आदिवासी छात्र संगठन का प्रदर्शन, प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी

*जनजातीय विश्वविद्यालय का मामला गरमाया*


अनूपपुर

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में छात्रा से कथित दुर्व्यवहार का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। आरोपी प्रोफेसर डॉ. नयन साहू पर अब तक एफआईआर दर्ज नहीं होने से नाराज आदिवासी छात्र संगठन ने एसडीओपी कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान संगठन के कार्यकर्ताओं ने आरोपी प्रोफेसर का पुतला दहन किया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है।

प्रदर्शन के दौरान आदिवासी छात्र संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष रोहित मरावी ने साफ शब्दों में कहा कि यदि जल्द से जल्द FIR दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई, तो यह आंदोलन केवल अनूपपुर तक सीमित नहीं रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि आदिवासी छात्र संगठन पूरे प्रदेश के जिलों में इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन करेगा। मरावी ने कहा कि छात्रा को न्याय दिलाना संगठन की प्राथमिकता है और किसी भी कीमत पर आरोपी को बचने नहीं दिया जाएगा।

छात्रों का कहना है कि शिकायत, बयान और विश्वविद्यालय में हुए आंदोलन के बावजूद एफआईआर दर्ज न होना बेहद गंभीर मामला है। प्रदर्शन के दौरान “पुलिस प्रशासन होश में आओ”, “आरोपी को बर्खास्त करो” और “छात्रा को न्याय दो” जैसे नारे लगाए गए।

आदिवासी छात्र संगठन ने एसडीएम पुष्पराजगढ़ के नाम राजेंद्रग्राम थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर होम साइंस विभाग की पांचवें सेमेस्टर की छात्रा के साथ उत्तर-पुस्तिका अवलोकन के दौरान हुए अनुचित व्यवहार की शिकायत दर्ज कराई थी। संगठन ने इसे छात्र-शिक्षक मर्यादा और शैक्षणिक नैतिकता का उल्लंघन बताया है।

ज्ञापन में आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने, बर्खास्तगी, निष्पक्ष जांच और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियम लागू करने की मांग की गई है। फिलहाल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

*इनका कहना है।

 हमारे वरिष्ठ अधिकारी विश्वविधालय में ही है इस मामले की जांच की जा रही है सभी तथ्यों को खंगाला जा रहा है।

*पी. सी.कोल थाना प्रभारी राजेंद्रग्राम*

निलंबित प्रबंधक की धान खरीदी केंद्र में दबंगई, किसानों की फसल पर फिर मंडराया भ्रष्टाचार का साया


अनूपपुर

एक ओर मध्य प्रदेश शासन एवं भारत सरकार किसानों की आय बढ़ाने और खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर धान खरीदी केंद्रों में भ्रष्ट तंत्र इन प्रयासों पर पानी फेरता नजर आ रहा है। कोतमा तहसील अंतर्गत कृषि उपज मंडी कोतमा स्थित धान खरीदी केंद्र इन दिनों गंभीर आरोपों के घेरे में है। आरोप है कि देवगवा सहकारी समिति का निलंबित प्रबंधक सुरेंद्र पांडे, जो पूर्व कार्यकाल में धान खरीदी का प्रभारी रह चुका है, आज भी खुलेआम खरीदी केंद्र में दखल दे रहा है।

*आपराधिक इतिहास, फिर भी केंद्र में दमदार*

सूत्रों के अनुसार उक्त प्रबंधक के काले कारनामे पहले ही उजागर हो चुके हैं। पूर्व में विभाग द्वारा उसके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया था। लंबे समय तक फरार रहने के बाद किसी तरह जमानत प्राप्त करने में सफल हुआ, लेकिन जमानत के बाद सुधरने के बजाय उसका हौसला और बढ़ गया व्यापारियों से सांठगांठ, किसानों के साथ छल आरोप है कि यह प्रबंधक धान खरीदी केंद्र प्रभारियों पर दबाव बनाकर। व्यापारियों से सांठगांठ कर नियमों को ताक पर रखकर मनमाने ढंग से धान की खरीदी करवा रहा है।इस पूरे खेल में असल नुकसान किसानों को हो रहा है, जिनकी मेहनत की फसल औने-पौने दाम और फर्जी प्रक्रियाओं में फंसती जा रही है। नियमों की खुलेआम अवहेलना शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि ऐसे विवादित एवं भ्रष्टाचार के आरोपित अधिकारियों को खरीदी केंद्र से दूर रखा जाए और वे अपने मुख्यालय में ही कार्य करें। इसके बावजूद यह प्रबंधक खरीदी केंद्र में डेरा जमाए बैठा है, जो प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। इस पूरे मामले को लेकर क्षेत्र के किसानों एवं किसान संगठनों में भारी आक्रोश है। किसानों की मांग है उक्त प्रबंधक को तत्काल खरीदी केंद्र से हटाया जाए।पूरे धान खरीदी की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए क्या किसानों की मेहनत की फसल पर इसी तरह भ्रष्टाचार हावी रहेगा क्या जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे बैठे रहेंगे?अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर और सनसनीखेज मामले पर कब तक कार्रवाई करता है या फिर किसान एक बार फिर सिस्टम के शिकार बनते रहेंगे।

दो मामले, कार घुसी दुकान में, युवती व एएसआई घायल, कार पलटी तीन की मौत दो गंभीर


शहडोल

सोहागपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मेडिकल कॉलेज चौराहे पर एक बार फिर तेज रफ्तार का कहर देखने को मिला। सड़क हादसे में स्कूटी सवार युवती और मेडिकल कॉलेज चौकी में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) घायल हो गए। हादसा उस समय हुआ जब रायपुर से रीवा की ओर तेज रफ्तार में जा रही एक कार मेडिकल कॉलेज चौराहे के पास पहुंची।

पुलिस के अनुसार, स्कूटी सवार युवती मेडिकल कॉलेज की ओर से बस स्टैंड की तरफ जा रही थी। इसी दौरान अचानक स्कूटी कार के सामने आ गई। युवती को बचाने के प्रयास में कार चालक ने वाहन से नियंत्रण खो दिया। अनियंत्रित कार सड़क किनारे लगी एक चाय की गुमटी में जा घुसी। इस गुमटी पर उस समय मेडिकल कॉलेज चौकी में तैनात एएसआई भैरव सिंह चाय पीने बैठे हुए थे, जिन्हें इस हादसे में मामूली चोटें आई हैं। हादसा इतना खतरनाक था कि कार के शीशे में गोमती में लगी बड़ी लकड़ी आर पार हो गई।

घटना में स्कूटी सवार युवती भी घायल हुई है, वहीं कार चालक को भी हल्की चोटें पहुंची हैं। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही सोहागपुर पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया।

*कार पलटी तीन की मौत दो की हालत गंभीर*

जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर खैरा मोड ताला मार्ग पर  एम् पी 17 सी ए 5098 सिटी होंडा कर की दुर्घटना होने से कर में सवार पांच लोग घायल हुए थे, जिनमें तीन को जिला अस्पताल में डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया,  इसके अलावा दो अन्य घायल गंभीर होने की वजह से जिला अस्पताल से रेफर कर दिया गया है। घटना के संबंध में अस्पताल चौकी प्रभारी की ने दी एक जानकारी के अनुसार रात को 1:00 बजे के लगभग पांच लोग उमरिया से कार में सवार होकर ताला जा रहे थे, जहां खैरा मोड़ के नजदीक ही चट्टान से टकराकर पुलिया के ऊपर से होती हुई कर आनियंत्रित गति से चार पांच पलटी खाते हुए सीधी होकर सड़क मार्ग से 100 मीटर दूर जाकर खाई में गिर गई, जिसमे तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों में रेहान अंसारी पिता वकील अंसारी उम्र 17 इमरान अंसारी पिता इम्तियाज मोहम्मद उम्र 18 साल सलमान पिता रहमान उम्र 23 साल की दुर्घटना में मौत हो गई, दो अन्य घायल जिन्हें जिला अस्पताल से रेफर किया गया जिसमे शाहिद अंसारी पिता अब्दुल रब्बानी उम्र 26 साल आजाद पिता अब्दुल शरीफ उम्र 19 साल जबलपुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया है, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

21 हजार का गांजा जप्त, दो आरोपी गिरफ्तार, 1.5 क्विंटल अवैध कोयला पीकप सहित जप्त


अनूपपुर

थाना कोतमा की पुलिस टीम ने अवैध मादक पदार्थ गांजा 2.70 किलो ग्राम कीमती 21000/- रूपये एवं 02 नग मोबाईल जप्त कर ,दो आरोपियों को गिरफ्तार जेल भेजा है। मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम पचखुरा पानी की टंकी के पास एक व्यक्ति खड़ा होकर मोबाईल पर किसी व्यक्ति से अवैध गांजा खोड़री नं0 01 तरफ से लाने की बात कर रहा है । मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम कार्यवाही करते हुए रेड़ कार्यवाही हेतु रवाना किया गया तो एक व्यक्ति ग्राम खोड़री तरफ से ग्राम पचखुरा तरफ हाथ मे बोरी में कुछ लिये आते दिखा जो ग्राम पचखुरा पानी की टंकी के पास रोड पर पहुंचकर रोड पर खडे  व्यक्ति को बोरी दे रहा था जिन्हे कोतमा पुलिस द्वारा घेराबंदी कर पकड़ गया जिनसे नाम पता पूछने पर अपना नाम राकेश कुमार तिवारी पिता राजेन्द्र प्रसाद तिवारी  उम्र 36 साल निवासी ग्राम खोड़री एवं दुसरे व्यक्ति द्वारा अपना नाम हेमराज जयसवाल उर्फ मोटू पिता रामउजागर जयसवाल उम्र 35 साल निवासी जर्रा टोला थाना कोतमा का होना बताया, जिनकी तलाशी ली गई जिनके पास रखे बोरी की तलाशी पर बोरी के अंदर खाकी रंग के टेप से चिपके हुए दो पैकेट मिले दोनो पैकेटो को खोलकर देखा गया, जिसके अंदर कली दार मादक पदार्थ गांजा पाया जाने पर आरोपी राकेश कुमार तिवारी पिता राजेन्द्र प्रसाद तिवारी  उम्र 36 साल निवासी ग्राम खोड़री एवं दुसरे व्यक्ति द्वारा अपना नाम हेमराज जयसवाल उर्फ मोटू पिता रामउजागर जयसवाल उम्र 35 साल निवासी जर्रा टोला थाना कोतमा के विरूध्द धारा 08/20 बी एनडीपीएस एक्ट का अपराध पंजीबध्द कर उनके कब्जे अवैध मादक पदार्थ गांजा 02.70 किलो ग्राम कीमती 21000/- रूपये एवं 02 नग मोबाईल जप्त किया गया एवं गिरफ्तार आरोपी राकेश कुमार तिवारी पिता राजेन्द्र प्रसाद तिवारी  उम्र 36 साल निवासी ग्राम खोड़री एवं दुसरे व्यक्ति द्वारा अपना नाम हेमराज जयसवाल उर्फ मोटू पिता रामउजागर जयसवाल  उम्र 35 साल निवासी जर्रा टोला को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर जेल भेजा गया।

*1.5 क्विंटल अवैध कोयला पीकप सहित जप्त*

अनूपपुर जिले के बिजुरी पुलिस ने अवैध कोयला परिवहन करते पिकअप वाहन को जप्त कर कार्यवाही की गयी। मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि एक पिकअप वाहन क्र एमपी 65 जीए 1060 मे चोरी का कोयला लेकर बिजुरी तरफ से मौहरी की तरफ जाने वाला है, मुखबिर की सूचना पर थाने के स्टाप की मदद से संदेही पिकअप वाहन को रोककर वाहन की तलाशी ली गयी जिसम 90 बोरियो मे कुल 1580 किलोग्राम अवैध कोयला बरामद हुआ, जिस पर पिकअप वाहन चालक  वीरेन्द्र पाण्डेय पिता जगदीश पाण्डेय उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम मौहरी से कोयले एवं परिवहन के संबंध मे दस्तावेज चाहे गये जिसके कोई वैध दस्तावेज नही मिला, जिस पर पिकअप वाहन को विधिवत जप्त किया जाकर थाना सुरक्षार्थ खडा किया गया। वाहन चालक वीरेन्द्र पाण्डेय पिता जगदीश पाण्डेय उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम मौहरी तथा वाहन स्वामी सागर मिश्रा पिता जमुना प्रसाद मिश्रा उम्र32 वर्ष निवासी मौहरी थानगांव थाना बिजुरी के विरुद्ध अपराध क्र 422/25 धारा 303(2) बीएनएस 4/21 खनिज अधिनियम का कायम कर विवेचना मे लिया गया।

नपा लकड़ी यार्ड में कहाँ से आई लकड़ी, बिना टीपी लकड़ी ढुलाई पर गंभीर सवाल, वन अमले की भूमिका संदिग्ध


शहडोल

जिले के नगर पालिका धनपुरी के लकड़ी यार्ड में जमा लकड़ी को लेकर अब गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय सूत्रों और सामने आई जानकारी के अनुसार यह लकड़ी किस वैध स्रोत से आई, इसका कोई स्पष्ट रिकॉर्ड सामने नहीं है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आरोप है कि नगर पालिका धनपुरी की गाड़ियों से लगातार लकड़ी की ढुलाई की गई, वह भी बिना टीपी (ट्रांजिट परमिट) के।

सूत्रों का दावा है कि यह पूरी गतिविधि वन परिक्षेत्र बुढार के अंतर्गत हुई और इसमें वन परिक्षेत्र अधिकारी सलीम खान की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि बिना टीपी लकड़ी ढुलाई मौखिक सहमति से होती रही, जिससे वन नियमों की खुलेआम अनदेखी की गई।

बिना टीपी लकड़ी किस जंगल/क्षेत्र से लाई गई?नगर पालिका की गाड़ियों का उपयोग किस आदेश पर किया गया?क्या यह सब वरिष्ठ अधिकारियों के इशारे पर हुआ अगर सब वैध था, तो टीपी और दस्तावेज़ सार्वजनिक क्यों नहीं किए गए?

वन अधिनियम के अनुसार बिना टीपी लकड़ी का परिवहन गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। इसके बावजूद अगर सरकारी गाड़ियों से लकड़ी ढोई गई, तो यह सिर्फ अवैध कारोबार नहीं बल्कि प्रशासनिक संरक्षण की आशंका को भी जन्म देता है। अब सवाल यह नहीं है कि लकड़ी ढुलाई हुई या नहीं,सवाल यह है कि किसके इशारे पर हुई, और जिम्मेदारों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

जनता मांग कर रही है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच हो लकड़ी के स्रोत, परिवहन और उपयोग से जुड़े सभी दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएं दोषी पाए जाने पर वन और नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो जब तक इन सवालों के जवाब नहीं मिलते, तब तक धनपुरी लकड़ी यार्ड और वन परिक्षेत्र बुढार की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में बनी रहेगी।

नप उपाध्यक्ष राज तिवारी ने अपने समर्थकों के साथ रासायनिक संयंत्र में किया जबरन घुसपैठ, फैक्ट्री जाम कर दी धमकी

*कोर्ट आदेश तोड़ा, थाना में हुई शिकायत, कार्रवाई की मांग*


अनुपपुर

जिले के सीकेए बिड़ला समूह की औद्योगिक इकाई ओरिएंट पेपर मिल्स (कास्टिक सोडा यूनिट), अमलाई में हुई गंभीर घटना के बाद अब राज तिवारी प्रशासन और पुलिस के सीधे निशाने पर आ सकते हैं। मिल प्रबंधन ने थाना चचाई में दी गई लिखित शिकायत में राज तिवारी पर न्यायालय के आदेश की खुली अवहेलना, औद्योगिक सुरक्षा को खतरे में डालने, जबरन घुसपैठ और फैक्ट्री बंद कराने की धमकी जैसे गंभीर आपराधिक आरोप लगाए हैं।

*कोर्ट के आदेश का जानबूझकर किया उल्लंघन*

शिकायत के अनुसार न्यायालय का स्थायी निषेधाज्ञा आदेश (18 मई 2013, प्रकरण 2 ए/2013) स्पष्ट रूप से कहता है कि फैक्ट्री में अवरोध नहीं किया जाएगा, कर्मचारियों को भयभीत नहीं किया जाएगा आवागमन बाधित नहीं किया जाएगा, इसके बावजूद आरोप है कि राज तिवारी ने पूरी जानकारी होते हुए भी आदेश को ठेंगा दिखाया। यह अवमानना की श्रेणी में आने वाला गंभीर मामला माना जा रहा है।

*राज तिवारी के नेतृत्व में फैक्ट्री गेट जाम*

पत्र में साफ लिखा है कि राज तिवारी 50–55 बाहरी लोगों को लेकर पहुंचे 3 कारें और 30–35 मोटरसाइकिलें मुख्य गेट पर खड़ी कर दीं फैक्ट्री का कामकाज ठप्प किया, मुख्य सड़क पर भी 30–35 मिनट तक यातायात बाधित यह सीधा-सीधा सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने का मामला बनता है।

*रासायनिक संयंत्र में जबरन प्रवेश, दुर्घटना का खतरा*

शिकायत में आरोप है कि सुरक्षा और एचआर अधिकारियों की चेतावनी के बावजूद राज तिवारी और उनके समर्थकों ने जबरन फैक्ट्री में घुसपैठ की लगभग 200 मीटर अंदर जनरल ऑफिस तक पहुंचे राज तिवारी सहित 7–8 बाहरी लोग अधिकारियों के केबिन में घुसे, यह सब एक अत्यंत संवेदनशील रासायनिक संयंत्र में हुआ, जहाँ छोटी चूक भी जानलेवा हादसे का कारण बन सकती थी।

*वीडियो बनाकर डर का माहौल*

आरोप है कि राज तिवारी के साथ आए लोग मोबाइल से अवैध रूप से वीडियो बनाते रहे बार-बार मना करने पर भी नहीं रुके, इससे कर्मचारियों में दहशत और भय का माहौल बन गया, प्रबंधन का कहना है कि आज भी कर्मचारी आतंकित मानसिक स्थिति में हैं। फैक्ट्री बंद कराने की सीधी धमकी शिकायत और ज्ञापन दोनों में दर्ज है। राज तिवारी ने कहा यदि तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो 8 दिन बाद फिर आएंगे ज्ञापन में फैक्ट्री बंद कराने की खुली धमकी लिखी गई है। इसे जबरन वसूली, धमकी और औद्योगिक शांति भंग करने की दिशा में देखा जा रहा है।

*अब सवाल प्रशासन से*

जब CCTV फुटेज, फोटो, वीडियो पेनड्राइव मौजूद हैं जब कोर्ट आदेश उल्लंघन लिखित रूप में दर्ज है, जब औद्योगिक सुरक्षा और जनहित खतरे में डाले गए तो फिर  राज तिवारी पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं, क्या प्रशासन कार्रवाई करेगा या चुप्पी साधे रहेगा, यह मामला अब सिर्फ फैक्ट्री प्रबंधन का नहीं बल्कि कानून, न्यायालय और सार्वजनिक सुरक्षा की प्रतिष्ठा का बन चुका है, यदि ऐसे मामलों में भी सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह भविष्य में और बड़े टकराव व हादसों का रास्ता खोलेगा। राज तिवारी पर तत्काल एफआईआर करने की मांग जोर पकड़ते जा रही है।

आनलाइन फ्रांड का गैंग का खुलासा 4 मोबाइल फोन, 4 सिम कार्ड, पासबुक, एटीएम कार्ड व 50 हजार जप्त

*2 आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार*


अनूपपुर

जिले के थाना प्रभारी कोतमा की पुलिस टीम ने आनलाइन ठगी करने वालें बदमाशों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है । साथ ही पकड़े गये बदमाशों से फ्राड की राशि रूपये 50 हजार, मोबाइल फोन. 04 सिम कार्ड , पासबुकें, एटीएम कार्ड आदि सामग्री जप्त की गई है ।  

13 दिसम्बर 2025  को फरियादी जीवन सिंह पाव पिता महादेव पाव निवासी गोहन्ड्रा थाना कोतमा का थाने पर रिपोर्ट किया कि मैं गोहन्ड्रा में कियोश्क बैंक तथा आनलाइन की दुकान करता हूँ, 09 दिसम्बर 2025 को अर्जुन चौधरी निवासी सिलपुर  मेरी दुकान आया मुझसे बोला कि मेरे खाता मे पैसा है, किसी को मुझे नगद पैसा देना है, जिसके लिये मुझे कैश चाहिए। तब मै अपना क्यू आर कोड (स्केनर) यू.पी.आई. आईडी  अर्जुन चौधरी को दिया, वह अपने मोबाईल से 50,000/- रूपये  मेरे मोबाईल पर ट्रान्जेक्शन किया । मैने 50,000/- रूपये अर्जुन चौधरी को नगद दिनांक 09 दिसम्बर 2025 को शाम करीब 08.00 बजे पैसा दिया । फिर अगले दिन मेरा एसबीआई खाता काम नही कर रहा था, तब मैने अपने खाते को चेक किया, जिसमें बैलेन्स नही बताने पर मै दिनांक 12 दिसम्बर 2025 को भारतीय स्टेट बैंक कोतमा जाकर बैंक में पता किया तो बैंक वाले बतायें कि आपके खाते में किसी ने आनलाईन फ्राड का पैसा ट्रान्सफर किया है, जिस कारण आपके खाते में होल्ड लग गया है। आप नजदीकी थाने पर सूचना दीजियें। फरियादी की रिपोर्ट पर धारा 318(4),3(5) बीएनएस का कायम कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान बैंक तथा साइबर सेल से जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ की जिला शाजापुर के थाना सूजालपुर मंडी अन्तर्गत संदीप भट्ट नाम के व्यक्ति के साथ आऱोपियों ने आनलाइन फ्राड करते हुए उसका 50,000/- रूपयें महेश बैगा नामक व्यक्ति के खाते में ट्रासफर कराया है, जिसे बाद में कियोश्क संचालक जीवन सिंह पाव के खाते में ट्रांसफर करा कर नगद पैसा निकाला है। जिस पर से साइबर हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर शिकायत करने पर महेश बैगा तथा कियोश्क संचालक जीवन सिंह पाव के खाते में होल्ड लगा है ।आरोपी अर्जुन चौधरी निवासी सिलपुर को पकड़ कर पूछतांछ से उसने बताया कि महेन्द्र तिवारी निवासी ग्राम उरतान हाल निवासी वार्ड नंय 07 कोतमा के साथ मिलकर यह दोनो ही इस फर्जीवाडे को अंजाम देते है । फर्जी नम्बरों से उन ए. एन. एम. तथा सीएचओ से बात करके स्वयं को राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के डिप्टी डायरेक्टर अधिकारी बताकर उन्हे ट्रान्सफर का आश्वासन देकर उनसे आनलाइन राशि खातों में ट्रांसफर कराते है । इसके लिए दूरदराज के गांव से अनपढ़ लोगों से नजदीकी बनाकर उनका बैंक खाता तथा उनके नाम की सिम ले लेते है तथा इन खातों का संचालन स्वयं करके इन्ही खातों में इस आनलाइन फ्राड का पैंसा ट्रांसफर करवाते है। बाद में इस राशि को कियोश्क बैंको मे जाकर नगद राशि की आवश्यकता बताकर उनके खातों में आनलाइन ट्रांसफर करके कियोश्क से नगदी राशि प्राप्त कर लेते है। आरोपी अर्जुन चौधरी पिता कोदूलाल चौधरी उम्र 30 साल निवासी ग्राम सिलपुर थाना कोतमा को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 10,000/ रूपयें नगद तथा 05 नग ATM  कार्ड , पासबुके तथा 03 मोबाइल फोन जप्त कियें गये  हैं । मास्टर माइन्ड आरोपी महेन्द्र तिवारी पिता शेषमणि तिवारी उम्र 36 साल निवासी ग्राम उरतान हाल निवासी वार्ड नं. 07 कोतमा को भी गिरफ्तार कर आरोपी के कब्जे से 01 मोबाइल फोन तथा फ्राड करके निकाली गई नगद राशि 40,000/- रूपयें जप्त किया गया है। आरोपी महेन्द्र तिवारी आदतन जालसाज है जिसके विरूध्द धारा 420 भादवि के पांच मामलें पूर्व से पंजीबध्द है।

हथियार से बुजुर्ग पर हमला, हुई मौत, आरोपी फरार, दूसरे मामले में हत्या का आरोपी गिरफ्तार


अनूपपुर

जिले के बिजुरी थाना क्षेत्र के ग्राम कोठी में 70 वर्षीय बुजुर्ग की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। सूचना मिलने पर बिजुरी पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की।

अज्ञात हमलावर ने बुजुर्ग पर धारदार हथियार से हमला किया, जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। पुलिस ने शव का पंचनामा कर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिजुरी भेजा। पुलिस अब अज्ञात आरोपी की तलाश में जुट गई है।

बिजुरी थाना प्रभारी विकास सिंह ने बताया कि मृतक की पहचान अब्दुल आजाद के रूप में हुई है। अब्दुल आजाद बकरी चराने का काम करते थे। उनका गांव में एक व्यक्ति के साथ बकरी चराने को लेकर विवाद हुआ था। अब्दुल आजाद का शव उसी व्यक्ति के घर के पीछे मिला है। पुलिस ने एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

*हत्या आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार*

अनूपपुर जिले में 15 दिसम्बर 2025 को ग्राम कोठी में एक व्यक्ति की संदिग्ध मृत्यु/हत्या की सूचना प्राप्त हुई सूचना पर थाना बिजुरी पुलिस मौके पर पहुँची जहां पर मृतक का नाम अब्दुल आजाद पिता जब्बार बख्श उम्र 75 वर्ष निवसी कोटी का होना पाया गया, मौके का निरीक्षण करने पर मृतक के सिर पर गंभीर चोट के निशान पाए गए प्रथम दृष्टया मामला हत्या का पाया गया घटना के सबंध में प्रत्यक्ष दर्शियों की सूचना पर थाना बिजुरी में अपराध क्र. 417/25 धारा 103(1) बीएनएस का कायम कर विवेचना मे लिया गया । प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए टीम गठीत कीगई जो भौतिक साक्ष्य एवं घटना के चश्दीद साक्षियों के कथनानुसार घटना क्रम की जांच की गई मौके से आवश्यक साक्ष्य रक्त रंजिस वस्त्र एवं अन्य साक्ष्य सुरक्षित कर शव पंचायतनामा कार्यवाही कर शव को पीएम हेतु भेजा गया । 

प्राथमिक विवेचना में यह बात प्रकाश में आई कि मृतक अपनी बकरियों को चराने आरोपी की बाडी जमीन में ले जाता था जिस कारण दोनो के बीच कहा सुनी हुआ करती थी  दिनांक 15 दिसम्बर 2025 को शाम 4.40 बजे मृतक अपनी बकरियों को चराने के लिए आरोपी की जमीन में ले गया था, इसी बात को लेकर आरोपी राजू पाव पिता जग्गू पाव उम्र 28 वर्ष निवासी कोठी के द्वारा कुल्हाडी के पांसा से मृतक के सिर पर मारकर उसकी हत्या कर दी । 

विश्वसनीय मुखबिर सूचना पर आरोपी राजू पाव निवासी कोठी को ग्राम कोठी से अभिरक्षा में लेकर सख्ती एवं कानूनी प्रावधानो के अनुरुप पूछताछ किया गय़ा जिसमे आरोपी द्वारा अपना जुर्म कबूल किया गया एवं आरोपी के द्वारा बताए गए स्थान से घटना में प्रयुक्त कुल्हाडी बरामत होने पर विधिवत जप्त की गयी है। इस प्रकार वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व मे बिजुरी पुलिस द्वारा हत्या के आरोपी राजू पाव पिता जग्गू पाव उम्र 28 वर्ष निवासी कोठी को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर न्यायालय भेजा गया।

मेला मैदान के पार्सल गोदाम में लगी आग, कारण अज्ञात, 30 लाख का सामान जलकर हुआ खाक


शहडोल

सोहागपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बाणगंगा मेला मैदान स्थित एस.एस. पार्सल गोदाम में बीती रात अज्ञात कारणों से भीषण आग लग गई। आगजनी की इस घटना में गोदाम में रखा करीब 30 लाख रुपये का सामान जलकर खाक हो गया, जबकि पुलिस और दमकलकर्मियों की तत्परता से 25 लाख रुपये से अधिक का माल सुरक्षित बचा लिया गया।

पुलिस के अनुसार घटना रात लगभग 4 बजे की है। उस समय सोहागपुर पुलिस की चीता स्कॉट और मोबाइल पार्टी क्षेत्र में गश्त कर रही थी। बाणगंगा मेला मैदान के पास से गुजरते समय चीता स्कॉट में तैनात आरक्षक शशि यादव की नजर गोदाम के अंदर लगी आग पर पड़ी। उन्होंने तत्काल मोबाइल पार्टी और दमकल विभा ग को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस बल और दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे तथा गोदाम के शटर पर लिखे नंबर के माध्यम से गोदाम मालिक को सूचित किया गया।

गोदाम मालिक शुभम दुबे के अनुसार उनके गोदाम में कीमती दवाइयां, हार्डवेयर सामग्री, जूते, इलेक्ट्रॉनिक सामान और 100 से अधिक कूलर रखे हुए थे। आग इतनी भीषण थी कि गोदाम में खड़ी एक कार और एक लोडर वाहन भी आंशिक रूप से जल गए। हालांकि दमकलकर्मियों और पुलिस की सूझबूझ से दोनों वाहनों को समय रहते बाहर निकाल लिया गया, जिससे बड़ा नुकसान टल गया।

करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। दमकल विभाग ने बताया कि आग बुझाने के लिए चार बड़ी और एक छोटी फायर ब्रिगेड को लगाया गया था। इस दौरान पुलिस और दमकलकर्मियों के संयुक्त प्रयास से गोदाम में रखा 25 लाख रुपये से अधिक का सामान सुरक्षित निकाल लिया गया लेकिन 30 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है।

सोहागपुर थाना प्रभारी भूपेंद्र मणि पांडे ने बताया कि पुलिस की सतर्क गश्त और दमकलकर्मियों की तत्परता से एक बड़ा हादसा टल गया। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।

जेसीबी ने मोटरसाइकिल को मारी टक्कर, गंभीर घायल दो की अस्पताल पहुँचने से पहले हुई मौत


शहडोल

सोहागपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत एक भीषण सड़क हादसे में दो बाइक सवार युवकों की जान चली गई। हादसा शाम करीब 7 बजे कोटमा चौक के पास पुलिया के समीप हुआ, जहां तेज रफ्तार से आ रही जेसीबी ने बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों युवक सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए।

घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। आसपास मौजूद लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। जानकारी मिलते ही सोहागपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और एंबुलेंस के जरिए दोनों घायलों को मेडिकल कॉलेज शहडोल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

हादसे के बाद जेसीबी चालक वाहन सहित मौके से फरार हो गया। पुलिस ने अज्ञात चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बाइक सवार युवक कोटमा चौक से मेडिकल कॉलेज की ओर जा रहे थे, तभी सामने से आ रही जेसीबी ने लापरवाही से वाहन चलाते हुए उन्हें चपेट में ले लिया।

पुलिस के मुताबिक मृतकों की पहचान भूरा उर्फ सुखसेन बैगा पिता महेश बैगा (25 वर्ष), निवासी चाका थाना पाली और प्रेम बैगा पिता बाबूलाल बैगा (25 वर्ष), निवासी गोरतरा थाना सोहागपुर के रूप में हुई है। घटना की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया और दोनों गांवों में शोक की लहर दौड़ गई।

इस संबंध में सोहागपुर थाना प्रभारी भूपेंद्र मणि पांडे ने बताया कि जेसीबी वाहन और उसके चालक की तलाश की जा रही है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। मामले की जांच जारी है।

वन परिक्षेत्र में संदिग्ध अवस्था मे मिला बाघ का मिला 


उमरिया

जिले के सामान्य वन मंडल अंतर्गत चंदिया वन परिक्षेत्र में बाघ का शव मिलने की सूचना के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया है। जानकारी मिलते ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे क्षेत्र में घेरा बनाकर जंगल में सघन सर्चिग अभियान शुरू कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार चंदिया वन परिक्षेत्र के आरएफ-10 क्षेत्र में कर्वी नदी के किनारे संदिग्ध परिस्थिति सामने आई है, जिसके बाद वन विभाग सतर्क हो गया है। मौके पर एसडीओ कुलदीप त्रिपाठी सहित चंदिया वन परिक्षेत्र की टीम जांच में जुटी हुई है। 

जांच के दौरान डॉग स्क्वाड को भी बुलाया गया है। एहतियात के तौर पर घटनास्थल के आसपास रस्सी से घेराबंदी की गई है। साथ ही पास से गुजर रही बिजली लाइन की भी सर्चिग और जांच की जा रही है।बाघ के गणना के बीच बाघ कम मिलने की यह खबर बाघ प्रेमियों के लिए निराशाजनक मानी जा रही है। वन विभाग का कहना है कि जांच बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

बिना टेंडर प्रक्रिया ट्रैक्टर पर लाखों की किया भुगतान, सीएमओ पर वित्तीय अनियमितताओं के लगे गंभीर आरोप

*रिटायरमेंट के 4 माह बाकी, बड़े अधिकारी बने मूकदर्शक, नगरपरिषद वनगंवा का मामला*


इंट्रो-नगर परिषद बनगवा में लाखों रुपये के कार्य बिना टेंडर प्रक्रिया कराए भुगतान किए जाने के गंभीर आरोप लग रहे है, सबसे बड़ा सवाल यह है कि नगर परिषद बनगवा के मुख्य नगरपालिका अधिकारी के स्तर पर हो रही इन कथित वित्तीय अनियमितताओं पर संयुक्त संचालक शहडोल की चुप्पी आखिर क्यों बरकरार हैं। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि सीएमओ द्वारा तीन ट्रैक्टरों के माध्यम से लगातार कार्य कराए गए और 1 लाख की सीमा के बावजूद कई लाखों की भुगतान राशि बिना किसी वैधानिक ई-टेंडर प्रक्रिया के जारी की गई जबकि संयुक्त संचालक कार्यालय की निगरानी और अनुमोदन व्यवस्था होने के बाद भी उच्च अधिकारी मूकदर्शक बने बैठे हैं।इन आरोपों ने पूरे प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं कि क्या यह लापरवाही है या संरक्षण, क्योंकि नगर पालिका अधिनियम और वित्तीय नियम ऐसे मामलों में स्पष्ट रूप से टेंडर प्रक्रिया और जवाबदेही तय करते हैं।

अनूपपुर

नगर परिषद बनगवा में वित्तीय नियमों को दरकिनार कर कार्य कराने और कई लाखों रुपये के भुगतान किए जाने के आरोप गंभीर रूप से उभरकर सामने आए हैं। स्थानीय सूत्रों और जनता, जनप्रतिनिधियों के बताये अनुसार नगर परिषद के मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा तीन ट्रैक्टर लगाकर किसी वैधानिक टेंडर प्रक्रिया के कराए तथा 1 लाख की निर्धारित टेबल-टेंडर सीमा से अधिक भुगतान किए जाने की बात सामने आ रही है।

*नियम कानून दरकिनार*

नगर परिषद बनगवा द्वारा नगर पालिका अधिनियम को दरकिनार कर सीएमओ,अध्यक्ष व कुछ जनप्रतिनिधियों के साथ साठ- गांठ कर सरकारी पैसों का बंदर बात किया जा रहा है, नगर परिषद क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधियों ने बताया कि नियम विरुद्ध तरीके से बिना टेंडर प्रक्रिया ही तीन ट्रैक्टरों का कई लाखों रुपए का भुगतान हो चुका है, हालाकि यह विषय जांच का है, लेकिन उक्त मामले में आरोप है कि जिसका भुगतान किया गया वे नगर परिषद के वित्तीय नियमों एवं म.प्र. नगरपालिका अधिनियम के विरुद्ध है, जहाँ 1 लाख से अधिक के कार्यों पर ई-टेंडर अनिवार्य है। इसके बावजूद लगातार कई बार कई लाखों मे खर्च किए जाने की चर्चा नगर परिषद क्षेत्र में तेज है, हालाकि गंभीर अनीयमित्ता को लेकर कई बार शिकायत भी उच्च अधिकारियों तक जा चुकी है, लेकिन कार्यवाही ना होना कहीं न कहीं संरक्षण देने की ओर प्रदर्शित करता है।

*बिना टेंडर के कार्य शुरू*

नगर परिषद के आंतरिक स्रोतों एवं जनप्रतिनिधियों के मुताबित नियमित रूप से तीन ट्रैक्टरों का उपयोग नगर परिषद क्षेत्र में चल रहा हैं, जिसका कोई भी टेंडर प्रक्रिया नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक उक्त वाहन का लगभग टेबल टेंडर के माध्यम से कई लाखों का भुगतान हो चुका है, हालांकि नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है कि इतना भुगतान उक्त गाड़ियों में किया गया है, इतने खर्चे पर तो लगभग 20 वाहन नये आ जाएंगे कार्यों को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित कर भुगतान करना भुगतान राशि कई लाखों तक पहुँचना सबसे बड़ी बात है, यह पूरा कार्य बिना ओपन टेंडर बिना प्रक्रिया के की जा रही है। इससे नगर परिषद के वित्तीय प्रबंधन पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं।

*नपा अधिनियम की उड़ा रहे धज्जियाँ*

नगर परिषदों में 1 लाख तक के कार्य टेबल टेंडर/क्वोटेशन एवं 1 लाख से अधिक के कार्य ई-टेंडर से कराए जाना अनिवार्य है। सूत्रों का कहना है कि बनगवा नगर परिषद में इन नियमों का पालन नहीं किया गया। जो कि कहीं ना कहीं गंभीर वित्तीय अनियमितता, नियमों का उल्लंघन, कृत्रिम विभाजन, पद के दुरुपयोग है, शहडोल में बैठे उच्च अधिकारी इस नियम का पालन करवाने में असमर्थ साबित हो रहे है। मामले की शिकायतें कई बार की गईं लेकिन जिला स्तर के उच्च अधिकारी, संयुक्त संचालक विभाग शहडोल के जिम्मेदार अधिकारी की ओर से कोई ठोस कार्रवाई या जांच न होने के कारण लोग नाराज़ हैं।नागरिकों ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर भुगतान रजिस्टर की जांच, ट्रैक्टर मालिकों के बिल और रजिस्टरों की जांच तथा जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

इनका कहना है।

इस मामले की जानकारी मुझे नहीं है, मैं जानकारी लेकर बताता हूँ।

*राममिलन तिवारी सीएमओ बनगवा*

हमारे यहां कोई शिकायत प्राप्त नही हुई है, फिर भी हम नोटिस जारी कर दिए है 

*आर.पी. मिश्रा, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल*

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