प्रचार का बोर्ड लगाने वृक्षों पर निर्ममता से ठोकी जा रही है लोहे का कील, कहां है पर्यावरण संरक्षणकर्ता 

*एक वृक्ष 100 पुत्र समान का नारा भी बेमानी*


 अनूपपुर

जिले के पवित्र नगरी अमरकंटक में व्यवसायी अपने कार्यों का प्रचार प्रसार करने हेतु कोई कोर कसर नहीं छोड़ते यहां तक की प्रचार सामग्री का बोर्ड वर्तमान समय का फ्लेक्स को लगाने टांगने के लिए हरे भरे वृक्षों पर निर्ममता के साथ मोटे मोटे लोहे का कील ठोक कर तथा लोहे का तार बांधकर प्रचार सामग्री लगाते एवं बांधते हैं, यहां तक की वृक्ष में रस्सी एवं तार से तोरण तथा पताका बांधते हैं, इससे वृक्षों की संरचना एवं अन्य गतिविधि प्रभावित एवं बाधित होती हैं । इस तरह की कार्यगतिविधियों को देखकर लगता है कि शासन एवं प्रशासन के नारा  स्लोगन महज दिखावा एवं कार्यक्रमों में बोलने दिखाने तक सीमित हो गया है, पर्यावरण वृक्षों के संरक्षण संवर्धन का यह नारा बेमानी हो गया है, जिसमें एक वृक्ष सौ पुत्र समान कहा एवं बताया जाता है, लेकिन लोग उन्हें वृक्षों अपने हित साधन एवं लाभार्जन के लिए  प्रचार प्रसार हेतु कोई कोर कसर वृक्षों पर बोर्ड टांगते हैं लगाते हैं, इसके लिए पेड़ में बहुत ही निर्मम तरीके से कील ठोक देते हैं, ताकि गिरे नहीं और साथ ही लोहे का तार बांधते हैं । पावन पवित्र नगरी अमरकंटक धार्मिक तीर्थ स्थल है आध्यात्मिक केंद्र है ऐसे पवित्र तीर्थ स्थल के पेड़ पौधों पर इस तरह का कृत्य क्या सही है । 

पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक के जालेश्वर से  अमरकंटक नगर तक तथा कबीर चबूतरा से अमरकंटक नगर तक एवं सोनमूड़ा, माई  की बगिया जाने वाले मार्ग के सैकड़ो विभिन्न प्रजातियों के पेड़ पौधों में व्यवसाईयों के द्वारा प्रचार बोर्ड टांग कर  कील से ठोक कर तार से बांधकर लगाया गया है। बाहर से आए एक पर्यावरण प्रेमी एवं वृद्ध संत ने कहा कि पेड़ पौधों के साथ ऐसा कदापि भी नहीं करना चाहिए। प्रशासन के विभिन्न विभागों के नजर इसमें नहीं पड़ी या इस पर ध्यान नहीं दिया गया  ऐसे प्रचार तंत्र के बोर्ड को त्वरित हटवाया जाना चाहिए । 

कार्यक्रमों के दौरान वक्ताओं के द्वारा कहा बोला जाता है कि वृक्ष हमें प्राण वायु देते हैं, ऑक्सीजन देते हैं, वृक्ष न रहे तो मानव का जीवन असंभव एवं दूभर हो जाए। पवित्र नगरी अमरकंटक में हर आम खास जगह के वृक्ष पर प्रचार तंत्र का बोर्ड लगा हुआ है यहां तक की विभिन्न आश्रमों के सामने कार्यालय तथा विद्यालय के सामने लगे वृक्ष पर भी ऐसा ही कुछ देखा जा सकता है, इसके चलते कई जगह वृक्ष सूख गए हैं,  गिरने की कगार पर हैं । क्या  अनूपपुर जिला प्रशासन  स्थानीय प्रशासन अमरकंटक तथा वन विभाग एवं पुलिस प्रशासन इस दिशा में ध्यान देकर त्वरित आवश्यक कार्यवाही कराएगा ।

नवीन छात्रावास के उद्धघाटन के पहले ही 1.97 लाख का आया बिजली बिल, मचा हड़कंप

*आखिर किसने गड़बड़ी करके किया लाखो के बिजली की खपत*


अनूपपुर

जिले के अंतर्गत शासकीय आदिवासी सीनियर बालक छात्रावास राजनगर का उद्घाटन अभी हुआ भी नहीं था, लेकिन विद्युत विभाग ने पहले ही 1,97,269 रुपए का भारी-भरकम बिल भेज दिया। इस बिल को देखकर विभाग सहित छात्रावास प्रबंधन में हड़कंप मच गया। आश्चर्य की बात यह है कि छात्रावास में अभी तक एक भी दिन बच्चों ने रहकर विद्युत का उपयोग नहीं किया, फिर भी इतनी बड़ी राशि का बिल कैसे आ गया।

नवीन छात्रावास भवन का उद्धघाटन भी नहीं हुआ है, और इस लाखों के बिल के कारण छात्रावास अब भी पुराने भवन में ही संचालित हो रहा है। बच्चों को रोजाना 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलकर विद्यालय पहुंचना पड़ रहा है, वो भी भलमुड़ी के घने जंगल और कच्ची सड़कों के बीच से होकर। बरसात के मौसम में यह राह और भी कठिन हो जाती है, चारों तरफ कीचड़ फैला हुआ है और बच्चों को जोखिम उठाकर आवागमन करना पड़ रहा है। सवाल यह उठता है कि इस बिजली बिल के घटनाक्रम में इन बेचारे आदिवासी बच्चों का क्या दोष है जो सुविधा होने के बावजूद उपभोग नहीं कर पा रहे। छात्रावास अधीक्षक ने इस गंभीर स्थिति की जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को पत्राचार के माध्यम से दी है। उन्होंने अवगत कराया कि उन्होंने अभी तक नए छात्रावास भवन का विधिवत हैंडओवर भी नहीं लिया है, फिर भी विद्युत विभाग द्वारा लगातार बिल भेजा जा रहा है।

स्वाभाविक रूप से सवाल उठता है कि अधीक्षक के कार्यभार ग्रहण करने से पहले इतना विद्युत उपयोग किसने किया? प्रारंभिक जानकारी में यह संकेत मिला है कि जिस ठेकेदार संस्था ने भवन निर्माण का कार्य किया था, उसके द्वारा ही निर्माण कार्य के दौरान विद्युत का उपयोग किया गया है। संभवतः इसी कारण इतनी बड़ी राशि का बिल उत्पन्न हुआ है, लेकिन जब बिल शासकीय छात्रावास के नाम पर आया है, तो जिम्मेदारी भी उसी पर डाली जा रही है। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि जब प्राचार्य और अधीक्षक ने विद्युत कनेक्शन के लिए कोई आवेदन नहीं किया, तो किसके द्वारा शासकीय नाम का दुरुपयोग कर विद्युत कनेक्शन लिया गया।

सामान्यतः विद्युत कनेक्शन के लिए विधिवत आवेदन एवं शुल्क जमा किया जाता है, और यदि निर्माण कार्य के लिए विद्युत की आवश्यकता थी, तो ठेकेदार को स्वयं अपने नाम पर अस्थायी कनेक्शन लेना चाहिए था। शासकीय छात्रावास के नाम पर कनेक्शन लेकर अगर निर्माण कार्य में उपयोग किया गया है, तो यह शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाने जैसा कृत्य है। यह भी जांच का विषय है कि विद्युत विभाग ने कनेक्शन जारी करते समय किन दस्तावेजों के आधार पर स्वीकृति दी, और क्या अधीक्षक अथवा विभागीय अनुमति ली गई थी?

अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि इस 1.97 लाख रुपए के विद्युत बिल का भुगतान कौन करेगा? यदि इसका भुगतान नहीं हुआ, तो छात्रावास का स्थानांतरण नए भवन में कैसे संभव होगा? क्या छात्रावास के बच्चे यूँ ही पुराने भवन से लंबी दूरी तय कर विद्यालय आते-जाते रहेंगे? शिक्षा और स्वास्थ्य ऐसे दो बुनियादी अधिकार हैं, जिनके बिना बच्चों का सम्पूर्ण विकास अधूरा है। यदि शिक्षा पाने के लिए बच्चों को प्रतिदिन कष्टदायक यात्रा करनी पड़े, तो यह न केवल उनकी पढ़ाई पर असर डालेगा बल्कि उनके स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुँचा सकता है। अब देखना यह है कि विभाग इस दिशा में कब तक ठोस कार्यवाही करता है और बच्चों को उनके नए छात्रावास में कब तक स्थानांतरित किया जाएगा।

*इनका कहना है।*

हमने वरिष्ठ अधिकारी को पत्राचार किया हुआ है हमारे द्वारा विद्युत कनेक्शन एवं मीटर के लिए कोई भी आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है।

*के.के.पडवार, वार्डन अधीक्षक, राजनगर*

मैं आवेदन का पता करता हूं कि किसके द्वारा विद्युत कनेक्शन के लिए आवेदन दिया गया था।

*खीरसागर पटेल, जूनियर इंजीनियर, विद्युत विभाग*

3 बहने तालाब में डूबी, 2 को बचाया गया, 1 लापता, जल्द रेस्क्यू शुरू होगा


शहडोल 

जैतपुर  थाना क्षेत्र में स्थित सेझहाई तालाब में एक दुखद घटना घटित हुई, जब नहाने गई तीन बहनें गहरे पानी में डूब गईं। इस हादसे में एक बहन लापता हो गई, जबकि दो को स्थानीय लोगों ने समय रहते बाहर निकाल लिया।  स्थानीय लोगों ने बताया कि 9 वर्षीय रोशनी सिंह गोड अपनी मां राधा एवम अपनी दो बहनों के साथ सेझहाई तालाब में नहाने गई थीं। तभी वह गहरे पानी में नहाते हुए लापता हो गई है।पुलिस के अनुसार, नहाते समय तीनों बहनें गहरे पानी में चली गईं और डूबने लगीं। इस स्थिति को देखकर उनकी मां राधा ने चीखकर मदद मांगी, जिसके बाद आसपास मौजूद गाँव वाले दौड़ पड़े।स्थानीय लोगों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो बहनों को सुरक्षित पानी से बाहर निकाल लिया, लेकिन रोशनी की तलाश अब भी जारी है। पुलिस ने बताया कि जो बहनें बाहर निकाली गईं वे सुरक्षित हैं, जबकि रोशनी अभी तक लापता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि तालाब में बारिश का पानी इकट्ठा हो गया है और उसकी गहराई भी काफी है। रोशनी गहरे पानी में डूब गई है जिसे खोज पाना स्थानीय लोगों के बस में नहीं है। जैतपुर थाना प्रभारी जिया उल हक ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा, हमने स्थानीय गोताखोरों की मदद से तालाब में खोजबीन के लिए प्रयास किए, लेकिन रोशनी का कोई पता नहीं चल पाया। हम इस मामले में एसडीआरएफ टीम को भी सूचित कर चुके हैं, और जैसे ही वे आएंगे, रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा। एसडीआरएफ की टीम शहडोल से रवाना हुई है मौके पर पहुंचते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर रोशनी की तलाश की जाएगी। इस घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और बच्चों को बारिश के मौसम में जलाशयों के पास अकेला न छोड़ने की सलाह दी है। तालाब के आसपास के क्षेत्र में नहाने का स्थान अक्सर गांव के लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है,जो खतरनाक है।

बाइक अनियंत्रित होकर गिरी, खाई में गिरा ट्रैक्टर, बस सड़क से नीचे उतरी, 2 की हुई मौत


उमरिया 

जिले मे सडक़ दुर्घटनाओं का मे दो लोगों की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार पहली घटना चंदिया थाना क्षेत्र मे हुई, जहां बाईक के अनियंत्रित होने से संजय पिता भाईलाल सोनी 36 निवासी पथरहटा की मृत्यु हो गई। बताया जाता है कि संजय एफसीआई गोदाम बिसहनी मे काम करता था। वह अपनी मोटर साईकिल क्रमांक एमपी 54 एमए 5311 पर गांव जा रहा था। तभी रास्ते मे सडक़ पर बने बड़े गड्ढे से वाहन को बचाने की कोशिश मे वह अनियंत्रित होकर गिर पड़ा, जिससे उसकी मौत हो गई। देर रात चंदिया पुलिस के जरिये परिजनों को इसकी सूचना मिली। थाना प्रभारी चंदिया ज्योति तिवारी ने बताया कि पीएम के उपरांत मृतक का शव परिजनो के सुपुर्द किया गया है। इस मामले मे मर्ग कायम कर विवेचना शुरू की गई है।

दूसरी घटना रात करीब 12 बजे जिला मुख्यालय मे छटन मोहल्ले के समीप हुई। जिसमे एक मजदूर को अपनी जान से हांथ धोना पड़ा। पुलिस ने बताया कि यह ट्रेक्टर कौडिय़ा से मरम्मत के लिये उमरिया लाया जा रहा था। जिसमे चालक के सांथ अंकित उर्फ अजय यादव पिता रामदयाल 20 निवासी कौडिय़ा भी बैठा हुआ था। कछरवार तिराहा के पास ट्रेक्टर अचानक बहक कर सडक़ किनारे स्थित खाई मे जा गिरा। दुर्घटना के बाद ड्रायवर तो भाग खड़ा हुआ परंतु अजय यादव इंजिन के नीचे फंसा रह गया। हादसे की खबर मिलते ही थाना कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू शुरू किया, परंतु तब तक मजदूर अजय यादव को बाहर निकालने तक उसके प्राण निकल चुके थे। काफी मशक्कत के बाद लाश को अस्पताल पहुंचाया गया। पीएम की कार्यवाही के बाद शव परिवारजनो को सौंपा गया। इस प्रकरण मे पुलिस ने मर्ग कायम कर घटना की जांच प्रारंभ की है।  

वही शहपुरा रोड पर एक और बड़ा हादसा होते-होते रह गया। बताया गया है कि उमरिया से शहपुरा जा रही एक बस कारीमाटी के पास अनियंत्रित हो कर गड्ढे मे उतर गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बस अपने गंतव्य की ओर जा ही रही थी, तभी सामने अचानक बाईक आ धमकी। मोटरसाईकिल सवार को बचाने के चक्कर मे चालक ने बस को दूसरी ओर मोडऩे की कोशिश की। इसी चक्कर मे वह रोड से उतर गई। हलांकि इस घटना मे कोई भी हताहत या घायल नहीं हुआ। इसका प्रमुख कारण बस का स्पीड मे नहीं होना था।

भूमि की खरीदी बिक्री का कमीशन न देने पर को पीटा, युवक गंभीर हालात में अस्पताल में भर्ती, आरोपी गिरफ्तार


शहडोल 

जिले के बुढ़ार में भूमि की खरीदी बिक्री के मामले में एक युवक को 10 लाख रुपए का कमीशन न देने की वजह से जघन्य तरीके से पीटने का मामला सामने आया है। युवक की गंभीर हालत के मद्देनजर उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी चिकित्सा चल रही है।

पुलिस के अनुसार, घटना तीन दिन पहले की है जब लक्ष्मीकांत विश्वकर्मा नामक युवक के पास प्रकाश पाठक और लच्छू लोधी, दोनों निवासी बुढ़ार, अपनी कार से पहुंचे। उन्होंने लक्ष्मीकांत पर 10 लाख रुपए का कमीशन मांगते हुए गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। जानकारी के अनुसार दोनों आरोपियों ने लक्ष्मीकांत को अपनी कार में बिठाकर ले जाने के बाद पहले तहसील के पास और फिर रुगंठा तिराहा के पास बेरहमी से पीटा और भाग गए। घटना के समय कुछ राहगीरों ने लक्ष्मीकांत की स्थिति को देखकर उसकी मदद की और उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।

बुढ़ार पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में प्रकाश पाठक को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि लच्छू लोधी की गिरफ्तारी के लिए विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया है। पुलिस ने कहा, हम इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए हम सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिले।

9 वर्षों से फरार धोखाधड़ी का आरोपी को पुलिस ने छत्तीसगढ़ से किया गिरफ्तार


अनूपपुर

धोखाधड़ी के प्रकरण में 09 वर्षों से फरार चल रहे आरोपी रामाधार चौधरी निवासी अमगवा थाना जैतहरी  को छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। 30 अप्रैल 2016 को टीकम प्रसाद रजक पिता विशाल रजक उम्र 35 वर्ष निवासी ग्राम हर्री के द्वारा थाना कोतवाली अनूपपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया गया कि सृष्टि वेयर कंपनी के एजेन्ट संतोष राठौर एवं नरेन्द्र राठौर के द्वारा फरियादी को 05 वर्षों में पैसा डबल करने एवं प्रत्येक माह 750 रूपये का बोनस दिये जाने का लालच देकर फरियादी से 50000 रूपये प्राप्त किया जाकर सृष्टि वेयर कंपनी का पालिसी दिया गया तथा रामाधार चौधरी  द्वारा फरियादी से लिये गये रूपये की कोई पालिसी नही दी गई है। जिस पर थाना कोतवाली अनूपपुर में अपराध क्रमांक 167/2016 धारा 420,34 पंजीबद्ध किया गया था तथा प्रकरण के अन्य 08 आरोपियो सामियल लिबिन्सटन, जगदीश प्रसाद चर्मकार, रामकृपाल कोल, ननदऔ राठौर,  देवेन्द्र कुमार राठौर,  रामकिशोर रैदास रामलाल चौधरी, नरेन्द्र कुमार राठौर, संतोष राठौर को गिरफ्तार किया जा चुका था।

आरोपी रामाधार चौधरी लम्बे समय से फरार चल रहा था, जिसे 1 जुलाई 2025 को टी.आई. कोतवाली निरीक्षक अरविन्द जैन के नेतृत्व में सहायक उपनिरीक्षक भगवान सिहं पाटले, प्रधान आरक्षक शिवशंकर प्रजापति, विनय बैस, सायबर सेल से आरक्षक पंकज मिश्रा के द्वारा 09 वर्षों से फरार चल रहे आरोपी रामाधार चौधरी पिता चैतू चौधरी उम्र 45 वर्ष निवासी ग्राम अमगवां थाना जैतहरी जिला अनूपपुर को छत्तीसगढ़ के पेंड्रा से गिरफ्तार किया गया है।

आधे से ज्यादा रुपये की हो गई निकासी, खेत, तालाब के नाम पर सिर्फ खोद दिया सिर्फ गड्ढा

*सकोला पंचायत बनी भ्रष्टाचार की मिसाल, किसान के नाम पर निकासी*


अनूपपुर

जिले के जनपद पंचायत अनूपपुर की ग्राम पंचायत सकोला में मनरेगा के अंतर्गत स्वीकृत खेत तालाब योजना, अब एक और सरकारी छलावे का उदाहरण बन गई है, जिसमें योजना तो कागजों में पूरी हो गई, पर ज़मीन पर किसान के हिस्से सिर्फ़ एक गड्ढा और भारी निराशा आई।किसान गुलाब सिंह के नाम स्वीकृत इस योजना की लागत ₹4,09,523 थी, जिसमें से ₹2,35,000 की निकासी आज तक हो चुकी है।लेकिन जो ‘तालाब’ बना है, वह मात्र 5x10 मीटर का एक अधूरा गड्ढा है न तो उसमें पानी रुकेगा, न किसान की उम्मीद।अब यह सवाल रह नहीं गया कि योजना अधूरी क्यों है। असल सवाल यह है कि जब योजना का भौतिक कार्य हुआ ही नहीं, तो भुगतान कैसे और क्यों हुआ, इसका जवाब सीधे तौर पर उन अधिकारियों की ओर जाता है, जिनका कर्तव्य था रोकना, पर उन्होंने आँखें मूंद लीं।

रोजगार सहायक रमेश विश्वकर्मा योजना का प्रस्ताव, मजदूरी का सत्यापन, मस्टर रोल की पुष्टि इनकी निगरानी में होता है। सब इंजीनियर लव श्रीवास्तव, जिनकी तकनीकी जांच पर पूरा भुगतान आधारित होता है। एसडीओ की जिम्मेदारी निरीक्षण और अनुमोदन की होती है, उन्होंने हस्ताक्षर कर दिए बिना यह सुनिश्चित किए कि खेत तालाब का कार्य हुआ है या नही। APO ने कार्य अधूरा होने के बावजूद भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ाई, मास्टर जनरेट किया, और कोई आपत्ति नहीं उठाई।मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सब जानकर भी चुप है, जब ज़मीन पर कुछ नहीं है और पैसे निकल चुके हैं, जब सवाल उठ रहा है न कोई जांच न कार्यवाही मौन रहकर भ्रस्टाचार में सहमति।

गुलाब सिंह के खेत में तालाब नहीं बना, लेकिन इस योजना ने प्रशासनिक व्यवस्था का असली चेहरा जरूर दिखा दिया, जहां योजनाएं चंद लोगों की धन उगाही की स्कीम बन चुकी हैं, और किसानों की ज़रूरतें कागज़ के बोझ तले दम तोड़ रही हैं।

 संदिग्ध अवस्था मे भालू की मौत, वन विभाग में हड़कंप, डॉग स्कॉट की टीम व अधिकारी मौके पर


शहडोल

जिले के ब्यौहारी के गोदावल रेंज में एक दस वर्षीय भालू की संदिग्ध मौत के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया है, घटना की जानकारी मिलने के बाद अधिकारी मौके पर पहुंच अपनी जांच कर रहे हैं, घटनास्थल पर डॉग स्कॉट की टीम को भी बुलवाया गया है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मामले की बारीकी से जांच की जा रही है। 

ब्यौहारी के गोदावल रेंज के डोडा सनौसी मार्ग में सड़क किनारे एक 10 वर्षीय भालू मृत अवस्था में मिला है। भालू के शरीर में चोट के निशान है, वही स्थानी लोगों का कहना है कि अज्ञात वाहन ने भालू को ठोकर मार दी, जिससे भालू गंभीर घायल हो गया और सड़क से कुछ दूर आगे चलकर उसकी जान चली गई। मृत्य भालू को देख ग्रामीणों ने मामले की जानकारी वन विभाग को दी, जानकारी मिलने के बाद रेंज अधिकारी एवम कर्मचारी घटनास्थल पहुंच अपनी जांच कर रहे हैं।

गोदावल रेंजर रजनीश त्रिपाठी ने बताया कि भालू की उम्र लगभग 10 वर्ष है। भालू नर है या मादा यह रेंजर को जानकारी नहीं है। उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि भालू के शरीर में चोट के निशान जरूर हैं। पर यह सड़क हादसा नहीं है। दो भालू के बीच संघर्ष की लड़ाई में ऐसा होता है। चोट लगने से भालू की मौत हुई है। घटना डोडा सनौसी मार्ग की है। सड़क से कुछ दूर पर भालू का शव मिला है,स्थानी लोगों की सूचना पर हम मौके पर पहुंचे थे, मामला संदिग्ध था इसलिए हमने डॉग स्कॉट की सहायता ली है। भालू के शव का पीएम करवाया जा रहा है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही चीज स्पष्ट होगी। ज्ञात हो कि यह क्षेत्र बफर जोन में आता है, बांधवगढ़ नेशनल पार्क से सटा हुआ यह क्षेत्र है ,जहां जंगली जानवरों का आना-जाना आम है। और कई जंगली जानवर यहां अपना बसेरा करते हैं।

नकली समान बेचने वाले पर कार्यवाही, 3 लाख का सामान जप्त


अनूपपुर

बाजार मे नकली समान बेचने की शिकायत पर पुलिस टीम गठित कर रेड कार्यवाही की गयी, जिस पर कपिलधारा कालोनी थाना बिजुरी मे आरोपी अजय कुमार श्रीवास पिता संत कुमार श्रीवास उम्र 32 वर्ष निवासी वार्ड नंबर 09 थाना अमरकंटक का मिला, जिससे कब्जे से 115 नग पतंजली मर्स्टड ऑयल की बोतल, टाटा टी प्रीमियम चाय पत्ती कुल 1330 नग, ग्लूकान डी के 740 नग, आल आउट के 1510 नग कुल कीमती 3,07,950/- रुपये का कब्जे से मिला मौके पर उपस्थित जांच अधिकारी के द्वारा सैंपल की जांच करने पर उपरोक्त समान नकली होना पाया गया। आरोपी से दस्तावेज मागने पर कोई दस्तावेज पेश नही करने पर आरोपी की कृत्य धारा 51, 63 कॉपी राइट अधिनियम 1957 पाये जाने से उपरोक्त सामग्री को विधिवत जप्त किया जाकर कब्जे पुलिस लिया गया। आरोपी अजय कुमार श्रीवास के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया।

सब्जी पत्ता गोभी के अंदर निकला सांप, डरा परिवार, दहशत का माहौल


शहडोल 

जिले के जैतपुर के खोडरी गांव में पत्ता गोभी के अंदर सांप मिलने के बाद गांव में हड़कंप मच गया है, जिसका वीडियो भी सामने आया है। जिला अस्पताल के डॉक्टर ने इस जानलेवा बताया है। जिले के जैतपुर थाना क्षेत्र के खोडरी गांव के रहने वाले शमीम खान ने बताया कि बारिश के मौसम में सब्जियों की मारामारी है, उन्होंने कहा कि वह कमता बाजार रविवार शाम पहुंचे थे, जहां से उन्होंने 1 किलो पत्ता गोभी खरीदी और सोमवार की सुबह उनके घर में सब्जी बनने की तैयारी शुरू हो गई। शमीम खान ने बताया कि उनकी पत्नी सोमवार की सुबह रोज की तरह तकरीबन 9:00 बजे सब्जी बनाने के लिए घर में रखी पत्ता गोभी को चाकू से काटा तो उसमें बीच से एक लंबा सा कीड़ा निकला, जिसे देख वह डर गई और पति को आवाज लगाकर बुलाया, पति शमीम ने जब इस कीड़े को पत्ता गोभी के अंदर रेंगते देखा तो वह भी हैरान रह गए।

जिसके बाद पत्ता गोभी को लेकर परिवार बाहर निकाला और आसपास के लोगों को बुलाया गया, तभी बगल में मौजूद एक बुजुर्ग महिला एवं अन्य ने इसे गौर से देखा और बताया कि यह एक सांप है, जिसे गांव की भाषा में अंधरी सांप भी कहा जाता है। घटना का वीडियो कुछ लोगों ने बना लिया, वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पत्ता गोभी के बीच के हिस्से में सांप रेंगते हुआ दिखाई दे रहा है। गांव के लोग पत्ता गोभी खाने में अब डर रहे हैं। शमीम और उनके परिवार का कहना है कि हम अब कभी भी पत्ता गोभी का सेवन नहीं करेंगे, क्योंकि यह जानलेवा भी हो सकता है।

पुलिया बनने के दो साल बाद भी नही मिला मुआवजा, किसानों ने गड्ढा खोद आवागमन किया बन्द 

*35 किसानों को नही मिला मुआवजा*


शहडोल

जिले के ब्यौहारी विकासखंड के ग्राम पंचायत भमरहा के अंतर्गत झांपर नदी पर बनी पुलिया को बने हुए लगभग एक से दो साल होने को हैं, लेकिन इस परियोजना से प्रभावित किसानों को आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। यही वजह है कि किसानों ने पुल से आवागमन रोक रखा है। जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है, उनका साफ कहना है कि जब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक वे पुल का उपयोग शुरू नहीं होने देंगे। ग्रामीणों का कहना है कि मुआवजे की मांग को लेकर उन्होंने कई बार स्थानीय प्रशासन और जिला अधिकारियों को लिखित में शिकायतें दी हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। इस स्थिति से नाराज किसानों ने पुलिया के निकट गड्ढा खोदकर खाई बना दी है, जिससे आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई है।

किसान प्रेम शुक्ला ने बताया कि पुलिया निर्माण से उनकी खेती पर बुरा असर पड़ा है, लेकिन मुआवजा आज तक नहीं मिला। कई बार प्रशासन को सूचित किया गया, मगर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिया से सटी सड़क का निर्माण भी अधूरा पड़ा है, जिससे गोरखपुर, कोना, दुबरी, कोइलारी, लावानगरी और नागाडोल जैसे गांवों का आवागमन पूरी तरह प्रभावित है। जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र पटेल ने कहा कि यह सिर्फ किसानों की समस्या नहीं है, बल्कि इससे छात्र, मरीज और आम नागरिक सभी परेशान हैं। गांव के निवासी हरि शरण ने बताया कि बरसात के दौरान नदी का जल स्तर अचानक बढ़ जाता है, जिससे दुर्घटना की आशंका रहती है। उन्होंने सरकार से जल्द मुआवजा दिलाने की मांग की है ताकि पुलिया का उपयोग सुचारु रूप से हो सके।

स्थानीय प्रशासन का कहना है कि मामला गंभीरता से लिया जा रहा है। जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र पटेल के अनुसार तहसीलदार ने एक बार मौके पर निरीक्षण किया था, लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया जाएगा, तब तक पुल का रास्ता बंद रहेगा। पीड़ित किसान रमेश पटेल ने बताया कि पुल बने एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन 35 से अधिक किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला। अगर जल्द ही मुआवजा नहीं दिया गया तो बारिश में भी किसानों ने पुल से लोगों का आना-जाना रोकने का फैसला किया है।

भूमि को हड़पने के लिए एक परिवार को रिश्तेदारों ने गेट में ताला लगाकर किया नजरबंद

*शिकायत के बाद पुलिस ने नही की कोई भी कार्यवाही*


शहडोल

जिले के बुढ़ार थाना क्षेत्र में निवासरत एक परिवार को उसके ही रिस्तेदारों ने गेट में तालाबंदी कर पिछले 24 घंटे से भी अधिक समय से नजर बंद कर रखा हैं। किसी तरह दीवार कूदकर परिवार का मुखिया बुढ़ार थाना पहुँचा और इसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई। लेकिन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कड़ी कार्यवाही करने के बजाए पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य अपराध बताते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया।

इस संबंध में बुढ़ार थाना क्षेत्र अंतर्गत वार्ड क्रमांक 15 ईरानी मोहल्ला के बगल में रहने वाले मोहम्मद मजीद पिता मोहम्मद सईद 42 वर्ष ने थाने में दी गईं लिखित शिकायत में आरोपित किया हैं कि वह उक्त स्थान पर अपना मकान बनाकर वर्षो से अपने परिवार के साथ रहता हैं। मेरे अलावा उक्त बाड़ा के अंदर मेरे दो अन्य रिस्तेदारों का भी घर हैं। जिस स्थान पर मेरा मकान हैं वहाँ पर मेरी माँ की पुस्तैनी ज़मीन मौजूद हैं। जिसके खसरे में मेरी माँ का नाम भी दर्ज हैं। उक्त भूमि को मेरे उक्त रिस्तेदार हड़पना चाह रहें हैँ। जिसके लिये वह आए दिन नए नए हथकंडे अपनाते रहते हैँ। ताकि मै उक्त स्थान से भयभीत होकर कहीं और चला जाऊ।

इसके लिए मेरे रिश्तेदार मोहम्मद रईस एवं उसके पुत्र सलीम शहजादा बाड़ा के मुख्य संयुक्त निकासी मार्ग के गेट में ताला लगा दिया गया हैं। जिस कारण मै एवं मेरे परिवार के लोग पिछले 24 घंटे से भी अधिक समय से बाड़ा के अंदर कैद हैं। किसी तरह बाउंड्रीवाल कूदकर मैने थाना तक जाकर अपनी लिखित शिकायत सौंपी लेकिन पुलिस द्वारा अब तक कोई ठोस कार्यवाही आरोपीगणो के खिलाफ नही की गईं हैं। और अभी तक गेट में ताला जड़ा हुआ हैं। 

शिकायत कर्ता ने बताया की इस ताला बंदी के कारण मेरी बच्चियों को स्कूल से वापसी के बाद घर के अंदर आने में काफी परेशानी उठानी पड़ी। मेरी पुत्री को अपनी जान जोखिम में डालकर बाड़ा की बाउंड्रीवाल कूदकर घर के अंदर आना पड़ा। आरोपियों के इस कृत्य से मै एवं मेरा परिवार काफी डरा सहमा हुआ हैं। मेरी बच्चिया इतनी भयभीत हो गईं हैँ कि वह अब स्कूल जाने से भी डर रही हैं। उन्हें भय सता रहा हैं कि अगर वह बाहर निकलेंगी तो उनके साथ रिस्तेदारों द्वारा मारपीट की जाएगी। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह पेशे से मोटर मैकेनिक हैं और उसकी गैरेज शहडोल में हैँ। इसलिए वह हर सुबह अपनी दुकान शहडोल चला जाता हैं और रात्रि में घर लौटता हैं।मुझे यह भी अंदेशा हैं कि मेरी गैर मौजूदगी में मेरे परिवार के साथ किसी प्रकार की अनहोनी न हो जाए। ऐसी स्थिति में इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी मेरे रिस्तेदार मोहम्मद रईस, उसके पुत्र सलीम शहजादा एवं रसीद उर्फ़ गुड्डा मिस्त्री की होंगी। पीड़ित ने बाड़ा के मुख्य सार्वजनिक गेट में बल पूर्वक लगाए गए ताला को खुलवाने के साथ साथ अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई हैं।

सर्पदंश के बाद बच्चे की बिगड़ी हालत, जहर कम करने लगे 20 इंजेक्शन, डॉक्टरों ने बचाई जान


शहडोल

सर्पदंश के बाद गंभीर हालत में शहडोल जिला चिकित्सालय के पीआईसीयू वार्ड में लाए गए नौ साल के बच्चे को डॉक्टरों और स्टाफ ने नया जीवन दे दिया। दिन-रात की देखरेख के बाद अब वह बच्चा पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर जा चुका है। उसके परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सकों और स्टाफ की जमकर सरहाना की है। 

जानकारी के अनुसार, शिवदास बैगा (9), पिता संतोष बैगा निवासी ग्राम चुनिया को 18 जून की देर रात जिला चिकित्सालय के पीआईसीयू वार्ड में लाया गया था। परिजनों ने बताया कि रात करीब 3 बजे जमीन पर सोते समय उसे सांप ने काट लिया था। जब बच्चा अस्पताल पहुंचा, तब उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। डॉक्टरों ने तत्काल उपचार शुरू करते हुए उसे ऑक्सीजन पर रखा गया और एंटी-स्नेक वेनम (सर्प विषरोधी सीरम) दिया गया। इलाज के दौरान बच्चे के हाथ-पैर सुन पड़ गए थे और पैरालिसिस बढ़ने लगा। बच्चे की स्थिति गंभीर होती गई और वह कोमा में चला गया। इसके बाद उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखकर उपचार शुरू किया। इलाज के दूसरे दिन बच्चे के पेट से खून बहने लगा, जिसके चलते दो बार खून चढ़ाना पड़ा। दिल की धड़कनें धीमी हो रही थीं और किडनी ने भी सही काम करना बंद कर दिया। लेकिन, बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने हार नहीं मानी। इलाज के दौरान बच्चे को 20 वायल एंटी-स्नेक वेनम दी गईं, जिससे उसके शरीर में फैला जहर कम कम हुआ। पांच दिनों तक गहन उपचार के बाद उसे वेंटिलेटर से हटाकर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। अब बच्चा खाना-पीना शुरू कर चुका है और लगभग पूरी तरह स्वस्थ है।

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील हथगेल ने बताया कि बच्चे को सर्पदंश के आधे घंटे के भीतर अस्पताल लाया गया था, जिससे समय पर उपचार शुरू हो सका। अगर, इसमें देर होती तो वह शायद नहीं बच पाता। इलाज के दौरान डॉ. बृजेश पटेल, डॉ. सुप्रिया, डॉ. कृष्णेंद्र, डॉ. नीरज, पीआईसीयू इंचार्ज नर्सिंग ऑफिसर अपर्णा सिंह, सृष्टि, रूबी और अन्य स्टाफ के प्रयास ने बच्चे को नया जीवन दिया है।

संदिग्ध अवस्था मे मिला शव, हत्या की आशंका, जांच मे जुटी पुलिस


उमरिया 

मानपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र के ग्राम सिगुड़ी मे मिले शव मामले मे पुलिस ने जांच तेज कर दी है। इस प्रकरण मे मर्ग के उपरांत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का अपराध पंजीबद्ध किया गया है। गौरतलब है की सुबह गांव मे एक शव संदिग्ध अवस्था मे पाया गया था। जिसकी शिनाख्त तम्मा उर्फ आशादीन साहू पिता सुखई साहू 52 निवासी सिगड़ी के रूप मे हुई। जिस जगह पर तम्मा की लाश मिली है, वह उसके घर से करीब एक मील दूर है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शव के सिर तथा अन्य हिस्सों पर घातक चोटों के निशान हैं। जिससे प्रथम दृष्टया यह हत्या का मामला प्रतीत होता है। घटना की सूचना पर पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया। पीएम के उपरांत शव परिजनो को सौंपा गया है। थाना प्रभारी मानपुर मुकेश मर्सकोले ने बताया कि परिजनो तथा अन्य सूत्रों से मिले जानकारी के अनुसार कुछ संदेहियों से पूंछतांछ की जा रही है। जल्दी ही हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा।

अवैध उर्वरक भंडारण पर कृषि विभाग व पुलिस की संयुक्त कार्यवाही


अनूपपुर

कलेक्टर हर्षल पंचोली के निर्देशानुसार आज कृषि विभाग अनूपपुर एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा ग्राम पचोहा, विकासखंड जैतहरी में अवैध उर्वरक भंडारण के विरुद्ध कार्यवाही की गई। कार्यवाही के दौरान सुनील राठौर द्वारा संचालित एक निजी गोदाम में बिना लाइसेंस के बड़ी मात्रा में जिंक सल्फेट एवं जैविक ह्यूमिक एसिड खाद का अवैध भंडारण पाया गया। स्थल पर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने में असफल रहा। खाद की गुणवत्ता एवं वैधता संदिग्ध पाए जाने पर कृषि विभाग की टीम ने संबंधित खाद की जब्ती कर गोदाम को सील कर दिया।

कृषि विभाग द्वारा प्राथमिक रिपोर्ट तैयार कर पुलिस विभाग को सौंपी गई है तथा संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया प्रचलित है। इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने हेतु जिला प्रशासन द्वारा सतत निगरानी एवं सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। प्रभारी उपसंचालक कृषि निशा सिन्हा ने किसानों से अपील की है कि वे अधिकृत विक्रेताओं से ही उर्वरक क्रय करें एवं किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें। निरीक्षण के दौरान एसडीओ कृषि विकास सिंह, एसएडीओ रामाधार मरावी सहित पुलिस की टीम उपस्थित थी।

सड़क में पड़ने लगी दरारे, भ्रष्टाचार की परते खुलना शुरू, कमीशन के फेर में जिम्मेदारी अधिकारी मौन


शहडोल

वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश तिवारी ने विगत दिनों रीवा शहडोल मार्ग में तथा ब्यौहारी सीधी मार्ग में बड़ी-बड़ी दरारे दिखने के मामले में   कहा है कि इस प्रकार की निर्माण से स्पष्ट हो रहा है कि किस ढंग से विकास के काम किए जा रहे हैं। इसमें कोई अंकुश नहीं है। करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाली यह रोड का यह हाल अभी से होना शुरू हो गया है तो आगे क्या होगा अंदाजा लगाया जा सकता है। रोड को भले ही मेंटेनेंस कर ठीक कर दिया जाए लेकिन वह मजबूती नहीं आती है। कैलाश तिवारी ने कहा है कि घटिया निर्माण के संबंध में कोई कार्रवाई न होने के कारण निर्माण एजेंसी मिलजुल कर इस प्रकार की काम को अंजाम दे रही है। कैलाश तिवारी ने कहा है कि यह मामला कुछ दिनों में ठंडा हो जाएगा और किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी चाहे इसमें किसी की जान जाए चाहे दुर्घटनाएं हैं। सबको अपने-अपने कमीशन की चिंता रहती है।

हाल ही में आई बड़ी-बड़ी दरारों ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों ने मिलकर सड़क के कटे हुए हिस्से पर पत्थर लगा दिए हैं, जिससे राहगीर हादसे का शिकार होने से बच सकें। इस मामले पर वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश तिवारी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपए की लागत से बनी सड़कों की यह दुर्दशा बताती है कि विकास कार्यों के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। इस तरह के निर्माण से स्पष्ट हो रहा है कि कैसे बिना किसी निगरानी और जवाबदेही के काम किए जा रहे है। निर्माण एजेंसियों को किसी भी स्तर पर न तो रोका जा रहा है और न ही उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई होती है। कैलाश तिवारी ने कहा कि सड़क मेंटेनेंस से क्षति तो कुछ समय के लिए छिप सकती है, लेकिन उसकी मजबूती कभी नहीं लौटती। अभी से ही सड़क टूटने लगे तो सोचिए बारिश के मौसम में क्या हाल होगा। उन्होंने यह सवाल उदकर आने वाले खतरे की ओर ध्यान दिलाया।

सबको है कमीशन की चिंता, जनता जाए भाड़ में कैलाश तिवारी ने व्यवस्था पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि, आज के समय में चाहे किसी की जान जाए या सड़क हादसे हों, किसी को फर्क नहीं पड़ता। सबको अपने-अपने कमीशन की चिंता है। निर्माण एजेंसियां, ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारी आपस में मिलकर ऐसे घटिया निर्माण को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर न तो कोई जांच होगी और न ही किसी के खिलाफ कार्रवाई। यह मामला भी कुछ दिनों में ठंडा पड़ जाएगा, जैसे हर बार होता है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि इस बार सिर्फ लीपापोती न की जाए, बल्कि निर्माण एजेंसियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और सड़क निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा अगर समय रहते नहीं चेता गया, तो इन सड़‌कों पर हादसे तय है। यह बयान सिर्फ नाराज़गी नहीं, बल्कि उस सिस्टम पर करारा तमाचा है जो जनता की सुरक्षा से ज्यादा कमीशन को प्राथमिकता देता है। अब देखना होगा कि शासन-प्रशासन इस चेतावनी को कितना गंभीरता से लेता है।


सिंचाई विद्युत मोटर चोर गिरोह का पर्दाफाश, तीन आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 2 मोटर जप्त


अनूपपुर 

कोतवाली अनूपपुर पुलिस द्वारा सिंचाई मोटर चोरी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियो को गिरफ्तार कर चोरी गई दो सिंचाई मोटर कीमत 20 हजार रूपये जप्त करने में सफलता प्राप्त की है। 28 जून 2025 को मंगल सिहं गोड़ पिता जयसिहं गोड़ उम्र 33 वर्ष निवासी ग्राम छुलहा के द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराया गया कि अपने खेत में बने कुंआ में सिंचाई के लिए मोटर पम्प लगाया था जो लूबी कंपनी की करीब दस हजार रूपये की सिंचाई मोटर पम्पर को कोई अज्ञात चोर द्वारा चोरी कर ले गया है। उक्त रिपोर्ट पर थाना कोतवाली अनूपपुर में अपराध क्रमांक 332/25 धारा 303(2) बी.एन.एस. पंजीबद्ध कर विवेचना की गई।

टी.आई. कोतवाली निरीक्षक अरविन्द जैन के नेतृत्व में प्रधान आरक्षक शेख रसीद, आरक्षक अब्दुल कलीम, चालक प्रधान आरक्षक खेमराज एवं आरक्षक मनोज गुर्जर की टीम के द्वारा सिंचाई मोटर चोरी करने के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए आरोपी अमित कोल पिता रामप्रसाद कोल उम्र 19 वर्ष 07 माह निवासी ग्राम छुलहा, रामलाल चर्मकार पिता रामकृपाल चर्मकार उम्र 35 वर्ष निवासी ग्राम छुलहा, सोनू चर्मकार पिता श्री दुलारे चर्मकार उम्र 26 वर्ष निवासी ग्राम सेन्दुरी को गिरफ्तार किया जाकर चोरी गई सिंचाई मोटर के साथ साथ चोरी की गई एक अन्य टेक्समो कंपनी की सिंचाई मोटर कीमती करीब 12 हजार रूपये की जप्त की गई है। आरोपियों का पुलिस रिमाण्ड लिया जाकर क्षेत्र में चोरी गई अन्य सिंचाई मोटरो के बारे में पूछताछ की जा रही है।

जमीनी हकीकत को छुपाया, हुई खानापूर्ति, खा पीकर रवाना हो गए एसईसीएल वेल्फेयर कमेटी के सदस्य 

*गेस्ट हाउस में चली बैठक व पार्टी, दुर्दशा के आंसू बहा रही हैं क्षेत्र की कॉलोनियां*


अनूपपुर

एसईसीएल बिलासपुर वेल्फेयर कमेटी की टीम 26 जून 2025 की शाम एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र के कोतमा कालरी  गेस्ट हाउस में दो दिवसीय निरीक्षण के लिए पहुंची। वेल्फेयर कमेटी के सदस्यों को जहां 26 एवं 27 जून 2 दिन जमुना कोतमा क्षेत्र के समस्त कॉलोनीयों की साफ सफाई कलारी आवासों की स्थिति तथा कलारी मजदूर की अन्य समस्याओं का निरीक्षण करना था और जमीनी हकीकत की रिपोर्ट एसईसीएल बिलासपुर बैठे वरिष्ठ अधिकारियों को सौपना है लेकिन यहां वेल्फेयर कमेटी की पहुंची टीम गेस्ट हाउस में खाना पीना करते हुए केवल बैठक आयोजित कर निरीक्षण की खानापूर्ति करते हुए लिफाफा और गिफ्ट लेकर रवाना होने की खबर सामने आई है।

*निरीक्षण के नाम पर पिकनिक व मस्ती*

जमुना कोतमा क्षेत्र की कॉलोनीयों का वार्षिक निरीक्षण करने पहुंची एसईसीएल बिलासपुर वेल्फेयर कमेटी के सदस्यों ने निरीक्षण के नाम पर कोतमा कालरी गेस्ट हाउस में पिकनिक और पार्टी मनाने तक ही सीमित रहा। बताया जाता है कमेटी के लोगों ने 26 जून की रात्रि गेस्ट हाउस में भरपूर मस्ती की और 27 जून को सुबह 10:00 बजे एक बैठक कर पूरे निरीक्षण कार्यक्रम का खाना पूर्ति कर दी गई और बदहाल स्थिति में कालरी कामगारों और उनकी कॉलोनी को छोड़ गए।

*क्या है वेल्फेयर कमेटी*

एसईसीएल कंपनी में वेल्फेयर कमेटी का गठन इसलिए किया गया है की समय-समय पर यह कमेटी कोयला खदानों में कार्य करने वाले मजदूरों की समस्याओं को उनके क्षेत्र में जाकर देखें और सुने तथा उनकी जमीनी हकीकत और रिपोर्ट कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की जाए जिससे कि समस्याओं का समाधान किया जा सके और जहां पर कमियां हैं उन्हें ठीक किया जा सके। इस कमेटी में सभी श्रम संगठन के प्रतिनिधि शामिल रहते हैं इसके अलावा एसईसीएल कंपनी के अधिकारी भी इस कमेटी में शामिल रहते हैं जिनकी निगरानी में कालरी कामगारों के कॉलोनी और उनके रहन-सहन तथा अन्य समस्याओं का वार्षिक निरीक्षण और प्रतिवेदन देना होता है लेकिन यहां पहुंची कमेटी ने सभी के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।

*चारो तरफ गंदगी व अव्यवस्था*

टूटी -फूटी नाली एवं सड़क तथा जर्जर कालरी आवास जगह-जगह पर गंदगी के ढेर यहां तक की आवास के ऊपर और दीवारों में विशालकाय पीपल का वृक्ष लगे रहना को देखने लायक है जिसमें नरकीय  जीवन जीने को एसईसीएल के कर्मचारी मजबूर हैं लेकिन उनकी समस्याओं को देखने और सुनने के लिए बनी वेल्फेयर कमेटी शराब के दो जाम पर मजदूरों के खून पसीने की कीमत आकर चली गई। बैठक के दौरान जमुना कोतमा क्षेत्र के प्रबंधन द्वारा ऐसी व्यवस्था की गई थी कि वेल्फेयर बोर्ड के सदस्यों का मुंह भी नहीं खुल सका और अपना अपना हिस्सा लेकर चुपचाप रवाना होने की खबर सामने आ रही है। कुल मिलाकर इस निरीक्षण का नतीजा वही ढांक के तीन पात वाला रहा।

करेंट की चपेट में आने से तीन मवेशियों की मौत, बिजली विभाग की लापरवाही 


शहडोल 

जिले में बिजली विभाग की लापरवाही से तीन बेजुबान मवेशियों की जान चली गई। घटना कोतवाली थाना अंतर्गत बंधवा बड़ा ठाकुर बाबा के पास की है जहां ट्रांसफार्मर में फैले करेंट की चपेट में आने से तीन मवेशियों की मौत हो गई। ग्रामीण संजय बैगा ने कंपनी को चेताया था कि गांव में खुले में लगे ट्रांसफार्मर और जानलेवा तारों से ग्रामीणों व मवेशियों की जान को खतरा है। जब विभाग ने शिकायत को नजरअंदाज किया, तो ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन वहां से भी केवल खानापूर्ति हुई।

जिले के सोहागपुर जनपद पंचायत अंतर्गत कोतवाली थाना क्षेत्र के बंधवा बड़ा ठाकुर बाबा के पास खुले में लगे बिजली पोल के की चपेट में आकर तीन बेजुबान मवेशियों की मौत हो गई। संजय बैगा ने पहले ही एमपीईबी को चेताया था कि खुले में बिजली के तार जानलेवा साबित हो सकते हैं। उन्होंने हादसे की आशंका जताते हुए पत्राचार और मौखिक शिकायतें की थीं, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने न तो पोल सुरक्षित किया और न ही तारों की स्थिति को सुधारा। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्रामीणों ने CM हेल्पलाइन (शिकायत क्रमांक – 33062682) में भी शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई कार्रवाई हीं हुई।

ग्रामीणों ने कहा अगर सीएम हेल्पलाइन भी सिर्फ दिखावा बनकर रह जाए, तो हम अपनी फरियाद किससे करें। स्थानीय लोगों ने प्रशासन और बिजली विभाग के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल उठाया है कि शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, क्या जिम्मेदार अधिकारी अब किसी इंसान की मौत का इंतजार कर रहे हैं।

सड़क मार्ग पार करते हुए दिखा बाघ, लोगो मे दहशत का माहौल, प्रशासन कर रहा निगरानी


शहडोल

शहडोल-रीवा मार्ग पर रोहनिया टोल प्लाजा के पास बाघ की उपस्थिति से क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी गई है। कुछ लोगों ने बाघ को सड़क पार करते हुए वीडियो में कैद किया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।

दक्षिण वनमंडल के डीएफओ श्रद्धा पन्द्रे ने बताया कि सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। यह इस क्षेत्र में दस दिन के भीतर बाघ का दूसरा दर्शन है। इससे पहले क्षीरसागर मार्ग के बिजौरी के समीप भी बाघ देखा गया था। स्थानीय निवासी रोहित यादव ने बताया कि यह मार्ग शहडोल को बिजौरी से जोड़ता है। ग्रामीणों का आवागमन दिन-रात होता है। उन्होंने वन विभाग की गश्ती पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि बाघ दिखने की सूचना के बाद भी विभाग की टीम देर से पहुंचती है।

झीरसागर डिप्टी रेंजर प्रकाश शुक्ला ने कहा कि गश्ती दल लगातार क्षेत्र में निगरानी कर रहा है। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र बाघ का प्राकृतिक आवास है। वन विभाग स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और बाघ की गतिविधियों पर नजर रख रहा है। बाघ के दिखने वाले स्थान के पास ही गांव की बस्ती होने से लोगों में भय का माहौल है। वन विभाग ने आश्वासन दिया है कि वे स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन और वन विभाग जल्द से जल्द इलाके मे गश्त, निगरानी तथा कैमरे लगवाने जैसे सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करे, ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

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