दबंग पब्लिक प्रवक्ता

सरकारी अस्पताल उपचार ना मिलने से जनता परेशान, डॉक्टर, दावा व जांच भगवान भरोसे

*अस्पताल में पंजीकरण पर्ची काटने से साफ इंकार*


अनूपपुर/कोतमा

जिला के कोतमा नगर समुदायिक स्वास्थ केंद्र में पिछले दिनों डॉ ना होने की गंभीर समस्या इतनी बढ़ गई थी ,की हाईकोर्ट ने शख्त आदेश दिया था  जिसमे 7 दिनों में विशेषज्ञ डॉ तैनात किया। लेकिन डॉ होने के बावजूद भी जनता को बेहतर उपचार नहीं मिल पा रहा हैं। डॉ दिन के समय तों रहते हैं लेकिन रात के समय ड्यूटी से गायब हो जाते हैं अगर रात के वक्त किसी को बेहतर इलाज की जरूरत रहती हैं , तों जरूरत बन के रह जाती हैं अगर रात के वक़्त डॉ रहते भी हैं तों इलाज करने से साफ नहीं कर देते हैं। जिसे कई बार तों इलाज ना मिलने की वजह अस्पताल में ही मरीज अपनी जान गवा देता हैं। कोतमा नगर के वार्ड न 2 के निवासी इंद्र जैन जो भाजपा के कार्यकर्त्ता के नेता थे।  ऐसे ही रात के वक़्त आचानक इंद्र जैन की तबीयत बहोत बिगाड़ गई जिसे उन्हें नगर के समुदायिक स्वास्थ केंद्र में भर्ती किया गया। लेकिन उनके बेहतर इलाज के लिए इ. सी. जी. मशीन की जरुरत थी अस्पताल में ना होने की वजह से जरूरत ही बन के रह गई। जिसकी वजह से उन्होंने अस्पताल में ही अपना दम तोड़ दिया। नागरिकों का कहना की अगर नेता - मंत्री को बेहतर उपचार नहीं मिल पा रहा तो आम जनता को मिलेगा? नागरिकों ने शासन - प्रशासन  से अपील की हैं जल्द से जल्द कोतमा नगर के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में  बेहतर उपचार मिलने लगे।

*इलाज व जांच नाम मात्र*

कोतमा नगर के समुदायिक स्वास्थ केंद्र में हद पर तो तब हुई जब जनता अपना बेहतर इलाज के लिए  जाते हैं । डॉ मरीज को बिना छुए  इलाज करते हैं। जिसे  बेहतर उपचार नहीं हो पाता हैं। इसके साथ ही जब डॉ के द्वारा लिखा गई मरीजों के लिए  सभी बीमारियों दवाईयाँ एक ही प्रकार की दवाई लिखते हैं? जब मरीज अस्पताल के दवाखाना में दवाई लेने जाते हैं तों उन्हें सभी बीमारियों एक ही प्रकार के 10-20 पते गोली के  दिए जाते हैं , कई बार तो दवाईयाँ ही नहीं मिलती अस्पताल जिसे बाहर मेडिकल से लेने के लिए बोला जाता हैं।और बताया भी नहीं जाता की कौन से दवाई कब और कैसे ले जिसकी वजह से मरीजों को बड़ी दिकत होती हैं , और मरीजों के स्वास्थ पर भी प्रभाव पड़ता हैं।

*अस्पताल में पंजीकरण पर्ची काटने से साफ इंकार*

कोतमा नगर के समुदायिक स्वास्थ केंद्र में मरीजों को इलाज के लिए रोगी पर्ची  काटने से मना कर रही हैं “रिसेप्शनिस्ट" बिना पर्ची काटे अस्पताल में डॉक्टर अपने कक्ष में भी नहीं आने देते हैं, जिसे मरीजों इलाज कराने में बड़ी दिकत होती हैं। कई बार रिसेप्शनिस्ट पर्ची काटने पर मरीजों से अस्पताल में ही लड़ाई हो जाती हैं। पर्ची ना काटने पर इलाज भी नहीं होता जिससे मरीजों को बहोत परेशानी होती हैं।

इनका कहना हैं।

डॉ की मर्जी होंगी तभी वह मरीज को नहीं छुते होंगे ।  मैं अपना  काम कर रहा हुँ। अब तों इलाज की सारी मशीन हैं, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी डॉक्टर नियुक्त नहीं हुई, पंजीकरण पर्ची बन नहीं रहा होगा तो नहीं काटे होंगे।  प्रशसान शासन ध्यान नही दे रही हैं।

*डॉ. मनोज सिंह, बीएमओ कोतमा*

 चार हाथियों का समूह फिर पहुँचा जिले में, प्रशासन एलर्ट


अनूपपुर

जिले में चार हाथियों का समूह 14 दिन बाद एक बार फिर से छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परिक्षेत्र, वन मंडल के शिवनी बीट के जंगल में दिनभर विश्राम करने बाद देर 14 जून की शाम मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिला अंतर्गत जैतहरी तहसील, थाना एवं वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत एवं ग्राम चोलना में गूजर नाला पार कर प्रवेश कर विचरण कर रहे है। हाथियों के आने की संभावना पर चोलना सहित आसपास के ग्रामीण हाथियों के साथ हैं वहीं वन विभाग के अधिकारी/कर्मचारी हाथियों पर निगरानी रखते हुए ग्रामीणों को सतर्क एवं सावधान रहने की अपील की है, चारों हाथी वर्तमान समय ग्राम पंचायत चोलना के बचहाटोला में विचरण कर रहे हैं।

अतिक्रमण के खिलाफ नगर परिषद की सख्त कार्रवाई, सड़क मार्ग से अवैध दुकानों को हटाया


शहडोल

नगर परिषद ब्यौहारी ने एक बार फिर अतिक्रमण के खिलाफ अपनी सख्ती दिखाई है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी शरद गौतम के निर्देश पर शहडोल-रीवा मार्ग पर सड़क किनारे स्थित छह अवैध दुकानों को हटवाया गया है। यह कार्रवाई सड़क पर आवा-गमन में बाधा डालने की शिकायतों के मद्देनजर की गई है। ब्यौहारी क्षेत्र में बढ़ते अतिक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए नगर परिषद ने यह कदम उठाया है। शहडोल-रीवा मार्ग पर स्थापित लोहे की टीन से बनी दुकानों ने न केवल सड़क पर अव्यवस्था फैलाई थी, बल्कि वहां से गुजरने वाले वाहनों के लिए भी खतरा उत्पन्न कर दिया था। अधिकारियों के अनुसार, इन दुकानों की वजह से क्षेत्र निवासी और यात्री दोनों ही असुविधा का सामना कर रहे थे।

नगर परिषद के अधिकारियों के अनुसार स्थानीय निवासियों से लगातार मिल रही शिकायतों के चलते यह कार्रवाई की गई है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि नगर में हर किसी को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से आवागमन की सुविधा मिले। इस कार्रवाई के दौरान स्थानीय पुलिस भी मौजूद थी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर कार्य सुचारू रूप से और बिना किसी रुकावट के संपन्न हो। अवैध दुकानदारों ने इस कार्रवाई का विरोध किया, लेकिन नगर परिषद ने स्पष्ट किया है कि कानून के दायरे में रहकर ही व्यवसाय करना चाहिए और अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

स्थानीय व्यापारी संघ के अध्यक्ष ने इस कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा, अतिक्रमण एक गंभीर समस्या है। हमें भी अपने व्यापार के लिए समुचित स्थान चाहिए। यदि हमें अपने हितों की रक्षा करनी है, तो सभी को नियमों का पालन करना होगा। मुख्य नगर पालिका अधिकारी शरद गौतम ने कहा कि यह अतिक्रमण शहडोल रीवा मुख्य मार्ग के किनारे होने से आवाजाही में वाहनों को दिक्कत होती थी, लगातार शिकायतें सामने आ रही थी कई बार दुकानदारों पर चालानी कार्यवाही की गई लेकिन दुकानदार अपनी दुकानों को सड़क किनारे से हटाने को तैयार नहीं थे। जिसके बाद यह कार्यवाही हमने की है।

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