दबंग पब्लिक प्रवक्ता


समाचार

शिव एवं नाजिम राईस मिल के 6-6 लॉट चावल अमानक, अपग्रेड का खेल, 2 राइस मिल को पहुँचाया लाभ

*निगम की अनुबंध के खिलाफ नॉन प्रबंधक, अब तक ब्लैक लिस्टेट की नही हुई कार्यवाही*

अनूपपुर

जिले में शासकीय धान की मिलिंग कार्य में नागरिक आपूर्ति निगम की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां नॉन के प्रबंधक द्वारा मिलर से अपने ही निगम के अनुबंध की शर्तो के विपरित जाकर कार्य किया जा रहा है। मामला रमेश इंजीनियरिंग वेयर हाउस दारसागर का है, जहां नाजिम अकरम राइस मिल एवं शिव राईस मिल द्वारा दारसागर में जमा किए चावल के 6-6 लॉट को एफसीआई (फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) द्वारा रिजेक्ट करते हुए गुणवत्ता निरीक्षण प्रतिवेदन (क्वालिटी एनालिसिस) को नागरिक म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन के सीएसएमएस पोर्टल पर एक माह बीत जाने के बाद भी नॉन की प्रबंधक द्वारा अपलोड़ नही किया गया। जबकि अनुबंध की शर्तो के हिसाब से उक्त दोनो राईस मिलरों को ब्लैक लिस्टेट करने प्रस्ताव प्रबंधक संचालक को  प्रेषित करते हुए उन्हे धान वा चावल डीओ नही दिया जाना चाहिए था।

*क्या है मामला*

रमेश इंजीनियरिंग वेयर हाउस दारसागर में कोतमा के दो राईस मिलर नाजिम अकरम राईस मिल एवं शिव राईस मिल द्वारा जमा किए गए गुणवत्ता विहीन चावल के 6-6 लॉट लगभग 6 हजार 960 बोरी को एफसीआई द्वारा 17 जनवरी को निरीक्षण के दौरान अमानक पाते हुए उसे रिजेक्ट कर रिजेक्शन प्रतिवेदन बनाते हुए नॉन को सौंपा गया। जिसमें नाजिम अकरम राईस मिल द्वारा 3 से 7 जनवरी के बीच वेयर हाउस में स्टेक क्रमांक सी 20 में जमा किए गए लॉट नंबर 1,3, 5, 7,9 एवं 13 में बोरी संख्या 3480 तथा शिव राईस मिल द्वारा 2 से 4 जनवरी के बीच जमा स्टेक क्रमांक सी 4 में लॉट क्रमांक 1, 3, 5, 7, 13 एवं 15 बोरी संख्या 3480 को निर्धारित मापदंडो के अनुरूप जमा नही करने पर रिजेक्ट किया गया था। बावजूद इसके नागरिक आपूर्ति निगम की जिला प्रबंधक शशि प्रभा द्वारा उक्त क्वालिटी एनालिसिस रिपोर्ट को आज दिनांक तक सीएसएमएस पोर्टल पर दर्ज ना करते हुए दोनो राईस मिलरों को धान एवं चावल के लॉट उपलब्ध कराकर नियम विपरीत जाकर चावल जमा कराया गया। 

*निगम के अनुबंधों के खिलाफ नॉन प्रबंधक*

जानकारी के अनुसार नागरिक आपूर्ति निगम की जिला प्रबंधक शशि प्रभा द्वारा अपने निगम के अनुबंध की शर्तो के खिलाफ जाकर कार्य करते हुए दो राईस मिलर को लाभ पहुंचाये जाने का खेल खेला गया है। एफसीआई की जांच के दौरान नाजिम अकरम राईस मिल के चावल में ब्रोकन की मात्रा 25 प्रतिशत की जगह 29.5 प्रतिशत पाई गई तथा एफआरके 1 प्रतिशत की जगह 0.7 पाया गया, वहीं शिव राईस मिल द्वारा जमा किए गए चावल में एफआरके 0.72 तथा डैमेज 3.51 पाया गया। इतना ही नही क्वालिटी एनालिसिस रिपोर्ट में 2 नोट लगाये गए है जिनमें चावल पॉलिस टेस्ट का रासयन भी इनके मिल में नही पाया गया, वहीं सीएसएमएस पोर्टल नही चलने के लिए इसकी प्रविष्टि नही की जा सकी, जबकि 17 जनवरी की रिपोर्ट के बावजूद पूरे एक माह बीत जाने के बाद भी नॉन डीएम ने अब तक उक्त बीआरएल चावल की क्वालिटी एनालिसिस रिपोर्ट अपलोड़ नही की जा सकी। 

*अनुबंध की शर्त अनुसार ब्लैक लिस्टेट होना था मिल*

निगम की अनुबंध की शर्तो के अनुसार किसी भी मिलर का 1 लॉट चावल अमानक (बीआरएल) होने पर उस मिलर का 15 दिन तक डीओं जारी होगा तथा 3 लॉट चावल बीआरएल होने पर उस मिलर को ब्लैक लिस्टेट कर दिया जाएगा। लेकिन जिले के दो राईस मिलरों का 6-6 लॉट चावल एफसीआई द्वारा बीआरएल करने के बाद भी नागरिक आपूर्ति निगम की प्रबंधक द्वारा अनुबंध की शर्तो को दरकिनार करते हुए उसे सीएसएमएस पोर्टल में दर्ज ना कर मिलर को ब्लैक लिस्टेट करने संबंधी प्रतिवेदन नॉन के प्रबंधक संचालक को भेजते हुए एनसीसीएफ (नेशनल कॉपारेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) को धान देने से मना करने के लिए सूचित तक नही किया गया। इसके साथ ही चावल जमा वा बीआरएल होने के दिनांक तक भंडारण व्यय सहित लोडिग़ अनलोडिग़ सहित अन्य खर्चो का भुगतान मिलर से वसूला जाना चाहिये, इतना ही नही मिलर पर 2 रूपए प्रति क्विंटल की दर से प्लांटी अधिरोपित की जानी चाहिए थी। लेकिन नॉन डीएम ने दोनो ही मिलरों से मिलीभगत कर उनके 6-6 लॉट चावल बीआरएल होने के बाद सांठगांठ करते हुए मिलरों को लाभ प्रदान किया गया है।

*चावल अपग्रडेशन के नाम पर खेला गया खेल*

सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार दारसागर वेयर हाउस के संचालक से शिव राईस मिलर से मिलीभगत कर बीआरएल चावल को गोदाम के अंदर एक स्टेक से दूसरे स्टेक में शिफ्ट करा दिया गया तथा उस स्टेक के पैरीफेरल एरिया में चारो तरफ 10 की हाईट तक गुणवत्तायुक्त चावल के बीच में वहीं बीआरएल चावल को पुन: जमा दिखा दिया गया। पूरे मामले में निगम के अनुबंध की शर्तो के विपरित जाकर अपग्रेड का खेल खेला गया है। 

इनका कहना है।

मै अभी मिटिंग में व्यस्त हॅू, बाद में ही कुछ बता पाउंगी।

*शशि प्रभा पैगवार, प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम अनूपपुर*

समाचार

प्रशासन की तानाशाही, भ्रष्टाचार के खिलाफ बगावत, कलेक्ट्रेट का होगा घेराव

*रमेश सिंह राठौर के नेतृत्व में जनांदोलन, हज़ारों की संख्या में जुटेंगे किसान-मजदूर*

अनूपपुर 

जिले में प्रशासनिक मनमानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ अब जनता खुलकर विरोध करने के लिए मजबूर हो गई है। 30 जनवरी को जब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के युवा नेता और पुष्पराजगढ़ इकाई के सचिव रमेश सिंह राठौर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर कार्यालय में अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपने पहुँचा, तो कलेक्टर ने न केवल उनकी बातें सुनने से इनकार कर दिया बल्कि अभद्र भाषा में बात करते हुए उन्हें गिरफ्तार कराने की धमकी दी और पुलिस बुलवाकर उन्हें पकड़वा भी दिया।

गणतंत्र दिवस के सप्ताह में जनता के साथ ऐसा तानाशाही व्यवहार प्रशासन की निरंकुशता और अहंकार को दर्शाता है। इसका विरोध करने के लिए जिले के विभिन्न संगठनों ने 18 फरवरी को अनूपपुर कलेक्टर कार्यालय के घेराव का ऐलान किया है, जिसकी अगुवाई स्वयं रमेश सिंह राठौर कर रहे हैं।

जनसंघर्ष के प्रतीक हैं रमेश*

जिले में जब भी किसानों, मजदूरों, आदिवासियों और शोषित वर्ग की बात होती है, तो रमेश सिंह राठौर का नाम सबसे पहले लिया जाता है। वे केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि जनता के बीच से निकले एक सशक्त संघर्षशील नेता हैं, जिनका पूरा जीवन अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाने में बीता है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) की पुष्पराजगढ़ इकाई के सचिव के रूप में वे वर्षों से वनाधिकार कानून, आदिवासी अधिकार, किसानों की समस्याओं और मजदूरों की बेहतरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में CPM प्रत्याशी के रूप में उन्होंने मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई और गरीब तबके की आवाज़ को बुलंद किया। राठौर अपने स्पष्ट विचारों, संघर्षशील नेतृत्व और सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं। वे केवल मंचों पर भाषण नहीं देते, बल्कि खुद आंदोलन की अगुवाई करते हैं, जेल जाने से नहीं डरते, और जनता के हक की लड़ाई में हमेशा सबसे आगे रहते हैं। उनकी अगुवाई में ही 18 फरवरी को अनूपपुर कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया जा रहा है, जो इस बात का संकेत है कि जिले की जनता अब प्रशासन की मनमानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से खड़ी हो रही है।

*यह नेता होंगे शामिल*

इस आंदोलन के जरिए जनता प्रशासन को यह बताना चाहती है कि लोकतंत्र में जनता की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता। प्रदर्शन में CPM के राज्य सचिव जसविंदर सिंह, सीटू के प्रदेश अध्यक्ष रामविलास गोस्वामी, मध्यप्रदेश किसान सभा के महासचिव अखिलेश यादव, जनवादी महिला समिति की प्रदेश अध्यक्ष नीना शर्मा, आदिवासी एकता महासभा के अध्यक्ष बुद्धसेन सिंह गोंड समेत कई बड़े नेता शामिल होंगे।

*प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें*

कलेक्टर को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी और आदिवासी प्रतिनिधियों के साथ किए गए अभद्र व्यवहार के लिए खेद व्यक्त करना होगा। वनाधिकार कानून के तहत सभी योग्य आदिवासियों को तत्काल अधिकार पत्र दिए जाएं। वन विभाग द्वारा आदिवासी किसानों की जमीन पर कब्जे की कार्रवाई पर रोक लगे। मनरेगा में हुए घोटालों की निष्पक्ष जांच हो और सभी मजदूरों को 600 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी मिले। नल-जल योजना के घोटाले की जांच हो और इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए। किसानों की धान खरीदी का भुगतान ब्याज सहित किया जाए और पीएम किसान योजना के लाभ से वंचित किसानों को जोड़ा जाए। बिजली के निजीकरण और स्मार्ट मीटर की योजना को तत्काल रद्द किया जाए। लाडली बहना योजना में अपात्र घोषित की गई महिलाओं को फिर से पात्रता दी जाए। कोयला खदानों और मोजरबेयर से प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा और रोजगार दिया जाए।आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को स्थायी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए और उनका वेतन बढ़ाया जाए। अनूपपुर जिले की सड़कों, पुलों और सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाए।

*ऐतिहासिक जनप्रदर्शन की तैयारी*

जिले में प्रशासनिक भ्रष्टाचार चरम पर है। आम जनता और मजदूर वर्ग की समस्याओं की अनदेखी की जा रही है। यह प्रदर्शन सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि जनता के हक और अधिकारों की लड़ाई है। 18 फरवरी को अनूपपुर रैन बसेरा से दोपहर 12 बजे कलेक्टर कार्यालय के लिए रैली निकलेगी, जहां हजारों किसान, मजदूर, छात्र, महिला और आदिवासी इस तानाशाही के खिलाफ आवाज़ उठाएंगे। क्या प्रशासन झुकेगा या फिर दमनकारी नीतियों को और आगे बढ़ाएगा? यह देखने के लिए 18 फरवरी का इंतजार करना होगा।

समाचार

पुलिस ने दो चोरियों का किया खुलासा, 7 लाख के जेवरात किए बरामद

शहडोल

जिले के थाना बुढार अंतर्गत बृजेन्द्र सिंह एवं प्रवीण सिंह द्वारा थाना उपस्थित आकर भिन्न-भिन्न रिपोर्ट धारा 105/25 बारा 331(4),305 (ए) बीएनएस व 106/25/331(4),305 (ए) बीएनएस वृद्धि धारा 306 बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज कराया था कि दिनांक 03 फरवरी 2025 से 11 फरवरी 2025 के बीच उनके घर में रखे सोने के जेवरात को अज्ञात व्यक्ति द्वारा चोरी कर लिया गया। जिस पर बुढार थाने में चोरी का भिन्न-भिन्न रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना में लिया गया। दौरान विवेचना फरियादी बृजेन्द्र सिंह ने बताया कि उसके घर पर रूपा वर्मा नाम की बाई (नौकरानी) पिछले छः सालों से काम कर रही है, जिस पर उन्हे संदेह है। जिस पर पुलिस द्वारा संदेही रूपा वर्मा को अभिरक्षा में लेकर सघनता से पूछताछ की गई तो आरोपिया रूपा वर्मा के द्वारा उक्त दोनों चोरी करना स्वीकार किया। पुलिस द्वारा आरोपिया के बताये स्थान से चोरी गये सोने के जेवरात बरामद किया गया। पुलिस द्वारा आरोपिया को गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया। बरामद सामान में सोने का हार, सोने का मंगलसूत्र, सोने की अंगुठी, सोने का कान का झुमका कीमत 4 लाख रुपए। एक सोने की चैन, सोने का मंगलसूत्र, सोने का लॉकेट, दो जोड़ी कान के झुमके, एक नग सोने के अंगुठी कीमत 3 लाख रुपये जप्त किया गया है।

प्रशासन की तानाशाही, भ्रष्टाचार के खिलाफ बगावत, कलेक्ट्रेट का होगा घेराव

*रमेश सिंह राठौर के नेतृत्व में जनांदोलन, हज़ारों की संख्या में जुटेंगे किसान-मजदूर*


अनूपपुर 

जिले में प्रशासनिक मनमानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ अब जनता खुलकर विरोध करने के लिए मजबूर हो गई है। 30 जनवरी को जब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के युवा नेता और पुष्पराजगढ़ इकाई के सचिव रमेश सिंह राठौर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर कार्यालय में अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपने पहुँचा, तो कलेक्टर ने न केवल उनकी बातें सुनने से इनकार कर दिया बल्कि अभद्र भाषा में बात करते हुए उन्हें गिरफ्तार कराने की धमकी दी और पुलिस बुलवाकर उन्हें पकड़वा भी दिया।

गणतंत्र दिवस के सप्ताह में जनता के साथ ऐसा तानाशाही व्यवहार प्रशासन की निरंकुशता और अहंकार को दर्शाता है। इसका विरोध करने के लिए जिले के विभिन्न संगठनों ने 18 फरवरी को अनूपपुर कलेक्टर कार्यालय के घेराव का ऐलान किया है, जिसकी अगुवाई स्वयं रमेश सिंह राठौर कर रहे हैं।

जनसंघर्ष के प्रतीक हैं रमेश*

जिले में जब भी किसानों, मजदूरों, आदिवासियों और शोषित वर्ग की बात होती है, तो रमेश सिंह राठौर का नाम सबसे पहले लिया जाता है। वे केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि जनता के बीच से निकले एक सशक्त संघर्षशील नेता हैं, जिनका पूरा जीवन अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाने में बीता है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) की पुष्पराजगढ़ इकाई के सचिव के रूप में वे वर्षों से वनाधिकार कानून, आदिवासी अधिकार, किसानों की समस्याओं और मजदूरों की बेहतरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में CPM प्रत्याशी के रूप में उन्होंने मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई और गरीब तबके की आवाज़ को बुलंद किया। राठौर अपने स्पष्ट विचारों, संघर्षशील नेतृत्व और सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं। वे केवल मंचों पर भाषण नहीं देते, बल्कि खुद आंदोलन की अगुवाई करते हैं, जेल जाने से नहीं डरते, और जनता के हक की लड़ाई में हमेशा सबसे आगे रहते हैं। उनकी अगुवाई में ही 18 फरवरी को अनूपपुर कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया जा रहा है, जो इस बात का संकेत है कि जिले की जनता अब प्रशासन की मनमानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से खड़ी हो रही है।

*यह नेता होंगे शामिल*

इस आंदोलन के जरिए जनता प्रशासन को यह बताना चाहती है कि लोकतंत्र में जनता की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता। प्रदर्शन में CPM के राज्य सचिव जसविंदर सिंह, सीटू के प्रदेश अध्यक्ष रामविलास गोस्वामी, मध्यप्रदेश किसान सभा के महासचिव अखिलेश यादव, जनवादी महिला समिति की प्रदेश अध्यक्ष नीना शर्मा, आदिवासी एकता महासभा के अध्यक्ष बुद्धसेन सिंह गोंड समेत कई बड़े नेता शामिल होंगे।

*प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें*

कलेक्टर को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी और आदिवासी प्रतिनिधियों के साथ किए गए अभद्र व्यवहार के लिए खेद व्यक्त करना होगा। वनाधिकार कानून के तहत सभी योग्य आदिवासियों को तत्काल अधिकार पत्र दिए जाएं। वन विभाग द्वारा आदिवासी किसानों की जमीन पर कब्जे की कार्रवाई पर रोक लगे। मनरेगा में हुए घोटालों की निष्पक्ष जांच हो और सभी मजदूरों को 600 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी मिले। नल-जल योजना के घोटाले की जांच हो और इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए। किसानों की धान खरीदी का भुगतान ब्याज सहित किया जाए और पीएम किसान योजना के लाभ से वंचित किसानों को जोड़ा जाए। बिजली के निजीकरण और स्मार्ट मीटर की योजना को तत्काल रद्द किया जाए। लाडली बहना योजना में अपात्र घोषित की गई महिलाओं को फिर से पात्रता दी जाए। कोयला खदानों और मोजरबेयर से प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा और रोजगार दिया जाए।आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को स्थायी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए और उनका वेतन बढ़ाया जाए। अनूपपुर जिले की सड़कों, पुलों और सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाए।

*ऐतिहासिक जनप्रदर्शन की तैयारी*

जिले में प्रशासनिक भ्रष्टाचार चरम पर है। आम जनता और मजदूर वर्ग की समस्याओं की अनदेखी की जा रही है। यह प्रदर्शन सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि जनता के हक और अधिकारों की लड़ाई है। 18 फरवरी को अनूपपुर रैन बसेरा से दोपहर 12 बजे कलेक्टर कार्यालय के लिए रैली निकलेगी, जहां हजारों किसान, मजदूर, छात्र, महिला और आदिवासी इस तानाशाही के खिलाफ आवाज़ उठाएंगे। क्या प्रशासन झुकेगा या फिर दमनकारी नीतियों को और आगे बढ़ाएगा? यह देखने के लिए 18 फरवरी का इंतजार करना होगा।

पहले भूखे, प्यासे निर्धन, पुष्प सींच लेने दो, वैलेंटाइन डे पर तब कोई इजहार करूंगा


*वैलेंटाइनडे पर इजहार*


पहले भूखे,प्यासे निर्धन 

पुष्प सींच लेने दो,

वैलेंटाइन डे पर तब 

कोई इजहार करूंगा।


मेंहदी,मांग,महावर,बिछुओं 

तक ने पलक भिगोई ।

डाल तिरंगा आंचल शव पर 

जब भारत मां रोई,


उस शहीद की समाधि पर 

कुछ अश्रु चढा देने दो,

वैलेंटाइन डे पर तब 

कोई इजहार करूंगा।


मुरझाई पलकों मैं जिनके 

आंसू सूख गए हैं,

ताजमहल सपनों के 

दिल ही दिल में टूट गए हैं।


हर घर का चेहरा मुस्काए 

हृदय खुशी से झूमे,

आंगन में वसंत ऋतु आकर 

द्वार, झरोखे चूमे।


पतझड़ के सूखे पत्तों पर 

नए गीत लिखने दो।

वैलेंटाइन डे पर तब 

कोई इजहार करूंगा।


गीतकार अनिल भारद्वाज एडवोकेट, हाईकोर्ट ग्वालियर मध्य प्रदेश

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