अज्ञात बीमार विक्षिप्त युवक का मिला शव, पुलिस मर्ग कायम कर जांच में जुटी


अनूपपुर

पवित्र नगरी अमरकंटक के नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 13 स्थित गणेश धूना आश्रम,मंदिर के समीप 35 से 40 वर्ष के एक अज्ञात विक्षिप्त नवयुवक का शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृत युवक बीते कुछ दिनों से अमरकंटक नगर में इधर-उधर घूमता देखा जा रहा था। बताया जाता है कि वह किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित था। उसके हाथ-पैर में सूजन रहती थी और वह हमेशा शाल ओढ़े रहता था। स्थानीय लोगों का अनुमान है कि युवक लीवर या किडनी संबंधी बीमारी से ग्रसित रहा होगा, जिससे उसकी हालत दिनोंदिन बिगड़ती चली गई। ऐसा अनुमान है कि युवक की मृत्यु दो दिन पूर्व ही हो चुकी थी।

सुबह आश्रम के पास युवक को मृत अवस्था में देखकर किसी श्रद्धालु ने इसकी सूचना तत्काल पुलिस थाना अमरकंटक को दी। सूचना मिलते ही नगर निरीक्षक लाल बहादुर तिवारी के नेतृत्व में पुलिस दल मौके पर पहुंचा। सहायक उप निरीक्षक ईश्वर यादव ने पंचनामा तैयार कर शव को पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया। मृतक की पहचान से संबंधित कोई दस्तावेज या सामग्री उसके पास नहीं मिली। पोस्टमार्टम के उपरांत शव को दफनाने की प्रक्रिया पुलिस द्वारा नियमानुसार की जा रही है। थाना अमरकंटक में मर्ग कायम कर प्रकरण को विवेचना में लिया गया है।

डाकघर में रेलवे रिजर्वेशन काउंटर बंद, पर्यटकों व तीर्थयात्रियों को जाना पेंड्रा रोड या अनूपपुर


अनूपपुर

मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थस्थल पवित्र नगरी अमरकंटक के उप डाकघर में संचालित रेलवे रिजर्वेशन काउंटर को अब स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। डाकघर परिसर से संबंधित बैनर और बोर्ड भी हटा दिए गए हैं। इस निर्णय से स्थानीय नागरिकों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को अब रेलवे आरक्षण के लिए पेंड्रा रोड या अनूपपुर तक जाना पड़ेगा। इससे यात्रियों को न केवल अतिरिक्त समय और खर्च वहन करना होगा, बल्कि टिकट बुकिंग के लिए लंबी कतारों में लगना और समय से पहले पहुँचना भी आवश्यक होगा।

अब तक अमरकंटक डाकघर में रेलवे आरक्षण सुविधा के माध्यम से स्थानीय लोग और तीर्थयात्री आसानी से टिकट बुक करा लेते थे। परंतु वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश के बाद यह सेवा बंद कर दी गई है।अमरकंटक उप डाकघर के डाकपाल महेश सिंह परस्ते ने बताया कि वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त आदेश के अनुसार डाकघर में रेलवे आरक्षण सुविधा तत्काल प्रभाव से बंद की गई है। यह विभागीय आदेश है, इसमें हमारा कोई व्यक्तिगत निर्णय नहीं है।

गौरतलब है कि अमरकंटक में रेलवे आरक्षण केंद्र का शुभारंभ तत्कालीन शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद राजेश नंदिनी सिंह के विशेष प्रयासों से हुआ था। उन्होंने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए तत्कालीन रेल मंत्री से इस केंद्र की स्वीकृति दिलवाई थी। परंतु अब इस सुविधा के बंद होने से स्थानीय लोगों में नाराजगी और निराशा का माहौल है। लोगों का कहना है कि इससे उन्हें टिकट बुकिंग के लिए बाहर भटकना पड़ेगा और संभवतः दलालों के माध्यम से आरक्षण कराने की मजबूरी बढ़ेगी, जिससे अतिरिक्त राशि खर्च करनी पड़ेगी।

अमरकंटक के नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों ने इस विषय पर शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह से तत्काल हस्तक्षेप की माँग की है। उन्होंने आग्रह किया है कि अमरकंटक का रेलवे आरक्षण कार्यालय पुनः पूर्ववत संचालित किया जाए।

साल बोरर पर बीमारी प्रकोप, साल के वृक्ष सूखे, पर्यावरणीय संतुलन पर मंडराया संकट, जलस्रोतों पर पड़ेगा असर


अनूपपुर

माँ नर्मदा की पवित्र उद्गम स्थली अमरकंटक एक बार फिर सघन वनों से आच्छादित इस क्षेत्र में साल बोरर नामक कीट रोग का प्रकोप तेजी से फैल रहा है, जिसके कारण हजारों साल वृक्ष सूखकर गिरने लगे हैं। यह स्थिति न केवल वनों के लिए, बल्कि पूरे अमरकंटक के पारिस्थितिक संतुलन के लिए खतरे की घंटी मानी जा रही है। कीट वृक्ष की आंतरिक परत को नष्ट कर देता है, जिससे उसमें से बुरादा (पाउडर जैसा कण) निकलने लगता है। यह संकेत है कि वृक्ष अंदर से खोखला हो चुका है। प्रभावित साल वृक्ष कुछ ही सप्ताहों में सूखकर गिर जाता है, और बीमारी तेजी से आसपास के वृक्षों में फैल जाती है।

अमरकंटक क्षेत्र में साल वृक्षों का विस्तार लाखों की संख्या में फैला हुआ है। यह वृक्ष न केवल क्षेत्र की हरियाली और सौंदर्य का प्रतीक हैं, बल्कि स्थानीय जलवायु को नियंत्रित करने में भी बड़ी भूमिका निभाते हैं। साल वृक्षों की पत्तियाँ और छाया वायुमंडल में नमी बनाए रखती हैं, मिट्टी को कटाव से बचाती हैं, और वर्षा के जल को धरातल में समाहित कर भूजल स्तर को बढ़ाने में सहायक होती हैं। पर्यावरणविदों के अनुसार, साल वृक्षों के कारण अमरकंटक की जलवायु सामान्यतः शीतल और संतुलित रहती है। यहाँ की यही हरियाली नर्मदा, सोन और जोहिला जैसी नदियों के उद्गम स्रोतों की जीवनरेखा बनी हुई है।

करीब 18-20 वर्ष पूर्व भी अमरकंटक और उसके आसपास के क्षेत्रों में साल बोरर रोग का भारी प्रकोप देखा गया था। उस समय वन विभाग को लाखों संक्रमित साल वृक्षों को काटना पड़ा था ताकि संक्रमण आगे न फैले। परिणामस्वरूप क्षेत्र का पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ गया, नमी घट गई और कई स्थानों पर छोटे-छोटे जलस्रोत सूखने लगे थे। अब वही स्थिति फिर से सिर उठाती दिखाई दे रही है। शांति कुटी आश्रम के प्रमुख एवं संत मंडल अमरकंटक के अध्यक्ष रामभूषण दास महाराज ने इस विषय पर गहरी चिंता व्यक्त की है। 

बिना डॉक्टर के चल रहा है स्वास्थ्य केंद्र, चरमराई व्यवस्था, ग्रामीणों के सेहत के साथ खिलवाड़


अनूपपुर

जिले के ग्राम बेलिया बड़ी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) की हालत इन दिनों चिंताजनक बनी हुई है। स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर की लंबे समय से न होने के कारण और कर्मचारियों की लापरवाही ने स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से चरमरा दिया है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि यह स्वास्थ्य केंद्र अब एक 'भूतिया इमारत' बन चुका है, जहाँ न तो डॉक्टर मौजूद हैं और न ही कर्मचारी नियमित रूप से ड्यूटी पर आते हैं। जो कर्मचारी आते भी हैं, वह समय से पहले चले भी जाते हैं वे अधिकांश समय केवल कुछ ही कर्मचारी केंद्र पर मौजूद रहते हैं। इस स्थिति के चलते गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और आपातकालीन मरीजों को इलाज के लिए दूर अनूपपुर कोतमा या अन्य जिलों के अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है, जिससे उनके समय और धन दोनों का नुकसान हो रहा है। इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ को लेकर सुविधाओं को लेकर कई बार लापरवाही देखी गई लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

ग्रामीणों ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य व्यवस्था महज कागजों तक सीमित रह गई है। जमीनी हकीकत यह है कि अस्पताल में न तो डॉक्टर हैं और न ही पर्याप्त कर्मचारी। केंद्र पर मौजूद अधिकांश कर्मचारी गैर-हाजिर रहते हैं, जिससे दवा वितरण और बुनियादी जांच जैसी सुविधाएं भी प्रभावित हो रही हैं। स्थानीय लोगों ने इस समस्या की शिकायत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से कई बार की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उनका कहना है कि शिकायतों के बावजूद न तो डॉक्टर की तैनाती की गई है और न ही कर्मचारियों की अनियमितता पर अंकुश लगाया गया है।     

 *इनका कहना है*                   

अस्पताल में कर्मचारियों के न होने के संबंध में जब हमने बात की तो कहा गया कि मैं अभी गया था तो सभी कर्मचारी थे बाकी कल दिखवा लेता हूं।                        

*के एल दीवान, बीएमओ, कोतमा*

युवती की नौकरी लगवाने के नाम पर साइबर ठगों ने की, 35 हजार की धोखाधड़ी


अनूपपुर

जिले में साईबर ठगी के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं, लगातार लोग धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं, पुलिस भी ज्यादा कुछ नही कर पा रही है। ऐसे ही एक मामला जिले से आया है। जनक नन्दनी उम्र 19 वर्ष पिता थलेश कुमार निवासी ग्राम गोधन थाना तहसील जैतहरी, जिला-अनूपपुर को 25 अक्टूबर 2025 को मोबाइल के व्हाट्सएप नं. 7489345870 पर अज्ञात व्हाट्सएप नं. 7209790489 से भारत एयस्टोलन लिमिटेड में नौकरी ऑफर का मैसेज आया था और चैट के माध्याम से जानकारी लेने चैट से ही आधार कार्ड, पेन कार्ड, अंक सूची अपने व्हाट्एप मे सेंड करने को कहा गया, फिर मोबाइल नम्बर 8292384918 से से पीड़िता के मोबाईल नम्बर पर 7489345870 पर काल कर अपना नाम रमेश बताया और एयरटेल कम्पनी में नौकरी दिलाने के लिए 35 हजार रुपये यह कहकर ले लिया कि नौकरी लगने के बाद पैसा वापस हो जायेगा, तब पीड़िता ने अपने फोन पे 7489345870 उसके द्वारा दिये गये अलग-अलग क्यूआर कोड के माध्यम से पीड़िता ने 35 हजार रुपये भुगतान कर दी तथा दोबारा बात करने पर नौकरी देने से मना करते हुए पैसा वापस करने की बात करने लगा, लेकिन आज तक प्रार्थी का पैसा वापस नहीं किया है। पीड़िता ने थाना जैतहरी में लिखित आवेदन देकर धोखाधड़ी करने वाले पर मामला दर्ज कर धोखाधड़ी से जो 35 हजार अज्ञात व्यक्ति ने ले लिए है, रुपये वापस करवाने की मांग की है।

उप स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम की अनुपस्थिति से स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई, नही हो पा रहा है टीकाकरण


अनूपपुर 

जिले के धुरवासिन उप स्वास्थ्य केंद्र पर लंबे समय से एएनएम की तैनाती नहीं होने से इस महीने में टीकाकरण नहीं हुआ और ग्रामीणों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, केन्द्र के नजदीक होने के बावजूद ग्राम धुरवासिन, कोटमी, खर्राटोला, बैगनटोला और जिगवानी टोला के निवासियों को प्राथमिक इलाज और टीकाकरण जैसी जरूरी सेवाओं के लिए दूर-दराज के अस्पतालों का रुख करना पड़ता है, यह अस्पताल तो केवल नाम का है, बुखार हो या छोटे बच्चे का टीकाकरण हो, लोगो करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परासी या फुनगा जाना पड़ता है, कई बार तो लोग झोलाछाप डॉक्टरों से ही इलाज करा लेते हैं।

सीएचओ अकेले संभाल रहीं पूरे उप स्वास्थ्य केंद्र की जिम्मेदारी, उन्होंने इस समस्या से अवगत कराते हुए जिला चिकित्सा अधिकारी, अनूपपुर को एक लिखित आवेदन दिया था, जिसमें धुरवासिन उप स्वास्थ्य केंद्र पर एक एएनएम की तत्काल तैनाती की मांग की गई थी, इसके बावजूद, अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

ग्रामीणों और स्थानीय प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि वह उप स्वास्थ्य केंद्र धुरवासिन पर एक एएनएम की तत्काल तैनाती सुनिश्चित करे साथ ही, केंद्र में दावा बिजली, पानी और सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त कराया जाए, ताकि नियुक्त कर्मचारी नियमित रूप से अपनी ड्यूटी निभा सके ग्रामीणों का कहना है कि समय रहते अगर उनकी इस मूलभूत समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो आपात स्थिति में किसी बड़े हादसे की आशंका बनी रहेगी।



सड़क नहीं तो विकास नहीं आखिर कोतमा–भालूमाड़ा मार्ग की सुध क्यों नहीं ले रहे मंत्री जी?”

*NH-43 के चौड़ीकरण की चिट्ठी तो जारी, स्थानीय सड़क पर सन्नाटा क्यों? जनता पूछ रही क्या हम नागरिक नहीं?*


अनूपपुर

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल द्वारा केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भेजी गई चिट्ठी में कटनी से मध्यप्रदेश–छत्तीसगढ़ सीमा (सीमा रामनगर–डोला) तक एनएच-43 को दो लेन से चार लेन में अपग्रेड करने की मांग की गई है। पत्र के सार्वजनिक होते ही लोगों में सवाल उठने लगे हैं कि जब मंत्री जी ने इस मार्ग को क्षेत्र की जीवनरेखा बताया है, “तो क्या भालूमाड़ा–कोतमा मार्ग इस जीवनरेखा का हिस्सा नहीं?”

दारसागर–केवई पुल से लेकर कोतमा मुख्य मार्ग तक सड़क की हालत बदहाल है। जहां कभी कोयला खदानों की रौनक थी, अब वहां गड्ढों का जाल, धूल, अतिक्रमण और हादसों का सन्नाटा पसरा है। स्थानीय लोगों के अनुसार  “सड़क पर कहीं डामर है, तो कहीं सिर्फ गड्ढा भारी वाहनों के बोझ से हर मोड़ पर हादसे इंतज़ार करते हैं।”यह वही मार्ग है जो भालूमाड़ा,  दार सागर खूंटा टोला और कोतमा जैसे गांवों और कस्बों को जोड़ता है। जहां  स्कूली बच्चों के अलावा हजारों श्रमिक और युवा हर दिन इसी रास्ते से रोज़ी-रोटी की तलाश में निकलते हैं। “पर सड़क ऐसे टूटी है जैसे विकास की रफ्तार को किसी ने जानबूझकर रोक दिया हो।”

जानकारी के अनुसार, भालूमाड़ा–कोतमा मार्ग MPRDC (मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम) से टू-लेन परियोजना के रूप में स्वीकृत थी, लेकिन कुछ निजी स्वार्थों और स्थानीय दबावों के चलते यह योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई। आज यह मार्ग न तो विभागीय प्राथमिकता में है, न किसी मंत्री की घोषणाओं में। और यही कारण है कि इस मार्ग की हर गाड़ी “झटकों के साथ उम्मीदें भी ढोती है।”  

केंद्रीय मंत्री को भेजे गए पत्र में जहां कटनी से सीमा रामनगर (डोला) तक के उन्नयन की बात कही गई, वहीं भालूमाड़ा–कोतमा मार्ग का नाम तक नहीं लिया गया। अब जनता पूछ रही है, “क्या मंत्री जी  विधायक सांसद प्रशासनिक अधिकारी कोतमा और भालूमाड़ा के लोगों को भूल गए हैं, या यहां के मतदाता अब गिनती में नहीं आते?”

क्षेत्र के व्यापारी, छात्र, मजदूर, किसान और युवा अब एक सुर में कह रहे हैं “हम सड़क नहीं मांग रहे, हम हक़ मांग रहे हैं। सड़क बनेगी तो व्यापार बढ़ेगा, रोज़गार मिलेगा और जीवन आसान होगा।” यह सड़क सिर्फ सुविधा का माध्यम नहीं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।यदि इसे चौड़ीकरण कर जोड़ा जाए तो कोतमा–भालूमाड़ा–खूंटा टोला होते हुए पेंड्रा–बिलासपुर तक आवागमन तेज़, व्यापार सुगम और औद्योगिक अवसरों में गुणात्मक वृद्धि होगी। स्थानीय युवा यहां छोटे-छोटे परिवहन, निर्माण और व्यापारिक स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं।

ACC कंपनी द्वारा आजादी के पहले बनवाई गई यह सड़क अब अतिक्रमण और गड्ढों की चपेट में है। वहीं अब हालात ऐसे हैं कि पैदल चलना भी मुश्किल है। हर दिन हादसे होते हैं, परंतु जिम्मेदार विभाग, स्थानीय निकाय और जनप्रतिनिधि मौन हैं। लोगों का कहना है कि भालूमाड़ा–कोतमा मार्ग को भी एनएच विस्तार योजना में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि यह क्षेत्र भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ सके। “जब देश के हर कोने में एक्सप्रेसवे और फोर लेन सड़कें बन सकती हैं, तो अनूपपुर का यह कोयलांचल क्यों पिछड़ा रहे?”

क्षेत्र के नागरिकों का कहना है  “हम हर चुनाव में भरोसा कर वोट देते हैं, मंत्री–विधायक सांसद बनाते हैं, लेकिन बदले में हमें क्या मिला? टूटी सड़कें, बंद खदानें और बेरोज़गारी। अगर यही विकास है, तो हमें बताइए हमारा हक़ कहाँ गया?” “जब कोई मंत्री सड़क को जीवनरेखा कहे, तो जनता उसे दिल से सुनती है। पर जब उसी सड़क का एक हिस्सा ‘काला पानी’ बन जाए, तो यह केवल सड़क की नहीं, संवेदनहीन राजनीति की भी दरार दिखाता है।” “सड़क नहीं तो विकास नहीं और विकास बिना भालूमाड़ा–कोतमा मार्ग के अधूरा है।”

वर्कशॉप में चोरी की बड़ी वारदात, एसईसीएल प्रबंधन ने थाना ने की कार्रवाई की मांग


अनूपपुर

दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) के जमुना कोतमा क्षेत्र की कोतमा कोलियरी वर्कशॉप में 30 अक्टूबर 2025 की रात चोरी की बड़ी घटना सामने आई है। इस संबंध में क्षेत्रीय सुरक्षा अधिकारी मारकंडेय सिंह द्वारा थाना भालूमाड़ा को लिखित पत्र भेजकर उचित कार्रवाई की मांग की गई है।

मिली जानकारी के अनुसार  रात TSG के कर्मचारी मानसिंह और TSG अधीक्षक यादव के साथ SISF के आरक्षक देवेंद्र यादव की ड्यूटी रात 11 बजे से सुबह 7 बजे तक लगी थी। इसी दौरान लगभग 3 बजे कुछ अज्ञात चोर वर्कशॉप परिसर में चोरी के उद्देश्य से घुसे और एक चोर को सुरक्षा बल ने पकड़ भी लिया।

बताया गया कि पकड़े गए चोर की फोटो भी उपलब्ध कराई गई है, परंतु कुछ देर बाद लगभग 20 से 25 अन्य चोर वहां पहुंचे और अपने साथी को छुड़ाकर फरार हो गए। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसईसीएल के क्षेत्रीय सुरक्षा अधिकारी मारकंडेय सिंह ने थाना भालूमाड़ा को पत्र लिखकर तत्काल जांच और उचित कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

इस घटना से कोलियरी क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय कर्मचारियों और श्रमिक संगठनों ने भी पुलिस प्रशासन से इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।

51 हजार दीपो की रोशनी से जगमगा उठा रामघाट, माँ नर्मदा की हुई महाआरती


अनूपपुर 

जिले में स्थित अमरकंटक के रामघाट पर दीपोत्सव पर्व का आयोजन किया गया। मध्य प्रदेश स्थापना दिवस और देव प्रबोधिनी एकादशी के अवसर पर मां नर्मदा का तट 51 हजार दीपों से जगमगा उठा। इस दौरान प्रदेश के कुटीर और ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने मां नर्मदा की महाआरती की।

इस आयोजन में कलेक्टर हर्षल पंचोली, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अर्चना कुमारी सहित जनप्रतिनिधि और पुजारी भी शामिल हुए। उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मां नर्मदा की महाआरती की।

कार्यक्रम में जबलपुर के मनीष अग्रवाल ने भक्ति गायन प्रस्तुत किया। इस दीपोत्सव में बड़ी संख्या में नागरिकों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने भाग लिया। राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल ने इस अवसर पर उपस्थित संतगणों, पुजारियों को संबोधित किया। उन्होंने दीपदान आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे भव्य आयोजन अमरकंटक में लगातार होते रहने चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ऐसे आयोजनों से अमरकंटक में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

यह दीपोत्सव श्रीरामचन्द्र पथ गमन न्यास, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन अनूपपुर के सहयोग से आयोजित किया गया था। श्रद्धालुओं ने रामघाट को रंगोली, पुष्पमालाओं और रंगीन रोशनी से सजाकर कार्यक्रम को और भी आकर्षक बना दिया था।

डीआरएम ने अरविंद बियानी को किया ट्वीट, नपा सुलभ शौचालय का देगी प्रस्ताव, रेलवे परीक्षण कर करेगा अनुमोदन


अनूपपुर

अनूपपुर जंक्शन स्टेशन पर सुलभ शौचालय को लेकर नगर के जागरूक नागरिक अरविंद बियानी ने रेल मंत्री सहित बिलासपुर रेलवे महाप्रबंधक एवं बिलासपुर रेल प्रबंधक को ट्वीट कर अनूपपुर जंक्शन स्टेशन के रेल परिसर क्षेत्र में यात्रियों के लिए किसी तरह के सुलभ काम्प्लेक्स गेट के बाहर नहीं होने पर ट्वीट किया, जिस पर बिलासपुर के डीआरएम राजमल खोईवाल ने ट्वीट कर कहां है कि स्टेशन परिसर पर न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं के अनुरूप शौचालय उपलब्ध और कार्यशील हैं।स्टेशन के बाहर के क्षेत्र और निकटवर्ती स्थानों पर शौचालय का प्रावधान नहीं है।यदि स्थानीय नगरपालिका सुलभ शौचालय लगाने का प्रस्ताव प्रस्तुत करती है,तो रेलवे उसकी व्यवहार्यता का परीक्षण कर अनुमोदन करेगा।

देखा जा रहा है कि अनूपपुर रेलवे जंक्शन स्टेशन पर आम पब्लिक एवं यात्री जो गेट के बाहर रहते हैं उनके द्वारा जगह-जगह पेशाब कर दिया जाता है और बच्चों आदि को शौच भी करा दिया जाता है।जिससे पूरे क्षेत्र में दुर्गंध ही दुर्गंध फैलती है।कई बार रेलवे सुरक्षा बल द्वारा जुर्माना वसूल भी किया गया।लेकिन उसके बावजूद भी नजर का फायदा उठाकर लोग गंदगी ही गंदगी कर देते हैं।जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

कई बार जिला विकास मंच के संयोजक वासुदेव चटर्जी एडवोकेट एवं भगवा पार्टी के महामंत्री वरुण चटर्जी ने भी इस संबंध में ज्ञापन देकर मांग की थी लेकिन वह मांग आज दिनांक तक पूरी नहीं हुई। जिसको लेकर जागरूक नागरिक अरविंद बियानी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से लेकर बिलासपुर जोन एवं बिलासपुर रेल प्रबंधक को ट्वीट द्वारा जानकारी दी।जिस पर बिलासपुर रेल प्रबंधक ने समाधान कारक जवाब दिया है। 

अब आवश्यकता है कि नगर पालिका अध्यक्ष नगर के नागरिकों एवं नगर में आने वाले यात्रियों के लिए एक सुलभ शौचालय का प्रस्ताव(पे एंड यूज) का बिलासपुर रेल मंडल प्रबंधक को स्टेशन मास्टर अनूपपुर के मार्फत भेजें तो उसके लिए रेलवे द्वारा जगह एलाट की जाएगी और उसके निर्माण हो जाने से निश्चित ही यात्रियों को परेशानियों से मुक्ति मिलेगी एवं स्टेशन परिसर का क्षेत्र भी स्वच्छ एवं साफ रहेगा।

पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर परिक्रमा वासी का कपिलधारा के जंगल में मिला शव


अनूपपुर

मां नर्मदा की पवित्र परिक्रमा के दौरान एक परिक्रमा वासी की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो जाने की खबर से पूरा क्षेत्र शोक और चिंता से व्यथित है। कपिलधारा के घने जंगलों में पंचकोसी कच्चा परिक्रमा मार्ग पर एक व्यक्ति का शव मिला, जिसने श्रद्धालुओं को स्तब्ध कर दिया।

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, शव के पास रखा बैग बंदरों ने फाड़ दिया था और मृतक का सामान चारों ओर बिखरा पड़ा था। पास में मिली पूजा सामग्री, परिक्रमा मार्ग से जुड़ी पुस्तिका और आय-व्यय दर्ज करने वाली नोटबुक उनके तपस्वी जीवन की गवाही दे रही थीं। आधार कार्ड से मृतक की पहचान विधूत बैरा नामक व्यक्ति के रूप में हुई।

सूचना मिलते ही नर्मदा समग्र संस्था के कार्यकर्ता सक्रिय हुए। उन्होंने तत्परता से नगर परिषद अमरकंटक के  मुख्य नगर पालिका अधिकारी चैन सिंह परस्ते को जानकारी दी और प्रशासनिक टीम को जंगल के भीतर तक पहुँचाने में सहयोग किया। उनकी सक्रियता के कारण डिंडोरी जिला के करंजिया थाना से प्रधान आरक्षक जीवनलाल कोल और आरक्षक शिवपाल कौरव शीघ्र मौके पर पहुँचे, जिन्होंने पंचनामा तैयार कर शव को पोस्टमार्टम हेतु करंजिया भेजा। पुलिस ने प्रारंभिक जाँच आरंभ कर दी है और परिजनों की तलाश जारी है।

नर्मदा समग्र के कार्यकर्ताओं ने बताया कि मृतक कई दिनों से कपिलधारा क्षेत्र में अकेले परिक्रमा कर रहे थे। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि नर्मदा परिक्रमा मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ की जाए तथा परिक्रमा वासियों के लिए सहायता केंद्र स्थापित किए जाएं।

नर्सिंग स्टाफ समस्याओं पर कलेक्टर को सौपा ज्ञापन, सामूहिक अवकाश पर जाने की चेतावनी

*एसोसिएशन ने जताया रोष, प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग*


अनुपपुर

जिला चिकित्सालय अनुपपुर के नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन अनूपपुर ने गुरुवार को कलेक्टर हर्षल पंचोली को ज्ञापन सौंपकर नर्सिंग स्टाफ से जुड़ी लंबित समस्याओं और मांगों के शीघ्र निराकरण की मांग की है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं किया गया, तो वे 6 नवम्बर से सामूहिक अवकाश पर जाने को विवश होंगे।

संघ ने अपने ज्ञापन में कहा कि नर्सिंग स्टाफ लंबे समय से विभिन्न प्रशासनिक व विभागीय समस्याओं से जूझ रहा है। कई बार आवेदन और पत्राचार करने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे कार्यस्थल पर असुविधा और असंतोष का माहौल बना हुआ है। संघ ने स्पष्ट किया कि जब तक नर्सिंग कर्मियों की मांगें पूरी नहीं होतीं, वे सामान्य कार्य नहीं करेंगे।

संघ द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन में बताया गया कि नर्सिंग स्टाफ को पदस्थापना में विलंब, विभागीय समन्वय की कमी, आवश्यक संसाधनों की अनुपलब्धता, तथा वेतन और जीपीएफ से जुड़ी अनियमितताओं का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं के कारण अस्पतालों में कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पा रहे हैं और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

संघ ने बताया कि वर्ष 2021 से अब तक कई बार विभागीय स्तर पर पत्राचार किए जाने के बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। विभागीय उदासीनता के कारण संबंधित नर्सिंग अधिकारी को आर्थिक और मानसिक दोनों प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि उनके दस्तावेज और वेतन अभिलेख (जैसे अक्टूबर-नवंबर 2022 के पे-स्लिप) पहले ही विभाग को भेजे जा चुके हैं।

संघ ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि नर्सिंग स्टाफ की लंबित समस्याओं और मांगों का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो जिले के सभी नर्सिंग अधिकारी 6 नवम्बर से सामूहिक अवकाश पर जाने को मजबूर होंगे। संघ ने कहा कि नर्सिंग कर्मी सदैव जनता की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं, लेकिन उनकी समस्याओं की लगातार अनदेखी अब असहनीय होती जा रही है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए सभी लंबित मामलों के शीघ्र निराकरण पर बल दिया है। इस अवसर पर नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष, सचिव, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। संघ ने एक स्वर में कहा कि जब तक नर्सिंग कर्मियों को न्याय नहीं मिलता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

त्रिलोक विजेता रावण स्वयं भू !लोगो से आखिर थका हारा खड़ा है बेसहारा 

*रावण का अहंकार पड़ा फीका, परंपरा व राजनीति का टकराव*


अनूपपुर                  

त्रेता युग का रावण जो त्रिलोक विजयी था, कलयुग में भी कुछ ऐसे अपने आप को क्षेत्र की जनता के सामने बहुत बड़े जनसेवक होने का दावा ठोकते हैं, उनसे भी उम्मीद लगाकर थका हारा खड़ा है बेसहारा ! लाखों के पटाखे लगा कर भी रावण तो जला नहीं लेकिन कुछ लोगों का जमीर जरूर जला।

*रावण का अहंकार पड़ा फीका*                               

अमलाई स्टेडियम में बरसों से चली आ रही पुरातन परंपरा अहंकार का प्रतीक और अधर्म  पर धर्म की विजय की मान्यता के आधार दशहरा उत्सव के रूप में मनाया जाता है लेकिन अब रावण भी स्वयं एक विशेष रणनीतिकार और विद्वान होते हुए भी स्वयंभू लोगों के सामने हारा हुआ आज भी लाखों रुपए के आतिशबाजियों के साथ अपनी अस्थि पंजर को लेकर देख रहा है कौन है जो उसे आग के गोलों से दाग सके 

*स्टेडियम में परंपरा व राजनीति का टकराव*

इस वर्ष रावण दहन के नाम पर लाखों रुपए की आतिशबाजियां हुईं, मगर रावण नहीं जला — हां, कुछ लोगों का ज़मीर ज़रूर जल गया। अहंकार और स्वार्थ की आग ने वर्षों पुरानी परंपरा की गरिमा को फीका कर दिया। दशहरा उत्सव, जो सदियों से अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, अब व्यक्तिगत स्वार्थ और रणनीति का मंच बन गया है।

वहीं दूसरी ओर अमलाई स्टेडियम, जो अनूपपुर जिले में खेल गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है, रावण दहन आयोजन की खींचतान में विवाद का केंद्र बन गया है। क्षेत्र का इकलौता ग्राउंड होने के कारण खेल प्रेमियों को आयोजन बाधित होने से काफी असुविधा झेलनी पड़ रही है।

कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि समाजसेवियों द्वारा क्षेत्र की सड़कों, नालियों और गलियों की सफाई कराई गई, मगर स्टेडियम की सफाई और जिम्मेदारी उठाने वाला कोई नहीं दिखा और हकीकत सबके सामने है। परंपरा और राजनीति के इस टकराव ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर रावण जलता है या परंपरा की आत्मा?

कुएं में गिरे सियार को ग्रामीणों ने निकाला, बॉम्बे टेलर्स का संचालक गिरफ्तार


अनूपपुर

जिले के जैतहरी जनपद की ग्राम पंचायत वेंकटनगर के वार्ड नंबर 1 में एक सियार कुएं में गिर गया। यह घटना सुबह सुरेश सिंह नामक निवासी के कुएं में हुई, जिसके बाद उनके परिवार ने तत्काल वन विभाग को इसकी सूचना दी।

वन विभाग ने संसाधनों की कमी का हवाला देते हुए कुएं में गिरे सियार को निकालने में असमर्थता जताई। इससे बचाव कार्य में बाधा उत्पन्न हुई। सूचना मिलने पर सर्पप्रहरी ऋषिराज सिंह, पुष्पराज और पूनम पाठक मौके पर पहुंचे। उन्होंने रस्सी में लकड़ी बांधकर करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सियार को कुएं से सुरक्षित बाहर निकाला।सियार को बाद में स्वतंत्र विचरण के लिए जंगल में छोड़ दिया गया। इस घटना की जानकारी मिलने पर आसपास के कई ग्रामीण मौके पर जमा हो गए थे।

*बॉम्बे टेलर्स के संचालक गिरफ्तार*

अनूपपुर जिले के कोतमा नगर के वार्ड क्रमांक 2 में स्थित बॉम्बे टेलर्स के संचालक सरफराज को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है। जानकारी के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद सरफराज द्वारा दुकान खोले जाने का मामला प्रकाश में आया था। इस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया था। बताया गया कि न्यायालय की कार्यवाही के दौरान सरफराज द्वारा अदालत का अवमानना किया गया, जिस पर न्यायालय ने उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। 

स्टेशन परिसर के बाहर यात्रियों के लिए नहीं है कोई सुलभ काम्प्लेक्स, खुले में गंदगी से लोग परेशान


अनूपपुर

अमृत भारत एवं गतिमान योजना के तहत अनूपपुर जंक्शन स्टेशन के नवीनीकरण का कार्य नौ दिन चले अढ़ाई कोश की तरह चल रहा है।बड़ी-बड़ी दिवाले खड़ी कर दी गई है।प्लेटफॉर्म ऊंचे कर दिए गए, पैदल पुल की व्यवस्था 4 वर्षों बाद भी आधी अधूरी है। यात्रियों को लंबे पुल से लंबा सफर करना पड़ता है। जिससे वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों, महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

स्टेशन परिसर का इलाका बढ़ा दिया गया लेकिन सामान्य यात्रियों के लिए किसी तरह का सुलभ काम्प्लेक्स का निर्माण नहीं कराया गया।जिससे यात्रियों के साथ ही महिला यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला विकास मंच के संयोजक वासुदेव चटर्जी एडवोकेट ने कई बार रेलवे महाप्रबंधक एवं रेलवे प्रबंधक को पत्र लिखकर मांग की कि अनूपपुर स्टेशन परिसर के बाहर सुलभ काम्प्लेक्स (पे एंड यूज) का निर्माण कर दिया जाए। लेकिन उनके कान में जू तक नहीं रेंग रही हैं। जिससे यात्री काफी परेशान है।

अनूपपुर स्टेशन के बाहर परिसर का क्षेत्रफल बढ़ा दिया गया है।कुछ दिन रेलवे सुरक्षा बल स्टेशन परिसर के अंदर पेशाब करने वालों पर काफी कड़ाई की एवं जुर्माना भी वसूला।लेकिन धीरे-धीरे वह कड़ाई भी बंद हो गई। पूरे परिसर क्षेत्र में लोगों का निकलना भी दुर्भर हो गया। लोग अपने नाक को बंद कर उस क्षेत्र से निकलते हैं। स्टेशन परिसर के बाहर शौचालय की व्यवस्था न होना एक गंभीर समस्या है,जिससे यात्रियों और आस-पास के लोगों को परेशानी और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों का सामना करना पड़ता है।

सुलभ काम्प्लेक्स नहीं होने से कई बार लोग बच्चों को खुले में शौच करा देते हैं और पेशाब करने वालों की बात ही ना करें उन्हें जहां मिला वहां कर के चल दिए। लेकिन उस स्थल से निकालने वालों को नाक बंद कर निकालना पड़ता है इसे देखने वाला कोई नहीं है। रेलवे स्टेशन परिसर में बाहर की दिशा में सुलभ काम्प्लेक्स नहीं होने से लोग मजबूर हैं शौच एवं पेशाब करने के लिए।जिससे परिसर और आस-पास का इलाका बेहद गंदा हो जाता है। स्टेशन के अंदर प्लेटफार्म पर आम नागरिकों के लिए पूर्व में व्यवस्था थी लेकिन वहां भी निर्माण होने के कारण वह भी बंद पड़ा हुआ है।

दम तोड़ रही स्वास्थ्य व्यवस्था, जनता की टूटी उम्मीदे, मंत्री के क्षेत्र में अस्पताल की स्थिति बदहाल

*हाई कोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टरों की नियुक्ति अधर में*


अनूपपुर

जिले के कोतमा विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था की दुर्दशा अब ऐसी स्थिति में पहुंच चुकी है कि जनता ने भी उम्मीद छोड़ दी है। यह वही विधानसभा क्षेत्र है, जहां से मध्य प्रदेश शासन के मंत्री दिलीप जायसवाल विधायक हैं, लेकिन उनके अपने क्षेत्र के लोग आज स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। कोतमा नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) की हालत इतनी जर्जर है कि वहां अब बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के इलाज के लिए डॉक्टर तक नहीं मिल रहे। अस्पताल में मात्र एक-दो चिकित्सक ही उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों की लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं। कई बार डॉक्टर किसी अन्य काम या मीटिंग में चले जाते हैं, तो गांव-गांव से आए मरीज बिना जांच के ही लौट जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल में न तो पर्याप्त डॉक्टर हैं, न ही दवाइयों की उपलब्धता। जांच मशीनें खराब पड़ी हैं, और आपातकालीन सेवा भी केवल नाम मात्र की रह गई है।

जनहित याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शासन को आदेश दिया था कि कोतमा जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में शिशु विशेषज्ञ (पेडियाट्रिशियन) एवं एमडी डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए। शासन ने आदेश तो जारी किया, लेकिन जॉइनिंग आज तक नहीं कराई गई। सूत्रों के अनुसार, “कोर्ट आफ क्वांटम” के डर से शासन ने केवल कागज़ों पर नियुक्तियां दिखाई हैं, जबकि जमीनी स्तर पर आज तक कोई डॉक्टर नहीं पहुंचा।

सरकार और विभाग द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं  नए भवन, पेंटिंग, बोर्ड, और उद्घाटन कार्यक्रमों की झलक तो हर महीने दिख जाती है, लेकिन मरीजों की सुविधा पर ध्यान नहीं दिया जाता। सामान्य चिकित्सक तक नियमित रूप से उपलब्ध नहीं हैं, जिससे गंभीर बीमारियों के मरीजों को अनूपपुर या शहडोल जैसे दूरस्थ अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। कई बार रास्ते में ही मरीज दम तोड़ देते हैं।

कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इस क्षेत्र का एकमात्र प्रमुख सरकारी अस्पताल है, जो दर्जनों गांवों और हजारों आदिवासी परिवारों के स्वास्थ्य का सहारा है। लेकिन जब यह केंद्र ही खुद बीमार हो चुका है, तो आम जनता का भरोसा प्रशासन पर से उठना स्वाभाविक है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मांग की गई, लेकिन न तो डॉक्टर बढ़े, न ही सुविधाएं सुधरीं। अब लोगों का कहना है कि “सरकारी अस्पताल अब बस दिखाने के लिए है, इलाज के लिए नहीं। क्या मंत्री दिलीप जायसवाल अपने ही क्षेत्र की जनता की दर्द भरी आवाज़ सुनेंगे? क्या शासन कोर्ट के आदेशों का पालन कर जमीनी स्तर पर डॉक्टरों की तैनाती करेगा या फिर कोतमा की जनता यूं ही बिना इलाज के दर्द सहती रहेगी।फिलहाल, कोतमा की स्वास्थ्य व्यवस्था “जीवन रक्षक” नहीं, बल्कि “जीवन संकट” बन चुकी है और जनता अब यही कह रही है यहां इलाज नहीं, बस इंतज़ार है कब कोई सुध लेगा।

भगवान सहस्त्रबाहु पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर एसपी को सौपा ज्ञापन


अनूपपुर

राजराजेश्वर भगवान सहस्त्रबाहु पर आपत्तिजनक टिप्पणी फेसबुक सोशल मीडिया के माध्यम से भिंड निवासी विवेक पचौरी के द्वारा आप शब्दों का प्रयोग करते हुए डाला गया था, जिससे भारत नहीं मध्य प्रदेश में पूरे कलचुरी समाज, ताम्रकार समाज आहत हुई है जिसको लेकर  वरिष्ठ उपाध्यक्ष मध्य प्रदेश कलचुरी समाज के नेतृत्व में कलचुरी समाज  जिला इकाई अनूपपुर के द्वारा पुलिस अधीक्षक अनूपपुर को सौंपते हुए बताया कि विवेक पचौरी नामक व्यक्ति जो सोशल मीडिया भगवान सहस्त्रबाहु को अभद्रता पूर्वक अशोभनीय  शब्दों का प्रयोग किया गया है, जिससे संपूर्ण कलचुरी समाज के आस्था को ठेस पहुंचाया गया है, जो निंदनीय है, जिसे हम कलचुरी समाज निंदा करते हैं, और विवेक पचौरी के खिलाफ दंडात्मक एवं कानूनी कार्यवाही की मांग करते हैं। जिला अनूपपुर कलचुरी इकाई के अध्यक्ष ज्ञानचंद जायसवाल, रामकिशोर जायसवाल एडवोकेट, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयदीप जायसवाल, भोला जायसवाल, प्रभाकर जयसवाल, आशा जायसवाल, राम सफल जायसवाल, कौशल जैसवाल, हरमोहन जायसवाल, कृष्ण कुमार जायसवाल, अनिल जायसवाल, मुकेश जायसवाल एवं कई सामाजिक बंधु गण उपस्थित होकर कड़ी कार्रवाई की मांग किए।

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित, छठ महापर्व का समापन, कोटि तीर्थ पर आस्था, भक्ति व अध्यात्म का अनुपम संगम


अनूपपुर

माँ नर्मदा की पवित्र गोद में अवस्थित अमरकंटक की तपोभूमि आज प्रभात बेला में एक अद्भुत आध्यात्मिक दृश्य की साक्षी बनी। सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा का समापन आज प्रातःकाल उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर हुआ। भोर की सुनहरी किरणें जैसे ही नर्मदा तट पर बिखरीं, रामघाट और कोटि तीर्थ घाट श्रद्धा, भक्ति और सौंदर्य से आलोकित हो उठे। तड़के से ही सजी-धजी महिलाएँ पारंपरिक वेशभूषा में, सिर पर डाला लिए, परिवारजनों के साथ घाटों की ओर प्रस्थान करने लगीं।

नर्मदा के पावन जल में खड़ी होकर व्रती माताओं-बहनों ने सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया और परिवार की सुख-समृद्धि, आरोग्यता तथा लोककल्याण की कामना की। पंडित सुरेश द्विवेदी ‘छोटे महाराज’ ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन, अर्चन और हवन संपन्न कराया। जैसे ही सूर्यदेव की प्रथम किरण नर्मदा जल में प्रतिबिंबित हुई, पूरा घाट “छठी मईया की जय!” के गगनभेदी जयघोष से गुंजायमान हो उठा। “उग हे सूरज देव भइल भोर भइले...” और “केलवा जरे के बरनिया हो...” जैसे पारंपरिक लोकगीतों की मधुर ध्वनि और मंजीरों की झंकार से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।

नर्मदा जल में प्रवाहित दीपों की कतारें मानो प्रकाश की स्वर्गीय नदी बनकर बह रही थीं। श्रद्धालु हाथ जोड़कर, प्रणाम मुद्रा में सूर्यदेव से आरोग्य, समृद्धि और कल्याण की याचना कर रहे थे। कोई मौन ध्यान में लीन था, तो कोई हर्षाश्रु से भिगा हुआ — दृश्य अत्यंत भावविभोर कर देने वाला था।

चार दिवसीय छठ व्रत नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और प्रभात अर्घ्य के समापन के साथ आज व्रती महिलाओं ने प्रसाद ग्रहण किया। व्रत की इस साधना में शुद्धता, संयम और आत्मानुशासन का अनोखा उदाहरण देखने को मिला। पूरे क्षेत्र में लोकगीतों, मंगलगान और प्रसाद वितरण के साथ हर्ष, उल्लास और भक्ति का वातावरण छा गया।

कर्मचारी पर लगा 4500 रुपये का जुर्माना, प्रताड़ना के बाद की आत्महत्या, आरोपी गिरफ्तार 


अनूपपुर

जिला स्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में आयोजित किया गया। कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली ने 60 आवेदनों पर जनसुनवाई करते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी जनसुनवाई में प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए समस्याओं को प्राथमिकता में रखते हुए निराकरण समय-सीमा में करना सुनिश्चित करें। सभी तहसीलों के तहसीलदारों एवं विभिन्न विभागों के जिला अधिकारीगणों ने भी आवेदकों की समस्याएं सुनी।  

जनसुनवाई में तहसील जैतहरी के ग्राम चोलना निवासी आवेदक शंकर केवट मकान क्षति होने पर क्षतिपूर्ति राशि दिलाए जाने के संबंध में शिकायत लेकर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत हुए। कलेक्टर ने आवेदक की शिकायत को तत्काल संज्ञान में लेते हुए शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर संबंधित शासकीय सेवक कमलेश परस्ते पर 4 हजार 500 रुपये की शास्ति अधिरोपित कर शास्ति की राशि प्रतिकर के रूप में संबंधित आवेदक को उपलब्ध कराया।   

जनसुनवाई में जनपद पंचायत अनूपपुर (बदरा) के ग्राम बम्हनी निवासी ललन पटेल ने वृद्धावस्था पेंशन दिलाए जाने, तहसील पुष्पराजगढ़ के ग्राम किरगी निवासी श्यामा साहू ने घर के आंगन में स्थापित विद्युत पोल को हटवाए जाने, तहसील जैतहरी के ग्राम गुवारी निवासी परसादी लाल गोंड़ ने बांध के पानी से फसल नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति राशि दिलाए जाने, तहसील पुष्पराजगढ़ के ग्राम पंचायत रौसरखार निवासी बुद्धराम बैगा ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाए जाने, तहसील कोतमा के ग्राम कुहका निवासी चरकू पनिका ने एसईसीएल द्वारा भूमि अधिग्रहीत किए जाने पर रोजगार दिलवाए जाने, तहसील पुष्पराजगढ़ के ग्राम पंचायत रनईकापा निवासी रामचरण ने भूमि का नक्शा प्रदाय करने तथा अन्य आवेदकों ने लाडली बहना योजना का लाभ दिलाए जाने एवं हाथी द्वारा घर की क्षति होने पर मुआवजा राशि दिलाए जाने के संबंध में आवेदन दिए।

*फरार आरोपी गिरफ्तार*


अनूपपुर जिले के थाना प्रभारी कोतमा के पुलिस टीम के नेतृत्व में धारा 108, 3(5) बीएनएस के फरार आरोपी अरविन्द कुमार त्रिपाठी पिता रामलखन त्रिपाठी निवासी ग्राम छुल्हा  को कोतमा पुलिस द्वारा  गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया  ।

23 अगस्त 2025 को बहोरीलाल साहू पिता छोटेलाल साहू निवासी ग्राम छुल्हा थाना कोतमा के द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था । जिस पर थाना कोतमा में मर्ग कायम कर जांच में लिया गया, मर्ग जांच दौरान साक्षियों एवं परिजनो से पूछतांछ पर पाया गया की गांव  के रामलखन त्रिपाठी एवं उसके लडके राजेन्द्र त्रिपाठी, अरविन्द  त्रिपाठी एवं मृतक अपनी स्वयं की पत्नी की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या किया है। मर्ग जांच पर उक्त आरोपियों के खिलाफ धारा 108,3(5) बीएनएस का अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया था  । दौरान विवेचना 02 आरोपी  राजेन्द्र त्रिपाठी  एवं गीता साहू की गिरफ्तारी पूर्व में की जा चुकी है। आरोपी अरविन्द त्रिपाठी  पिता रामलखन त्रिपाठी निवासी ग्राम छुल्हा का घटना दिनांक से निरन्तर फरार चल रहा था , जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे थे। आरोपी अरविन्द त्रिपाठी को कोतमा पुलिस द्वारा आज दबिश देकर गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया हैं।    

प्रलेस की बैठक संपन्न, नवंबर में होगा पुस्तक का विमोचन 


अनूपपुर

विगत दिवस प्रलेस अनूपपुर की बैठक, प्रलेस अध्यक्ष गिरीश पटेल के निवास पर संपन्न हुई,इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि प्रलेस का जिला सम्मेलन नवम्बर माह में आयोजित किया जाएगा और इसी कार्यक्रम में प्रलेस अनूपपुर की बहुप्रतीक्षित पुस्तक “गूँज प्रलेस की” का विमोचन भी किया जाएगा। जिला सम्मेलन में अनूपपुर और कोतमा की प्रलेस इकाईयां तो शामिल होंगी ही, साथ ही शहडोल इकाई के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे। यह कार्यक्रम नवंबर माह की किस तारीख़ को होगा,इसका निर्णय ४ नवंबर की मीटिंग में तय किया जाएगा।मीटिंग के दौरान ही गिरीश पटेल ने अपनी पुस्तक “…तब मैं कविता लिखता हूँ”, प्रलेस के साथियों को भेंट की। इस बैठक में रामनारायण पाण्डेय, पी एस राउत राय, देवव्रत कर, बालगंगाधर सेंगर, मीना सिंह,डॉक्टर असीम मुखर्जी,एडवोकेट संतोष सोनी,रावेंद्रकुमार सिंह भदौरिया, अल्का पटेल, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष पल्लविका पटेल और गिरीश पटेल शामिल हुए।

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