ऑनलाइन धोखाधड़ी के 2 आरोपी हरियाणा पुलिस ने किया गिरफ्तार


अनूपपुर 

जिले के थाना कोतमा में हरियाणा की रेवाड़ी जिले की पुलिस ने छापा मारते हुए लाखों रुपये के ऑनलाइन धोखाधड़ी की दो अरोपियों को पुलिस अपने साथ ले गई हैं। बताया जाता है कि हरियाणा की रेवाड़ी जिले के साइबर थाना अंतर्गत लाखों रुपये की ठगी ऑनलाइन माध्यम से की गई थी।

मामले की साइबर एवं वैज्ञानिक पद्धति से जांच करते हुए रेवाडी पुलिस कोतमा थाना पहुंची और स्थानीय पुलिस के सहयोग से 21 वर्षीय मोहम्मद इमरान निवासी बनियाटोला एवं आदिल निवासी इस्लामगंज को दबोचते हुए अपने साथ ले गई। कोतमा थाना प्रभारी रत्नांबर शुक्ल ने मंगलवार को इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि हरियाणा राज्य से पुलिस आई थी जिन्हें कई दिनों से धोखाधड़ी मामले में कोतमा के 2 युवकों तलास थी, पुलिस तलाश करते हुए कोतमा पहुंची और दोनो अरोपियों गिरफ्तार कर अपने  साथ ले गए।

प्रकरण का निराकरण नही करने पर मत्स्य विभाग पर कलेक्टर ने लगाया 5 हजार का जुर्माना


अनूपपुर

जिला स्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में आयोजित किया गया। कलेक्टर हर्षल पंचोली ने 41 आवेदनों पर जनसुनवाई करते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी जनसुनवाई में प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए समस्याओं को प्राथमिकता में रखते हुए निराकरण समय-सीमा में करना सुनिश्चित करें। जनसुनवाई में अपर कलेक्टर एवं विभिन्न विभागों के जिला अधिकारीगणों ने भी आवेदकों की समस्याएं सुनी। 

जनसुनवाई में विकासखण्ड जैतहरी के ग्राम अचलपुर निवासी आवेदक गुलजारी लाल माझी शासकीय तालाब में मत्स्य पालन हेतु पट्टा दिलाए जाने के संबंध में शिकायत लेकर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत हुए। कलेक्टर ने आवेदक की शिकायत को तत्काल संज्ञान में लेते हुए शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग पर 5 हजार रुपये की शास्ति अधिरोपित कर शास्ति की राशि प्रतिकर के रूप में संबंधित आवेदक को उपलब्ध कराया।      

जनसुनवाई में वार्ड नं. 08 कोतमा निवासी मुन्नी बाई केवट ने अनुकम्पा नियुक्ति दिलाए जाने, तहसील अनूपपुर के ग्राम पिपरिया निवासी गिरजा प्रसाद पटेल ने भूमि के नक्शे में सुधार कराए जाने तथा अन्य आवेदकों ने भूमि का सीमांकन एवं बटांकन कराए जाने, समग्र आईडी में सुधार कराए जाने, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाए जाने आदि के संबंध में आवेदन दिए।

कृषि उपज मंडी में 7 वर्षों से चौकीदार-चपरासी के पद खाली, अव्यवस्था और असुरक्षा से किसान परेशान


अनूपपुर

कृषि प्रधान क्षेत्र की कृषि उपज मंडी में पिछले 7 वर्षों से चौकीदार एवं चपरासी के पद खाली पड़े होने के कारण मंडी परिसर में अव्यवस्था, गंदगी और सुरक्षा संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। किसानों का कहना है कि मंडी कार्यालय एवं प्रांगण की देखरेख के लिए आवश्यक कर्मचारी न होने से स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है।

जानकारी के अनुसार, कृषि उपज मंडी कार्यालय में लंबे समय से चौकीदार और चपरासी नियुक्त न होने के कारण न तो परिसर की नियमित सफाई हो पा रही है और न ही कार्यालय में आवश्यक कार्य समय पर पूरे हो पा रहे हैं। मंडी के चारों ओर गंदगी का ढेर दिखाई देता है, जिससे आने-जाने वाले किसानों व व्यापारियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय किसानों ने बताया कि कृषि उपज मंडी लगभग 5 एकड़ भूमि पर फैली हुई है, जिसमें करोड़ों रुपए की संपत्ति दर्ज है। इसके बावजूद इतने बड़े परिसर की सुरक्षा के लिए आज तक एक भी चौकीदार की नियुक्ति नहीं की गई है। किसानों का कहना है कि यह लापरवाही किसी बड़ी घटना को जन्म दे सकती है, परंतु प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

किसानों ने अधिकारियों को अवगत कराया कि 7 वर्षों से मंडी में न तो चपरासी का पद भरा गया और न ही चौकीदार का। इसके चलते मंडी प्रांगण में आने वाले किसानों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है। वहीं, सुरक्षा प्रबंध न होने के कारण किसान असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

किसान प्रतिनिधियों ने मांग की है कि शीघ्र ही कृषि उपज मंडी में चौकीदार एवं चपरासी के पदों पर नियुक्ति की जाए, ताकि मंडी व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो सके और किसानों को सुरक्षित व स्वच्छ वातावरण मिल सके।

“बोनफिस” का ज़हर, युवाओं के भविष्य पर मंडरा रहा खतरा, पुस्तक भंडार से चल रहा नशे का कारोबार


अनूपपुर

जिले के भालूमाड़ा क्षेत्र में युवाओं के बीच एक नए और खतरनाक नशे “बोनफिस सॉल्यूशन” की लत तेजी से फैल रही है। शाम ढलते ही क्लबों के पीछे जुटने वाले युवा इस नशे को कपड़ों में डालकर सूंघते हैं और धीरे-धीरे नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं। प्रशासन और समाजसेवी संगठनों की चुप्पी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।

सूत्रों के अनुसार, भालूमाड़ा के एक पुस्तक भंडार में “बोनफिस सॉल्यूशन” की खाली ट्यूबें खुलकर बेची जा रही हैं। अधिक मुनाफे के लालच में संचालक बिना रोक-टोक युवाओं को यह खतरनाक सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं। प्रतिदिन बड़ी संख्या में सॉल्यूशन की ट्यूबें बिक रही हैं, जिन्हें क्लब के पीछे जाकर नशा करने के लिए उपयोग किया जा रहा है।

क्लब के पीछे की जगह अब नशेड़ियों का ठिकाना बन चुकी है। फटे पैकेट, कपड़ों के टुकड़े और सॉल्यूशन की खाली ट्यूबें जगह-जगह बिखरी रहती हैं, जो वहां हो रही गतिविधियों की सच्चाई बयान करती हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन को शिकायत की, लेकिन न तो पुलिस द्वारा कोई सख्त कार्रवाई की गई और न ही सामाजिक संगठनों ने कोई ठोस पहल की। स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया पर इस घटना को खूब वायरल कर रहा है।

डॉक्टरों के अनुसार, “बोनफिस सॉल्यूशन” सूंघना दिमाग, फेफड़ों और मानसिक संतुलन पर गहरा दुष्प्रभाव डालता है। लगातार सेवन से याददाश्त कमजोर होने के साथ जान तक जाने का खतरा रहता है।क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि हैं कि पुस्तक भंडार की सीसीटीवी फुटेज जब्त कर जांच की जाए। क्लब क्षेत्र में पुलिस गश्त बढ़ाई जाए। नशा मुक्ति अभियान चलाकर युवाओं को जागरूक किया जाए। भालूमाड़ा की गलियों में “बोनफिस सॉल्यूशन” युवाओं के सपनों को निगल रहा है। यदि समय रहते कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो यह नशा पूरे क्षेत्र की युवा पीढ़ी को बर्बादी की ओर धकेल देगा।

एसआईआर कार्य से पढ़ाई हों रहा प्रभावित, 3 माह बाद वार्षिक परीक्षा होगी शुरू


अनूपपुर

शासकीय विद्यालयों के शिक्षकों को इन दिनों एसआईआर (Social Impact Report / सर्वे आधारित कार्य) में व्यस्त रखा जा रहा है, जिसके कारण विद्यालयों में नियमित शिक्षण कार्य गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। उल्लेखनीय है कि मात्र दो माह बाद वार्षिक परीक्षाएँ आयोजित की जानी हैं, परंतु पढ़ाई के अभाव में छात्र–छात्राओं का कोर्स पूरा नहीं हो पा रहा है।

जानकारी के अनुसार पिछले कई दिनों से सभी सरकारी शिक्षकों को विभिन्न प्रशासनिक एवं सर्वेक्षण कार्यों में लगाया गया है। परिणामस्वरूप विद्यालयों में बच्चों की कक्षाएँ नियमित रूप से संचालित नहीं हो पा रही हैं। इससे अभिभावकों में चिंता का माहौल है, क्योंकि वार्षिक परीक्षा निकट है और छात्रों की तैयारी अधूरी है।अभिभावकों का कहना है कि “विद्यालयों में पढ़ाई बंद जैसी स्थिति है, जबकि परीक्षा सिर पर है। सरकार को एसआईआर जैसे कार्यों के लिए अलग व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो।”

इधर शिक्षकों का भी कहना है कि वे शिक्षा कार्य को प्राथमिकता देना चाहते हैं, लेकिन अत्यधिक अतिरिक्त कार्यभार के कारण समय निकालना संभव नहीं हो पा रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मामले पर विचार किया जा रहा है और जल्द ही उचित व्यवस्था कर पढ़ाई सुचारू करवाई जाएगी। फिलहाल विद्यार्थियों और अभिभावकों को वार्षिक परीक्षा को लेकर बड़ी चिंता का सामना करना पड़ रहा है।

खेत तालाब निर्माण में श्रेष्ठ कार्य करने पर मिला प्रदेश स्तरीय प्रथम पुरस्कार

*जिला सीईओ, जनपद सीईओ, ईई व सहायक यंत्री सम्मानित*


अनूपपुर

जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत खेत तालाब निर्माण में प्रदेश में श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिले एवं जनपद श्रेणी में अनूपपुर जिले तथा जिले की पुष्पराजगढ़ जनपद ने प्रदेश में प्रथम स्थान अर्जित कर उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि प्रदेश में चार या कम जनपद वाले जिलों में प्रथम तथा इसी तरह 70 या उससे कम ग्राम पंचायत वाली जनपद श्रेणी में जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ को प्रथम पुरस्कार के लिए चयनित होने पर यह सम्मान प्राप्त हुआ है। इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रदेश स्तरीय सम्मान समारोह कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर भोपाल में आयोजित किया गया। 

प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने पुरस्कार समारोह में प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर अनूपपुर जिला पंचायत के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा वर्तमान अपर आयुक्त नगर निगम भोपाल तन्मय वशिष्ठ शर्मा, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अनूपपुर संभाग के कार्यपालन यंत्री अमर साय तथा प्रदेश स्तर पर प्रथम स्थान अर्जित करने वाली जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गणेश पाण्डेय व सहायक यंत्री प्रवेश गौतम को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया है।  

जल गंगा संवर्धन अभियान अवधि में जिलों द्वारा लक्ष्य के विरुद्ध उपलब्धि के आधार पर जिलों की रैंकिंग नियमित रूप से ऑनलाइन डैशबोर्ड के माध्यम से 30 जून 2025 अभियान समापन के आधार पर पुरस्कारों का चयन किया गया। कलेक्टर हर्षल पंचोली ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा है कि भविष्य में भी ग्रामीण विकास की योजनाओं में टीम श्रेष्ठ प्रदर्शन कर उपलब्धि हासिल करेगी।

केंद्रीय प्रभारी हरीश चौधरी ने जाना वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार त्रिपाठी का हाल, संगठन मज़बूती पर बनी रणनीति


अनूपपुर

मध्यप्रदेश कांग्रेस के केंद्रीय प्रभारी हरीश चौधरी ने अपने अनूपपुर प्रवास के दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष एवं पूर्व प्रदेश सचिव पंडित प्रेम कुमार त्रिपाठी से उनके नगर स्थित निवास पर भेंट कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। हरीश चौधरी का यह सौजन्य मुलाक़ात केवल कुशलक्षेम पूछने तक सीमित नहीं रही बल्कि जिले में कांग्रेस संगठन को नए सिरे से और अधिक मज़बूत बनाने को लेकर हुई महत्वपूर्ण राजनीतिक चर्चा इसका मुख्य केंद्र रही।

इस दौरान हरीश चौधरी ने त्रिपाठी


से कांग्रेस की वर्तमान परिस्थितियों, संगठन की स्थानीय वास्तविकताओं तथा आगामी दिनों की रणनीतियों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया। बैठक में जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्याम गुड्डू चौहान, पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को, कोतमा के पूर्व विधायक सुनील सराफ, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष रमेश सिंह, पिछड़ा वर्ग के जिला अध्यक्ष राजन राठौड़ तथा वार्ड क्रमांक 3 के पार्षद रियाज़ अहमद भी उपस्थित रहे।

केंद्रीय प्रभारी हरीश चौधरी का स्वागत कांग्रेस नेता आशीष त्रिपाठी एवं उनकी पुत्र वधू वार्ड क्रमांक 7 की पार्षद डॉ. प्रवीण आशीष त्रिपाठी ने तिलक लगाकर किया। त्रिपाठी परिवार ने हरीश चौधरी के संघर्षों एवं प्रयासों को सफल परिणति मिलने हेतु ईश्वर से प्रार्थना भी की। चर्चा के दौरान कांग्रेस नेताओं ने पंडित त्रिपाठी जी से मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए जिले में संगठन को सुदृढ़ बनाने के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प व्यक्त किया। हरीश चौधरी ने भी त्रिपाठी जी से जिला कांग्रेस कमेटी को समय-समय पर दिशा-निर्देश प्रदान करते रहने का अनुरोध किया।

करोड़ों मज़दूरों-कर्मचारियों पर क़हर बरपाने वाले 04 खतरनाक लेबर कोड को मोदी सरकार ने किया लागू

*मज़दूर वर्ग को ग़ुलामी जैसे हालात में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा*


अनूपपुर

भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी मध्य प्रदेश के सहायक सचिव कामरेड विजेंद्र सोनी एडवोकेट ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि देश के करोड़ों मेहनतकशों की बदहाल ज़िन्दगी को और भी तबाह करने वाले चार ख़तरनाक क़ानून यानी चार लेबर कोड को बीते 21 नवम्बर को मोदी सरकार सरकार ने लागू कर दिया है। इन चार लेबर कोड के लागू होने के बाद मज़दूरों के बचे-खुचे अधिकारों को भी छीन लिया गया है, जिन्हें लम्बे  संघर्ष के बाद हासिल किया गया था, ताकि पूँजीपति वर्ग मनमाने तरीक़े से मज़दूरों की हड्डी-हड्डी निचोड़ सकें। यही कारण है कि चुनाव में हज़ारों-करोड़ का ख़र्च उठा कर अम्बानी-अडानी आदि ने मोदी को तीसरी बार सत्ता में पहुँचाया है ताकि मुनाफ़े के रास्ते में आने वाले हर रूकावट को पूरी तरह से हटाया जा सके और मोदी सरकार इस काम को बखूबी अंजाम दे रही है। ज्ञात हो कि मोदी सरकार ने 2019 और सितम्बर 2020 में ही इन क़ानूनों को संसद में पारित किया था, जब जनता कोरोना और मोदी सरकार द्वारा अनियोजित रूप से थोपे गये लॉकडाउन की मार झेल रही थी। संसद में पारित होने के बाद से ही मोदी सरकार इसे लागू करने के लिए उतावली थी, जिससे देश में 60 करोड़ मज़दूरों-मेहनतकशों की लूट को बेहिसाब बढ़ाया जा सके, उनके यूनियन बनाने के अधिकार यानी उनके सामूहिक मोलभाव की क्षमता को कमज़ोर कर सके और उनके संघर्ष को कुचला जा सके। मोदी सरकार के इस क़ानून को लागू करने के लिए तमाम राज्य सरकारों की भी सहमति है। गुजरात, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में चार लेबर कोड को लागू करने के प्रयोग पहले ही किये जा चुके हैं, जहाँ श्रम क़ानूनों को निष्प्रभावी बनाया जा चुका है। 

ये चार लेबर कोड हैं: मज़दूरी संहिता, व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यस्थल स्थिति संहिता, सामाजिक सुरक्षा व पेशागत सुरक्षा संहिता, औद्योगिक सम्बन्ध संहिता। पहली, 'मज़दूरी श्रम संहिता' के अनुसार मालिक को मज़दूर को न्यूनतम मज़दूरी देने से बचने के तमाम रास्ते दिये गये हैं। यह 8 घण्टे से ज़्यादा काम करवाने के क़ानूनी रास्ते खोलती है और वह भी ओवरटाइम मज़दूरी के भुगतान के बिना। 

दूसरी, 'व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यस्थल स्थिति संहिता’ में तो असंगठित मज़दूरों को कोई जगह ही नहीं दी गयी है। केवल 10 से ज़्यादा मज़दूरों को काम पर रखने वाले कारख़ानों पर ही यह लागू होगा, यानी मज़दूरों की बहुत बड़ी आबादी इस क़ानून के दायरे से बाहर होगी। ये संहिताएँ मालिकों को इस बात का मौक़ा देती हैं कि वह अपने मज़दूरों को मानवीय कार्यस्थितियाँ मुहैया न कराये।

तीसरी, 'सामाजिक सुरक्षा व पेशागत सुरक्षा संहिता' के अनुसार ईएसआई, पीएफ़, ग्रैच्युटी, पेंशन, मातृत्व लाभ व अन्य सभी लाभ मज़दूरों को बाध्यताकारी तौर पर देना सरकार व मालिकों की ज़िम्मेदारी नहीं होगी बल्कि यह केन्द्रीय सरकार व राज्य सरकारों द्वारा जारी किये जाने वाले नोटिफिकेशनों पर निर्भर करेगा। 

चौथी, 'औद्योगिक सम्बन्ध संहिता' ने रोज़गार की सुरक्षा के प्रति मालिक की सारी क़ानूनी ज़िम्मेदारी को ख़त्म करने का रास्ता खोल दिया है; जब चाहे मज़दूरों को काम पर रखो और जब चाहे उन्हें निकाल बाहर करो! साथ ही जिन कारख़ानों में 300 तक मज़दूर हैं, उन्हें लेऑफ़ या छँटनी करने के लिए सरकार की इजाज़त लेने की अब ज़रूरत नहीं होगी (पहले यह संख्या 100 थी)। मैनेजमेंट को 60 दिन का नोटिस दिये बिना मज़दूर हड़ताल पर नहीं जा सकते हैं। ठेका प्रथा को पूरी तरह से क़ानूनी जामा पहना दिया गया है। 

कुल मिलाकर कहें तो, इन श्रम संहिताओं के लागू होने के बाद मज़दूर वर्ग को ग़ुलामी जैसे हालात में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। 90 फ़ीसदी अनौपचारिक मज़दूरों के जीवन व काम के हालात अब और नारकीय हो जायेंगे। पुराने श्रम क़ानून लागू नहीं किये जाते थे, लेकिन कहीं पर अनौपचारिक व औपचारिक, संगठित व असंगठित दोनों ही प्रकार के मज़दूर अगर संगठित होते थे, तो वे लेबर कोर्ट का रुख़ करते थे और कुछ मसलों में आन्दोलन की शक्ति के आधार पर क़ानूनी लड़ाई जीत भी लेते थे। लेकिन अब वे क़ानून ही समाप्त हो चुके हैं और नयी श्रम संहिताओं में वे अधिकार मज़दूरों को हासिल ही नहीं हैं, जो पहले औपचारिक तौर पर हासिल थे। इन चार श्रम संहिताओं का अर्थ है मालिकों और कॉरपोरेट घरानों यानी बड़े पूँजीपति वर्ग को मज़दूरों का भयंकर शोषण करने की खुली छूट देना। मालिकों का वर्ग इस बात के लिये अब पूरी तरह आज़ाद होगा कि वह मज़दूरों को बिना जीवनयापन योग्य मज़दूरी दिये, सामाजिक सुरक्षा और गरिमामय कार्यस्थितियाँ दिये बग़ैर ही काम कराए।

नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आते ही “कारोबार की आसानी” के नाम पर पूँजीपतियों को मज़दूरों की श्रम-शक्ति लूटने की खुली छूट देने का ऐलान कर दिया था ताकि आर्थिक मन्दी की मार से कराहते पूँजीपति वर्ग के मुनाफ़े को बचाया जा सके। कहने के लिए तो श्रम क़ानूनों को "तर्कसंगत और सरल" बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा है लेकिन इसका एक ही मक़सद है, देशी-विदेशी कम्पनियों के लिए मज़दूरों के श्रम को सस्ती से सस्ती दरों पर और मनमानी शर्तों पर निचोड़ना व उनके शोषण को आसान बनाना। 

कम रेट विजेंद्र सोनी एडवोकेट ने आगे कहा है कि मजदूरों को अपने हितों की रक्षा के लिए संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए  और मोदी सरकार को इन श्रम संहिताओं को वापस लेने के लिए मजबूर करने के लिए  राजनीतिक पहल के लिए राजनीतिक आन्दोलन को मजबूत करने के लिए अपनी भूमिका को तय करना चाहिए, आज ज़रूरत है के मज़दूर ख़ुद  इस काले क़ानून के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं और सरकार पर यह दवाब डालें कि वह मज़दूर वर्ग पर किये गये इस फ़ासीवादी हमले  को बंद करे।

मजदूरों को अपनी ताक़त पर भरोसा करना होगा और इस बात को भी समझना होगा कि ये हालात हमें एक मौक़ा दे रहे हैं कि हम अपनी स्वतन्त्र चेतना के साथ मजदूर विरोधी सत्ता के खिलाफ एक राजनीतिक आन्दोलन संगठित करें।

हितग्राहियों को दिया जा रहा है मिलावटी राशन


अनूपपुर

जिले के कोतमा जनपद पंचायत कोतमा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बेलगांव में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप सामने आए हैं। ग्राम के हितग्राहियों, जिनमें सरोज यादव ने राशन डीलर (कोटेदार) पर चावल में नमक मिलाकर घोटाला करने का आरोप लगाया है।

मुख्य आरोप हितग्राहियों का कहना है कि 20 किलो के राशन में से 2 किलो तक नमक निकल रहा है राशन डीलर द्वारा चावल के साथ मिलावट करके हितग्राहियों को उनका राशन दिया जा रहा है। 

सरोज यादव के साथ-साथ गांव के कई अन्य लाभार्थियों ने इस अनियमितता की आवाज उठाई है, उनका कहना है कि लंबे समय से ऐसे ही चल रहा है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

पॉवर प्लांट में टेंडर प्रक्रिया में जमकर भर्रेसाही, ठेकेदार को पहुँचाया जा रहा है फायदा


अनूपपुर

जिले के अमरकंटक ताप विद्युत गृह के द्वारा ऑर्डर 2 करोड़ 45 लाख का एवं दूसरा आर्डर 997 का 59 लाख का कार्य एमके ट्रेडर्स को मिला था, जिसका उन्होंने एग्रीमेंट नहीं किया और ठेकेदार काम नहीं चालू किया, जिस पर पावर प्लांट के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की। अनूपपुर जिले की चचाई की फर्म एमके ट्रेडर्स को दो कार्य अवॉर्ड हुए थे। तीसरा टेंडर लोको पायलट का टेंडर नंबर 416423 के लिए दूसरे ठेकेदारों ने भी भरा था, जिसमें दो ठेकेदार का काम रिजेक्ट करके एमके ट्रेडर्स को मुख्य अभियंता द्वारा जबलपुर रिकमेंड किया गया है, जबकि यह कार्य पूर्व में एम्स कंपनी को अवार्डेड था और उसने कार्य भी किया था। बिना किसी कारण के इनका कार्य रिजेक्ट करके एमके ट्रेडर्स को फायदा पहुंचाने के लिए इनका कार्य दिया जा रहा है, जबकि उपरोक्त टेंडर नंबर 538 एवं 957 के तहत 3 करोड़ के काम एमके ट्रेडर्स को लोएस्ट के रूप में दिए गए थे, जिसे उसने कार्य चालू नहीं किया एवं मंडल द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं करके लोको पायलट टेंडर क्रमांक 416423 को को रिकमेंड कर दिया गया एवं जबलपुर भेजा जा रहा है एवं उनके सपोर्ट के दोनों टेंडर को रिजेक्ट करके सिंगल टेंडर पास किया गया है जबकि दो टेंडर अवार्ड होने के बाद भी ठेकेदार द्वारा एमके ट्रेडर्स जिसने कार्य चालू नहीं किया, उन पर ब्लैक लिस्ट या एमडी फॉर फिट की कार्रवाई होनी चाहिए थी, क्या कारण है नियम विरोध कार्यवाही करके एमके ट्रेडर्स का सपोर्ट किया जा रहा है। जिस प्रकार से भरेशाही का इन दोनों पावर प्लांट चचाई में बना हुआ है और मुख्य अभियंता सहित उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा भी मनमानी तरीके से कार्य कराया जा रहा है, इसकी जांच कराई जाने की आवश्यकता है। और दोषी पाए जाने पर अधिकारियों एवं संबंधित ठेकेदार को भी नियम के अनुसार कार्यवाही किए जाने की आवश्यकता है।

अवैध कारोबार में थाना प्रभारी व राज्यमंत्री पर ‘कथित संरक्षण’ की चर्चाएँ तेज, निष्पक्ष जांच की मांग हुई उग्र

*कोतमा में बढ़ते अवैध कारोबार से आम जनता परेशान*


कोतमा/अनूपपुर। 

जिले के कोतमा नगर इस समय अवैध कारोबारों की तेजी से बढ़ती सक्रियता, प्रशासन की कथित निष्क्रियता और राजनीतिक हस्तक्षेप की चर्चाओं के कारण भारी उथल-पुथल के माहौल से गुजर रहा है। नगर में अवैध खनन, जुआ-सट्टा संचालन, शराब की अवैध बिक्री, तस्करी और विभिन्न संदिग्ध गतिविधियों में जिस तरह वृद्धि देखी गई है, उसने नागरिकों में भय, असुरक्षा और असंतोष को चरम पर पहुँचा दिया है। कई नागरिकों का कहना है कि लगातार शिकायतों के बावजूद जमीन पर किसी बड़े बदलाव का न दिखना गंभीर सवाल खड़े करता है।

अवैध खनन का सामान ले जाने वाले ट्रकों की गतिविधियाँ, गुप्त जुआ-सट्टा अड्डों की सक्रियता और शराब की अवैध बिक्री जैसी घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। इन गतिविधियों के चलते लोगों में यह धारणा बनी है कि इन अवैध नेटवर्कों को किसी न किसी स्तर पर मजबूत संरक्षण प्राप्त है, क्योंकि इतने खुले रूप में गैरकानूनी गतिविधियाँ सामान्य परिस्थितियों में संभव नहीं होतीं।

नगर में यह चर्चाएँ भी तेज हैं कि इन अवैध कारोबारों के संचालन में स्थानीय थाना प्रभारी और क्षेत्र के राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल की कथित सहमति या संभावित मौन समर्थन की बातें नागरिकों और सामाजिक संगठनों की चर्चाओं में बार-बार सामने आ रही हैं। हालांकि इन आरोपों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है, और न ही कोई प्रमाण सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत हुआ है, लेकिन नगर में इन चर्चाओं ने अविश्वास और तनाव के वातावरण को और गहरा कर दिया है।सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि अवैध गतिविधियों पर सच में कार्रवाई होती, तो अवैध कारोबारी इतने निडर होकर अपनी गतिविधियाँ नहीं चला पाते। कहीं न कहीं कोई शक्तिशाली संरक्षण मौजूद है।

प्रशासन पर बढ़ते दबाव को देखते हुए विभिन्न सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवियों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर इस पूरे मामले की स्वतंत्र, निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच की मांग को दोहराया है। उधर पुलिस विभाग का कहना है कि क्षेत्र में लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं और अवैध गतिविधियों में शामिल पाए गए लोगों पर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने दावा किया है कि पिछले दिनों कई छापेमार कार्रवाइयाँ की गईं और कई व्यक्तियों पर मामले दर्ज भी किए गए। 

राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल के कार्यालय ने इस मामले पर जारी बयान में आरोपों को पूरी तरह निराधार, झूठा और राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है। उनका कहना है कि मंत्री स्वयं कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने के पक्षधर हैं और किसी भी अवैध गतिविधि या उसके संचालन का समर्थन नहीं करते। 

*इनका कहना है।

इन सभी अवैध कारोबार पर रोक लगाइए जाएगी।

*रत्नाबर शुक्ला, थाना प्रभारी, कोतमा*

 जज के घर पर पत्थरबाजी, व जान से मारने की धमकी के बाद हाईकोर्ट ने पुलिस प्रशासन को किया तलब

*4 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई*


अनूपपुर

अनूपपुर में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अमनदीप सिंह छाबड़ा के सरकारी आवास पर हुए हमले ने प्रदेश की न्यायिक सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गम्भीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जमानत आवेदन निरस्त करने के बाद हुए इस हमले को जबलपुर हाईकोर्ट ने अत्यंत गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार, पुलिस व प्रशासन से विस्तृत जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने पुलिस-प्रशासन से तलब किया जवाब, 4 दिसंबर अगली सुनवाई होंगी।

चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा से संबंधित संज्ञान याचिका पर सुनवाई के दौरान बताया गया कि हाल ही में न्यायाधीशों के साथ कई आपराधिक घटनाएँ हुई हैं। अनूपपुर की घटना का उल्लेख करते हुए अदालत ने स्पष्ट किया कि न्यायाधीशों के निर्णयों से असंतुष्ट होकर उन पर हमला करना न्याय व्यवस्था पर हमला है, जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

उप महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि संबंधित पुलिस अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने सरकार से आवश्यक दिशा-निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 4 दिसंबर निर्धारित की है।

हाईकोर्ट को बताया गया कि इससे पहले भी न्यायाधीशों पर हमले और चोरी की घटनाएँ हो चुकी हैं। इस घटना पर हाईकोर्ट ने तत्कालीन रजिस्ट्रार जनरल मनोहर ममतानी से जाँच करवाई थी और रिपोर्ट के आधार पर न्यायाधीशों की सुरक्षा पर जनहित याचिका की सुनवाई शुरू करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट के पूर्व निर्देश फिर केंद्र में हाईकोर्ट ने पहले भी प्रदेश सरकार को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे, कोर्ट परिसरों के चारों ओर पर्याप्त ऊँचाई की बाउंड्री वॉल, परिसरों में पुलिस चौकियां, और जजों के आवासीय क्षेत्रों में मजबूत सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश। जबलपुर हाईकोर्ट ने साफ संकेत दिए हैं कि न्यायाधीशों और उनके परिवारों की सुरक्षा से किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। अनूपपुर प्रकरण पर साझा की गई जानकारी को रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने कहा कि सरकार को अब ठोस और व्यापक कार्रवाई की दिशा में जवाब देना होगा।

पल्लेदार युवक का संदिग्ध परिस्थितियों में मिला शव, पुलिस जांच में जुटी


अनूपपुर

जिले के कोतमा नगर के पास के ग्राम पंचायत क्षेत्र में एक युवक का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार संजय कोल उम्र 35 वर्ष, निवासी रेउला जो पेशे से रेलवे में पल्लेदारी का कार्य करता था, का शव ग्राम पंचायत ठोडहा नया टोला क्षेत्र में मिला। स्थानीय लोगों द्वारा इसकी सूचना कोतमा पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस दल तत्काल घटनास्थल पर पहुंचा और शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा कार्यवाही प्रारंभ की।

ग्रामीणों के अनुसार युवक सुबह से दिखाई नहीं दिया था और देर शाम को उसे मृत अवस्था में पाया गया। घटना स्थल को पुलिस ने सील कर मौके की बारीकी से जांच शुरू कर दी है। मृतक के शरीर पर चोट के निशान होने या घटना के पीछे किसी अन्य कारण की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु के वास्तविक कारणों का खुलासा हो सकेगा।

संजय कोल के निधन से परिजनों का रो–रो कर बुरा हाल है। पूरे क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त हो गई है। कोतमा थाने के थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है, संदेह होने पर संबंधित लोगों से पूछताछ भी की जाएगी।

नपा क्षेत्र में अव्यवस्थाओं पर फूटा जनाक्रोश, शिवसेना का धरना, सुविधाओं की मांग तेज


अनूपपुर/कोतमा

कोतमा गोविंदा ग्राम के वार्ड क्रमांक 11 कदम टोला सहित आसपास के क्षेत्रों में सड़क, नाली, पेयजल, साफ–सफाई और आंगनबाड़ी भवन निर्माण जैसी आवश्यक सुविधाओं के अभाव में नाराज नागरिकों ने खुलकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। शिवसेना कोतमा इकाई के नेतृत्व में स्थानीय नागरिकों ने भालूमाड़ा मुख्य सड़क मार्ग पर धरना प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि वार्ड 11 में भवन, सड़क और नाली निर्माण कार्यों को वन विभाग ने यह कहकर रोक दिया कि संबंधित भूमि वन क्षेत्र में आती है। लोगों का कहना है कि वर्षों से वार्ड 11 कदम टोला में विकास कार्यों को जानबूझकर रोका जा रहा है, जिससे छात्र–छात्राओं और आम निवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

शिकायत में बताया गया कि आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्य को आज फिर रोक दिया गया है। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा मौके का निरीक्षण कर भूमि को निर्माण योग्य बताया गया था, इसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई। स्थानीय नागरिकों ने इसे विभागीय मनमानी और अधिकारियों की लापरवाही करार दिया। शिवसेना द्वारा एसडीएम को सौंपे गए ज्ञापन में प्रशासन की उदासीनता पर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया गया।

मुख्य मांगें इस प्रकार हैं। भालूमाड़ा–कोतमा मुख्य मार्ग के गड्ढों को भरकर नया निर्माण किया जाए। कदम टोला वार्ड 11 में आंगनबाड़ी भवन तत्काल निर्मित कराया जाए। अधूरी पेयजल लाइन की जांच कर भ्रष्टाचार पर कार्रवाई हो। शराब दुकानों में अवैध वसूली पर रोक लगे और प्रिंट रेट का पालन कराया जाए। सड़क पर पानी भरने से उत्पन्न चौखड़ एवं धूल की समस्या का समाधान कर फॉगिंग और नियमित सफाई व्यवस्था की जाए। अटल आवास सूची में फर्जी लाभार्थियों की जांच कर वास्तविक पात्र व्यक्तियों के नाम जोड़े जाएं। शिवसेना का स्पष्ट कहना है कि जब तक सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक धरना व प्रदर्शन जारी रहेगा।

अमरकंटक में हेलीकॉप्टर सेवा का होगा शुभारंभ


अनूपपुर

पीएम श्री पर्यटन हेलीकॉप्टर सेवा का शुभारंभ अनूपपुर जिले के बालको हैलीपैड, जगतपुर अमरकंटक से 21 नवम्बर को निर्धारित समय-सारणी अनुसार होगा। हेलीकॉप्टर का संचालन निजी ऑपरेटर जेट सर्व एविएशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। शुभारंभ कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु कलेक्टर हर्षल पंचोली ने जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी अर्चना कुमारी को नोडल अधिकारी तथा जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद अनूपपुर के प्रभारी अधिकारी उमेश कुमार पाण्डेय को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। साथ ही उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर आवश्यक व्यवस्थाओं हेतु विभागीय अधिकारियों एवं सेवा प्रदाताओं को विभिन्न कार्य सौंपे है।

दो माह से फ़रार नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी गिरफ्तार


अनूपपुर

जिले में गंभीर अपराध में दो माह से फ़रार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना भालूमाड़ा में अपराध क्रमांक 423/2025 धारा 64(2)(f), 64(2)(m), 351(3) बीएनएस एवं पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत दर्ज मामले में आरोपी विनोद कुमार चौधरी (उम्र 38 वर्ष), निवासी चौंडी पॉंडी, थाना भालूमाड़ा, जिला अनूपपुर, घटना के समय से ही फरार था।

आरोप है कि उक्त व्यक्ति ने अपनी ही सौतेली नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म जैसा घिनौना कृत्य किया था। घटना सामने आने के बाद से आरोपी लगातार पुलिस की गिरफ्त से बचता फिर रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी भालूमाड़ा के कुशल नेतृत्व में आरोपी की तलाश तेज की गई, जिसके तहत लगातार दो महीनों तक सघन प्रयास किए गए। आखिर में पुलिस टीम ने आरोपी विनोद चौधरी को पकड़ने में सफलता प्राप्त की। आरोपी को गिरफ़्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उसे जिला जेल अनूपपुर भेज दिया गया है।

एम्बुलेंस व्यवस्था चरमराई सीएचसी से जुड़े दर्जनों गाँवों के मरीजों को हो रही है परेशानी


अनूपपुर 

जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) परासी से जुड़े दर्जनों गाँवों के लिए एम्बुलेंस की अनुपलब्धता ने स्वास्थ्य व्यवस्था की कमजोर नब्ज को एक बार फिर उजागर कर दिया है। सरकार के करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद, जमीनी स्तर पर मरीजों को बुनियादी सुविधाओं के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है।

परासी सीएचसी आसपास के कई गाँवों के हजारों निवासियों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। गंभीर रूप से बीमार मरीजों, गर्भवती महिलाओं और दुर्घटनाग्रस्त लोगों को अक्सर त्वरित इलाज के लिए एम्बुलेंस सेवा की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। लेकिन यही सेवा सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरी है स्थानीय निवासियों का आरोप है कि जब भी उन्हें एम्बुलेंस के लिए 108 पर कॉल करते हैं, तो उन्हें बताया जाता है कि आस-पास कोई एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं है। इसकी वजह से मरीजों को निजी वाहनों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। कई बार तो समय रहते इलाज न मिल पाने की स्थिति भी बन जाती है।

एक ग्रामीण छोटे लाल यादव ने बताया कि मेरे पिता की तबीयत बहुत खराब हो गई थी। हमने 108 पर कई बार फोन किया, लेकिन हर बार जवाब आया कि एम्बुलेंस खाली नहीं है। आखिरकार पड़ोसियों की मदद से हम उन्हें कार में लेकर अस्पताल पहुंचे अगर देर हो जाती तो बड़ा नुकसान हो सकता था, एक अन्य महिला ने कहा गाँव में प्रसूति के मामले में तो हालात और भी डरावने हो जाते हैं। रात के समय तो एम्बुलेंस मिलने की उम्मीद ही नहीं रहती। सरकार अस्पताल तो बना देती है, लेकिन उस तक पहुंचने का जरिया नहीं है।

 14 दिन विचरण कर छत्तीसगढ़ को वापस लौटा हाथी, रात में किया फसलो का नुकसान, तोडी बाउंड्री


अनूपपुर

विगत 14 दिन पूर्व आया एक हाथी सोमवार की सुबह मध्यप्रदेश की सीमा से छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही इलाके में एक बार फिर से प्रवेश कर विश्राम कर रहा है, हाथी द्वारा 14 दिनों के मध्य ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ कर खेतों में लगी एवं रखी विभिन्न तरह की फसलों को अपना आहार बनाया है। विगत रात एक ग्रामीण की बाउंड्री तोड़कर बांड़ी में लगे केला एवं अन्य तरह की सामग्रियों को खाया है हाथी के छत्तीसगढ़ वापस चले जाने से ग्रामीणों को राहत मिली है।

विगत 5 नवंबर को एक-एक दांत वाला नर हाथी छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन मंडल एवं वन परिक्षेत्र के शिवनी बीट के जंगल से मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिला अंतर्गत जैतहरी तहसील एवं वन परिक्षेत्र के चोलना एवं धनगवां बीट के जंगलों में दिन में विश्राम करने बाद शाम/रात होने पर ग्राम पंचायत पड़रिया के चोई,ग्राम पंचायत कुकुरगोड़ा के विभिन्न टोला मोहल्ला जो जंगल के किनारे बसे हैं, वहाँ लगे धान एवं अन्य तरह की फसलों को अपना आहार बनाया, वहीं कुछ ग्रामीणों के घर में तोड़फोड़ कर एवं एक ग्रामीण के बोर बेल मशीन को नुकसान पहुंचा रविवार के दिन चोलना बीट के जंगल में दिनभर विश्राम करने बाद शाम होते ही जंगल से निकल कर यह हाथी ग्राम पंचायत कुकुरगोंड़ा के मंटोलिया टोला,बडकाटोला होते हुए ग्राम पंचायत चोलना के बचहाटोला एवं चोलना में विचरण करते हुए ग्रामीणों के खेतों, खलिहानों में रखी धान की फसल के साथ एक ग्रामीण के बांड़ी के बाउंड्री वॉल को तोड़कर दो-तीन ग्रामीणों के बांडी में लगे केला एवं अन्य तरह की सामग्रियों को अपना आहार बनाते हुए सोमवार की सुबह 3 बजे के लगभग चोलना गांव के मुदरी के समीप से गूजरनाला पार कर छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परिक्षेत्र एवं वन मंडल अंतर्गत शिवनी बीट के मालाडांड गांव से धिनौची के जंगल के पहाड़ में पहुंचकर दिन में विश्राम कर रहा है। एक बार फिर से हाथी के वापस जाने से ग्रामीणों को राहत मिली है 14 दिनों के विचरण दौरान ग्रामीणो एवं वनविभाग की सक्रियता के कारण किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हो सकी, जबकि यह हाथी बीच-बीच में ग्रामीणों की भीड देख कर चिंघाड़ कर आवाज़ कर दौड़ा कर डरता रहा है।

भाजपा के पूर्व विधायक रामलाल रौतेल मजदूरों की बहाली की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट के सामने बैठे धरने पर


अनूपपुर

कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और भाजपा के पूर्व विधायक रामलाल रौतेल मजदूरों की बहाली की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठ गए हैं। यह धरना अमरकंटक ताप विद्युत गृह में कार्यरत निजी कंपनी की ओर से मजदूरों को नौकरी से निकाले जाने के विरोध में दिया जा रहा है।

मेसर्स हैप्पी आउट सोर्स कंपनी ने उन मजदूरों को काम से निकाल दिया है जो पिछले लगभग 10-12 साल से वहां कार्यरत थे। आयोग अध्यक्ष रौतेल लगातार जिला प्रशासन को इस मामले की जानकारी दे रहे थे और मजदूरों की बहाली की मांग कर रहे थे।

हालांकि, कंपनी ने केवल दो मजदूरों को बहाल करने पर सहमति जताई, जिसके बाद आयोग अध्यक्ष ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। रामलाल रौतेल ने बताया कि इन मजदूरों को बिना किसी ठोस कारण के नौकरी से निकाला गया है। उन्होंने 6 नवंबर को श्रम विभाग को एक पत्र सौंपा था, जिसमें मजदूरों की बहाली की मांग की गई थी और बहाली न होने पर 17 नवंबर को कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठने की चेतावनी दी गई थी।

मजदूरों की बहाली न होने के कारण रौतेल धरने पर बैठे हैं और उन्होंने घोषणा की है कि जब तक सभी मजदूरों को बहाल नहीं किया जाता, उनका धरना जारी रहेगा। उनके साथ बरगवां अमलाई के उपाध्यक्ष डॉ. राज तिवारी और कुछ पार्षद भी धरने में शामिल हैं।

कंपनी ने 8 कर्मचारियों को, जो 10,12 सालों से काम कर रहे थे। उन्हें बिना किसी कारण के निकाल दिया गया था। जिसके विरोध में पूर्व विधायक ने अनशन पर बैठ गए थे, लगभग 2 घंटे चले अनशन के बाद कंपनी के लोगों ने सभी कर्मचारियों को बहाल करने की बात कही और सभी कर्मचारियों को गेट पास जारी किए। जिसके बाद रामलाल रौतेल ने अपना अनशन खत्म कर दिया।

नाबालिक के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी गिरफ्तार


    

 अनूपपुर

जिले के थाना भालूमाड़ा पुलिस द्वारा अप.क्र. 487/2025 धारा 64(2),64(2)(एम), 65(1) बी.एन.एस. 3,4,5 एल ,6 पाक्सो एक्ट के आरोपी आरोपी रामू बैगा पिता सोहन बैगा उम्र 21 वर्ष निवासी बाडीखार हाल छुलकारी थाना भालूमाडा जिला अनूपपुर के द्वारा पीडिता रजनी बैगा (परिवर्तित नाम)  प्रसाद बैगा उम्र 15 वर्ष निवासी  धुरवासिन थाना भालूमाडा के साथ शादी की झांसा देकर पीडिता के साथ (गलत काम) बालात्कार कर गर्भवती करना पीडिता अस्पताल फुनगा में डिलेवरी हेतु भर्ती होने पर एक नवजात शिशु को जन्म दी जो पीडिता नाबालिक होने से फुनगा अस्पताल से अस्पताली तहरीर पर से अपराध सदर कायम कर विवेचना में लिया गया अपराध की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी निरी. उप निरी. विपुल शुक्ला की नेतृत्व में तत्काल नाबालिक लड़की के साथ घिनौना कृत्य दुष्कर्म  करने वाले आरोपी को दिनांक 13/11/2025 को पता तलास कर 3 दिन के अन्दर गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया  जहाँ से आरोपी को जेल भेजा गया।

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