रात में रामजी, संतोष व राजेन्द्र ने घर में घुसकर महिला समेत 4 पर लोगो पर किया जानलेवा हमला

*मामला हुआ दर्ज, पुलिस जांच में जुटी*


रीवा/सीधी

जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र में गुरुवार देर रात एक महिला बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) सहित चार लोगों पर टांगी (कुल्हाड़ी) से हमला कर दिया गया, इस हमले में सभी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए रीवा रेफर किया गया है, पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


घटना गुरुवार रात करीब 10 से 11 बजे के बीच की बताई जा रही है. आरोपियों की पहचान रामजी गौतम, राजेंद्र गौतम और संतोष शुक्ला के रूप में हुई है। पीड़ित पक्ष के रामायण प्रसाद शुक्ला ने बताया कि आरोपी और उनके परिवार के बीच पिछले दो महीने से विवाद चल रहा था, कुछ समय पहले रामजी गौतम अपनी पत्नी को पीट रहे थे, जिस पर उन्होंने बीच-बचाव कर महिला को बचाया था और इसकी शिकायत थाने में भी दर्ज कराई थी. तभी से आरोपी रंजिश रखे हुए थे।


रामायण शुक्ला ने बताया कि इसी पुरानी रंजिश का बदला लेने के इरादे से गुरुवार देर रात आरोपी उनके घर में घुस आए और कुल्हाड़ी से हमला कर दिया, हमले में विजय शंकर शुक्ला, रामदयाल शुक्ला और महिला बीएलओ शशिकला शुक्ला गंभीर रूप से घायल हो गए, घटना के समय शशिकला अपने बीएलओ पद से जुड़े ऑनलाइन फॉर्म भरने का काम कर रही थीं। घायलों को तत्काल जिला अस्पताल सीधी ले जाया गया, उनकी गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रीवा स्थित संजय गांधी अस्पताल रेफर कर दिया गया।

रामपुर नैकिन के तहसीलदार आशीष मिश्रा ने बताया कि शशिकला शुक्ला बीएलओ के रूप में कार्यरत हैं, घटना के समय वे ड्यूटी पर थीं या नहीं, इसकी जांच की जा रही है, उन्होंने यह भी बताया कि मामले में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और थाना प्रभारी स्वयं जांच में जुटे हैं, एसआईआर (संक्षिप्त जांच रिपोर्ट) कार्य प्रभावित न हो, इसके लिए दूसरे बीएलओ की नियुक्ति भी कर दी गई है।

SSC व MP PNST में अनियमितताओं, भ्रष्टाचार के खिलाफ नेयू ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन


रीवा

देशभर की प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रही अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और तकनीकी खामियों के विरोध में नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (नेयू) के नेतृत्व में रीवा में छात्रों ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) मंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन में विशेष रूप से एसएससी परीक्षाओं में पेपर लीक, निजी कंपनियों द्वारा अव्यवस्थित परीक्षा संचालन, तकनीकी गड़बड़ियों और मध्य प्रदेश पीएनएसटी 2022 परीक्षा की काउंसलिंग में हो रही अत्यधिक देरी जैसे गंभीर मुद्दों को उठाया गया।

नेयू के जिला अध्यक्ष निखिल शिवा मिश्रा ने बताया कि देश के लाखों प्रतियोगी छात्रों की मेहनत एक अपारदर्शी और असंवेदनशील प्रणाली की भेंट चढ़ रही है। एसएससी जैसी केंद्रीय परीक्षाओं में बार-बार पेपर लीक, परीक्षा रद्द होने की घटनाएं और निजी कंपनियों की मनमानी ने युवाओं के भविष्य को अंधकारमय बना दिया है। वहीं, एमपी पीएनएसटी 2022 की छात्राएं दो वर्षों से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने की प्रतीक्षा कर रही हैं, जो कि एक सीधा अन्याय और प्रशासनिक लापरवाही का प्रमाण है।

ज्ञापन के माध्यम से छात्रों ने सरकार से मांग की कि परीक्षा संचालन का जिम्मा पारदर्शी एजेंसियों जैसे टीसीएस को सौंपा जाए तथा एडुक्विटी जैसी विवादित और अपारदर्शी कंपनियों पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए। साथ ही, परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। इसके अतिरिक्त एक स्वतंत्र परीक्षा नियामक आयोग के गठन की मांग भी की गई, जिससे भविष्य में इस प्रकार की अव्यवस्था और भ्रष्टाचार को रोका जा सके। साथ ही यह भी मांग की गई कि एमपी पीएनएसटी 2022 की काउंसलिंग और एडमिशन प्रक्रिया अविलंब शुरू की जाए ताकि छात्राओं का शैक्षणिक भविष्य और अधिक बाधित न हो।

नेयू ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि सरकार द्वारा शीघ्र उचित कार्यवाही नहीं की गई, तो छात्रों के साथ मिलकर प्रदेशभर में बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा। इस अवसर पर प्रमुख रूप से अर्पित तिवारी, प्रियांशु मिश्रा, आदर्श मिश्रा, अतुल तिवारी, उदय शुक्ला, विकेश रावत और प्रांशु उपस्थित रहे।

भारतीय सुदर्शन समाज महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष ने केंद्रीय समाजिक न्याय मंत्री को सौपा ज्ञापन


रीवा

भारतीय सुदर्शन समाज महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक चमकेल द्वारा केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का माला एवं पुष्पगुच्छ से किया गया स्वागत एवं मांग की गई की अनुसूचित जाति की सूची में सफाई वर्ग की 27 उप जातियों के समूह को महऋषि सुदर्शन महाराज  के नाम से सुदर्शन जाति अंकित किया जाए। अनुसूचित जाति वर्ग में सुदर्शन समाज के अंतर्गत आने वाली सफाई वर्ग से संबंधित 27 उपजातियाँ पूरे भारत मे 8 करोड़ की संख्या मे रहते है। ताकि संत रविदास जी, एवं महर्षि बाल्मीकि जी, की जैसे पहचानी जाने वाली जातियों की तरह सुदर्शन जी को मानने वाले भी महर्षि सुदर्शन जी को अपनी जाति पहचान मे नाम के साथ जोड़कर लिख सके। उन्होंने ने बताया कि द्वापर युग के आदि गुरु हैं महर्षि सुदर्शन महाराज, सुदर्शन समाज की मांग है कि गुरु सुदर्शन जी के नाम से पहचान बने।

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