नेशनल मैरिट कम मीन्स परीक्षा से बड़ी तुम्मी के विद्यार्थी बंचित, प्राचार्य की लापरवाही की सजा भुगत रहे छात्र


शहडोल

नेशनल मैरिट कम मीन्स स्कालरशिप पात्रता परीक्षा वर्ष 2025-26 का लाभ हाई स्कूल बडी तुमी के विद्यार्थियों को नहीं मिल पायेगा। ज्ञात होवे की इस परीक्षा का आयोजन राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा हर वर्ष आयोजित किया जाता है जिसमें कक्षा  8 वी के छात्र पात्र होते हैं और इस पात्रता परीक्षा के आवेदन निशुल्क विद्यालय के संस्था प्रमुख के लागिंग पासवर्ड से भरने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस सत्र में भी राष्ट्रीय मीन्स कम मैरिट छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत चयन परीक्षा सत्र 2025-26 के संदर्भ में राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के आदेश क्र /161/2025/ आर एस के भोपाल  दिनांक 31-7-25  के माध्यम से विस्तृत आदेश जारी करते हुए कक्षा 8 वी के सभी विद्यार्थियों के आवेदन भरवाने की जिम्मेदारी प्राचार्यो को दी गयी थी, जिसका पालन भी लगभग सभी संस्था प्रमुखों के व्दारा किया गया है, लेकिन हाई स्कूल बडी तुमी में कक्षा आठवीं में अध्ययन रत 19 विद्यार्थियों के आवेदन पत्र नहीं भरवाये जाने के कारण पात्रता परीक्षा में नहीं बैठ पायेगे। 

बताया जाता है कि हाई स्कूल बडी तुमी में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य अपने वरिष्ठ अधिकारियों को जेब में रखते हैं और विद्यालय में मनमानी का राज चला रखे है । नियम विरूद्ध संलग्नीकरण में हाई स्कूल बडी तुम्मी पहुंचे प्रभारी प्राचार्य ने इस विद्यालय में साम्राज्य स्थापित कर अब यही के लिए तबादला करा कर  अपनी राज सत्ता कायम कर रखी है, तभी तो जिले के आला अधिकारियों को कुतके में रखने वाले संस्था प्रमुख ने राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के आदेश की भी धज्जियाँ उड़ा कर उच्च प्रशासन को खुली चुनौती दे दी है। जानकर सूत्रों का मानना है कि इस लापरवाही पर भी जिला प्रशासन उन्हें बचा लेंगा। संस्था प्रमुख के पहुँच और पैसों के बलबूते उनके ऊपर जिला प्रशासन की हुकूमत नहीं चलती है। देखना लाजमी होगा कि राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत विद्यार्थियों को योजना से वंचित करने के इस संवेदनशील और छात्रों के भविष्य से जुड़े मामले में उच्च प्रशासनिक अधिकारी क्या कदम उठाते हैं।

उत्कल एक्सप्रेस के इंजन से टकराई रेल डॉली, रेल प्रबंधन लगा है मामले को रफा दफा करने में  


शहडोल

उत्कल एक्सप्रेस ऋषिकेश से पुरी की ओर जाने वाली  (18477 DN) बिलासपुर जोन के मुदरिया - घुनघुटी रेलवे स्टेशन के मध्य रेल ट्राली से टकरा जाने के कारण लगभग डेढ घंटे तक खडी रही। बताया जाता है कि उत्कल एक्सप्रेस मुदरिया से लगभग 11:55 बजे पास हुई ,और मुदरिया- घुनघुटी के मध्य रेल डॉली से टकरा गई एवं रेल डॉली इंजन के नीचे आकर फंस गई। दुर्घटना इतनी भयानक थी कि  रेल ट्राली इंजन से टकराने के कारण उसका हौंज पाइप टूट गया और रेल गाड़ी ब़ेक डाऊन हो गयी, यद्यपि उत्कल एक्सप्रेस की गति सीमित होने की वजह से बडी दुर्घटना टल गयी, नहीं तो कितने लोग काल कलवित होते, उसका फिलहाल अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। 

फिर भी दुर्घटना छोटी हो या बडी उसे इस नाते नजर अंदाज नहीं किया जा सकता की इसमें कोई हताहत नहीं हुआ । इस मामले में रेल प्रबंधन के इंजीनियरिंग विभाग की घोर  लापरवाही उजागर होने के बाद भी एक सप्ताह की समयावधि बीत गयी, लेकिन इस संवेदनशील मामले में रेलवे का उच्च प्रबंधन की चुप्पी ने अपने लापरवाह और गैर जिम्मेदाराना मातहतों को छूट देकर यह साबित कर दिया है कि आज रेलवे ट्रैक में कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है और उस घटना पर रेल प्रबंधन चुप्पी साध कर अपने कारिन्दे अधिकारियों को बचा ले जायेंगे।

घटना दोपहर 11.55 की है, दुर्घटना के कारण ट्रेन  डेढ घंटे बिलंब से 1.40 पर शहडोल पहुची। पहले इंजीनियरिंग विभाग घटना को छिपाने के लिए अन्य तकनीकी  कारणों को  बता कर मामले को टालना चाहता था, जिसकी जानकारी शाम चार बजे तक अधिकृत रूप से  वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी गई। अलबत्ता इस हादसे की भनक  जोन मुख्यालय तक देर रात तक पहुँच ही  गयी । 

मामले को गंभीरता से लेते हुए बिलासपुर मुख्यालय से रेलवे के जिम्मेदार 25 अधिकारी- कर्मचारियों एवं ठेकेदार की लेबर को जांच हेतु तलब किया गया था, किन्तु एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी अब तक जांच  किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुची और न ही किसी भी कर्मचारी- अधिकारी को घटना के लिए जिम्मेदार  ठहराया गया। बताया जाता है की इस मामले में सीधे इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही उजागर हुई है, फिर भी इन अधिकारियों को बचाने के लिए हादसे को अमूमन घटना मानकर जांच को  रफा दफा करने के लिए उच्च प्रबंधन पूरी तरह जुटा हुआ है, ताकि अपने चहेते इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ मंडल अभियंता उत्तर आहूजा पर कोई आंच न आये। 

धान पर संकट, फसले हो रही है बर्बाद, बरसात ने तोड़ा पांच साल का रिकॉर्ड, 131 मिमी ज्यादा बारिश

*दैनिक मजदूरी पर निर्भर लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट हो सकता है खड़ा*


उमरिया 

जिले मे बारिश का कहर लगातार जारी है और अब अक्टूबर के पहले सप्ताह में भी राहत की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। बीते 24 घंटों में जिले में 11.7 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे इस वर्ष कुल वर्षा का आंकड़ा 1346.7 मिमी तक जा पहुंचा है। यह औसतन सामान्य वर्षा 1215.7 मिमी से 131 मिमी अधिक है। मौसम विभाग के अनुसार, वर्ष 2024-25 की बारिश ने पिछले पांच वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और आने वाले महीनों में यह आंकड़ा और भी ऊपर जा सकता है। अब तक सबसे अधिक वर्षा वर्ष 2019-20 में 1505.5 मिमी दर्ज की गई थी, और यदि यही रुझान बना रहा, तो यह रिकॉर्ड भी टूट सकता है।

इस वर्ष जिले के अधिकांश किसान जून से ही सक्रिय हो गए थे और बारिश की अच्छी शुरुआत से उत्साहित होकर कर्ज लेकर बड़े पैमाने पर खरीफ की फसलें बोईं। उरद, सोयाबीन, तिल को किसान उम्मीद से लहलहाते देख रहे थे, लेकिन अब वही फसलें पानी मे गलकर बर्बाद हो चुकी हैं। वहीं, रबी फसलों की तैयारी पूरी तरह से ठप हो गई है। अलसी, सरसों, चना, मसूर जैसी दालों की बुआई करने तक का अवसर किसानों को नहीं मिल पाया। सबसे चिंताजनक स्थिति धान की फसल को लेकर है, जो जिले के लिए प्रमुख नकदी फसल मानी जाती है। बारिश और तेज हवाओं के कारण कई क्षेत्रों में धान की फसल गिरकर जमीन से चिपक गई है, जिससे कटाई मुश्किल हो गई है। कई खेतों में बालियां पक चुकी हैं, लेकिन अधिक नमी के कारण कटाई संभव नहीं है। ऊपर से फसल में रोग लगने की आशंका भी तेजी से बढ़ रही है। किसान अब ईश्वर और मौसम पर ही निर्भर हैं कि कब राहत मिले।

*बरसात का रिकॉर्ड, अब तक की स्थिति*

वर्ष                        वर्षा (मिमी में)

2019-20                   1505.5

2020-21                   1359.3

2021-22                   1002.1

2022-23                   1215.7

2023-24                   1053.0

2024-25 (अब तक)    1346.7

मौसम विभाग हर वर्ष 1 जून से 31 मई तक वर्षा का आंकड़ा रिकॉर्ड करता है। इस लिहाज से वर्षा सत्र अभी पूरा आठ महीने शेष है। यदि मौसम का यही रुख रहा तो यह साल जिले में अब तक की सबसे ज्यादा बारिश वाला वर्ष बन सकता है।

गांवों से मिल रही जानकारी के अनुसार, लगातार हो रही बारिश से किसान मानसिक और आर्थिक दोनों रूप से गहरे संकट में हैं। कई किसानों ने अपने खेतों में फिर से बोवाई की कोशिश की, लेकिन मूसलधार बारिश ने उनके प्रयासों को भी बर्बाद कर दिया। जिन किसानों ने धान की रोपाई समय पर की थी, अब वही सबसे अधिक चिंता में हैं क्योंकि धान की कटाई का समय नजदीक है, और बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही। यदि मौसम अब भी साथ दे दे, तो धान से रिकॉर्ड पैदावार हो सकती है, लेकिन अगर बारिश यूं ही जारी रही, तो साल भर की मेहनत पानी में बह जाएगी।

केवल किसान ही नहीं, बल्कि जिले का व्यापारिक और निर्माण क्षेत्र भी बारिश की मार से कराह रहा है। खेतों में जलभराव के कारण कृषि उपकरणों की बिक्री रुक गई है। वहीं, निर्माण कार्य पूरी तरह बंद पड़े हैं। पेंट, चूना, हार्डवेयर और भवन निर्माण सामग्री से जुड़े कारोबारी भारी नुकसान झेल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साधन लगभग शून्य हो गए हैं, जिससे दैनिक मजदूरी पर निर्भर लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

उमरिया जिले की अर्थव्यवस्था में धान उपार्जन की मजबूत भूमिका है। हर साल हजारों किसान अपनी धान उपज से लाखों-करोड़ों की आमदनी करते हैं। यह पैसा जब बाजार में आता है तो व्यापार में उछाल आता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलती है। लेकिन इस बार हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि धान का सही समय पर उपार्जन भी संदेह के घेरे में है। इससे न केवल किसान, बल्कि व्यापारी, मजदूर, परिवहन सेवा और अन्य छोटे कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं।

भव्यता के सांथ हुआ का जवारा विसर्जन, काली नृत्य और खप्पर के साथ उमड़ा श्रद्धा-आस्था का सैलाब


उमरिया

जिले के बिरसिंहपुर पाली के नवरात्र की नवमी पर मां बिरासिनी मंदिर परिसर में परंपरागत जवारा विसर्जन का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर मंदिर में स्थापित मनोकामना जवारा कलशों का विसर्जन शोभायात्रा निकाल कर किया गया, जिसमें उमरिया जिले सहित आसपास के क्षेत्रों से भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। जवारा विसर्जन का समारोह शाम 4 बजे मंदिर प्रांगण से प्रारंभ हुआ। परंपरा के अनुसार विसर्जन से पूर्व मंदिर प्रबंध एवं संचालन समिति के संरक्षक तथा उमरिया कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने मां काली और खप्पर की पूजा अर्चना कर जुलूस की विधिवत शुरुआत की। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक विजय कुमार भागवानी और एसडीएम पाली अंबिकेश प्रताप सिंह ने भी मातेश्वरी की आराधना की और कार्यक्रम को सुरक्षा की दृष्टि से सुनिश्चित किया।

भव्य जुलूस मंदिर से निकलकर नगर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ सगरा तालाब पहुंचा, जहाँ परंपरा के अनुसार जवारा कलशों का विधिपूर्वक विसर्जन किया गया। इस दौरान खप्पर के साथ प्रस्तुत काली नृत्य ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। जुलूस देखने और इसमें शामिल होने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जगह-जगह भक्तों ने पुष्प वर्षा कर आयोजन का स्वागत किया। मंदिर के पुजारी सहित जनप्रतिनिधि अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने न केवल आयोजन में भाग लिया, बल्कि भक्तों से संवाद कर उनकी आस्था का सम्मान भी किया।

जुलूस और विसर्जन को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे। पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी स्वयं मौके पर मौजूद रहे और व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते रहे। परिणामस्वरूप पूरा आयोजन शांति और सौहार्द के वातावरण में सम्पन्न हुआ। नवरात्र के समय हर वर्ष आयोजित होने वाला यह जवारा विसर्जन केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। सामूहिक आस्था और सांस्कृतिक जुड़ाव का यह पर्व श्रद्धालुओं और आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना। विशेषकर काली नृत्य और खप्पर के साथ निकला जुलूस भक्तों के लिए अविस्मरणीय दृश्य साबित हुआ।

डायवर्सन पुल पार करते समय ऑटो अचानक अनियंत्रित होकर पलटा, बड़ी दुर्घटना टली


उमरिया 

जिले की ग्राम पंचायत कछरवार का डायवर्सन पुल एक बार फिर हादसे का कारण बना। उमरिया से ग्राम खेरवा जा रही एक ऑटो डायवर्सन पुल पार करते समय अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई। गनीमत रही कि ऑटो में सवार सभी ग्रामीण समय रहते कूद गए, जिससे बड़ी दुर्घटना टल गई। हादसे में कुछ सवारियों को हल्की चोटें आईं, लेकिन किसी की जान नहीं गई।

स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसा उमरार नदी पर बने अस्थायी पुल पर हुआ। ऑटो चालक संतुलन नहीं बना सका और वाहन नदी की ओर खिसक गया। मौके पर मौजूद लोगों ने सवारियों को बाहर निकालने में मदद की। घटना के बाद से ग्रामीणों में नाराजगी है कि लंबे समय से पुल निर्माण का कार्य अधर में लटका हुआ है।

गौरतलब है कि इस बारिश में कछरवार का यह डायवर्सन पुल पहले ही पांच बार तेज बारिश में बह चुका है। हर बार अस्थायी मरम्मत कर इसे उपयोग लायक बनाया जाता है, लेकिन बरसात के मौसम में यह बार-बार हादसों की वजह बन रहा है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत स्थायी पुल निर्माण का काम बीते एक वर्ष से लंबित है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य में देरी के कारण हर साल बारिश में लोगों की जान पर बन आती है।

कछरवार और आसपास के गांवों के लिए यह डायवर्सन पुल ही मुख्य मार्ग है। रोजाना दर्जनों ऑटो और दोपहिया वाहन इसी रास्ते से गुजरते हैं। बरसात के दिनों में पुल के ऊपर से पानी बहने पर खतरा और बढ़ जाता है। हादसे की खबर फैलते ही मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द स्थायी पुल का निर्माण कराया जाए, ताकि बार-बार होने वाले हादसों से बचा जा सके।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने सभी वाहन चालकों से अपील की है कि नदी पार करते समय सावधानी बरतें। विशेषकर जब पुल के ऊपर से पानी बह रहा हो तो बिल्कुल भी पार करने की कोशिश न करें। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते स्थायी पुल नहीं बना, तो किसी दिन बड़ी दुर्घटना होना तय है।

आरटीओ ने 8 वाहनों से वसूला 19 हजार का जुर्माना



उमरिया 

जिला परिवहन अधिकारी रमा दुबे ने बताया कि ताला मानपुर क्षेत्र में चैकिंग के दौरान वाहनों की जांच की गई जिसमें कुल 08 वाहनों पर मोटरयान अधिनियम 1988 के तहत फिटनेस, परमिट, बीमा, पीयूसी, VLTD, SLD, अग्निशमन यंत्र एवं फर्स्ट एड बॉक्स न होने पर कार्यवाही करते हुए कुल 19000 रुपये का शमन शुल्क वसूला गया।जिला परिवहन अधिकारी ने बताया कि विशेष चेकिंग अभियान 5 अक्टूबर तक संचालित होगा। इसमें मुख्य रूप से अग्निशमन यंत्र न लगे होने, वाहन में फर्स्ट एड बॉक्स उपलब्ध न होने, रेट्रो रिफलेक्टिव न लगे होने, मध्यप्रदेश मोटरयान कर जमा न करने वाले वाहनों के विरुद्ध भी नियमानुसार कार्यवाही होगी। सड़क सुरक्षा की दृष्टि से मोटरयान अधिनियम एवं नियमों के अन्य प्रावधानों जैसे ओव्हर लोडिंग,ओव्हर स्पीडिंग, निधारित पात्रता से अधिक यात्री ढोने आदि अपराधों के संबंध में भी अभियान में सख्त कार्यवाही की जायेगी। विशेष अभियान के दौरान स्कूल बसों की चेकिंग पर भी विशेष ध्यान दिये जाने तथा नियम विरुद्ध संचालन करने वाले वाहन चालकों के लायसेंस निलंबन की नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

घोघरी घाट हाईवे पर 2 ट्रक पलटा 3 घायल, अस्पताल में भर्ती


उमरिया

जिले के थाना कोतवाली अंतर्गत सुबह घोघरी घाट के पास हुए सड़क हादसे ने क्षेत्रवासियों को दहला दिया। जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश नंबर के लकड़ी से लदे ट्रक यूपी 20 बीटी 5597 ने अचानक सामने से आ रही कार को साइड देने का प्रयास किया। इसी दौरान अंधे मोड़ पर नियंत्रण बिगड़ने से ट्रक पलट गया। दुर्घटना में ट्रक चालक ओसाबा मेवाती, निवासी बिजनौर (उ.प्र.) गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे सिर और कमर मे चोटें आई। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने तत्काल 108 एम्बुलेंस को सूचना दी। एम्बुलेंस कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर घायल चालक को जिला अस्पताल उमरिया पहुँचाया, जहां उसका इलाज जारी है। इसी दिन दोपहर करीब चार बजे हाईवे पर स्थित मंसूरी पेट्रोल पंप के पास भी एक अन्य ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसे में चालक और कंडक्टर दोनों घायल हुए। दोनों को 108 की मदद से जिला अस्पताल पहुँचाया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि घोघरी घाट पर अंधा मोड़ होने के कारण यहां आये दिन दुर्घटनायें घटित हो रही हैं। पुलिस ने दोनों मामलों मे जांच शुरू कर दी है।

महिला ने मासूम को रेलवे स्टेशन पर छोड़कर भाग गई


उमरिया

जिला मुख्यालय के रेलवे स्टेशन से एक बड़ी और दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि एक महिला ने करीब 7 से 8 माह के मासूम बच्चे को स्टेशन पर रोता बिलखता छोड़ दिया और खुद वहां से भाग गई।

घटना की सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा पुलिस मौके पर पहुंची और मानवीयता का परिचय देते हुए अबोध शिशु को अपने संरक्षण मे ले लिया। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगालकर उस महिला की तलाश कर रही है, जिसने मासूम को इस हाल में छोड़ दिया। सूत्रों के मुताबिक महिला स्टेशन के पिछले रास्ते से प्लेटफार्म पर आई थी और वहीं से वापस चली गई। इस हृदयविदारक घटना ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिरकार किस मजबूरी के चलते एक मां ने अपने कलेजे के टुकड़े को यूं ही बेसहारा छोड़ दिया।

अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन पर 2 मेटाडोर जप्त


उमरिया

प्रभारी अधिकारी खनिज ने बताया कि तहसील पाली अंतर्गत गहिरा नाला,बलवई, घुनघुटी,ममान एवं पररौसा आदि क्षेत्रों से हो रहे अवैध रेत उत्खनन के विषय को संज्ञान में लेकर सतत रूप से की जा रही कार्यवाही के क्रम में  आकस्मिक निरीक्षण किया जाकर गहिरा नाला से कुछ दूरी पर 2 मेटाडोर जिनके क्रमांक क्रमशः एम पी MP18 जी ए 4671 एवं वाहन क्रमांक निल (मेटाडोर) जिनके चालक दुर्गा यादव पिता  ललुआ यादव, निवासी ग्राम धुरवार जिला शहडोल (म.प्र.) एवं चालक तुलसी यादव पिता श्री भारतलाल यादव निवासी ग्राम धनगवां जिला शहडोल (म.प्र.) को रेत परिवहन के दौरान रोका गया।

मौके से उक्त दोनो वाहन चालकों के पास खनिज रेत के परिवहन संबंधी कोई भी विधिमान्य दस्तावेज ई-टीपी नही थे, उनके द्वारा बताया गया कि वाहनों में लोड रेत गहिरा नाला से निकलवा कर परिवहन की जा रही थी। कथित वाहनों को रेत के साथ जप्त कर पुलिस घुनघुटी चौकी में अभिरक्षार्थ रखवाया गया। प्रकरणों में म.प्र. खनिज अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम 2022 में निहित प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है।

खनिज के अवैध उत्खनन परिवहन भंडारण पर की गई कार्यवाही


उमरिया

कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन व्दारा खनिजों के अवैध उत्खनन-परिवहन एवं भंडारण की रोकथाम निर्देश दिए गए है। निर्देश के परिपालन में प्रभारी अधिकारी डॉ.विद्याकांत तिवारी, सहायक खनि अधिकारी दिवाकर चतुर्वेदी,खनि निरीक्षक प्रभात कुमार पट्टा एवं प्रभारी खनि निरीक्षक एन.एस.आर्माे की टीम द्वारा ग्राम बडेरी के पास से खनिज रेत लोड कर परिवहन करते हुए ट्रेक्टर जप्त किया गया ।  वाहन मालिक बाबा शुक्ला उर्फ सत्येन्द्रनाथ शुक्ला, निवासी ग्राम बडेरी तहसील बांधवगढ,ट्रैक्टर को जप्त कर पुलिस थाना कोतवाली उमरिया में सुरक्षार्थ खडा कराया गया है।

साथ ही तहसील नौरोजाबाद अंतर्गत ग्राम छपरी रोड के पास से खनिज रेत का अवैध परिवहन करते हुए वाहन ट्रेक्टर क्रमांक एमपी 54 जेड ए 5744 ट्राली क्रमांक निल (सोनालिका डीआई35 नीला रंग) जिसका वाहन चालक संजय कोल पिता हरिशंकर कोल, निवासी ग्राम कुदरी तहसील नौरोजाबाद जिला उमरिया (म.प्र.) तथा ट्रेक्टर जप्त किया गया। वाहन चालक शिवा कोल पिता कैलाश कोल, निवासी कुदरी तहसील नौरोजाबाद से जप्त कर पुलिस थाना नौरोजाबाद मे सुरक्षार्थ खडा कराया गया है।प्रकरणों में म.प्र. खनिज अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम 2022 में निहित प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है।

 कांजी हाउस व गौशाला की स्थिति बद से बदतर, भूखे प्यासे कीचड़ में रहने को मजबूर गौवंश

*हिंदू मुस्लिम एकता मंच की जताई गहरी चिंता, जिला प्रशासन से ठोस कदम उठाने की अपील*


उमरिया

जिले में मवेशियों की दुर्दशा की घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। आज सोशल मीडिया पर ग्राम तामन्नारा स्थित कांजी हाउस का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसने एक बार फिर प्रशासनिक व्यवस्था और पंचायत स्तर पर पशुओं की देखरेख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खुले आसमान तले, घुटनों तक कीचड़ और कादो में खड़े मवेशियों की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वे किसी भी संवेदनशील इंसान का दिल दहला देने वाली हैं। वीडियो में साफ दिखाई देता है कि मवेशियों को न तो उचित चारा मिल रहा है और न ही रहने की व्यवस्था। अधिकांश मवेशियों के पेट खाली दिखाई दे रहे हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि उन्हें समय पर भोजन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा।स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत स्तर पर चारा-पानी के लिए बाकायदा राशि आवंटित होती है, बावजूद इसके मवेशियों को इस प्रकार के नारकीय हालात में छोड़ दिया गया है। यह न केवल पशु अधिकारों का हनन है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं पर भी गहरा प्रहार है। यह स्थिति तब और भी चिंताजनक हो जाती है, जब हम बीते दिनों की घटनाओं पर नज़र डालते हैं। ग्राम पंचायत मुड़गुड़ी गौशाला में हुई गायों की मौत और वहाँ की दयनीय स्थिति को लेकर हिंदू मुस्लिम एकता मंच ने पहले भी जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। उस समय मंच के संस्थापक मो. असलम शेर और जिला संयोजक राजेंद्र कोल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर से जिले की सभी गौशालाओं का मौका निरीक्षण करने और तत्काल व्यवस्था सुधारने की मांग की थी। ज्ञापन में साफ उल्लेख किया गया था कि शासन की ओर से पर्याप्त धनराशि और चारागाह विकास की योजनाएँ होने के बावजूद, जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण मवेशियों की हालत खराब हो रही है।

हिंदू मुस्लिम एकता मंच के संस्थापक मो. असलम शेर ने इस संदर्भ में गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा की आज जो वीडियो सामने आया है, वह प्रशासनिक उदासीनता का जीता-जागता सबूत है। हमने पूर्व में भी चेताया था कि यदि समय रहते जिला प्रशासन और पंचायत स्तर पर जिम्मेदार लोग गंभीर कदम नहीं उठाते, तो ऐसी घटनाएँ बार-बार सामने आती रहेंगी। मवेशी बेजुबान हैं, वे अपनी पीड़ा खुद व्यक्त नहीं कर सकते। उन्हें भोजन, पानी और आश्रय की व्यवस्था करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। शासन की ओर से पर्याप्त बजट उपलब्ध होने के बावजूद यदि पशु भूखे-प्यासे मर रहे हैं तो यह सीधी-सीधी भ्रष्टाचार और लापरवाही का मामला है। हिंदू मुस्लिम एकता मंच इस घटना की कड़ी निंदा करता है और माँग करता है कि तत्काल जिम्मेदारों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। साथ ही, कांजी हाउस और जिले की सभी गौशालाओं का निरीक्षण कर ठोस व्यवस्था की जाए।

जिला संयोजक राजेंद्र कोल ने कहा की यह बेहद शर्मनाक स्थिति है कि एक ओर सरकार गौसेवा और पशु कल्याण पर करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर जमीनी स्तर पर पशु कचरे और कीचड़ में जीवन जीने को मजबूर हैं। पंचायतों को हर वर्ष चारा-पानी और रखरखाव के लिए राशि आवंटित होती है, लेकिन वह राशि कहाँ खर्च हो रही है, इसकी पारदर्शी जाँच जरूरी है। मुडगुडी गौशाला की घटना के बाद हमने कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन आज तामन्नारा कांजी हाउस का मामला सामने आना यह साबित करता है कि हमारी मांगों पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया। हम पुनः जिला प्रशासन से अपील करते हैं कि सभी गौशालाओं और कांजी हाउस का निरीक्षण एक हफ्ते के भीतर किया जाए और दोषियों पर कठोर कार्रवाई हो।

*हिंदू मुस्लिम एकता मंच की प्रशासन से कुछ माँगें है*

जिले की सभी गौशालाओं और कांजी हाउस का तत्काल निरीक्षण कराया जाए। चारा-पानी के लिए पंचायत स्तर पर जो राशि आवंटित होती है, उसकी ऑडिट जाँच करवाई जाए। जिन पंचायतों और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही सामने आए, उन पर दंडात्मक कार्यवाही की जाए। मवेशियों के लिए स्थायी चारागाह, शेड और साफ-सुथरे आश्रय की व्यवस्था हो। जिला स्तर पर एक विशेष निगरानी समिति बनाई जाए, जिसमें सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों को भी शामिल किया जाए।

एसडीएम ने खाद-बीज दुकानों का किया औचक निरीक्षण, जारी हुआ नोटिस


उमरिया 

जिले के पाली एसडीएम पाली अम्बिकेश प्रताप सिंह ने पाली स्थित खाद बीज की दुकानों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कमियां मिलने पर कृषि विभाग द्वारा सम्बंधितो को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 

निरीक्षण के दौरान महामाया बीज भण्डार में दस्तावेजों का व्यवस्थित संधारण नहीं पाया गया। स्टॉक रजिस्टर का अवलोकन करने पर  वास्तविक भंडार में पाई गई सामग्री में अंतर पाया गया।  टीम ने अव्यवस्थित रखे सामान और खाद के स्टॉक को नोट किया गया। 

बिरासनी खाद-बीज भंडार में खाद-बीज की बिक्री किराना स्टोर के माध्यम से किया जाना पाया गया, जिस पर मौके पर ही पंचनामा बनाकर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। एसडीओ (कृषि) राशिद खान ने बताया कि अनियमितताओं पर संबंधित फर्मों को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया गया है। जवाब संतोषजनक नही मिलने पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी । 

रेल लाइन में मिला महिला का शव, कोबरा के जहर से जंग जीतकर लौटी जिंदगी


उमरिया

जिला मुख्यालय स्थित स्टेशन से करीब पांच किलोमीटर दूर मारुति एजेंसी के सामने रेल ट्रैक पर एक महिला का क्षत-विक्षत शव मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। महिला का शरीर कई टुकड़ों में बंटा हुआ था। दिल दहला देने वाला नजारा देखकर मौके पर मौजूद लोग सहम गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि हादसा संभवतः बीती रात का है। सुबह शव दिखते ही लोगों ने तत्काल रेलवे और पुलिस को सूचना दी। जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुँची और पंचनामा कार्यवाही शुरू की। फिलहाल मृतका की पहचान नहीं हो सकी है और न ही यह स्पष्ट हो पाया है कि किन परिस्थितियों में वह ट्रेन की चपेट में आई। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

*कोबरा के जहरीले दंश से जंग जीतकर लौटी जिंदगी*

उमरिया जिले के चंदिया थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बाका की 17 वर्षीय महक कुशवाहा पिता तारा कुशवाहा को उसके ही घर में घात लगाए बैठे कोबरा सर्प ने डस लिया। महज एक घंटे के भीतर स्वजन घबराई हालत में जब महक को जिला अस्पताल उमरिया लेकर पहुंचे, उस समय वह बेहोशी की हालत में थी और उसकी साँसें थमी-थमी सी लग रही थीं।

आपातकालीन ड्यूटी पर तैनात डॉ. ज्योति ने तत्काल हालात को भांपते हुए बिना पल गंवाए उपचार शुरू किया और स्थिति की गंभीरता देखते हुए वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राजीव लोचन द्विवेदी को सूचना दी। परिजनों की चीख-पुकार और घबराहट के बीच कैजुअल्टी स्टाफ ने तत्काल मामले की जानकारी सिविल सर्जन डॉ. केसी सोनी व डॉ. संदीप सिंह को दी। सभी ने मिलकर न सिर्फ परिवार को भरोसा दिलाया बल्कि सामूहिक प्रयासों से समय रहते एंटी स्नेक वेनम और जीवनरक्षक इंजेक्शन देकर लड़की की जान बचा ली।

अब महक पूरी तरह स्वस्थ है। उसके माता-पिता गदगद होकर कहते हैं कि अगर हम डॉक्टरों पर भरोसा न करते और झाड़-फूंक में उलझ जाते तो शायद आज हमारी बेटी हमारे बीच न होती। परिजनों ने डॉ. ज्योति, डॉ. राजीव लोचन द्विवेदी, सिविल सर्जन डॉ. केसी सोनी, डॉ. संदीप सिंह, कैजुअल्टी स्टाफ, नर्सिंग अधिकारियों और अस्पताल के समस्त स्टाफ का आभार जताते हुए जनता से अपील की है कि ऐसे मामलों मे झाड-फूंक मे समय खराब न करते हुए मरीज को तत्काल अस्पताल पहुंचे ताकि उसकी जीवन रक्षा हो सके।

संगठन का गड्ढा खोदने वाले अपात्रों की ताजपोशी से बीएमएस धराशाई की कगार पर, लाखो रुपए में बिक गई कुर्सी


उमरिया

भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के जोहिला क्षेत्र में आज पदाधिकारियों की ताजपोशी के लिए बुलायी गई अधिवेशन में भारी हंगामा के साथ अपात्रों की ताजपोशी कर भोपाल और बिलासपुर से आये वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए ।इस मनोनयन से भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ में भारी आक्रोश बढ़ गया है । बताया जाता है कि मनोनयन प्रक्रिया में वह निष्ठावान कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को दर किनार कर ऐसे लोगों को कमान सौंपी गई है, जो भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के प्राथमिक सदस्य भी नहीं है, तो कुछ बी एम एस के साथ साथ अन्य श्रमिक संगठन के सदस्यता ले रखी है और तो कांग्रेस के पदों पर भी आसीन रहते हुए लोकसभा, विधान सभा और नगरपालिका के चुनाव में कांग्रेस का खुलेआम प्रचार करते रहे हैं, इतना ही होता तो संतोष किया जा सकता था , जिम्मेदार पदों पर ऐसे लोगों को पदासीन किया गया है , जिनके ऊपर चोरी जैसे गंभीर आरोप लगे और जिन्होंने बी एम एस के नाम पर भवन आंबटित करा कर बेच दिया गया है । अपात्रों को पदासीन करने से भारतीय  मजदूर संघ के कुलदीप सिंह गुर्जर के ऊपर तीखे आरोप लगाये गये है, उन्होंने भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ और फेडरेशन से चुनाव कराने आये वरिष्ठ पदाधिकारियों की भी नहीं सुनी और मनमाफिक तौर पर नियम विरुद्ध घोषणा कर रफूचक्कर हो गये । बताया जाता है कि अपात्रों को कुर्सी सौंपने के पीछे लाखों रूपयो का लेन-देन किया गया है ।बी एम एस के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया है कि बी एम एस जैसे प्रतिष्ठित संघ में पैसों के दम पर पद बेचें जाने लगे हैं । बी एम एस की छवि धूमिल हुई है और श्रमिकों और संगठन में भारी असंतोष बढ गया है और बी एम एस धराशायी होने की कगार पर आकर खड़ी हो गई है।

भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के नाम का कार्यालय हुआ लापता, कतिपय पदाधिकारियों ने किया नीलाम 


उमरिया

दक्षिण - पूर्व कोल फील्डस लिमिटेड जोहिला क्षेत्र के पाली परियोजना में भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के नाम पर कंपनी के एक आवास को एस ई सी एल प्रंबधन से एलाट करा कर उसे किसी को नीलाम करने का मामला श्रमिकों के बीच चर्चा का बिषय बना हुआ है । ज्ञात होवे उपक्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय के पत्र क्र एस ई सी एल /उ क्षे प्रं / पा उ क्षे/क्र/ 22/ 1350 / दिनांक 23-3-22 को आवास क्र 14/4 बी एम एस कार्यालय के नाम पर आंबटित किया गया था । यह आवास तत्कालीन सचिव और अध्यक्ष के आवेदन के आधार पर आंबटित किया गया था । उस दौरान भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ की कमान संघ के नागेन्द्र सिंह संयुक्त सलाहकार समिति में बी एम एस की तरफ से सदस्य एस ई सी एल जोहिला क्षेत्र में और पाली परियोजना में माननीय शक्ति सिंह बतौर सचिव कमान सम्हाल रहें थे ,तब पाली समूह के प्रबंधन के ऊपर नाजायज रूप से दबाब बनाकर पाली प्रोजेक्ट न्यू कॉलोनी में बी एम एस के नाम पर कार्यालय के लिए भवन आंबटित कराया गया था , जबकि सर्व विदित है की पाली प्रोजेक्ट कालोनी में कंपनी की भूमि पर बी एम एस ने कालरी श्रमिकों के चन्दा और एस ई सी एल प्रंबधन की मेहरबानी से कार्यालय भवन का निर्माण दो दशक पहले से करा कर रखा था और संघ की सारी गतिविधियां इसी कार्यालय से संचालित होती आ रही है , फिर भी संघ कार्यालय के नाम पर भवन आंबटित करा कर उसे एक सेवा निवृत्ति एस ई सी एल कर्मचारी को मनमाफिक राशि लेकर नीलाम कर दिया ।

एस ई सी एल पाली प्रोजेक्ट कालोनी में न्यू कालोनी 14/4 का आवास बी एम एस के नाम पर आंबटित किया है , जिसमें गया प्रसाद साहू नामक पूर्व कालरी श्रमिक आज भी निवास रत है । बताया जाता है कि उक्त श्रमिक पाली शहर में निजी आवास बना लिया है फिर भी एस ई सी एल जैसी मुफ्त में सुविधाये कहा मिलती है ,जिसके चलते वह कतिपय संघ पदाधिकारियों को दिये एक मुश्त राशि के बदले में आज बी एम एस कार्यालय में आजाद होकर रह रहा है । इतना ही नहीं कहा तो यह भी जाता है की यह सफेद पोश नेता पाली समूह मे कालरी प्रबंधन के साथ मिलीभगत कर सैकड़ों अवांछित लोगों को कंपनी के आवास कुछ को आवास आंबटित कराया गया है , जबकि कुछ लोगों को बिना आंबटित किये ही प्रबंधन से सांठगांठ कर कंपनी के आवास की चाबी सौंप दी जाती है ।

उल्लेखनीय है की कालरी आवासों को पिछले दशक में उच्च न्यायालय के पारित आदेश के तहत अतिक्रमण मुक्त कराया गया था लेकिन आज उन आवासों में फिर उसी तरह अवांछित लोगों ने ऐसे ही सैकड़ों लोगों को अतिक्रमण करा दिया गया है ।

एस ई सी एल प्रंबधन बी एम एस कार्यालय के नाम आवास आंबटित कर उस आवास का पता लगाना भूल गया की कार्यालय के नाम पर आंबटित आवास का उपयोग किस तरह से हो रहा है । हैरतअंगेज कहा जाता है की जब भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ का कार्यालय पहले से संचालित होता आ रहा था तब उपक्षेत्रीय प्रबंधक ने कंपनी आवास को क्यों आंबटित किया , और बी एम एस के कतिपय नेताओं ने कार्यालय के नाम पर आवास आवंटित करा कर क्यों बेंच दिया। एस ई सी एल जोहिला क्षेत्र के पाली उपक्षेत्र से कंपनी के आवास कतिपय नेताओं की काली कमाई का जरिया बना हुआ है। अपेक्षा है की भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के वरिष्ठ नेता और एस ई सी एल के उच्च प्रबंधन इस तरह कतिपय नेताओं की कंपनी आवासों की खुली खरीद फरोख्त पर रोक लगाने आवश्यक कदम उठायेंगी।

आबकारी विभाग ने मारा छापा, अवैध शराब जब्त


उमरिया

जिले में मादक पदार्थों के अवैध कारोबार पर नकेल कसने प्रशासन सख्त हो गया है। कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन के निर्देश पर एवं आबकारी अधिकारी सवित्री भगत के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे अभियान के तहत मानपुर वृत के धमोखर और दमना क्षेत्र में आबकारी विभाग ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। आबकारी निरीक्षक दिनकर तिवारी ने बताया कि विभाग को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि धमोखर के कुछ किराना दुकानों से गुपचुप तरीके से शराब बेची जा रही है। इसी सूचना के आधार पर विशेष टीम ने छापामार कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान धमोखर में चम्मू लाल यादव पिता स्व. सोनई यादव की किराना दुकान तथा ग्राम खैरा मे राहुल राय पिता रामचरण राय की किराना दुकान से बड़ी मात्रा में अवैध मदिरा बरामद हुई। जब्ती में 120 एमएल विदेशी मदिरा, 500 एमएल की 21 केन पॉवर बीयर तथा एक कार्टून में 23 पाव देशी मदिरा प्लेन शामिल रही। जब्त शराब का अनुमानित मूल्य करीब 4 हजार 470 रूपये आंका गया है।

वहीं, ग्राम दमना में की गई छापामारी में मुकेश गुप्ता के ठिकाने से 14 पाव देशी मदिरा बरामद की गई। सभी आरोपियों के खिलाफ आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 36 व 34 (1) के तहत प्रकरण दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। इस कार्रवाई का नेतृत्व आबकारी उपनिरीक्षक दिनकर सिंह तिवारी ने किया, जिसमें आबकारी आरक्षक कविता सिंह, अंजली गौतम, राजपति प्रजापति तथा नगर सैनिक राजेश शुक्ला का विशेष योगदान रहा। प्रशासन का कहना है कि जिले में अवैध शराब का कारोबार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस तरह की छापामार कार्रवाई आगे भी लगातार जारी रहेगी।

राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों की सांठगांठ से फल फूल रहा रेत का अवैध कारोबार 

*रेत भरे ट्रेक्टर को जब्त करने के दो दिन बाद छोड़ा*


उमरिया

जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ में वन संपदा की लूट मची हुई है । मामला चाहें सागौन -साल वृक्षों की अवैध कटाई का हों या फिर रेत उत्खनन का हर मामले में राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ के अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हुई है । ऐसा ही एक संवेदनशील मामला धमोखर वन परिक्षेत्र के चेचरिया वन चौकी में प्रकाश में आया है । बताया जाता है की चेचरिया गांव में रेत भरा एक ट्रेक्टर पकड़ में आया था ,जिसे बकायदा जब्त कर वन चौकी में रखा गया और मन माफिक राशि लेकर रेत भरा ट्रेक्टर छोड़ दिया गया । इस मामले में राष्ट्रीय उद्यान के धमोखर वन परिक्षेत्र के चेचरिया में पदस्थ उप वन पाल की भूमिका ज्यादा संदेहास्पद बतायी जाती है उन्होंने ही इस मामले को रंग दिया था। जब इस मामले में विधिवत कार्यवाही नहीं की गयी और मामले को ले देकर सुलझा लिया गया तब इसकी शिकायत धमोखर वन परिक्षेत्र में पदस्थ वन परिक्षेत्राधिकारी से की गयी, और उन्होंने मामले को संज्ञान में लेते हुए जिसकी जांच करने चेचरिया वन चौकी पहुंच कर जांच पड़ताल शुरू की गयी, जिसमें शिकायत सही पाई गई जिसमें में यह पाया गया की एक ट्रेक्टर रेत भरा वन चौकी में दो दिन खड़ा रहा और फिर उस खड़े ट्रेक्टर को  तीन दिन बाद छोड़ दिया गया, इसके बाद भी वन परिक्षेत्राधिकारी ने इस मामले में  आरोपी ट्रेक्टर मालिक के बयान को आधार बनाकर मामले में दोषियों को क्लीन चिट देते हुए अवैध उत्खनन मामले में दोषियो को बचाने के लिए मामले को सदा के लिए दफ़न कर दिया गया। किसी भी ऐसे संवेदनशील मामले में आरोपियों के बयान को आधार मानकर दोषियों के पक्ष में निर्णय नहीं लिया जा सकता , लेकिन इस मामले को धमोखर वन परिक्षेत्राधिकारी ने अत्यंत हल्के से लेते हुए उन्होंने भी दोषियों के पक्ष में निर्णय लेते हुए इस तरह के अवैध कारोबार को एक हाथ और आगे  बढ़ा दिया।

ध्यान देने योग्य है कि उमरिया जिले में रेत की रायल्टी पर पूर्णतया रोक लगी हुई है ,जिस वजह से वैध रूप से रेत मिल नहीं पा रही है जिस वजह से राष्ट्रीय उद्यान के अन्दर नदी -नालो से रेत उत्खनन अवैध रूप से जारी हैं और यह सुनहरा अवसर राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों ने भुनाना शुरू कर दिया है । इसके पहले भी एक सनसनीखेज खुलासा में रेत ट्रेक्टर पकड़ कर छोड़ने का मामला प्रकाश में आया था , उसमें भी इस तरह घालमेल कर मामले को दफन कर दिया गया था , यह दूसरी बार है,जब धमोखर वन परिक्षेत्र में इस तरह रेत उत्खनन का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय उद्यान के उच्च अधिकारियों को इन अधिकारियों को ऐसे संवेदनशील मामले को संज्ञान में लेकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे ताकि अवैध रेत उत्खनन मामले में रोक लग सकें।

विधायकों के दबाव से उबर नहीं पा रहा संगठन, मंडल अध्यक्ष और कार्य कारिणी के गठन में उलझा आलाकमान 

*चाल चरित्र को लेकर संगठन में तरह तरह के लांछन लग चुके है*


उमरिया

भारतीय जनता पार्टी के संगठन में भले ही जिला अध्यक्ष बने कई महीने बीत गये हो लेकिन अभी भी जिले में भाजपा के शेष बचे मंडल अध्यक्षो का चयन और जिला जिला कार्यकारिणी का गठन न हो पाना संगठन की सक्रियता पर सवाल खड़े कर रहा है । बताया जाता रहा है की प्रदेश अध्यक्ष के  निर्वाचन मे हुए विलंब के कारण भी जिले के संगठन का सृजन नहीं हो पाया ।इस सबके बीच में पिछले दिनों जिले के शेष पांच मंडल अध्यक्षों के लिए जिले से लेकर प्रदेश कार्यालय तक मंडल अध्यक्ष को लेकर रस्साकसी का खेल चला था। बताया जाता है कि जिले के विधायकों की मनमानी के चलते संगठन सृजन में देरी हो रही है । जिले के मंडल अध्यक्ष को लेकर विधायकों के मन पसंद अनुपयुक्त नेताओं की ताजपोशी कराने के लिए जिला संगठन से लेकर विधायक गणों ने प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल और संगठन मंत्री हितानंद तक अपात्रों की ताज पोशी करने की सिफारिश लेकर पहुंचे विधायकों को संगठन ने सिरे से नकारते हुए जिले में पर्यवेक्षक भेजकर जिला कार्यकारिणी और मंडल अध्यक्ष के पात्रों की नियुक्ति के नाम का पैनल मांगा गया था, जिसके परिणामस्वरूप जिले में दो पर्यवेक्षक आये थे और उन्होंने प्रमुख भाजपा नेताओं से राय सुमारी कर भोपाल कार्यालय में अपनी रिपोर्ट जमा कर दिया है, जिसके आधार पर 18-19 अगस्त तक घोषणा करने की समय बध्दता तय की गयी थी, लेकिन तय समय-सीमा गुजरने के बाद भी प्रदेश भाजपा आलाकमान को घोषणा करने में पसीना आ रहा है ।

उमरिया जिले के बांधवगढ़ विधान सभा के कोहका और करकेली मंडल अध्यक्ष के चयन के लिए जिन नामों को लेकर विधायक पैरवी कर रहे हैं, उनमें करकेली मंडल से विनोद सिंह और कोहका मंडल से शिवकुमार पर साफ मना कर दिया, तब विधायक ने उसके पत्नी पूनम मैक्स साहू का नाम आगे बढाया है। यद्यपि अगर शिवकुमार मैक्स साहू को नहीं बनाया जा सकता तो उसकी पत्नी को बनाकर अपरोक्ष रूप से शिवकुमार साहू की ताजपोशी करने की जुगत बैठा रहे हैं। बताया जाता है की विधायक ने कोहका मंडल से साहू का नाम बढ़ाकर साहू समाज को साधने का करिश्मा दिखाना चाहते हैं, इसके पीछे वह जातीय समीकरण को साधना चाहते हैं , जबकि इस मंडल में सर्वाधिक आबादी राठौर समुदाय की आती है ।वही करकेली मंडल से विनोद सिंह राठौर को लेकर आगे बढ़ रहे जिसके पीछे राठौर समाज का नेतृत्व मानते हैं ।करकेली मंडल में राठौर अपेक्षा कृत कोहका से कम है ।करकेली मंडल में अगर 20 से  25 प्रतिशत आबादी राठौर समाज की होगी तो कोहका मंडल में 50 से 60 प्रतिशत आबादी राठौर समाज की मानी जाती है , फिर भी कोहका मंडल में सिर्फ साहू समाज के प्रति झुकाव विधायक  के कार्य शैली पर तीखे सवाल खड़ी कर रही है । दोनों मंडलों में राठौर समाज की आबादी पायी जाती है , लेकिन कोहका मंडल में राठौर समुदाय की आबादी अधिकतम पायी जाती है , जहां से शिव कुमार साहू की पत्नी पूनम साहू की ताजपोशी के लिए भाजपा विधायक तय मापदण्डो की उपेक्षा करते हुए बनाना चाहते हैं , जबकि साहू समाज की आबादी अन्य समुदाय से कम है । सर्व विदित है की पूनम मैक्स साहू जनपद पंचायत करकेली में भाजपा के दम पर उपाध्यक्ष की कुर्सी सीन है । भाजपा ने पहले भी नियम बना रखा है की एक व्यक्ति एक पद पर रह सकता है फिर पूनम मैक्स साहू के लिए इस नियम से समझौता करना उसके बनाये वसूलों को धता बताते के समान है । कोहका मंडल में बहुसंख्यक राठौर समुदाय की आबादी की उपेक्षा विधायक करते हुए भाजपा के लिए संकट खड़ा कर रहे हैं , ऐसा नहीं है की कोहका मंडल में राठौर नेता नहीं है फिर भी उनकी अनदेखी कर साहू समाज के एक अदने से  व्यक्ति के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं जबकि एक के चाल चरित्र को लेकर संगठन में तरह तरह के लांछन लगाए जा चुके हैं। इसी तरह करकेली मंडल के जिस नेता की पैरवी की जा रही है वह तय आयु सीमा को पार कर चुके हैं । आखिर कार बांधवगढ़ विधायक के लिए इन दो नामों के अलावा और कार्यकर्ताओं से लगाव क्यों नहीं है ।यह सवाल भाजपा समर्थित भाजपा नेताओं के मन में घर कर बैठा।इसी तरह मानपुर विधानसभा क्षेत्र के तीन मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति अनावश्यक रूप से अपात्र नेताओं की ताजपोशी के लिए अपनी टांग अडा रखें है । इस तरह से मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति में विधायकों की अंडगे बाजी के कारण अधर में लटकी हुई है । भाजपा जैसे विशालकाय संगठन जो की अनुशासन प्रिय और मापदण्डो के लिए जानी जाती हैं उस राष्ट्रीय दल की हालात ऐसी हास्यास्पद स्थिति से गुजर रही है की मंडल अध्यक्ष के लिए  विधायक की नियम विरुद्ध पैरवी के चलते आज भी नियुक्तियां अधर में लटकी हुई है । भाजपा आलाकमान नियुक्तियों के मामले को गंभीरता से लेते हुए अविलंब पहल करेंगे ऐसी जनापेक्षा भाजपा के कनिष्ठ -वरिष्ट कार्यकत्ताओं की मांग है ।

राष्ट्रीय उद्यान के भविष्य में चल रही है कुल्हाड़ी अवैध कटाई, हजारों सागौन के वृक्ष ठूंठों में तब्दील 

*अवैध रेत भरा ट्रैक्टर छोड़ा*


उमरिया

प्रसिद्ध बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के धमोखर वन परिक्षेत्र के रायपुर में जिस तरह कुल्हाड़ी चलाकर वनों का दोहन किया जा रहा है , जिससे राष्ट्रीय उद्यान के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं । बताया जाता है कि  धमोखर वन परिक्षेत्र के रायपुर वीट के सगमनिहा पटपरिहा,घिनौंचीहा जो कुदरी से लगे वन क्षेत्र में सागौन और साल के हजारों वृक्ष आज ठूंठ में तब्दील हो गई है ।

विदित होवे की राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ में अभी हाल में ही पिहरी निकालने गये लोगों के ऊपर राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ के अधिकारियों ने कार्यवाही कर आम लोगों पर शिकंजा कसा था ,जिसको लेकर बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन की काफी किरकिरी भी हुई है, वही पर दूसरी ओर राष्ट्रीय उद्यान धमोखर वन परिक्षेत्र के रायपुर में जिस तरह से हजारो सागौन और साल के वृक्षों की अवैध कटाई की गयी है , जो की राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों - कर्मचारियों के मिली भगत के संभंव नही हो सकती है। वनो की जिस तरह से अवैध वन कटाई का सिलसिला जारी है, जिससे वन विभाग के राष्ट्रीय उद्यान के कतिपय अधिकारियों की कार्य शैली पर तीखे सवाल खड़ी कर रही है । बताया जाता है की राष्ट्रीय उद्यान के कतिपय अधिकारियों ने एक तरफ कार्यवाही का हौवा खडा करते हैं ,वही दुसरी ओर राष्ट्रीय उद्यान की परिधि में बेतहाशा इमारती वृक्षों की कटाई की जा रही है।

धमोखर वन परिक्षेत्र में  जमे दशकों से मातहत अधिकारियों ने राष्ट्रीय उद्यान में लगायें गये सागौन की नर्सरी जो लगायी गयी थी, जिसमें से हजारों वृक्षों को कत्लेआम कर दिया गया है । बताया जाता है की इस क्षेत्र में लगभग एक दशक से ज्यादा समय से पदस्थ वनपाल जिनकी कार्यशैली सदैव विवादों में रही है और जिन्होंने वन तस्करों से सांठगांठ करके राष्ट्रीय उद्यान के बहु मूल्य वन संपदा को बेचने में उतारु है । जिस तरह से धमोखर वन परिक्षेत्र में अवैध सागौन और साल के वृक्षों की कटाई हुई है, निस्संदेह यह गंभीर मामला है और इसकी सूक्ष्मतम जांच कर दोषियों के विरूद्ध जांच कर कार्यवाही करने की अपेक्षा की गयी है।

*चेचरिया में रेत भरा ट्रेक्टर पकड़ा, फिर छोडा*

विदित होवे की राष्ट्रीय उद्यान से जुड़े चेचरिया में पिछले दिनों रेत से भरा एक ट्रेक्टर पिछले दिनों पकड़ कर चेचरिया चौकी में लाकर दो दिनों तक खडा कर के रखा गया था, फिर दो दिनों के बाद ट्रेक्टर को वन चौकी से छोड़ दिया गया । यह मामला चर्चाओं में शुमार है । बताया जाता है कि यह पर पदस्थ वन उपपाल इस मामले को ले देकर रफा दफा कर दिया गया है । इस तरह से देखा जाए तो वन विभाग के अधिकारी वन संपदा को निजी जागीर मानकर खुर्द बुर्द करने में तुले हुए हैं।

उमडार नहर की भूमि पर बढ़ते अतिक्रमण, विभाग का चौकीदार ने की क़ब्जे की शुरुआत 


उमरिया

जल संसाधन विभाग उमरिया के उमडार बांध के लिए बनायी गयी नहर जो की की बेशकीमती भूमि पर अतिक्रमण का सिलसिला निरंतर रूप से जारी हैं । विदित होवे की इस बांध को सुरक्षित रखने के लिए नहर के एक तरफ 40 फीट और दुसरी ओर 30 फीट भूमि सुरक्षित रखी गयी है, जो विधिवत जल संसाधन विभाग उमरिया के नाम पर शासकीय दस्तावेजों में है , फिर भी इस भूमि पर महरोई से लेकर बडेरी तक अवैध रूप से कब्जा कर आवास और दुकाने बना कर हथियाया जा रहा है ।यह अतिक्रमण न सिर्फ नहर के सीमा के किसानों के व्दारा की जा रही है बल्कि जल संसाधन विभाग में कार्यरत चौकीदार शरद कुशवाहा ने ही खुद अवैध रूप से कब्जा कर आवास और दुकान बना रखी है । बताया जाता है की अन्य अतिक्रमण कारियों ने भी चौकीदार के सह पर जगह -जगह कब्जा कर नहर की मेढ़ को खेत बना लिया है ,उसको जोतते -बोते और फसल उगाते देखें जा रहे हैं । कतिपय लोगों ने खुलेआम बतलाया की चौकीदार कहता है की आप कब्जा कर लो , मैं जो करूंगा वहीं एस डी ओ और इंजीनियर करेंगें ।

चौकीदार के बढ़ते मंसूबों को देखने से प्रतीत होता है की उमरिया जल संसाधन विभाग में चौकीदार का ही राज चल रहा है , लगता है की चौकीदार चोर का जो जुमला चला था ,वह जल संसाधन विभाग उमरिया के चौकीदार के लिए ही बनाया गया था । मालुम होवे की वर्ष 2023 में अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन विभाग उमरिया के व्दारा कुछ अतिक्रमण कारियों को नोटिस जारी कर शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए दिये गये थे , जिसमें कहा गया था की शासकीय भूमि पर बाऊण्डी बनाकर उपयोग, उपभोग कर रहे हैं , उसे तत्काल अतिक्रमण मुक्त किया जाए, लेकिन इस नोटिस के साथ ही आगे की कार्यवाही सदा के लिए दफ़न कर दी गई है ।

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget