कवयित्री कविता मिश्रा लखनऊ प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा की सलाहकार बनी


      जबलपुर -  प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा हिंदी के प्रचार-प्रसार में सतत प्रेरणादायक कार्य कर रही है और हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु जारी अभियान में लोग शामिल होकर सहयोग प्रदान कर रहे हैं जो कि ऐतिहासिक है।

        प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने दिनांक 19 मई 2024 को जारी विज्ञप्ति में बताया कि डॉ गुंडाल विजय कुमार मुख्य सलाहकार की सहमति से कवयित्री कविता मिश्रा लखनऊ प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा की सलाहकार बनी।

            कवयित्री कविता मिस्रा हिंदी प्रचार प्रसार हेतु समर्पित हैं। कविता मिस्रा लखनऊ को प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा में शामिल होने पर डॉ धर्म प्रकाश वाजपेयी, डॉ हरेन्द्र हर्ष,  प्रदीप मिश्र अजनबी, डॉ लाल सिंह किरार, अजय पांडेय, माला श्रीवास्तव, के. एल. सोनी विनोदी, पुष्पा गायकवाड़, डॉ मंजुला साहू निर्भीक,  राजकुमारी रैकवार राज, संतोष कुमार पाठक, बिनोद कुमार पांडेय, गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी, राम गोपाल फरक्या, संतोष कुमार पांडेय व जलज शर्मा ने बधाई दी है।

 *सूरज की सगी बहन*


आग उगलती दोपहरी ये अंगारे सा दिन,

कब आषाढ़ घन गरजेंगे कब बरसेगा सावन।



प्यासे अधर नदी झरनों के,

कंठ कुओं के सूखे,

दिन भर के दुबके नीड़ों में,

पंछी सोऐं भूखे।


प्रातः से ही तपन तपस्विन करने लगी हवन,

कब मेघों का बिजुरियों से होगा मधुर मिलन।


सड़कों पर सन्नाटा लेटा,

मृग मरीचिका बनकर,

गर्म हवा के झोंके चलते,

रात-रात भर तन कर।


भीषण गर्मी लगती है सूरज की सगी बहन,

कब रिमझिम के गीत गुनगुनाएंगे धरा गगन।


रखा निर्जला व्रत इस ऋतु ने,

पांव छांव के व्याकुल,

श्वेत अंगोछा बांधे सिर पर,

हांफ रहा मलयानिल।


पंखा झलती पल्लू के कोने से सांझ दुल्हन,

उमस खोल कर बैठी वक्षस्थल के सब बंधन।


आग उगलताती दोपहरी ये अंगारे सा दिन,

कब आषाढ़ घन गरजेंगे कब बरसेगा सावन।


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गीतकार अनिल भारद्वाज, एडवोकेट,(हाई कोर्ट, ग्वालियर),

भारत विकास परिषद की प्रांतीय बैठक व नवीन पदाधिकारियों का दायित्व शपथ ग्रहण सम्पन्न


अनूपपुर

भारत विकास परिषद विंध्य प्रांत की प्रांतीय परिषद की बैठक रीजनल अतिरिक्त महासचिव पूर्णेन्दु भट्ट के मुख्य आतिथ्य में तथा प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस अवसर पर रीजनल सेक्रेटरी सम्पर्क डॉ. शेखर जैन, मध्यप्रदेश बाल संरक्षण आयोग की सदस्य श्रीमती मेघा पवार, तथा वरिष्ठ समाजसेवी  सुनील सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहें। बैठक का शुभारंभ आमंत्रित अतिथियों द्वारा भारत माता एवं स्वामी विवेकानन्द के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं पुष्प अर्पण कर हुआ।  सामूहिक वन्देमातरम के गायन  उपरांत आमंत्रित अतिथियों का तिलक लगाकर एवं श्रीफल भेंट कर स्वागत किया गया। तत्पश्चात् रीवा शाखा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल जैन द्वारा अपने उद्बोधन के माध्यम से सभी आमंत्रित अतिथियों, प्रांतीय पदाधिकारियों एवं विभिन्न शाखाओं के उपस्थित पदाधिकारियों का स्वागत किया गया। बैठक संचालन संगठन मंत्री आलोक खोडियार तथा रीवा शाखा के सचिव राजेन्द्र सिंह बघेल ने किया। बैठक में सर्वप्रथम रीजनल अतिरिक्त महासचिव पूर्णेन्दु भट्ट ने वर्ष 2024-25 के लिए नवनिर्वाचित प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को दायित्व शपथ ग्रहण कराया इसके पश्चात्  रीजनल सेक्रेटरी सम्पर्क डॉ. शेखर जैन  ने रीवा शाखा के नवीन कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को दायित्व शपथ ग्रहण कराया। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित  पूर्णेन्दु भट्ट ने विंध्य प्रांत की विभिन्न शाखाओं से आये हुए पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुुए कहा कि-भारत विकास परिषद सम्पूर्ण भारत वर्ष में अपनी शाखाओं के माध्यम से सेवा एवं संस्कार के क्षेत्र में सतत् कार्य कर रही हैं तथा भारत को जानो, राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता, गुरू वंदन छात्र अभिनन्दन जैसे कार्यक्रमों से बच्चों में राष्ट्रप्रेम का भाव जागृत करती है। देश और समाज के समग्र विकास के लिए सामाजिक जीवन में ईमानदारी एवं निष्ठापूर्वक कार्य करने की आवश्यकता होती है तथा समाजसेवा के क्षेत्र में समर्पण की भावना से कार्य करना चाहिए।

    इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित बाल सरंक्षण आयोग की सदस्य श्रीमती मेघा पवार ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शुभकामना देते हुए कहा कि भारत विकास परिषद सेवाभावी संस्था है। सम्पर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा एवं समर्पण ये पांच सूत्र हैं इन्ही सूत्रो पर निरंतर कार्य करने का प्रयास करना चाहिए। परिषद की सदस्यता पारिवारिक होती है इसलिए परिषद के कार्यक्रमों में सपरिवार पंहुचने का प्रयास करना चाहिए । इससे जहां परस्पर संबंध स्थापित होते हैं, एक-दूसरे को समझने का अवसर प्राप्त होता है वहीं बच्चों में संस्कार की भावना निर्मित होती हैं। बैठक में रीजनल सेक्रेटरी सम्पर्क डॉ. शेखर जैन, तथा समाजसेवी सुनील सिंह, विद्याभारती  के प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. संतोष अवधिया, ने भी अपने विचार व्यक्त किये। तथा आभार प्रदर्शन रीवा शाखा के कोषाध्यक्ष दीप चन्द्र विश्वकर्मा ने किया।

बैठक मे प्रांतीय संरक्षक राकेश अग्रवाल, उपाध्यक्ष आलोक टिकरिया, महासचिव श्रृजनेश जैन, वित्तीय सचिव सुरेश विश्नोई, संगठन सचिव आलोक खोडियार, संस्कार प्रमुख अजय गुप्ता, महिला सहभागिता श्रीमती अनुराधा श्रीवास्तव, सेवा प्रमुख संजय गुप्ता, भारत को जानो संयोजक योगेश जैन, स्थापना एवं जयंती बलराम गुप्ता, प्रचार प्रसार प्रमुख बीरेंद्र  सिंह , तथा छतरपुर शाखा अध्यक्ष-बृजकिशोर अग्रवाल, सचिव-राम कुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष- रामनारायण अग्रवाल, कटनी शाखा से सचिव नीलेश स्वर्णकार, शहडोल से सचिव प्रदीप गुप्ता, बुढार से कोषाध्यक्ष कन्हैयालाल कुशवाहा, अनूपपुर से अध्यक्ष राज किशोर तिवारी, सचिव आनन्द पाण्डेय, सीधी से अध्यक्ष विनय गुप्ता, दिलीप शेखर गुप्ता, सतना से विजय गुप्ता अध्यक्ष, राजेश अग्रवाल कोषाध्यक्ष, मैहर से अध्यक्ष संजय गुप्ता, रमेश अग्रवाल(पालक कटनी) संजय जाद नानी उपाध्यक्ष, इन्द्र जीत सिंह मैनी सचिव, आनन्द वर्मा कोषाध्यक्ष, मऊगंज से एड. प्रदीप सिंह, रीवा शाखा से संरक्षक डॉ. अरूण अग्रवाल, डॉ. यू.पी. सिंह, उपाध्यक्ष अतुल जैन, कमल सूरी, सचिव राजेन्द्र सिंह बघेल,सह-सचिव  एवं कार्यक्रम संयोजक राजेन्द्र ताम्रकार, कोषाध्यक्ष दीप चन्द्र विश्वकर्मा, सह-कोषाध्यक्ष दलवीर द्विवेदी, ज्ञानेन्द्र पाठक सम्पर्क प्रमुख, ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह संस्कृति सप्ताह प्रमुख, तथा कार्यकारिणी सदस्य रमेश गुप्ता विमलेन्द्र द्विवेदी, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, एड. इन्द्रेश चतुर्वेदी, सुमित गुप्ता, गुलशन चढडा, सुरेश राय, शिवा कान्त गुप्ता,सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

सहित्यकारा सुषमा खरे की कृति शिवपुराण बुंदेली भाष्य का हुआ विमोचन


जबलपुर 

वैशाख माह की पावन शुक्ला अक्षय तृतीया के पुनीत अवसर पर हमारे नगर सिहोरा की जानीमानी सुप्रसिध्द साहित्यकारा सुषमा वीरेंद्र खरे की साहित्यिक  गतिविधियों में निरंतर उत्तरोत्तर प्रगति हो रही है। अभी कुछ दिनों पूर्व उनकी सामाजिक उत्थान हेतु प्रेरक रचनाओं की कृति कलम के रंग का विमोचन सिहोरा के साहित्य मंच पाठक मंच के तत्वावधान में हुआ था और आज जबलपुर की जानीमानी प्रसिद्ध संस्था बुंदेली सनातनी संस्कृति के तत्वावधान में महान विभूतियों और महा वरिष्ठ साहित्यकारों के करकमलों से उनके द्वारा रचित व अनुवादित धार्मिक कृति शिवपुराण बुंदेली भाष्य  का विमोचन हुआ। आपको बता दें कि य़ह ग्रंथ 300 पेज का है और इसमे शिव पार्वती चरित्रों को बुंदेली भाषा में सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया गया है।सुषमा जी ने बताया कि 14 सितंबर 2023 से उन्होंने शिवपुराण बुंदेली भाषा में लिखना शुरू किया था और 6 फ़रवरी 2024 को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर य़ह सम्पन्न हुआ और बुंदेली संस्था की संचालिका प्रभा विश्वकर्मा जी के अनुरोध पर उन्होंने तत्काल इस ग्रंथ को प्रकाशित करवाया और 10 मई को रानी दुर्गावती  संग्रहालय कला वीथिका में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आचार्य डॉ भगवत प्रसाद दुबे के और ज्ञान गंगा महाविद्यालय के संस्थापक जैन जी और महापौर जयबहादुर अन्नू की प्रतुल श्रीवास्तव और जबलपुर के बाहर  से आए समस्त वरिष्ठ साहित्यकारों के मध्य इनका विमोचन हुआ ।यहां बताना उचित होगा कि सुषमा का रुझान धर्म साहित्य की ओर अधिक है ।अभी उन की एक और बुंदेली कृति प्रकाशित होने वाली है ।

उनकी इस कृति पर जबलपुर क्षेत्र के प्रसिद्ध मंच संचालक मंच मणि राजेश पाठक ने अपनी शुभकामनाएं और बधाई के रूप में सुन्दर मंगल भावना प्रकट करते हुए कहा कि सुषमा की लेखनी प्रणाम करने योग्य है माँ शारदे की कृपा उन पर सदा बनी रहे। कवि संगम त्रिपाठी ने शिव पुराण बुंदेली भाषा में लिखने पर सुषमा वीरेंद्र खरे को बधाई दी है।

डॉ ओमप्रकाश केसरी पवन नन्दन प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के सलाहकार बने


      जबलपुर -  हिंदी के प्रचार-प्रसार में सतत प्रेरणादायक कार्य कर रही संस्था प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा अपने अभियान का सतत विस्तार कर रही है और हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु जारी अभियान में लोग शामिल होकर सहयोग प्रदान कर रहे हैं जो कि ऐतिहासिक है।

        प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि डॉ गुंडाल विजय कुमार मुख्य सलाहकार की सहमति से डाॅ ओमप्रकाश केसरी पवन नन्दन बक्सर बिहार को सलाहकार मंडल में शामिल किया गया है।

            वरिष्ठ कवि साहित्यकार शिक्षाविद पत्रकार समाजसेवी डॉ ओमप्रकाश केसरी पवननन्दन को प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के सलाहकार मंडल में शामिल किए जाने पर डॉ धर्म प्रकाश वाजपेयी, डॉ हरेन्द्र हर्ष, प्रदीप मिश्र अजनबी, डॉ लाल सिंह किरार, अजय पांडेय, के. एल. सोनी विनोदी, श्रीमती स्वाति शर्मा, राजकुमारी रैकवार राज, संतोष कुमार पाठक, बिनोद कुमार पांडेय, गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी, पूजा संकल्प, गोपाल जाटव विद्रोही, प्रभा बच्चन श्रीवास्तव, राम गोपाल फरक्या व डॉ शिवशरण श्रीवास्तव अमल ने बधाई दी है।

         प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी संतोष कुमार पांडेय ने बताया कि प्रेरणा हिंदी सभा हिंदी दिवस 2024 को दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मेलन व हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु जारी अभियान के तहत प्रदर्शन करेगी।

पत्रकार संतोष कुमार पांडेय बने राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी, लोगो ने दी शुभकामनाएं


जबलपुर

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा हिंदी के प्रचार-प्रसार में सतत प्रेरणादायक कार्य कर रही है और हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु जारी अभियान में लोग शामिल होकर सहयोग प्रदान कर रहे हैं जो कि ऐतिहासिक है।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने दिनांक 27 अप्रैल 2024 को जारी विज्ञप्ति में बताया कि डॉ गुंडाल विजय कुमार मुख्य सलाहकार की सहमति से संतोष कुमार पांडेय सुल्तानपुर को राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी मनोनीत किया है।

पत्रकार संतोष कुमार पांडेय हिंदी प्रचार प्रसार हेतु समर्पित हैं। संतोष कुमार पांडेय को प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा में राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी मनोनीत किए जाने पर डॉ धर्म प्रकाश वाजपेयी, प्रदीप मिश्र अजनबी, डॉ लाल सिंह किरार, अजय पांडेय, के. एल. सोनी विनोदी, श्रीमती स्वाति शर्मा, राजकुमारी रैकवार राज, संतोष कुमार पाठक, बिनोद कुमार पांडेय, गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी, अखिलेश चन्द्र चमोला, डॉ सुनील कुमार,राम अवतार स्वामी आदि ने बधाई दी है।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने बताया कि 14 सितंबर 2024 को संस्था का राष्ट्रीय सम्मेलन व हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु दिल्ली में प्रदर्शन किया जाएगा।

डॉ कृपाशंकर मिश्रा प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के सलाहकार मनोनीत


जबलपुर

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा हिंदी के प्रचार-प्रसार में सतत प्रेरणादायक कार्य कर रही है और हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु जारी अभियान में लोग शामिल होकर सहयोग प्रदान कर रहे हैं जो कि ऐतिहासिक है।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि डॉ गुंडाल विजय कुमार मुख्य सलाहकार की सहमति से  डाॅ कृपाशंकर मिश्रा मुंबई  को सलाहकार मंडल में मनोनीत किया है।

साहित्यकार डॉ कृपाशंकर मिश्रा हिंदी प्रचार प्रसार हेतु समर्पित हैं। डॉ कृपाशंकर मिश्रा मुंबई  को प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा में सलाहकार मनोनीत किए जाने पर डॉ धर्म प्रकाश वाजपेयी, प्रदीप मिश्र अजनबी, डॉ लाल सिंह किरार, अजय पांडेय, के. एल. सोनी विनोदी, श्रीमती स्वाति शर्मा, राजकुमारी रैकवार राज, संतोष कुमार पाठक, बिनोद कुमार पांडेय, गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी,  सुनीता श्रीवास्तव, राम गोपाल फरक्या, कुमार आलोक, डॉ सुनील कुमार तिवारी, अनिता निधी ने बधाई दी है।

मुझको हर पल सहारा दिया है, मैंने मांगा वो तूने दिया है, मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया



 *हनुमत तेरा शुक्रिया है*

 

मैंने मांगा वो तूने दिया है

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।


मुझको अपनों ने जब जब गिराया,

तूने बाहों में भर कर उठाया।

मुझको हर पल सहारा दिया है,

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।


जबसे तेरी शरण में मैं आया,

तूने उजड़ा मेरा घर बसाया।

मेरे मधुबन को महका दिया है,

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।


मैं तो मन से करूं तेरी पूजा,

तेरे जैसा नहीं कोई दूजा,

जो न मांगा था वो भी दिया है।

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।


तेरे बिन अब नहीं कोई मेरा,

मेरे दिल में है तेरा बसेरा ।

तूने सपने में दर्शन दिया है

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है ।


मैंने मांगा वो तूने दिया है

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।

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गीतकार -अनिल भारद्वाज,एडवोकेट, हाईकोर्ट ग्वालियर मध्यप्रदेश

पत्रकार सुरक्षा कानून और संगठन की समीक्षा को लेकर जेसीआई ने किया मंथन

*पूरे देश में लागू हो पत्रकार सुरक्षा कानून, जेसीआई ने भेजा केन्द्रीय सूचना, प्रसारण मंत्री को पत्र*

*मान्यताप्राप्त व श्रमजीवी पत्रकारो के साथ साथ गैर मान्यताप्राप्त पत्रकार भी हो इसके दायरे में शामिल*


भोपाल

पत्रकारों की राष्ट्रीय संस्था जर्नलिस्ट काउंसिल आफ इंडिया (रजि0) ने आए दिन पत्रकारों पर हो रहे हैं हमले और उत्पीड़न को लेकर एक वर्चुअल मीटिंग का आयोजन किया। जिसकी अध्यक्षता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ0 अनुराग सक्सेना एवं संचालन संगठन के राष्ट्रीय संयोजक डॉ0 आर0 सी0 श्रीवास्तव ने किया। वैसे तो संगठन के मीटिंग का समय सायंकाल 3:00 बजे से सायंकाल 5:00 बजे तक का था परंतु जब संगठन के पदाधिकारीयों ने उक्त विषय पर अपने क्रांतिकारी विचार रखना शुरू किया तो फिर समय का ध्यान ही नहीं रहा और मीटिंग करीब साढ़े तीन घंटे तक चली।

सर्वप्रथम डॉ0 आर0 सी0 श्रीवास्तव द्वारा पत्रकारों पर आए दिन हो रहे हमले और उत्पीड़न को लेकर मुद्दा रखा गया कि किस प्रकार से पत्रकारों की सुरक्षा और स्थानीय पत्रकारों को उनकी पहचान दिलाई जाए जिससे वह भी निर्भीक होकर सम्मान पूर्वक अपना कार्य कर सकें इसपर सर्वप्रथम बिहार से संयोजक कुणाल भगत ने अपने विचार रखते हुए चिंता व्यक्त किया और कहा कि बिहार में जी मीडिया एवं अन्य मीडिया घरानों के पत्रकारों के साथ जिस प्रकार से प्रशासन द्वारा अभद्र व्यवहार और धक्का मुक्की की गई यह लोकतंत्र में पत्रकारिता के लिए काले पन्ने पर अंकित किया जाएगा। आज आवश्यकता है कि पत्रकार अपनी अहमियत को समझे और संगठित होकर सरकार के खिलाफ और व्यवस्था के खिलाफ अपने हक को लेकर लामबंद हो ताकि उसकी आवाज सुनी जाए और उसका हक उन्हें मिल सके।

वरिष्ठ पदाधिकारी सलमान खान ने भी व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्रकारों को एक छत के नीचे जे0सी0आई0 के सानिध्य में रहकर पत्रकार हितों की मांग बुलंद करने की नसीहत दी। इस अवसर पर अपना मत व्यक्त करते हुए संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष  डॉ0 अनुराग सक्सेना ने कहा कि आज पत्रकारिता अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है और इसका जितना श्रेय व्यवस्था को जाता है उतना ही श्रेय पत्रकार साथियों को भी जाता है क्योंकि पत्रकार साथियों ने ना तो कभी अपने हितों की सुरक्षा के लिए सोचा है और न ही कभी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूती से खड़े हुए हैं इसलिए अब समय आ गया है कि संगठित होकर अपने हक और हुकूक की लड़ाई लड़ी जाए इसी में हमारी भलाई है।

वरिष्ठ पदाधिकारी, पत्रकार एवं एडवोकेट सचिन श्रीवास्तव ने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें छोटे बड़े की लड़ाई छोड़कर एक साथ आना चाहिए और अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़नी चाहिए। वरिष्ठ पदाधिकारी अश्वनी बडगैया ने कहा कि मध्य प्रदेश में संगठन का विस्तार तेजी से किया जा रहा है और जल्द ही इसे पूर्ण कर लिया जाएगा ताकि पूरी ताकत के साथ पत्रकारों की लड़ाई लड़ी जा सके। वरिष्ठ पत्रकार साथी एवं फतेहपुर के जिला अध्यक्ष शाह आलम वारसी ने कहा कि फतेहपुर में हमारा संगठन बहुत मजबूत है और हम और हमारा संगठन हर समय पत्रकारों के हक की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। वरिष्ठ पत्रकार एवं संगठन के राष्ट्रीय पदाधिकारी श्री अशोक झा ने कहा कि पत्रकारों का उत्पीड़न किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा सरकार को पत्रकारों के हित के लिए सोचना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार साथी एवं प्रदेश पदाधिकारी नागेंद्र पांडे ने कहा कि संगठन को निरंतर मजबूती हेतु प्रयास किया जा रहा है जिस पर हम लगातार सफल भी हो रहे हैं।

इस प्रकार से कुल मिलाकर सभी पत्रकार साथियों ने पत्रकारों के उत्पीड़न और प्रशासन द्वारा दबाव बनाए जाने को लेकर जहां एक तरफ चिंता व्यक्त किया वहीं दूसरी तरफ अपने हक को लेकर आक्रोशित भी दिखे सबका कहना था कि सरकार को क्षेत्रीय पत्रकारों को उनका हक देना चाहिए पत्रकारों के हित के लिए पत्रकारिता को लेकर एक अलग कानून बनना चाहिए। देश एक तरफ आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा तो दूसरी तरफ इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी देश के पास पत्रकारों के लिए कोई अलग कानून नहीं है जो बहुत ही चिंता का विषय है। अतः क्षेत्रीय पत्रकारों के हक और अस्तित्व को लेकर लड़ाई जारी रहेगी पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करवाना और क्षेत्रीय पत्रकारों को पहचान दिलवाने का संकल्प संगठन का मुख्य मुद्दा है इसके लिए लड़ाई निरंतर जारी रहेगी क्योंकि सरकार कोई भी हो हमारे हितों के लिए हमारी बेहतरी के लिए कोई भी कार्य नहीं करना चाहता यदि पत्रकारों की मांगे नहीं मानी जाती हैं तो इस लड़ाई को वृहद स्तर पर लाकर लड़ा जाएगा और जब तक सरकार पत्रकार हितों के लिए कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।इसके बाद संचालक डॉक्टर आर0 सी0 श्रीवास्तव द्वारा समय अधिक होने का हवाला देते हुए सभी पत्रकार साथियों को धन्यवाद प्रेषित किया।

इस अवसर पर नागेंद्र पांडेय, सलमान खान, अजय शुक्ला, अशोक झा, दिनेश कुमार, अब्दुल अहद, हरिशंकर पाराशर!, राज लूनिया, विवेक कुमार, संजय राठौर, जागेश्वर फौजी, राजा अवस्थी, मोहम्मद हारुन, शाह आलम वारसी, सचिन श्रीवास्तव, अंकित कुमार, कुणाल भगत, ए0 के0 राय, श्याम अखत, बी त्रिपाठी, निखिल वर्मा, राम जी सक्सेना, नीरज श्रीवास्तव, संजय कुमार सिंह, अश्वनी बडगैया, नूर आलम, अजय गुप्ता, अजय शुक्ला, राकेश कुमार यादव, गणेश प्रसाद द्विवेदी, अजय त्रिपाठी, अनय श्रीवास्तव, निर्मित द्विवेदी, राजेश कुमार पांडे, संतोष प्रसाद तिवारी, संजय कुमार,संजय राठौर,दिनेश सिंह सहित लगभग एक सैकड़ा पत्रकार साथी एवं पदाधिकारियों ने सहभागिता की।

गीत ये बन पाए हैं, जिगर को चीर के, बाहर ये निकाले मैंने, फिर ये अरमान



*गीत ये बन पाए हैं*   जिगर को चीर के ,

बाहर ये निकाले मैंने ,

फिर ये अरमान ,

आंसुओं में उबाले मैंने ,

तब कहीं जा के ,

विरह गीत ये बन पाए हैं ।


इनके सीने में गम ,

के तीर चुभाये मैंने ,

दिल पै अपनों के दिये ,

जख्म दिखाए मैंने ,

तब कहीं जा के ,

विरह गीत ये बन पाए हैं।


स्वरों की सेज पै ,

जी भर ये सजाये मैंने,

लय के तारों पै ,

नंगे पांव चलाए मैंने ,

तब कहीं जाके ,

विरह गीत ये बन पाए हैं !


गीतकार- अनिल भारद्वाज एडवोकेट हाईकोर्ट ग्वालियर

 *मेरे सरताज ना आएंगे*

होली में सब रंग आएंगे, प्यासे तीर उमड़ आएंगे, पर ए रंगों की बरसात, मेरे सरताज ना आएंगे


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होली में सब रंग आएंगे,

प्यासे तीर उमड़ आएंगे,

पर ए रंगों की बरसात,

मेरे सरताज ना आएंगे।

 

सपनों में रंग डाला तुमको

  प्यासी अंखियों के काजल से,

भिगो दिया भीगी पलकों ने,

   तन के सिंदूरी बादल से ।

    

इंद्रधनुष कांधों पर रखकर,

रंगों के कहार आएंगे,

पर ए रंगों की बारात,

मेरे सरताज ना आएंगे।

 

सखियों के अधरों से रह-रह,

   मधुर मिलन के चित्र झरेंगे,

विरह वेदना के क्षण प्रतिपल,

   विरहिन के आंसू पोंछेंगे।

         

पूनम की गागर सिर पर रख,

धरती गगन फाग गाएंगे,

पर ए रंगों की सौगात,

मेरे सरताज ना आएंगे।


होली में सब रंग आएंगे,

प्यासे तीर उमड़ आएंगे ,

पर ए रंगों की बरसात,

मेरे सरताज ना आएंगे।

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गीतकार अनिल भारद्वाज  एडवोकेट उच्च न्यायालय ग्वालियर मध्य प्रदेश

फागुनी बयार बही सशक्त हस्ताक्षर की 23 वीं काव्य गोष्ठी में


जबलपुर - सशक्त हस्ताक्षर की 23 वीं कवि गोष्ठी सानंद श्री जानकी रमण महाविद्यालय में सम्पन्न हुई। संस्थापक गणेश श्रीवास्तव प्यासा ने अपने शब्दों से सभी अतिथियों , माँ सरस्वती के पुत्र-पुत्रियों कविगणों का हार्दिक अभिनंदन किया। मुख्य अतिथि श्रीमती आनंद ज्योति पाठक पूर्व सशक्तीकरण अधिकारी, अध्यक्षता महामहोपाध्याय आचार्य र्डॉ. हरिशंकर दुबे, विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र मिश्रा, डॉ. अभिजात कृष्ण त्रिपाठी प्राचार्य, कविवर केशरी प्रसाद पाण्डेय, सारस्वत अतिथि मंच मणि राजेश पाठक प्रवीण , मंगल भाव शिक्षाविद रत्ना श्रीवास्तव की गरिमा मय उपस्थिति रही।

इस अवसर पर सशक्त हस्ताक्षर द्वारा श्रीमती आनंद ज्योति पाठक, गोष्ठी में अनवरत अपनी उपस्थिति एवं सहयोग प्रदाता कविवर केशरी प्रसाद पाण्डेय वृहद को मानपत्र,शाल, श्रीफल ने समादरित किया गया।

सरस्वती वंदना आकाशवाणी कलाकार लखन रजक ने की। गोष्ठी का आगाज कालीदास ताम्रकार काली ने बसंत के ऊपर भाव भरी कविता से किया। संस्कारधानी के प्रसिद्ध गीतकार शिक्षाविद्‌ अभय तिवारी ने शानदार गीत प्रस्तुत किया। भेड़ाघाट से पधारे कुंजीलाल चक्रवर्ती निर्झर , राजेन्द्र मिश्रा, संदीप खरे युवराज, ढीमर खेड़ा से पधारे बालमुकुन्द्र लखेरा , केशरी प्रसाद पाण्डेय , लखन रजक ने समाँ बाँध दिया। सलाहकार कवि संगम त्रिपाठी,इन्द्राना से आये प्रकाश सिंह ठाकुर ने वातावरण बासंती बना दिया। इन्द्राना से ही पधारे शिक्षाविद् इन्द्र सिंह राजपूत ने स्वच्छता पर सस्वर गीत प्रस्तुत कर वातावरण स्वच्छता मय बना दिया। आकाशवाणी, दूरदर्शन कलाकार दीनदयाल तिवारी बेताल, अमर सिंह वर्मा, जयप्रकाश श्रीवास्तव, पनागर से उपस्थित वैशाली वर्मा, आरती पटेल, निर्मला तिवारी ने अपनी प्रभाव पूर्ण प्रस्तुती से सभी का अंतःकरण छू लिया। समाजसेवक गोपालकृष्ण श्रीवास्तव,उदय भास्कर अम्बष्ठ, सुशील श्रीवास्तव ने शानदार गीत प्रस्तुत किया। महासचिव जी. एल. जैन ने तीक्ष्ण व्यंग्यबाण छोड़े ၊ निरंजन द्विवेदी वत्स, अम्बर जी,सह सचिव तरूणा खरे ने तरुन्नम में बासंती रंग में रंगे सुंदर दोहे प्रस्तुत किये। कोकिल कण्ठा शिक्षाविद्‌ कृष्णा राजपूत, प्रभा बच्चन श्रीवास्तव की प्रस्तुतियों ने सभी को प्रभावित किया। शशि खरे, डॉ. विनोद श्रीवास्तव, रत्ना श्रीवास्तव की गरिमामय उपस्थिति उल्लेखनीय रही ၊ संचालन गणेश श्रीवास्तव प्यासा, डॉ. मुकुल तिवारी एवं आभार प्रदर्शन गुलजारी लाल जैन ने किया।

घट रहीं सांसें सिसकती जा रही है जिंदगी, जिंदगी को विष नशीला दे रही है जिंदगी- अनिल भारद्वाज


*धूम्रपान निषेध दिवस पर*


    *नशे के मरघट में*


घट रहीं सांसें सिसकती जा रही है जिंदगी, 

जिंदगी को विष नशीला दे रही है जिंदगी।


विषैली खुशियां लपेटे तन यहां पर थिरकते,

निराशा की ओट में पीकर युवा मन बहकते,


खिलखिला कर फिर सिसकियां भर रही है जिंदगी।

जिंदगी को विष नशीला दे रही है जिंदगी।


पी रहे हैं धुंए को या धुआं उनको पी रहा,

जी रहे हैं तृप्ति में या धुआं धड़कन सी रहा,


छटपटा कर शांत होती जा रही है जिंदगी,

जिंदगी को विष नशीला दे रही है जिंदगी।


उमर को नीलाम करते राष्ट्र के विषधर यहां,

बेचते खुलकर नशीला जहर सौदागर यहां। 


मौत बिकती है कहीं पर बिक रही है जिंदगी,

जिंदगी को विष नशीला दे रही है जिंदगी।


महल और कुटिया के दीपक बुझते जाते हैं,

घरों से अर्थी जनाजे उठते जाते हैं।


नशे के मरघट में जलती रही है जिंदगी।

जिंदगी को विष नशीला दे रही है जिंदगी।


*गीतकार अनिल भारद्वाज एडवोकेट हाईकोर्ट ग्वालियर*

गीतकार अनिल भारद्वाज नेपाल की संस्था ने मानद उपाधि से किया सम्मानित, चम्बल का नाम किया रोशन, लोगो ने दी शुभकामनाएं


ग्वालियर

लुंबिनी, नेपाल की सु-विख्यात साहित्यिक संस्था " शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल " द्वारा नेपाल राष्ट्र में ,अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, के अवसर पर आयोजित "अंतरराष्ट्रीय महिला शक्ति कविता प्रतियोगिता २०२४ " में शामिल  चार देशों नेपाल, भारत, यू एस तथा तंजानिया के रचनाकारों में से मध्य प्रदेश ग्वालियर के *चम्बल क्षेत्र के पहाड़गढ़ में जन्मे वरिष्ठ गीतकार व हिंदी सेवी साहित्यकार ,अनिल भारद्वाज ,एडवोकेट, को उत्कृष्ट रचनाकारों में, "प्रथम श्रेणी" में चयन किया और उन्हें सम्मान स्वरूप " महिला शक्ति काव्य रत्न " की *मानद उपाधि* सम्मान में प्रदान की गई है। 

             गीतकार अनिल भारद्वाज को यह *मानद उपाधि*,उत्कृष्ट रचना धर्मिता के लिए नेपाल सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त उक्त साहित्यिक संस्था द्वारा प्रदत्त की गई है। प्रतियोगिता में दृष्टि विहीन रचनाकार सहित नेता, अभिनेता, पुलिस तथा अन्य विभिन्न क्षेत्र के अधिकारी तथा अन्य गणमान्यों की भी सहभागिता रही।

  गीतकार अनिल भारद्वाज वरिष्ठ हिंदी सेवी, एवं श्रेष्ठ साहित्यकार होकर  हिंदी राष्ट्रभाषा पर आधारित , *विश्व के प्रथम महाकाव्य, *हिंदी के आंसू* के रचयिता हैं।

         संगीत एवं कला के क्षेत्र में अनिल भारद्वाज चित्रकार, बांसुरी वादक हैं तथा आप ने वायलिन में संगीत प्रभाकर की उपाधि प्राप्त की है तथा वर्तमान में उच्च न्यायालय ग्वालियर में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं।

           अनिल भारद्वाज को समय-समय पर साहित्य एवं संगीत के क्षेत्र में विभिन्न राज्य एवं राष्ट्र स्तरीय अभिनंदन ,सम्मान एवं उपाधियों से विभूषित जा चुका है ।

  साहित्य के क्षेत्र में गीतकार अनिल भारद्वाज द्वारा सन् 1970 से निरंतर साहित्य सृजन करते हुए कई साहित्यिक कृतियां,साहित्य जगत को प्रदत्त की गईं, जिनमें गीत संग्रह" बीत गया मधुमास" (पुरस्कृत कृति ),  राष्ट्रभाषा पर आधारित महाकाव्य, "हिंदी के आंसू ," तथा" हिंदी माता चालीसा "(भक्ति काव्य), आदि प्रकाशित कृतियां उल्लेखनीय हैं। तथा कई साझा संकलनों में गीत, गजल आदि का प्रकाशन।

             अभी हाल ही में "गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में, "गणतंत्र के प्रहरी सम्मान 2024", "सृजन के सारथी" तथा "देश प्रेमी सम्मान"एवं "वीर रस सम्मान 2024", एवं हिंदी दिवस के उपलक्ष में हिंदी सेवी सम्मान तथा विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष में गीतकार अनिल भारद्वाज को देश के चुनिंदा 551 हिंदी सेवियों में हिंदी सेवी सम्मान 2023 तथा ,काव्य कला सेवा संस्थान द्वारा, सृजन श्री सम्मान एवं हनुमान जन्मोत्सव पर श्रेष्ठ रचना सृजन सम्मान एवं अंतर्राष्ट्रीय कला एवं साहित्य सम्मान 2023 आदि से सम्मानित किया जा चुका है। 

            इस अवसर पर 'शब्द प्रतिभा बहु क्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल' के संस्थाध्यक्ष आनंद गिरि मायालु और चयन समिति  सदस्य चरना कौर का आभार व्यक्त कर ,जीरो माइल साप्ताहिक पोर्टल और खबरों में अपना शहर के संपादक आनंद शर्मा,श्रम साधना के संपादक महेश तायल फौजी, डी एल पी न्यूज़ टीवी के संपादक सतेन्द्र तिवारी, भारत की बात, न्यूज़ पोर्टल के संपादक विजय कुमार,बेजोड़ रत्न के संपादक कुलदीप अवस्थी, उत्कर्ष मेल के संपादक डा.मनमोहन शर्मा शरण, सत्यास्त्र के संपादक राजेश अवस्थी लावा,उच्च न्यायालय संघ ग्वालियर के अध्यक्ष पवन पाठक,अंतर्राष्ट्रीय अभिभाषक मंच के अध्यक्ष विजय सिंह चौहान,एवं हिंदीमाता काव्य धारा मंच भारत के पदाधिकारीगण उमाशंकर द्विवेदी,संजय निगम,अभिभाषक गण,बलदेव पाठक, रामेश्वर उत्पल, मिलन भारद्वाज (बैंक मैनेजर),सहित ग्वालियर की साहित्यक एवं सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ ही कवि अशोक बिरथरिया, संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने गीतकार अनिल भारद्वाज को हार्दिक बधाई दी है।

अनीता निधि प्रेरणा सभा के सलाहकार मंडल में शामिल, लोगो ने दी शुभकामनाएं


जबलपुर/ प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा हिंदी के प्रचार-प्रसार में सतत प्रेरणादायक कार्य कर रही है और हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु जारी अभियान में लोग शामिल होकर सहयोग प्रदान कर रहे हैं जो कि ऐतिहासिक है।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने दिनांक 11.03.2024 को जारी विज्ञप्ति में बताया कि डॉ गुंडाल विजय कुमार मुख्य सलाहकार की सहमति से कवयित्री अनीता निधि सलाहकार मंडल में शामिल हुई है।

कवयित्री अनीता निधि हिंदी प्रचार प्रसार हेतु समर्पित हैं। अनीता निधि जमशेदपुर झारखंड को प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के सलाहकार मंडल में शामिल होने पर डॉ धर्म प्रकाश वाजपेयी, प्रदीप मिश्र अजनबी, डॉ लाल सिंह किरार, अजय पांडेय, पप्पू सोनी, के. एल. सोनी विनोदी, श्रीमती स्वाति शर्मा, राजकुमारी रैकवार राज, संतोष कुमार पाठक, बिनोद कुमार पांडेय, गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी, पूजा संकल्प, हेमंत जगदीश शर्मा, सुनीता श्रीवास्तव, राम गोपाल फरक्या व रामपाल त्रिपाठी ने बधाई दी है।

संस्कारधानी जबलपुर अलविदा छोटी लाइन ट्रेन कृति भेंट की


        जबलपुर -  संस्कारधानी जबलपुर से गोंदिया छोटी लाइन ट्रेन चलती थी जो कि विकास की गंगा में बड़ी लाइन में परिवर्तित हो गई। अलविदा छोटी लाइन ट्रेन यह कृति उन्होंने ट्रेन बंद होने के तत्काल बाद लिख कर अपने कस्बे से गुजरने वाले  ट्रेन के आत्मीय भावों को अभिव्यक्त करने की कोशिश की है।

          मेट्रो यात्रा के समयकाल में छोटी लाइन पर कृति प्रकाशित करना और छोटी लाइन पर भावाकुल हो जाना संवेदनशील मन का ही प्रतीक है। कवि - कथाकार अजय बोपचे ने छोटी लाइन ट्रेन के माध्यम से जो भाव चित्र उकेरे हैं वह उनके रचनात्मक और संवेदनशील मन का परिणाम है। इस कृति में रचनाकार छोटी लाइन ट्रेन के माध्यम से आत्मकथा स्वरूप ट्रेन, यात्री, खोमचे वाले, प्रकृति आदि के संबंध में अविस्मरणीय संस्मरण भाव अभिव्यक्त किए हैं।

         संस्कारधानी जबलपुर में घंसौर निवासी अजय बोपचे ने अपनी कृति अलविदा छोटी लाइन ट्रेन कवि संगम त्रिपाठी को भेंट की।

           गाड़ी बुला रही है

           सीटी बजा रही है

            चलना ही जिंदगी है

             देखो वो जा रही है......

प्रेरणा सभा की राष्ट्रीय संयोजक बनी स्वाति शर्मा, लोगो ने दी शुभकामनाएं


जबलपुर

संस्था प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा हिंदी के प्रचार-प्रसार में सतत प्रेरणादायक कार्य कर रही है और हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु जारी अभियान में लोग शामिल होकर सहयोग प्रदान कर रहे हैं जो कि ऐतिहासिक है।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने दिनांक 14 फरवरी 2024 को जारी विज्ञप्ति में बताया कि डॉ. गुंडाल विजय कुमार सलाहकार की सहमति एवं प्रदीप मिश्र अजनबी महासचिव की अनुशंसा से श्रीमती स्वाति शर्मा 'अतुल' नोएडा को राष्ट्रीय संयोजक बनाया है।

कवयित्री स्वाति शर्मा 'अतुल' हिंदी प्रचार प्रसार हेतु समर्पित हैं। स्वाति शर्मा को डॉ धर्म प्रकाश वाजपेयी, प्रदीप त्रिपाठी, डॉ लाल सिंह किरार, पप्पू सोनी, के. एल. सोनी विनोदी, संदीप सक्सेना, माला श्रीवास्तव, दीपा कुमारी, बलराम यादव, राजकुमारी रैकवार राज, संतोष कुमार पाठक, गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी व राम गोपाल फरक्या, हेमंत जगदीश शर्मा, प्रभा बच्चन श्रीवास्तव ने बधाई दी है।

जागरण संस्था का अलंकरण समारोह व संग्रह विमोचन का कार्यक्रम संपन्न


जबलपुर

जबलपुर संस्कारधानी की संस्था जागरण साहित्य समिति के तत्वावधान में अलंकरण समारोह व संग्रह विमोचन का कार्यक्रम कला विथिका रानी दुर्गावती संग्रहालय में दिनांक 24 जनवरी 2024 को आयोजित किया गया।

           समारोह में मुख्य अतिथि अशोक कुमार तिवारी सागर, अध्यक्षता आचार्य भगवत दुबे, विशिष्ट अतिथि मोहन शशि, डॉ जे.के. गुजराल  रहे।

          समारोह में बुजुर्ग साहित्यकारों को सम्मानित किया गया व जागरण के सचेतक - कलम के सिपाही का विमोचन किया गया।

          समारोह में डॉ अशोक कुमार तिवारी, डॉ ताराचंद कुशवाहा, राजेश पाठक प्रवीण, हेमंत कुमार जैन सिंघई, मनोहर चौबे आकाश, डॉ एम. एल. शर्मा नयन , प्रमोद कुशवाहा व पी एम जी संस्था को सम्मानित किया गया।

          समारोह में संतोष नेमा संतोष, यशोवर्धन पाठक, प्रभा विश्वकर्मा,कवि संगम त्रिपाठी, गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी, मदन श्रीवास्तव, लखन रजक आदि कवि साहित्यकार समाजसेवी पत्रकार शिक्षाविद उपस्थित रहे। समारोह का संचालन राजेश पाठक प्रवीण व संयोजना संस्था के संस्थापक सुभाष जैन शलभ ने किया।

सशक्त हस्ताक्षर संस्था को साहित्यिक, सामाजिक व सांस्कृतिक जागरण के परिपेक्ष्य में मिला सम्मान


जबलपुर

पाथेय साहित्य कला अकादमी के तत्वाधान में डॉ. गायत्री तिवारी जन्म स्मृति समारोह में अंर्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साहित्यकार महाकवि आचार्य भगवत दुबे का स्तवन किया गया၊  मंगलभाव डॉ. कृष्णकांत चर्तुवेदी पूर्व निदेशक कालीदास अकादमी उज्जैन, डॉ. राजकुमार सौमित्र, अभिव्यक्ति श्रीमती साधना उपाध्याय, प्रतुल श्रीवास्तव ने दी। भव्य समारोह में दिनांक 27 दिसम्बर 2023 को सशक्त हस्ताक्षर संस्था को साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक जागरण के परिपेक्ष्य में सम्मानित किया गया। बहुत ही कम समय में सशक्त हस्ताक्षर संस्था ने संस्कारधानी में अपनी जगह बनाई है। संचालन राजेश पाठक प्रवीण ने किया। सशक्त हस्ताक्षर के संस्थापक गणेश श्रीवास्तव प्यासा का माला शाल और मानपत्र देकर सभी पदाधिकारियों कार्यकारिणी की उपस्थिति में सम्मानित किया गया।

सशक्त हस्ताक्षर परिवार से सलाहकार कवि संगम त्रिपाठी , अध्यक्ष मदन श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष डॉ. मुकुल तिवारी, सह सचिव तरूणा खरे, प्रभा विश्वकर्मा शील, रजनी कटारे, श्रीमती भावना शुक्ल, प्रेमनारायण शुक्ल, अरुण शुक्ल, कालीदास ताम्रकार , केशरी प्रसाद पाण्डेय, दीनदयाल तिवारी, सुशील श्रीवास्तव, राष्ट्रपति पुरुस्कार प्राप्त चंदा देवी स्वर्णकार, उमा मिश्रा, सिद्धेश्वरी सराफ, प्रभा बच्चन श्रीवास्तव, चंद्रप्रकाश वैश्य आदि की गरिमामय उपस्थिति रही।

 लेख - एकता। 

एकता एक महत्वपूर्ण सामाजिक मूल्य है, जिसका अर्थ है सभी के बीच सामंजस्य और समरसता 


एकता एक महत्वपूर्ण सामाजिक मूल्य है, जिसका अर्थ है सभी के बीच सामंजस्य और समरसता की स्थिति। यह विभिन्न व्यक्तियों, समुदायों और संस्थाओं के बीच सामंजस्य, भाईचारे, और समरसता का अनुभव करने का अनुभव है। एकता सामाजिक एवं सांस्कृतिक विविधता को सम्मिलित करती है और विभिन्न समुदायों के बीच एक संतुलित वातावरण सृजित करती है।

एकता का महत्व समझने के लिए, हमें समझने की आवश्यकता है कि हम एक विविध समाज में रहते हैं, जिसमें विभिन्न धर्म, भाषा, जाति, भूमि और संस्कृति के लोग एक साथ रहते हैं। यह विविधता हमारे समाज की सबसे मूलभूत विशेषता है, और इसे समृद्धि और विकास का स्रोत बनाना चाहिए, न कि असमंजस और विघटन का कारण।

एकता के माध्यम से हम समस्याओं का समाधान कर सकते हैं और संघर्षों को सुलझा सकते हैं। जब हम सभी मिलकर एक दूसरे के साथ सहयोग करते हैं और एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हैं, तो समस्याओं का समाधान आसान हो जाता है। समरसता और एकात्मता के साथ ही हम समाज में सभी के विकास को सुनिश्चित कर सकते हैं, किसी व्यक्ति या समुदाय को पीछे छोड़े बिना।

एकता का महत्व राष्ट्रीय स्तर पर भी होता है। राष्ट्रीय एकता राष्ट्र के विकास और समृद्धि के लिए अत्यंत आवश्यक है। जब हम सभी एक-दूसरे के साथ समझदारी और समरसता से रहते हैं, तो हम राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए एक मिशन के रूप में काम करते हैं।

एकता और सद्भावना के बिना कोई समाज समृद्ध और खुशहाल नहीं हो सकता। यह हमारे समाज में सद्भावना, समरसता, और भाईचारे को बढ़ावा देता है। इससे हमारे समाज में संघर्षों की कमी होती है और हम सभी एक-दूसरे के साथ समृद्धि और सम्मान के साथ रहते हैं।

समाप्ति में, एकता और समरसता हमारे समाज की नींव हैं। इसे समझकर हम समाज में सद्भावना और समृद्धि के माहौल को बढ़ा सकते हैं। यह सभी की जिम्मेदारी है और हम सभी को इसे मिलकर प्राप्त करना है। 

लेखक - अनुराग उपाध्याय।

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