पर्यावरण को बचाने के लिए एवं मानव जीवन के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण जरूरी- संस्कार तिवारी
*वृक्ष का मानव जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है*
सतना
मानव जीवन के साथ साथ प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति में वृक्षों की विशेष महत्ता है पंडित संस्कार राज तिवारी ने बताया कि वृक्ष हमारी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के प्रतीक है, जिसमें वृक्षों को ईश्वर का स्वरूप माना गया है, प्रकृति के सौंदर्य और मानव जीवन के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण आवश्यक है, वृक्षों से मानव की मूल आवश्यकताओं की पूर्ति भी होती है, वृक्ष ही जल है, जल ही अन्न है, अन्न ही जीवन है, यदि वृक्ष नहीं होगे तो नदी जलाशय नहीं होगे, वृक्षों की जड़ों के साथ वर्षा का अपार जल जमीन के भीतर पहुंचकर अक्षय जल भण्डार के रूप में एकत्र रहता है, वृक्ष हमारी सभ्यता है तथा संस्कृति के रक्षक प्राचीन काल में हमारे ऋषि मुनि एकांत एवं शांति के लिए वनों में वृक्षों के नीचे रहते थे, प्राकृतिक साधनों के अधिकाधिक उपयोग से पर्यावरण बिगड़ता जा रहा है, वृक्षों की भारी तादाद से कटाई से जलवायु बदल रही है, तापमान की मात्रा बढ़ रही है, नदियों का जल दूषित हो रहा है, वायुमंडल में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है, इससे भावी पीढ़ी को खतरा है। संस्कार राज तिवारी ने बताया कि बताया कि प्राचीन काल में वृक्षों के महत्व को समझते हुए इनकी पूजा आराधना पर बल दिया गया है, वृक्षों में ईश्वर का वास होना भी बताया गया है, अतः हमें वृक्ष काटने नहीं चाहिए, वृक्षों से हमे अत्यंत उपयोगी वस्तुएं फल फूल एवं विशिष्ट प्रकार की औषधियां भी मिलती है। संस्कार तिवारी ने बताया कि वृक्षों से हमे स्वस्थ्य लाभ होता है क्योंकि मनुष्य की श्वास प्रक्रिया से जो दूषित हवा बाहर निकलती है, वृक्ष उन्हें ग्रहण कर हमे बदले में स्वच्छ हवा देते हैं, वृक्ष बालक से लेकर बुजुर्गों तक सभी के मन को भाते है, अपने घर के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए अपने घर में वृक्ष जरूर लगाएं संस्कार तिवारी ने कहा कि वृक्षों पर अनेक पक्षी अपना घोंसला बनाकर रहते है, उनकी कल कल की मधुर ध्वनि पर्यावरण में मधुरता घोलती है, वृक्ष हमें अनेक प्रकार के स्वादिष्ट फल प्रदान करते है, वृक्षों संस्कार तिवारी ने कहा कि वृक्षों से मानव जीवन को अनेक लाभ है, वृक्ष वर्षा कराने में सहायक होते है, वृक्षों के अभाव में वर्षा नहीं होती और वर्षा के अभाव में अन्न का उत्पादन नहीं हो पाता ग्रीष्मकाल में वृक्ष हमें सुखद छाया और स्वच्छ हवा देते है। संस्कार तिवारी ने कहा कि वृक्षों से हमे नैतिकता परोपकार और विनम्रता की शिक्षा मिलती है वृक्ष स्वयं फल नहीं खाते कहा भी गया है।
*वृक्ष कबहुं नहिं फल भखे नदी न सांचे नीर परमारथ के कारणों साधों धरा शरीर*
संस्कार तिवारी ने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करके ही हम अपनी भावी पीढ़ी के लिए जीवन दाई वातावरण सृजित कर सकते है, हमारी भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार भी वृक्षारोपण में अपना पूरा जोर दे रही है, हम सबको मिलकर इस वृक्षारोपण अभियान में अपनी सहभागिता निभानी चाहिए मेरा आप सभी से निवेदन है कि पर्यावरण को बचाने के लिए कम से कम एक वृक्ष जरूर लगाएं ताकि हम अपने देश के वातावरण को अनुकूल एवं स्वच्छ बना सके इसलिए आज पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण अवश्य करें।
संस्कार राज तिवारी, भाजयुमो - जिला सतना, मो.8602768852