काव्यकृति" साहित्यिक संस्था की वसंत उत्सव पर काव्य गोष्ठी संपन्न


जबलपुर  

संस्कारधानी जबलपुर शहर की उभरती हुई साहित्यिक संस्था "काव्यकृति" की वसंत उत्सव पर आधारित काव्य गोष्ठी कचनार प्लाजा कचनार सिटी विजय नगर जबलपुर में संस्था के संस्थापक और संयोजक विवेक शैलार के द्वारा सफलता पूर्ण आयोजित की गई। 

"काव्यकृति" की अध्यक्षता श्रीमान मदन श्रीवास्तव (गजलकार) मुख्य अतिथि संगम त्रिपाठी (हिंदी प्रचारिणी महासभा के संस्थापक) विशिष्ट अतिथि गणेश श्रीवास्तव प्यासा (सशक्त हस्ताक्षर के संस्थापक) और सारस्वत अतिथि राजेंद्र सिंह ठाकुर जो कि कटनी के जाने-माने कवि है और उद्घोषक अखिलेश खरे अखिल के द्वारा की गई।

संस्कारधानी की प्रतिष्ठित कवियत्रियों और मात्र शक्तियों ने "काव्यकृति" में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया जिसमें सरस्वती वंदना की शुरुआत श्रीमती अर्चना द्विवेदी गुदालु ने की प्रभा बच्चन श्रीवास्तव, कृष्णा राजपूत की ओजपूर्ण प्रस्तुति, मीना भट्ट भूतपूर्व जज, भावना दीक्षित कविता नेमा काव्या , मंजू जायसवाल, बुंदेली कवित्री तरुणा खरे और प्रीति नामदेव भूमिजा ने अपनी कविता से समां बांध दिया। जबलपुर के गणमान्य कवि प्रदीप बकौड़े, अम्लान गुहा नियोगी, कालिदास ताम्रकार, दीपेश दबे, लखनलाल रजक, प्रकाश सिंह ठाकुर, अमर सिंह वर्मा, गुप्तेश्वर द्वारका गुप्त, सुशील जैन, कृष्ण गोप की कविताओं ने मंच को नई ऊंचाइयां प्रदान की।

"काव्यकृति" समस्त कवियों और श्रोताओं का हृदय से आभारी है और आगे भी और रचनात्मक एवं साहित्यिक कार्यक्रमों और प्रयासों के लिए कटिबद्ध है ।

हिंदी महाकुंभ हिंदी प्रेमियों के दिलों में जगह बनाने में सफल रही - कवि संगम त्रिपाठी 

*देश प्रदेश व संस्कारधानी के हिंदी प्रेमियों ने एक स्वर में राष्ट्रभाषा बनाने हेतु शंखनाद किया*


जबलपुर 

हिंदी महाकुंभ प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा का दिव्य आयोजन हिंदी को हिंदी प्रेमियों के दिलों में जगह बनाने में सफल रही। हिंदी महाकुंभ के भव्य आयोजन में डाॅ धर्म प्रकाश वाजपेई सुप्रसिद्ध सिविल सेवा गुरु अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेई हिंदी संस्थान दिल्ली व प्रेरणाश्रोत प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा, महामहोपाध्याय डॉ हरिशंकर दुबे साहित्य मनीषी, रिंकू विज अध्यक्ष नगर निगम जबलपुर, साध्वी अरुंधति गिरी (पुष्पा बिसेन) राष्ट्रीय अध्यक्ष दिल्ली नारायणी साहित्य अकादमी दिल्ली, हेमंत कुमार बिसेन सी ई ओ पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद जबलपुर, डॉ अभिजात कृष्ण त्रिपाठी प्राचार्य जानकी रमण महाविद्यालय जबलपुर, प्रदीप मिश्र अजनबी महासचिव प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा दिल्ली, सीमा शर्मा 'मंजरी' दिल्ली, बिनोद कुमार पांडेय नोएडा, राजेश पाठक प्रवीण मंच मणि, विजय तिवारी किसलय, कविता राय, आशुतोष तिवारी, संतोष नेमा, डॉ सलमा जमाल, रजनी कटारे 'हेम' , सुरेश मिश्र विचित्र, डॉ आशा श्रीवास्तव, उर्मिला श्रीवास्तव, अर्चना मलैया, राजेन्द्र मिश्रा, आशा झा सखी, अभिमन्यु जैन, शरतचंद्र पालन, रजनी चौहान, प्रभा विश्वकर्मा, बालमुकुंद लखेरा, वंदना सोनी 'विनम्र  ' , अर्चना गुदालु, अंजलि शर्मा, उमा मिश्रा, संदीप सक्सेना, श्वेता रैकवार, सरस्वती देवी द्विवेदी, कुंजीपटल चक्रवर्ती निर्झर, अमित अग्रवाल, डॉ प्रशांत मिश्रा, अनुराग दुबे, लखन रजक, आशा मालवीय, प्रीति नामदेव भूमिजा, अश्विनी कुमार पांडेय, शिवम द्विवेदी, प्रतिक्षा सेठी, सुरेश दर्पण, नंद कुमार जैन, महेश छाबड़ा, कैलाश नेमा, राकेश राय सुरेश चक्रवर्ती, अनिल सेन संपादक जबलपुर दर्पण,ललित कोष्टा पत्रकार समाचार पत्र पत्रिका, विनोद गहरवार पत्रकार, अनिल गुप्ता पत्रकार, राजवीर शर्मा वरिष्ठ पत्रकार की आयोजन में गरिमामय उपस्थिति रही।

कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने विज्ञप्ति में बताया कि संस्कारधानी जबलपुर मध्यप्रदेश में हिंदी महाकुंभ को दिव्य व भव्य बनाने में मुख्य संरक्षक - अरविंद तिवारी संरक्षक -  वीरेंद्र कुमार दुबे , श्रीमती राजकुमारी रैकवार राज, ज़ी . एल. जैन, प्रभा बच्चन श्रीवास्तव, श्रीमती मीना भट्ट, अनिल शुक्ला। सलाहकार -  श्रीमती सिद्धेश्वरी सराफ, चंदादेवी स्वर्णकार, अनुराधा दीप्ति गर्ग, तरुणा खरे, बच्चन श्रीवास्तव, ऋषिराज रैकवार, पुरुषोत्तम भट्ट, अमर सिंह वर्मा, अम्लान गुहा नियोगी। कार्यक्रम संयोजक - गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी संस्थापक सशक्त हस्ताक्षर संस्था। स्वागताध्यक्ष - मदन श्रीवास्तव। स्वागत समिति - रश्मि पांडेय 'शुभि', विवेक शैलार, प्रकाश सिंह ठाकुर। सम्माननीय सदस्य - आशा झा सखी, श्रीमती निर्मला डोंगरे, कालीदास ताम्रकार काली जबलपुरी ने प्रेरणादायक कार्य कर देश व प्रदेश से आए कवि कवयित्री साहित्य मनीषियों व हिंदी प्रेमियों के दिलों में स्थान बनाने में सफल रहे। संस्कारधानी जबलपुर के इतिहास में इस आयोजन को सदैव याद किया जाएगा व हिंदी प्रेमियों को प्रेरणा मिलेगी। हिंदी महाकुंभ के दिव्य व भव्य आयोजन में संस्कारधानी जबलपुर के हिंदी प्रेमियों का जनसैलाब चर्चा का विषय बना हुआ है।

बाल एवं युवा विशेषांक अनुपमा (सब की सहेली) पत्रिका का प्रकाशन अद्वितीय व आकर्षक

*समीक्षा अनुपमा (सब की सहेली)* 

*पंचम अंक - बाल एवं युवा विशेषांक* 


अनुपमा (सब की सहेली) पत्रिका का पंचम अंक जो बाल एवं युवा विशेषांक था। उसका सफल प्रकाशन किया गया। उसमें बहुत से देश विदेश के रचनाकारों ने अपनी रचनाएं प्रकाशित करवाई। और जैसा की पंचम अंक बाल एवं युवा विशेषांक का उद्देश्य था उसी के अनुरूप अपने सृजन के माध्यम से इस अंक में बाल एवं युवा विशेष के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की है, जो आज के समय में बहुत ही प्रासंगिक है। पुस्तक की भाषा सरल और समझने योग्य है, जो इसे पढ़ने में आसान बनाती है। इसमें दिए गए सुझाव और अनुभव बाल एवं युवा विशेष के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। पुस्तक को पढ़ने से बाल एवं युवा विशेष के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को अपने काम में सुधार करने में मदद मिलती है।

बाल एवं युवा विशेषांक पर आधारित अनुपमा (सब की सहेली) पत्रिका एक अद्वितीय और आकर्षक प्रकाशन है। इस पत्रिका में बाल और युवा संबंधी विभिन्न विषयों पर लेख, कहानियां, कविताएं और चित्र प्रकाशित किए गए हैं। इसमें बाल साहित्य, युवा संबंधी मुद्दे, शिक्षा, स्वास्थ्य और मनोरंजन से संबंधित लेख शामिल हैं। पत्रिका में प्रकाशित लेख और कहानियां न केवल मनोरंजक हैं, बल्कि शैक्षिक भी हैं। और उन्हें आकर्षक और समझने योग्य तरीके से प्रस्तुत किया गया है। इसमें बाल और युवा लेखकों को भी प्रकाशन का अवसर दिया गया है। इसकी विविधता, उत्कृष्ट संपादन और आकर्षक प्रस्तुति इसे एक अनिवार्य पढ़ने का साधन बनाती है।  यह अंक न केवल बच्चों और युवाओं के लिए उपयोगी है, बल्कि आम पाठकों के लिए भी बेहद रुचिकर और जानकारी पूर्ण है। 

इसकी शुरुआत करने वाली साहित्य के क्षेत्र की एक नवोदित लेखिका सुशी सक्सेना है। और इसके सहयोगी सलाहकार अनुपमा, डौली झा, प्रशान्त श्रीवास्तव और कनिका शर्मा जी हैं। जिनका सफलता के इस मुकाम तक पहुंचाने में इनका अमूल्य सहयोग शामिल है। अनुपमा एक ऐसी पत्रिका है जिसमें नये पुराने छोटे बड़े सभी तरह के कलाकारों को अपनी लेखनी चलाने का अवसर प्रदान किया जाता है और उन्हें सम्मान पत्र से सम्मानित किया जाता है। इसे यूनिक फील पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। 

*अनुपमा (सब की सहेली)*

*संस्थापिका, सुशी सक्सेना इंदौर मध्यप्रदेश*

हिंदी महाकुंभ का आयोजन 30 जनवरी 2025 को


जबलपुर 

हिंदी के प्रचार-प्रसार में संकल्पित संस्था प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा दिनांक 30 जनवरी 2025 को हिंदी महाकुंभ का आयोजन कर रही है।हिंदी महाकुंभ कलाविथिका रानी दुर्गावती संग्रहालय भंवरलाल गार्डन में प्रातः 11.00 बजे शुभारंभ किया जाएगा। हिंदी महाकुंभ में देश भर से हिंदी प्रेमी स्वेच्छा से शामिल हो रहे हैं जो कि हिंदी के प्रचार-प्रसार में एक अहम पहलू है। कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने संस्कारधानी जबलपुर में शामिल होने वाले सभी हिंदी प्रेमियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह देश के इतिहास में सुनहरा अवसर है। उक्ताशय की जानकारी अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि अमन रंगेला नागपुर ने दी।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के महासचिव का संस्कारधानी में आत्मीय स्वागत 


जबलपुर

हिंदी महाकुंभ 2025 में शामिल होने प्रदीप मिश्र अजनबी दिल्ली व कवयित्री सीमा शर्मा 'मंजरी' मेरठ का दिनांक 28.01.2025 को जबलपुर संस्कारधानी आगमन हुआ। दिल्ली से पधारे प्रदीप मिश्र अजनबी सारे देश में हिंदी की अलख जगा रहे हैं और हिंदी प्रचार प्रसार हेतु प्रेरणादायक कार्य कर रहे हैं।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के महासचिव प्रदीप मिश्र अजनबी का होटल जश्न रानी दुर्गावती संग्रहालय के पास जबलपुर की कवयित्री सिद्धेश्वरी सराफ ' शीलू ' व श्री संदेश महराज ने अनौपचारिक भेट की और उनका स्वागत किया। इसी तारतम्य में प्रदीप मिश्र अजनबी दिल्ली से मुलाकात करने कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा, गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी संस्थापक सशक्त हस्ताक्षर संस्था व कवयित्री कविता राय ने सौजन्य भेंट की।

मां गंगा से महाकुंभ प्रयागराज में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की प्रार्थना की- कवि संगम त्रिपाठी 


जबलपुर 

हम अपनी संस्कृति अपनी धार्मिक आस्था के प्रति बहुत आस्था रखते हैं और इसे स्थापित करने में भाषा का ही सहारा है। भाषा ही संस्कृति और सभ्यता को जन जन तक पहुंचा कर स्थापित करती है।

कवि संगम त्रिपाठी हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु निरंतर लोगों को जागरूक कर रहे हैं और इस दिशा में दिनांक 30 जनवरी 2025 को मां नर्मदा की पावन धरा के तट पर स्थित संस्कारधानी जबलपुर में हिंदी महाकुंभ का आयोजन कर रहे हैं जिसमें देश व प्रदेश के हिंदी विद्वान कवि कवयित्री व हिंदी प्रेमी भाग ले रहे हैं।

कवि संगम त्रिपाठी ने दिनांक 24.01.2025 को महाकुंभ प्रयागराज में मां गंगा यमुना सरस्वती से हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु व परिवार सहित समस्त विश्व के कल्याण हेतु प्रार्थना की।

गणतंत्र का त्योहार है, नव वर्ष का उपहार व माता है संविधान की छब्बीस जनवरी


*छब्बीस जनवरी*

गणतंत्र का त्योहार है छब्बीस जनवरी।

नव वर्ष का उपहार है  छब्बीस जनवरी।


स्वाधीनता दिवस की सगी छोटी बहन है,

माता है संविधान की छब्बीस जनवरी।


लाखों करोड़ों खर्च होते इसकी शान पै,

कुटिया में नंगी भूखी है छब्बीस जनवरी।


ओढ़े हैं रोशनी की चुनर महल इमारत,

दुल्हन सी लग रही है ये छब्बीस जनवरी।


गोदी में खिलाती है अपने रामलला को,

फिर पूजती श्रीराम को छब्बीस जनवरी।


कुर्बानी शहीदों की याद आतीं हैं उसे,

ले-ले के हिचकी रोती है छब्बीस जनवरी।


भाई नहीं रहा कभी बेटा नहीं रहा,

सीमा पै विधवा होती है छब्बीस जनवरी।


हर मुंह को निवाला मिले हर ह्रदय को खुशी,

आओ मनाऐं इस तरह छब्बीस जनवरी।


गीतकार-अनिल भारद्वाज एडवोकेट हाईकोर्ट ग्वालियर

संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का कलश यात्रा के बाद हुआ शुभारंभ


जबलपुर

संस्कारधानी जबलपुर में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन दिनांक 20 जनवरी 2025 से 27 जनवरी 2025 तक आयोजित है। श्रीमद्भागवत कथा परम पूज्य पंडित रुपनारायण शास्त्री के मुखारविंद से श्रवण करने हेतु भक्तजनों से उपस्थिति की अपील की गई है। भगवत्कृपा से आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा से हुआ। जिसमें चैतन्य सिटी के माताओं बहनों व गणमान्यजनों ने भाग लिया। श्रीमद्भागवत कथा के मुख्य यजमान विजय कुमार मिश्रा व श्रीमती विमला मिश्रा है।

कवि संगम त्रिपाठी ने बताया कि संस्कारधानी जबलपुर चैतन्य सिटी मंडला रोड तिलहरी में आयोजित कथा 20 जनवरी 2025 से 27 जनवरी 2025 तक दोपहर दो बजे से हरिइच्छा तक आयोजित की गई है। विकास कुमार मिश्रा - सोनम मिश्रा, विनित मिश्रा - सुष्मिता मिश्रा, वेदांश मिश्रा ने अपील की है कि भक्तगण अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर श्रीमद्भागवत कथा का लाभ लें।

सशक्त हस्ताक्षर की 32 वीं काव्य गोष्ठी संपन्न हुई


जबलपुर 

सशक्त हस्ताक्षर की 32 वीं काव्य गोष्ठी श्री जानकी रमण महाविद्यालय में सानंद सम्पन्न हुई ၊ संस्थापक गणेश श्रीवास्तव प्यासा ने सभी अतिथियों, साहित्यकारों का अपने शब्द सुमनों से वंदन अभिनंदन किया ၊ सरस्वती वंदना हिंदी-बुंदेली की कवयित्री तरूणा खरे ने की ၊

मुख्य अतिथि कवि, व्यंग्यकार म. प्र. साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित सुरेश मिश्र विचित्र, अध्यक्षता महामहोपाध्याय आचार्य   डॉ. हरिशंकर दुबे, विशिष्ट अतिथि मंचीय कवयित्री, उपन्यासकार,म. प्र. साहित्य अकादमी से पुरुष्कृत श्रीमती वंदना सोनी विनम्र, पूर्णिका के जनक एड. डॉ. सलपनाथ यादव, वरिष्ठ समाजसेवक रवि प्रकाश श्रीवास्तव,वरिष्ठ साहित्यकार शरदचंद पालन, म. प्र साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित बुंदेली के सशक्त हस्ताक्षर, अखिल भारतीय सम्मेलनों के सहभागी राज सागरी,पूर्व जज मीना भट्ट, वरिष्ठ साहित्यकार सुशील श्रीवास्तव, सारस्वत अतिथि मंचमणि राजेश पाठक प्रवीण,मंगलभाव संस्कारधानी के प्रसिद्ध व्यंग्यकार अभिमन्यु जैन,पूर्व प्राचार्य यशोवर्धन पाठक, छंदशास्त्र में पारंगत विजय तिवारी किसलय, सिद्धेश्वरी सराफ शीलू की गरिमामय उपस्थिति रही ၊

इस अवसर पर सशक्त हस्ताक्षर द्वारा सुरेश मिश्र विचित्र,वंदना सोनी विनम्र, सलपनाथ यादव, रवि प्रकाश श्रीवास्तव का शाल, श्रीफल, मानपत्र भेंट कर सम्मानित किया गया ၊ पाथेय द्वारा भी गाडरवारा से पधारे हास्य व्यंग्य के कवि विजय बेशर्म को सम्मानित किया गया ၊

गोष्ठी का शुभारंभ कछार गाँव से पधारे संगठन सचिव अखिलेश खरे अखिल ने दोहों से किया ၊ म. प्र साहित्य अकादमी से अभिनंदित बुंदेली के प्रसिद्ध कवि दीनदयाल तिवारी बेताल, महासचिव जी. एल. जैन,प्रकाश सिंह ठाकुर,अमर सिंह वर्मा, बुंदेली-हिंदी के प्रसिद्ध कवि, आकाशवाणी में गम्मत के सूत्रधार, कम्पेयर लखन रजक, संदीप खरे युवराज,हिंदी के भक्त व हिंदी कुम्भ के आयोजक कवि संगम त्रिपाठी, तरुणा खरे,चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव, आदर्श श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव, अरूण शुक्ल,युवा कवि विवेक कुमार चौकसे ने कन्या भ्रूण हत्या पर मार्मिक गीत प्रस्तुत किया। इति प्रकाश श्रीवास्तव, कालीदास ताम्रकार काली, कोकिल कण्ठा कृष्णा राजपूत ने अपनी प्रस्तुती से सभी को भाव-विभोर कर दिया ၊ आशा मालवीय आशा, आनंद शर्मा,डॉ. यू. बी. तिवारी मधुकर, योगेन्द्र मालवीय, ढीमर खेड़ा आये बालमुकुंद  लखेरा ने मंच को नयी ऊँचाईयाँ दी। मंचस्थ अतिथियों ने भी काव्य पाठ कर तालियाँ बटोरी ၊ यू. एस. दुबे,पूर्व जज पुरुषोत्तम भट्ट,अशोक कुमार जैन की गरिमामय उपस्थिति रही ၊ संचालन गणेश श्रीवास्तव प्यासा, आभार प्रदर्शन अध्यक्ष मदन श्रीवास्तव ने किया।

एक भारत- श्रेष्ठ भारत की थीम पर ‘परिधानम’ प्रतियोगिता का आयोजन, 45 हुए सम्मानित

*कायस्थम का उद्देश्य समाज की बौद्धिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना-प्रलय श्रीवास्तव*


भोपाल

कायस्थ समाज के कायस्थम-2025 का  आयोजन भोपाल के रवींद्र भवन में हुआ। इस मौक़े पर कायस्थ समाज की 13 विभिन्न श्रेणियों में 45 हस्तियों को सम्मानित किया गया जो देश विदेश में कायस्थ समाज का नाम रोशन कर रही हैं। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण टीवी कलाकार ऐश्वर्या खरे रहीं जिनको कायस्थ गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। ऐश्वर्या एकता कपूर के टीवी सीरियल भाग्यलक्ष्मी में लक्ष्मी का मुख्य किरदार निभा रही हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव ने की साथ ही बतौर मुख्य अतिथि राज्य निर्वाचन आयोग मप्र के आयुक्त मनोज श्रीवास्तव मौजूद रहे। इसके अलावा भोपाल के पूर्व सांसद आलोक संजर, पूर्व विधायक शैलेंद्र प्रधान,पूर्व नगर निगम आयुक्त देवी शरण श्रीवास्तव की भी मौजूदगी विशेष अतिथि के रूप में रही।

कार्यक्रम के दौरान एक भारत-श्रेष्ठ भारत की थीम पर ‘परिधानम’ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमे कायस्थ समाज की महिलाओं द्वारा देश के विभिन्न राज्यों की पारंपरिक परिधानों को मंच पर वॉक कर प्रदर्शित किया गया। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। 

इस मौक़े पर कायस्थम के अध्यक्ष प्रलय श्रीवास्तव ने बताया कि कायस्थम का उद्देश्य समाज की बौद्धिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना, देशसेवा में कायस्थ समाज की भूमिका को और मज़बूत करना और छिपी हुई प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना है।

अटल बिहारी बाजपेयी के भतीजे हिंदी महाकुंभ में रानी दुर्गावती संग्रहालय भंवरलाल गार्डन में होंगे शामिल


होंगे शामिल, 

जबलपुर/ हिंदी महाकुंभ में दिल्ली से अटल बिहारी वाजपेई हिंदी संस्थान के प्रमुख सिविल सेवा गुरु डॉ धर्म प्रकाश वाजपेई जी 30 जनवरी 2025 को प्रातः  11.00 बजे कला विथिका रानी दुर्गावती संग्रहालय भंवरलाल गार्डन में शामिल होने की सहमति प्रदान कर दी है। प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा द्वारा आयोजित हिंदी महाकुंभ में अरुणाचल प्रदेश से तारों सिन्दिक, केरल से फराह नसीम, उत्तर प्रदेश से शिवनाथ सिंह रायबरेली, इंद्रेश भदौरिया अवधी सम्राट रायबरेली, बिनोद कुमार पांडेय नोएडा, नंदलाल मणि त्रिपाठी गोरखपुर, कर्नल आदि शंकर मिश्र 'आदित्य' लखनऊ, भगवती प्रसाद मिश्र बेधड़क लखनऊ, दीनदयाल सोनी बांदा, राम बहाल सिंह बहाल कवि वाराणसी, ओमप्रकाश द्विवेदी देवरिया, अन्नपूर्णा मालवीया सुभाषिनी प्रयागराज, पूनम सिंह गाजियाबाद, डॉ जगदीश चंद्र वर्मा 'अनंत' गाजियाबाद, सीमा शर्मा मेरठ, प्रो . (डॉ) सरोजिनी तनहा मेरठ, श्रीपाल शर्मा विश्वकर्मा नोएडा, अवधेश कुमार साहू ' बेचैन ' हमीरपुर आदि, छत्तीसगढ़ से डॉ शिवशरण श्रीवास्तव 'अमल' बिलासपुर, बसंत कुमार ऋतुराज अभनपुर, श्रीमती ऋतंभरा शीशपाल कश्यप जांजगीर-चांपा, निवेदिता वर्मा 'मेघा' भाटापारा, डॉ माधुरी त्रिपाठी रायगढ़, नरेंद्र वैष्णव 'सक्ती' सक्ती, यज्ञसेनी साहू रायपुर, अंजलि तिवारी मिश्रा जगदलपुर बस्तर, राकेश कुमार खरे बिलासपुर, डॉ कन्हैया साहू अमित भाटापारा, हेमंत कुमार अगम भाटापारा, गोविंद पाल भिलाई। बिहार से सरस्वती मल्लिक मधुबनी, सच्चिदानंद किरण भागलपुर, प्रभात वर्मा पटना, झारखंड से डॉ रामप्रवेश पंडित मेदनी नगर, उड़ीसा से सुव्रत दे संबलपुर, उत्तराखंड से सचिन पंवार हरिद्वार, असम से नित्यानंद उपाध्याय लालुक लखिमपुर, गोवा से दुर्वा दुर्गेश वारिक 'गोदावरी', राजस्थान से महेश नारायण शर्मा टोंक, डॉ संजीदा खानम शाहीन जोधपुर, डॉ रामचन्द्र स्वामी बीकानेर, राम अवतार स्वामी टोंक, विष्णु शंकर मीणा कोटा। हरियाणा से महेन्द्र सिंह शैली महेन्द्रगढ़, महाराष्ट्र से डॉ बालकृष्ण महाजन नागपुर, डॉ कृष्ण कुमार द्विवेदी नागपुर, विवेक असरानी नागपुर, अमन रंगेला नागपुर, राहुल शामकुवर रामटेक, तन्हा नागपुरी नागपुर, डॉ ईलेश मेहता गोंदिया। तेलंगाना से डॉ विजय कुमार हैदराबाद, के. राजु हैदराबाद, श्रीमती बसंती 'दीपशिखा' हैदराबाद, दिल्ली से प्रदीप मिश्र अजनबी व मध्यप्रदेश के विभिन्न शहर डॉ मनीषा दुबे दमोह, डॉ अशोक तिवारी सागर, प्रियंका पटेल नरसिंहपुर, डॉ कृष्ण कुमार नेमा 'निर्झर' सिहोर, बालमुकुंद लखेरा ढीमरखेड़ा कटनी, राजकुमार अहिरवार गंजबासौदा, डॉ लाल सिंह किरार अम्बाह मुरैना, रेखा नेमा सिवनी, निर्मला डोंगरे सिहोरा, ओजेन्द्र तिवारी दमोह, पदमा तिवारी दमोह, प्रणय श्रीवास्तव 'अश्क' बालाघाट, शैलेश सिंह कुशवाह वरिष्ठ पत्रकार ग्वालियर, सतीश कुमार पांडेय पत्रकार बिरसिंहपुर पाली, कविता नेमा सिवनी, उमाकांत त्रिपाठी 'निश्छल' रीवा, अन्नपूर्णा वर्मा भोपाल, आशा निर्मल जैन सिहोरा, रामलखन गुप्त पत्रकार चाकघाट आदि ने  हिंदी महाकुंभ में आने की स्वीकृति दी है।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने कहा कि सशक्त हस्ताक्षर संस्था जबलपुर के संस्थापक गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी के संयोजन में जबलपुर संस्कारधानी के कवि, कवयित्री, साहित्यकार, समाजसेवी व पत्रकार हिंदी महाकुंभ में शामिल हो रहे है।

हिंदी महाकुंभ को सफल बनाने हेतु मदन श्रीवास्तव, जी. एल. जैन, अरविंद तिवारी,अम्लान गुहा नियोगी, राजकुमारी रैकवार राज, प्रभा बच्चन श्रीवास्तव, सिद्धेश्वरी सराफ ' शीलू' , अनिल शुक्ला, चंदादेवी स्वर्णकार, अनुराधा गर्ग दीप्ति आदि कार्य कर रहे हैं।

संयुक्त श्रमजीवी पत्रकार महासंघ का नौंवा राष्ट्रीय महाधिवेशन का होगा आयोजन

*पत्रकारों को राष्ट्रीय पत्रकारिता अलंकरण सम्मान से किया जाएगा सम्मानित*

सिंगरौली


संयुक्त श्रमजीवी पत्रकार महासंघ द्वारा 12 जनवरी 2024 को स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर सिंगरौली के एनटीपीसी मैत्री सभागार में नौवें राष्ट्रीय महाधिवेशन का आयोजन किया जाएगा। यह महाधिवेशन पत्रकारिता के सशक्तिकरण, एकता और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आयोजित किया जा रहा है। इस भव्य आयोजन में राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख पत्रकार, समाजसेवी और श्रमजीवी पत्रकार महासंघ के सदस्य शामिल होंगे।

राष्ट्रीय आयोजन समिति और शीर्षस्थ कोर कमेटी के सदस्य महाधिवेशन की तैयारी और संचालन के लिए गठित राष्ट्रीय आयोजन समिति और कोर कमेटी में निम्नलिखित दिग्गज शामिल हैं। राष्ट्रीय आयोजन समिति अध्यक्ष केसी शर्मा (वरिष्ठतम पत्रकार और क्रांतिकारी ट्रेड यूनियन लीडर राष्ट्रीय संयोजक इंजीनियर सभाकांत शुक्ला संरक्षक इंजीनियर आरके मैत्राराष्ट्रीय अध्यक्ष रमेन्द्र पाण्डेय कोर कमेटी प्रमुख श्री नागेन्द्र कुमार सोनी महासचिव हरि प्रकाश सिंह कोषाध्यक्ष एवं प्रभारी महासचिव दयाराम कोष्टा जूरी प्रमुख केपी तिवारी प्रांताध्यक्ष श्री नवीन शर्मा शहडोल जिलाध्यक्ष (मुख्य आयोजक) कैलाश लालवानी, संभागीय अध्यक्ष शहडोल अजय तिवारी अनूपपुर से प्रदेश संरक्षक सदस्य कैलाश पाण्डेय, राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान चयनित राहुल तिवारी, वरिष्ठ समाजसेवी जयप्रकाश गर्ग, प्रांतीय उपाध्यक्ष बीपी तिवारी (बुढार), प्रांतीय संरक्षक धीरेन्द्र निगम, राष्ट्रीय पत्रकारिता अलंकरण सम्मान के चयनित पत्रकार इस आयोजन के दौरान उन वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने पत्रकारिता में असाधारण योगदान दिया है।

*चयनित पत्रकारों की सूची*

अजय तिवारी, रमेश चंद गुप्ता, राहुल तिवारी, गया प्रसाद श्रीवास गणेश प्रसाद शाहा, उमाशंकर श्रीवास्तव, राम बिहारी मिश्रा को राष्ट्रीय पत्रकारिता अलंकरण सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।

*महाधिवेशन का उद्देश्य*

पत्रकारिता को सशक्त बनाने के लिए सुरक्षा कानून, आवास योजनाएं और बीमा सुविधाओं की मांग। स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता को बढ़ावा देने के लिए चर्चा और समाधान। एकता, सामूहिक नेतृत्व और रचनात्मक सोच को प्रोत्साहन। स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और विचारों को पत्रकारिता में आत्मसात करना।

*महाधिवेशन के मुख्य बिंदु*

सम्मान समारोह पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए विभिन्न पत्रकारों को सम्मानित किया जाएगा। पत्रकारिता की वर्तमान चुनौतियों और समाधान पर गहन चर्चा।एकता का आह्वान देशभर के पत्रकारों को एकजुट होकर अधिकारों के लिए संघर्ष करने का संदेश। सामाजिक क्रांति का संदेश "विश्व विवेक क्रांति" और "संयुक्त विश्व विचार क्रांति" की दिशा में कदम।

*राष्ट्रीय अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों का संदेश*

राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेन्द्र पाण्डेय ने देशभर के पत्रकारों से इस महाधिवेशन में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा यह आयोजन न केवल पत्रकारों के संघर्ष और अधिकारों की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह पत्रकारिता में सृजनात्मकता और सकारात्मकता को बढ़ावा देने का भी एक प्रयास है। अजय तिवारी (प्रांताध्यक्ष) ने इस महाधिवेशन को पत्रकारिता के क्षेत्र में मील का पत्थर बताते हुए कहा पत्रकारिता के उज्ज्वल भविष्य के लिए एकता और सामूहिक नेतृत्व अनिवार्य है।

*महाधिवेशन के महत्व और उम्मीदें*

यह महाधिवेशन पत्रकारिता को नई दिशा देने के साथ-साथ स्वतंत्रता, निष्पक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण मंच होगा। इसमें उपस्थित सभी पत्रकार, समाजसेवी और अतिथि स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा लेंगे।

*संदेश और आमंत्रण*

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी पत्रकारों और आमंत्रित अतिथियों से इस ऐतिहासिक महाधिवेशन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का अनुरोध किया आइए, एकजुट होकर पत्रकारिता को सशक्त बनाएं और एक नई क्रांति का सूत्रपात करें। महाधिवेशन का उद्देश्य पत्रकारिता को लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ बनाना और इसे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बनाना है।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा हिंदी महाकुंभ का होगा आयोजन


जबलपुर - प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा हिंदी महाकुंभ का आयोजन 30 जनवरी 2025 को कला विथिका रानी दुर्गावती संग्रहालय भंवरलाल गार्डन जबलपुर में आयोजित कर रही। आयोजन के सफल एवं  भव्य संचालन हेतु समिति का गठन किया गया है जिसमें मुख्य संरक्षक - अरविंद तिवारी संरक्षक -  वीरेंद्र कुमार दुबे , राजकुमारी रैकवार राज, ज़ी . एल. जैन, प्रभा बच्चन श्रीवास्तव, मीना भट्ट, अनिल शुक्ला। सलाहकार -  सिद्धेश्वरी सराफ, चंदादेवी स्वर्णकार, अनुराधा दीप्ति गर्ग, तरुणा खरे, बच्चन श्रीवास्तव, ऋषिराज रैकवार, पुरुषोत्तम भट्ट, अमर सिंह वर्मा, अम्लान गुहा नियोगी। कार्यक्रम संयोजक - गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी संस्थापक सशक्त हस्ताक्षर संस्था। स्वागताध्यक्ष - मदन श्रीवास्तव। स्वागत समिति - रश्मि पांडेय 'शुभि', विवेक शैलार, प्रकाश सिंह ठाकुर। सम्माननीय सदस्य - आशा झा सखी, श्रीमती निर्मला डोंगरे, कालीदास ताम्रकार काली जबलपुरी नियुक्त किए गए। उक्ताशय की जानकारी कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने दी है।

सशक्त हस्ताक्षर की यादगार 31 वीं कवि काव्य गोष्ठी हुई संपन्न 


जबलपुर -  सशक्त हस्ताक्षर की 31 वीं कवि गोष्ठी श्री जानकी रमण महाविद्यालय में दिनांक  21.12 2024 को सानंद सफल हुई ၊ संस्थापक गणेश श्रीवास्तव प्यासा ने सभी साहित्य मनीष अतिथियों का अपनी वाणी से वंदन अभिनंदन किया ၊ सरस्वती वंदना कृष्णकांत चौबे नरसिंहपुर ने की।

मुख्यअतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. विजय तिवारी किसलय, अध्यक्षता राकेश माहेश्वरी काल्पनिक नरसिंहपुर, विशिष्ट अतिथि समाजसेवक कृष्णकांत गुमास्ता, सारस्वत अतिथि मंचमणि राजेश पाठक प्रवीण, शुभकामनाएँ सलाहकार कवि संगम त्रिपाठी की गरिमामय उपस्थिति रही।  इस शुभ अवसर पर सशक्त हस्ताक्षर ने डॉ. विजय तिवारी किसलय,राकेश माहेश्वरी काल्पनिक, कृष्णकांत गुमास्ता का शाल,श्रीफल, मानपत्र से सम्मानित किया।

गोष्ठी का प्रारंभ भेड़ाघाट से पधारे कुंजीलाल चक्रवर्ती निर्झर से हुआ ၊ महासचिव गुलजारी लाल जैन,अजय मिश्रा अजेय, कालीदास ताम्रकार काली, बुंदेली हिंदी के कवि आकाशवाणी में कम्पेयर लखन रजक,अमरसिंह वर्मा,एड. प्रभा खरे अखिल, विवेक शैलार,कछार गाँव से आये संगठनसचिव अखिलेश खरे अखिल, सह सचिव बुंदेली में निष्णात सहसचिव तरुणा खरे,पूर्वजज मीना भट्ट,प्रकाश सिंह ठाकुर,एड. डॉ. सलप नाथ यादव ने अपनी कविताओं से. चमत्कृत कर दिया। भावों की काव्य सरिता उद्दाम लहरों से आगे बढ़ती रही ၊ वरिष्ठ साहित्यकार दीनदयाल तिवारी, संज्ञीतज्ञ रविशंकर श्रीवास्तव, अरूण शुक्ल, विजय विश्वकर्मा,मदन श्रीवास्तव, मनोज शुक्ल मनोज, द्वारका गुप्त द्वारकेश, आरती श्रीवास्तव ने खूब तालियाँ बटोरी ၊ प्यासी, प्रतीक्षा सेठी, सुषमा गुप्ता, कृष्णा राजपूत,बुंदेली की आभा प्रभाविश्वकर्मा  शील, डॉ. भावना दीक्षित को खूब सराहा ၊ संदीप खरे युवराज, अभिमन्यु जैन,सुरेश विचित्र,विजय नेमा अनुज ने मंच को नयी ऊँचाईयाँ पर पहुँचाया, समाज सेवक चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव, पूर्वजज पुरुषोत्तम भट्ट की गरिमामय उपस्थिति रही ၊ संचालन गणेश श्रीवास्तव प्यासा, आभार अध्यक्ष मदन श्रीवास्तव ने किया।

हिंदी के सच्चे सिपाही संतोष पाठक निधन, विनम्र श्रद्धांजलि


 

जबलपुर

हिंदी के सच्चे सिपाही कवि साहित्यकार शिक्षाविद संतोष पाठक का ह्रदयघात से निधन हो गया। संतोष पाठक गढ़वा झारखंड की धरती से हिंदी के ध्वज को उठाये हुए कई राष्ट्रीय संस्थान से जुड़े रहे और अंत तक हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु अपने अभियान पर काम करते हुए हम सब के बीच से चले गए जो कि बहुत ही दुखद है।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा में विगत दो वर्षों से जुड़े संतोष पाठक हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु अभियान के तहत 13 सितंबर 2023 को इंडिया गेट व राजघाट दिल्ली में पदयात्रा  प्रदर्शन व 14 सितंबर 2024 को जंतर मंतर दिल्ली में प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के प्रदर्शित सभा के साथ राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए थे। उनके नेतृत्व में झारखंड से कवि साहित्यकार व हिंदी प्रेमी गिरिधर प्रसाद सिंह, पीयूष पाणि, राम प्रवेश पंडित प्रमुख रुप से शामिल हुए थे।

संतोष पाठक को डॉ धर्म प्रकाश वाजपेई, कवि संगम त्रिपाठी, प्रदीप मिश्र अजनबी, डॉ गुंडाल विजय कुमार, गोविंद पाल सिंह आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।

आता जब मौसम गुलाबी सर्दियों का, झूमने लगता है मौसम सर्दियों का



*मौसम गुलाबी सर्दियों का*


आता जब मौसम गुलाबी सर्दियों का।

झूमने लगता है मौसम सर्दियों का।


हर घड़ी ये जिद्द करता तुमसे मिलने की,

मचलने लगता है मौसम सर्दियों का।


लिपटतीं जब तुम्हारी गरमा-गरम यादें,

बहकने लगता है मौसम सर्दियों का।


जब महावट बन तुम्हारे ख्वाब घिर आते,

बरसने लगता है मौसम सर्दियों का।


कंपकंपाती उंगलियां से जब तुम्हें छूता,

बहकने लगता है मौसम सर्दियों का।


तुम्हारे आने की जब भी खबर मिलती है,

संवरने लगता है मौसम सर्दियों का।


आहटें आतीं तुम्हारी तुम नहीं आते,

सिसकने लगता है मौसम सर्दियों का।


गीत जो तुम पर लिखे है उन्हें सुन सुन कर,

थिरकने लगता है मौसम सर्दियों का।


गीतकार-अनिल भारद्वाज एडवोकेट हाईकोर्ट ग्वालियर

 वनमाली सृजन केंद्र का आज शुभारंभ, वनमाली पत्रिका के अंक का विमोचन होगा

*निबंध लेखन, कविता, पेंटिंग, भाषण के प्रतिभागी बच्चो को पुरस्कार व प्रमाण पत्र होगा वितरण*


अनूपपुर 

वनमाली सृजन केंद्र अनूपपुर का आज भव्य शुभारंभ होने जा रहा है इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के सेवा निवृत्त प्राचार्य परमानंद तिवारी एवं शासकीय तुलसी महाविद्यालय से हिंदी विभाग की प्रोफेसर डॉ दीपक गुप्ता होंगे। इस अवसर पर काव्य पाठ के साथ साथ "हिंदी हमें जोड़ती है" विषय पर व्याख्यान होंगे। यह केंद्र कल से अपना कार्य प्रारंभ करते हुए  आंचलिक प्रतिभाओं(रचनाकारों) को उभारने और प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें मंच प्रदान करने की कोशिश की जाएगी।

इस अवसर पर वनमाली पत्रिका के सितंबर अक्टूबर अंक का विमोचन होगा। कार्यक्रम के पूर्व की गतिविधियों के तहत अनेक स्कूलों में निबंध लेखन, कविता, पेंटिंग, भाषण आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की गई है। इन प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को कार्यक्रम के दौरान पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।  बताते चलें वनमाली सृजन पीठ वनमाली की लेखन यात्रा से प्रेरित है, जो साहित्यकारों को प्रोत्साहित करने के लिए बनाया गया एक मानद उपक्रम है। ग्रामीण रचनाकारों को शहरी रचनाकारों के समान ही अवसर मिलना चाहिए, इस मूल अवधारणा पर आधारित यह उपक्रम सभाएँ, चर्चाएँ और अन्य साहित्यिक प्रवचन आयोजित करता है। वनमाली सृजन पीठ, हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के विस्तार के लिए लेखनरत साहित्यकारों को प्रतिष्ठित वनमाली राष्ट्रीय सम्मान, की परंपरा डाली है.  इसमें वन्माली कथा शीर्ष सम्मान, राष्ट्रीय कथा सम्मान, प्रवासी भारतीय कथा सम्मान, तथा वनमाली विज्ञान कथा सम्मान एवं मध्य प्रदेश कथा सम्मान और युवा कथा सम्मान सहित पत्रकारिता सम्मान से अलंकृत किया जाता है.  संपूर्ण भारतवर्ष में वनमाली सृजन पीठ की स्थापना की गई है  सृजन पीठ  मुख्यालय के माध्यम से साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विकास के नये आयाम तय किए  हैं.  सुदूर ग्राम्यांचल एवं कस्बों के  कला, साहित्य, संस्कृति एवं सामाजिक सरोकारों की गतिविधियों को बढ़ावा देने में निरंतर सक्रिय वनमाली सृजन केन्द्रो की स्थापना जिले  एवं आंचलिक स्तर पर की गई है.  जिसमें आंचलिक प्रतिभाओं को उभारने  और राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें प्रस्तुत करने की कोशिश की जाती है.  सभी सृजन केंद्रों की आपसी गतिविधियों को साझा करने के लिए “वनमाली वार्ता पत्रिका” का प्रकाशन ऑनलाइन किया जा रहा है. वनमाली  सृजन पीठ भोपाल ने  अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव का आयोजन कर वैश्विक स्तर पर एक स्वर्णिम मुकाम बनाया है

कथा साहित्य के अतिरिक्त ‘वनमाली’  का शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान रहा। वे अविभाजित मध्यप्रदेश के अग्रगण्य शिक्षाविदों में थे। गांधी के आव्हान पर कई वर्षों तक प्रौढ़ शिक्षा के काम में लगे रहे। फिर शिक्षक, प्रधानाध्यापक एवं उपसंचालक के रूप में उन्होंने बिलासपुर, खंडवा और भोपाल में कार्य किया और इस बीच अपनी पुस्तकों के माध्यम से, शालाओं और शिक्षण विधियों में नवाचार के कारण और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद् की समिति के सदस्य के रूप में शिक्षा जगत में उन्होंने महत्वपूर्ण जगह बना ली थी। 1962 में डाॅ. राधाकृष्णन के हाथों उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से विभूषित किया गया। वनमाली का जन्म 1 अगस्त 1912 को आगरा में हुआ। उन्होंने अपना पूरा जीवन मध्यप्रदेश में ही गुजारा और 30 अप्रैल 1976 को भोपाल में उनका निधन हुआ। उनका पहला कथा संग्रह ‘जिल्दसाज’ उनकी मृत्यु के बाद 1983 में तथा ‘प्रतिनिधि कहानियाँ’ के नाम से दूसरा संग्रह 1995 में प्रकाशित हुआ था। वर्ष 2008 में वनमाली समग्र का पहला खण्ड तथा वर्ष 2011 में संतोष चौबे के संपादन में ‘वनमाली स्मृति’ तथा ‘वनमाली सृजन’ शीर्षक से दो खण्ड और भी प्रकाशित हुए हैं।

हिंदूवादी, गौ जन कल्याण संघठन की ललिता नेहा तिवारी बनी शहर अध्यक्ष


सिंगरौली

भोपाल हिंदूवादी संघठन गौ जन कल्याण संघ गौ रक्षादल संस्थापक अध्यक्ष पवन सोलंकी नें ललिता नेहा तिवारी क़ो सिंगरौली शहर अध्यक्ष नियुक्त किया राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन सोलंकी नें बताया हैं की मै कहीं वर्षो से देखता आ रहा हूँ नेहा तिवारी के अच्छे कार्य अपने हंसमुख मिलसार स्वभाव से तिवारी समाज का नाम रोशन किया बेहसहारा,पीड़ित महिलाओ क़ो कानूनी मदद दिलाकर एक अनूठी पहल कर पीड़ित महिलाओ के चेहरों पर मुश्कान लाई हैं नवनियुक्त अध्यक्ष ललिता नेहा तिवारी कहती हैं की जिसके अंदर जनसेवा करने का जूनून होता हैं व किसी की मदद का मोहताज नहीं होता व अपने हीं बल पर एक अनूठी पहल कर पीड़ित के चेहरों पर मुश्कान लाकर उनका आशीर्वाद प्यार पाता हैं जौ हर कोई व्यक्ति क़ो नहीं मिलता हैं महाँकाल राजा के आशीर्वाद से मै भिक्षा मागने वाले बच्चों क़ो शिक्षा से जोड़नें का कार्य करूंगी व बेहसहारा परिवार क़ो कानूनी मदद दिलाऊँगी जिससे पीड़ित महिलाओ का होशला बढ़ेगा व मुझे मन मे एक अलग ख़ुशी मिलेंगी।

नवनियुक्त सिंगरौली अध्यक्ष ललिता नेहा तिवारी  ने हिंदूवादी गौ जन कल्याण संघ राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन सोलंकी का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि मुझ पर जो विश्वास किया है उस विश्वास पर खरा उतरुंगी एवं संगठन के विस्तार एवं  बेहसहारा परिवार की कानूनी मदद व गौ रक्षा धर्म रक्षा नारी सुरक्षा हेतु सदैव तत्पर रहूंगी मेरा प्रयास मेंरी जिम्मेदारी क़ो मै निस्वार्थ भाव से निभाऊंगी।

निर्मल गगन रुपहला चंदा बिखर गये है घन, शरद पूर्णिमा बिहस रही है, मुग्ध हुआ है मन


महमहाती गीतिकाए 

छन्दबद्ध कविता के कुशल शिल्पी कैलाश नाथ मिश्र जी की भाव भरी और शिल्प सधी गीतिकाओं का संग्रह 'महमहाती गीतिकाएं' हिंदी कविता के लिए एक अप्रतिम अवदान है..... यह कथन प्रख्यात छन्दशास्त्री गीतिका विधा के प्रवर्तक आचार्य ओम नीरव जी ने कहा है तो सच ही कहा होगा।

         व्यवसाय से चिकित्सक डॉ कैलाश नाथ मिश्र जीवन को जीवंत बनाने हेतु आधुनिक काव्य रचना जगत से विलुप्त हो रही सनातनी छंद शास्त्रीय विधा को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया है जो कि वर्तमान रचनाकारों के लिए अनुकरणीय उदाहरण है। कविता लोक में डाॅ कैलाश नाथ मिश्र की गीतिकाएं प्रेरणादाई छाप छोड़ने में सक्षम है।

एक गीतिका देखिए 

निर्मल गगन रुपहला चंदा बिखर गये है घन,

शरद पूर्णिमा बिहस रही है, मुग्ध हुआ है मन।

उपवन में चंद्रिका थिरकती हर श्रृंगार खिले,

झिलमिल-झिलमिल छवि विटपों पर, करती है नर्तन।

शीतल छुवन लिए आती है, संध्या नम होकर,

मौसम ने संदेश दिया है, यह ऋतु की सिहरन।

फसलें पकी धान की सुंदर, रंग लगे मनहर,

छिड़क गया हो जैसे कोई, पिघलाया कंचन।

अर्ध निशा में नींद अनमनी, स्वप्न हुए बेघर,

लगा टकटकी नयन विवश हो, ताकें वातायन।

डॉ कैलाश नाथ मिश्र 

संपर्क - 9452702797


             सौजन्य - कवि संगम त्रिपाठी

बढ़ते अपराध के खिलाफ आदमी पार्टी यूथ विंग ने शव यात्रा निकालकर किया विरोध प्रदर्शन

*आप कार्यकर्ताओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार*


सतना

आदमी पार्टी यूथ विंग ने आंबेडकर चौक में प्रदेश में बढ़ते अपराध की स्थिति के खिलाफ  जिलाध्यक्ष हर्ष बागरी के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में मुख्य रूप से यूथ विंग के प्रदेश सचिव देवांशू द्विवेदी उपस्थित रहे।

प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में शामिल हुए युवा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के मुखिया मोहन यादव की शव यात्रा निकालकर उनकी नीतियों और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुये “हमारी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता” और “अपराधियों को सख्त सजा” जैसे नारे लगाए। तभी पुलिस प्रशासन बल पूर्वक गिरफ्तार कर कोलगवा थाना ले गई।

आदमी पार्टी यूथ विंग के प्रदेश सचिव देवांशू द्विवेदी ने इस अवसर पर कहा कि "प्रदेश में बढ़ते अपराध ने आम जनता की जिंदगी को खतरे में डाल दिया है। प्रदेश के मुखिया मोहन यादव की नीतियां नाकाम साबित हुई हैं, और हमें अब सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज उठानी पड़ रही है। आम आदमी पार्टी सतना यूथ विंग के जिलाध्यक्ष हर्ष बागरी ने कहा कि "हम मांग करते हैं कि सरकार तत्काल प्रभाव से सुरक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।

श्री बागरी ने स्पष्ट किया कि यह प्रदर्शन सिर्फ एक शुरुआत है। वे आने वाले दिनों में और अधिक सक्रियता के साथ अपराध के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे और सरकार से मांग करेंगे कि वह जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता दे। यूथ विंग के समर्थन में पहुंचे आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष डॉ अमित सिंह ने कहा कि "हम यहां आम नागरिकों की सुरक्षा व अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। क्योंकि प्रदेश के हर नागरिक को सुरक्षित रहने का हक है, इसलिए सरकार सबको सुरक्षा प्रदान करे लेकिन सरकार अपनी नाकामी को छुपाने हेतु आवाज उठा रहे कार्यकर्ताओं को बल पूर्वक गिरफ्तार करने पर आमादा रहती है।

*पुलिस ने इन्हें किया गिरफ्तार*

प्रदर्शन के दौरान आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष डॉ अमित सिंह, जिलाध्यक्ष उपाध्यक्ष सुखेन्द्र सिंह एवं अनुराग सिंह,जिला सचिव अनिल गर्ग,यूथ विंग के प्रदेश सचिव देवांशू द्विवेदी,यूथ विंग के जिलाध्यक्ष हर्ष बागरी,ओ.बी.सी. विंग के जिलाध्यक्ष इंजी.नरेंद्र कनौजिया,युवा नेता राहुल सिंह परिहार, डॉ.मदन कुशवाहा,मेदनी प्रताप सिंह,मनीष प्रताप सतनामी को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान प्रदर्शन में प्रमुख रूप से दीनबंधू सोनी,विकास सिंह, सचिन बाबा ,ऋतिक पटेल,जय तिवारी,शिवम त्रिपाठी,मोनू बागरी उत्कर्ष बागरी ,दीनू पटेल,सहित सैकड़ों की संख्या में युवा उपस्थित रहे।

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