कुलगुरू की 'अर्थी' लेकर पहुंचे विश्विद्यालय, जलाई अर्थी, एनएसयूआई का उग्र प्रदर्शन, इस्तीफे की मांग

कुलगुरू की 'अर्थी' लेकर पहुंचे विश्विद्यालय, जलाई अर्थी, एनएसयूआई का उग्र प्रदर्शन, इस्तीफे की मांग

*कुलगुरु की निरंकुशता, भ्रष्टाचार और छात्रविरोधी नीतियों का विरोध, पुलिस से झड़प*


जबलपुर

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) द्वारा विश्वविद्यालय में व्याप्त अराजकता, भ्रष्टाचार और छात्रविरोधी नीतियों के विरोध में जबरदस्त प्रदर्शन किया गया। यह आंदोलन एनएसयूआई के अनुराग शुक्ला के नेतृत्व में किया गया, जिसमें सैकड़ों छात्र सम्मिलित हुए प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा की प्रतीकात्मक अर्थी ढोल-नगाड़ों के साथ विश्वविद्यालय में ले जाने का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने रोका। इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई। अंततः छात्रों ने विश्वविद्यालय गेट पर ही प्रतीकात्मक 'अर्थी' का दहन कर कुलगुरु के तत्काल इस्तीफे की मांग की। एनएसयूआई के अनुराग शुक्ला ने कहा कि कुलगुरु की कार्यशैली पूरी तरह से निरंकुश,भ्रष्ट और छात्रविरोधी हो चुकी है। शासन की मेधावी योजना, संबल योजना और जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू न करके हजारों छात्रों से जबरन फीस वसूली की जा रही है। तकनीकी शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र की हालत बदतर हो चुकी है—BCA और MCA जैसे कोर्स संचालित करने वाले विभागों में न कंप्यूटर लैब हैं, न जरूरी सॉफ्टवेयर। छात्रों को बिना प्रयोगात्मक ज्ञान के ही डिग्री लेने को मजबूर किया जा रहा है, जो न केवल AICTE के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि देश की उच्च शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करता है।

उन्होंने यह भी कहा कि कुलगुरु पर एक महिला अधिकारी ने यौन उत्पीड़न, अभद्र भाषा और शिकायत दबाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनकी जांच माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर SIT कर रही है। इसके बावजूद वे पद पर बने हुए हैं, जो नैतिकता के विरुद्ध है। साथ ही वर्ष 2009 में उनकी प्रोफेसर पद पर नियुक्ति भी विवादित रही है, क्योंकि उस समय वे UGC की पात्रता शर्तें पूरी नहीं करते थे। इसके अलावा, शासनादेश की अवहेलना करते हुए वे ₹25 लाख की इनोवा क्रिस्टा का उपयोग कर रहे हैं, जबकि शासन द्वारा अधिकतम ₹10 लाख की सीमा तय की गई है।

एनएसयूआई ने मांग की कि कुलगुरु प्रो. राजेश वर्मा को नैतिक आधार पर तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। साथ ही विश्वविद्यालय में सभी शासकीय योजनाओं को तत्काल लागू किया जाए, तकनीकी विभागों में मूलभूत संसाधनों की व्यवस्था की जाए, और नियुक्तियों व वित्तीय अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच हो। उन्होंने यह भी चेताया कि यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा और प्रदेशव्यापी स्तर पर शुरू किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सागर शुक्ला,अदनान अंसारी, प्रतीक गौतम,एजाज अंसारी,सक्षम यादव, अनुराग शुक्ला,शफी खान, सैफ मंसूरी, सचिन रजक,अंकित शुक्ला,अभ्युत वाजपेई ,अमित सिंह, साहिल थामस,मो.वकार, अंकित कोरी, निखिल वंशकार,युग ठाकुर, अर्पित केसरवानी, अनिकेत मेश्राम,साहिल उइके,विक्की ठाकुर सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।

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