सूचना अधिकार अधिनियम कानून का एसईसीएल के अधिकारी कर रहे हैं खुकेआम उल्लंघन


शहडोल

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 नागरिकों को सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का अधिकार देता है, लेकिन साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) के सोहागपुर एरिया में यह कानून मजाक बनकर रह गया है। यहां अधिकारी नियम-कानूनों को ताक पर रखकर “अंधेर नगरी, चौपट राजा” की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं।

सोहागपुर एरिया के अधिकारी मानो आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हों। सूचना के अधिकार के तहत जब कोई व्यक्ति जानकारी मांगता है, तो उसे या तो टालमटोल का सामना करना पड़ता है या फिर किसी न किसी बहाने से आवेदन को लंबित कर दिया जाता है। कई मामलों में तो प्रथम दृष्टया जवाब देना तक उचित नहीं समझा जाता।

ऐसा ही एक ताजा मामला अखिलेश सिंह द्वारा मांगी गई सूचना से जुड़ा है। पहली बार सूचना मांगने पर उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई। इसके बाद जब वे लगातार कार्यालय के चक्कर लगाते रहे, तब आंशिक जानकारी देकर यह कहकर टाल दिया गया कि शेष जानकारी 15 दिनों के भीतर दे दी जाएगी। लेकिन 15 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई।

चौंकाने वाली बात यह है कि समय-सीमा समाप्त होने के बाद भी जब प्रकरण प्रथम अपीली अधिकारी तक पहुंचता है, तब भी कोई ठोस कार्रवाई नजर नहीं आती। इससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या सोहागपुर एरिया में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी इतने अकर्मण्य हो चुके हैं कि उन्हें भारत सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों और राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत अधिनियमों का भी कोई भय नहीं है।

सूत्रों की मानें तो ऐसे कई प्रकरण हैं, जिनमें सोहागपुर एरिया के कार्मिक विभाग और महाप्रबंधक कार्यालय के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों द्वारा सूचना के अधिकार को दूसरे दर्जे पर रखकर उसकी अनदेखी की जा रही है। न सुनवाई हो रही है और न ही जिम्मेदारी तय की जा रही है।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सूचना का अधिकार अधिनियम केवल सोहागपुर एरिया के लिए टाइम पास या मजाक बनकर रह गया है? या फिर संबंधित अधिकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई भी होगी? यह देखना अब प्रशासन और प्रबंधन के विवेक पर निर्भर करता है।

दिन में जलती हैं स्ट्रीट लाइट,  लाखों का नुकसान, सीएमओ की चुप्पी पर सवाल


शहडोल

नगर परिषद बकहो में स्ट्रीट लाइट व्यवस्था से हो रहा लगातार आर्थिक नुकसान अब प्रशासनिक उदासीनता का बड़ा उदाहरण बनता जा रहा है। जानकारी के अनुसार नगर परिषद बकहो क्षेत्र में लगी 90 वाट की लगभग 200 स्ट्रीट लाइटें सुबह 11:30 बजे तक दिन के उजाले में भी चालू रहती हैं, जिससे परिषद को प्रतिदिन हजारों रुपये का अनावश्यक नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रतिवर्ष अनुमानित नुकसान लगभग ₹2.26800/- लाख यह राशि नगर परिषद के विकास कार्यों के बजट से सीधे कटकर बेवजह बिजली बिल में खर्च हो रही है।

आधी ड्यूटी, पूरी व्यवस्था लावारिस सूत्रों के अनुसार नगर परिषद बकहो में पदस्थ इलेक्ट्रिशियन जितेंद्र दाहिया नगर परिषद बकहो में सुबह 12.00 बजे तक ड्यूटी पर उपस्थित लगने पहुंचते हैं। इसके बाद स्ट्रीट लाइट नियंत्रण और निगरानी की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं रहती, जिसके चलते दिन में भी लाइटें बंद नहीं हो पातीं। मुख्यालय में निवास न करना, नियमों की अनदेखी नगर परिषद बकहो के कई कर्मचारियों द्वारा—पदस्थ मुख्यालय बकहो में निवास नहीं किया जा रहा है,बल्कि शहडोल से आकर सीमित समय ड्यूटी कर वापस लौटने की बात सामने आ रही है। जबकि मध्यप्रदेश नगर पालिका कर्मचारी सेवा नियम, 1968 के तहत कर्मचारियों का मुख्यालय में रहना अनिवार्य है। लोक सेवक द्वारा जानबूझकर लापरवाही बकहो सीएमओ की निष्क्रियता पर उठ रहे सवाल सबसे अहम सवाल यह है कि इतनी स्पष्ट जानकारी, लिखित शिकायत और आर्थिक नुकसान के बावजूद मुख्य नगर पालिका अधिकारी बकहो द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई। न तो—विभागीय जांच शुरू हुई,न जिम्मेदारी तय की गई,न ही आर्थिक नुकसान की रिकवरी का आदेश जारी हुआ। जानकारों का कहना है कि कार्रवाई न करना भी सेवा अपराध की श्रेणी में आता है।अब ऊपर से कार्रवाई की मांग तेज स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों द्वारा मांग की जा रही है कि—जिला कलेक्टर शहडोल इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच कराएं जिम्मेदार कर्मचारी के साथ-साथ कार्रवाई न करने वाले अधिकारियों की भी जवाबदेही तय हो नगर परिषद को हुए नुकसान की रिकवरी सुनिश्चित की जाए।

नगर परिषद में सिविलियन कर्मचारियों का भुगतान विवाद में, काम के बिना भुगतान का सवाल


शहडोल

नगर परिषद बकहो में सिविलियन कर्मचारियों के बिना काम किए भुगतान का मामला अब गंभीर वित्तीय और प्रशासनिक विवाद में बदल गया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार कर्मचारी केवल हाजिरी लगाते हैं, वास्तविक कार्य पूरी तरह अनुपस्थित रहते हैं भुगतान सिर्फ हाजिरी के आधार पर किया जा रहा है कौन-सा काम कराया जा रहा है, इसका कोई GPS / फोटो / वीडियो प्रमाण नहीं है कौन-से फंड से भुगतान हो रहा है, यह भी अस्पष्ट है। इस कारण नगर परिषद का आर्थिक फंड अनियमित रूप से खर्च हो रहा है, जबकि वास्तविक नागरिक सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।

कर्मचारी सुबह हाजिरी लगाकर अर्ध-दिवसीय या लापरवाह ड्यूटी करते हैं बाद में रफू-चक्कर, कार्यालय में अनुपस्थित रहते हैं इसके बावजूद नगर पालिका द्वारा मासिक भुगतान किया जाता है काम का कोई प्रमाण जैसे GPS लोकेशन, फोटो या वीडियो उपलब्ध नहीं। भुगतान केवल नगर परिषद के सामान्य या योजना फंड से हो रहा है यह स्थिति लोक धन के दुरुपयोग की ओर इशारा करती है।

स्थानीय स्तर पर यह भी चिंता का विषय है कि—मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) साक्ष्य और शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं। यदि ऐसा चलता रहा, तो सीधे लोक धन का दुरुपयोग और नियमों का उल्लंघन माना जाएगा इस कारण जिला कलेक्टर, संभागायुक्त और नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल तक हस्तक्षेप की मांग उठ रही है। अब क्या कदम उठाए जा सकते हैं अगर शहडोल जिला प्रशासन शिकायतो  पर दोषी कर्मचारियों और प्रशासनिक अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई। भुगतान की रिकवरी और रोकथाम सुनिश्चित करना अगर जिम्मेदारों ने कार्यवाही नहीं की तो लोकहित के लिए हमारे क्षेत्र के आर्थिक क्षति को लेकर के आवश्यकता पड़ने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर किया जायेगा।

छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, युवा उत्सव प्रकरण में पं. शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ अन्याय


शहडोल

जिला एवं विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित युवा उत्सव से जुड़े गंभीर प्रकरण में पं. शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय, शहडोल के प्रतिभागी विद्यार्थियों के साथ हुई अनुचित कार्रवाई के विरोध में छात्र संघ शहडोल ने आज प्रभावित छात्रों के साथ मिलकर विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। छात्र संघ के प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय परिसर पहुँचकर विश्वविद्यालय के आदरणीय कुलसचिव के माध्यम से माननीय कुलगुरु के नाम यह ज्ञापन प्रस्तुत किया।


ज्ञापन के माध्यम से छात्र संघ ने स्पष्ट किया कि शैक्षणिक सत्र 2025–26 के अंतर्गत विश्वविद्यालय द्वारा 09, 10 एवं 11 अक्टूबर 2025 को आयोजित अंतर-कक्षा स्तरीय युवा उत्सव पूर्णतः विधिवत एवं नियमानुसार संपन्न हुआ था, जिसमें चयनित एवं प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को अगले स्तर की प्रतियोगिता हेतु चयनित किया गया था।

ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि इसके पश्चात 29, 30 एवं 31 अक्टूबर 2025 को शासकीय इंदिरा गांधी गृह विज्ञान महाविद्यालय, शहडोल में आयोजित जिला स्तरीय युवा उत्सव के संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन को न तो कोई लिखित सूचना दी गई और न ही कोई औपचारिक आमंत्रण भेजा गया, जिसके कारण विश्वविद्यालय के चयनित प्रतिभागी छात्र प्रतियोगिता में भाग लेने से वंचित रह गए।

छात्र संघ ने आगे बताया कि इसके बाद 12, 13 एवं 14 नवम्बर 2025 को आयोजित अंतर-जिला विश्वविद्यालय स्तरीय युवा उत्सव में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया, किंतु 14 नवम्बर 2025 को परिणाम घोषित किए जाने के समय अन्य जिलों की आपत्ति के आधार पर बिना विश्वविद्यालय का पक्ष सुने विश्वविद्यालय के सभी प्रतिभागियों के परिणाम स्थगित कर दिए गए, जो पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है।

छात्र संघ शहडोल ने ज्ञापन के माध्यम से यह भी कहा कि *जिस प्रशासनिक त्रुटि में विद्यार्थियों की कोई भूमिका नहीं है, उसी त्रुटि का दंड विद्यार्थियों को दिया जाना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है।* इससे विद्यार्थियों को मानसिक, शैक्षणिक एवं प्रतियोगात्मक क्षति हुई है।

ज्ञापन में छात्र संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से माँग की कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जाँच कराई जाए, दोषी अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए, प्रभावित विद्यार्थियों को पुनः अवसर या सीधे राज्य स्तरीय युवा उत्सव में भाग लेने का अवसर दिया जाए तथा स्थगित परिणामों को शीघ्र घोषित किया जाए। छात्र संघ शहडोल ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि छात्रों के हित में शीघ्र न्यायोचित निर्णय नहीं लिया गया, तो छात्र संघ छात्रों के साथ मिलकर लोकतांत्रिक एवं शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित प्रशासन की होगी।

पीकप सहित 5 मवेशी जप्त, दो तस्कर गिरफ्तार, अवैध रेत भरा ट्रैक्टर को एसडीएम ने पकड़ा


शहडोल

जिले के ब्यौहारी थाना क्षेत्र अंतर्गत टंकी तिराहा के पास पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मवेशी तस्करी की कोशिश को नाकाम कर दिया। मुखबिर से मिली पुख्ता सूचना के आधार पर पुलिस ने घेराबंदी कर एक पिकअप वाहन को रोककर उसमें लोड मवेशियों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। बताया जा रहा है कि यह वाहन मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश की ओर जा रहा था, जिसमें मवेशियों को ठूंस ठूंस कर क्रूरतापूर्वक भरा गया था।

पुलिस के अनुसार मुखबिर ने सूचना दी थी कि एक पिकअप वाहन में मवेशियों को अवैध रूप से भरकर यूपी की ओर ले जाया जा रहा है। सूचना मिलते ही ब्यौहारी पुलिस सक्रिय हुई और टंकी तिराहा पर वाहन चेकिंग शुरू की। इसी दौरान संदिग्ध पिकअप वाहन क्रमांक एमपी 18 जीए 5997 को रोका गया। तलाशी लेने पर वाहन में क्रूरता पूर्वक लोड किए गए पांच नग मवेशी पाए गए।

पुलिस ने मौके से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो अन्य आरोपी मौके से फरार हो गए। फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है। जब्त किए गए मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर भेजने की कार्रवाई की गई है।

इस संबंध में उप निरीक्षक मोहन पड़वार ने बताया कि मवेशी तस्करी के इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और दो फरार आरोपियों की तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि जब्त पिकअप वाहन और मवेशियों सहित कुल मशरूका की कीमत लगभग पांच लाख रुपये आंकी गई है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ब्यौहारी पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में मवेशी तस्करों में हड़कंप मचा हुआ है और आमजन ने पुलिस की तत्परता की सराहना की है।

*अवैध रेत भरा ट्रैक्टर को एसडीएम ने पकड़ा*

उमरिया

बिरसिंहपुर पाली मुख्य बाजार क्षेत्र में रेत भरा एक टेक्टर बिना टी पी कागजात के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने दोपहर में पकड़ा है। पकड़े गए टेक्टर का नंबर एम पी-54 देखा सी 0241 इंजन में दर्ज हैं जबकि टेक्टर टाली में कोई नंबर दर्ज नही पाया गया है। रेत भरे टेक्टर के चालक से जब वाहन संबधित कागजात मांगे गयें तो चालक ने हाथ खड़े कर दिया। रेत भरे टेक्टर की टी पी भी चालक के पास उपलब्ध नहीं थे। जिस पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रेत भरे टेक्टर को अपने कब्जे में लेते हुए तहसील परिसर पाली में खड़ा करा दिया है। देखने में आया है कि पाली और उसके आसपास के क्षेत्रों में अभी भी अवैध उत्खनन का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन इन वाहनों पर नियमानुसार कार्यवाही न होने से उत्खनन माफियाओं के हौसले बुलंद है। 

महिला ने पड़ोसन को बंधक बनाकर पीटा, धान खरीदी केंद्र के प्रबंधक पर FIR के निर्देश 


शहडोल/उमरिया

शहडोल जिले के ब्यौहारी थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने अपनी ही पड़ोसी महिला को घर के अंदर बुलाकर बंधक बनाया और हाथ पैर बांध कर बेरहमी से मारपीट की। पीड़िता का आरोप है कि आरोपी महिला ने न सिर्फ उसके साथ मारपीट की, बल्कि उसका मोबाइल फोन और सोने के कान के झुमके भी छीन लिए। हैरानी की बात यह है कि आरोपी महिला ने वीडियो में सामान वापस करने की बात स्वीकार की, लेकिन अब तक न तो मोबाइल लौटाया गया और न ही जेवर।

घटना ब्यौहारी थाना क्षेत्र के बराछ गांव की है। पुलिस के अनुसार किरण तिवारी पति देवेंद्र तिवारी उम्र 28 वर्ष अपने घर के बाहर टहल रही थी। इसी दौरान पड़ोस में रहने वाली ललिता कहार ने उसे अपने घर बुलाया। जैसे ही किरण तिवारी आरोपी के घर के अंदर गई, ललिता ने दरवाजा बंद कर दिया और उसके हाथ-पैर बांध दिए। इसके बाद अपने पुत्र और पुत्री के साथ मिलकर किरण तिवारी की बेरहमी से पिटाई की।

पीड़िता किरण तिवारी के अनुसार उसका ललिता से कोई प्रत्यक्ष विवाद नहीं था, लेकिन पूर्व में पारिवारिक विवाद को लेकर आरोपी महिला रंजिश रखती थी। इसी रंजिश के चलते उसने इस घटना को अंजाम दिया। मारपीट के दौरान किरण तिवारी की चीख-पुकार सुनकर उसके परिजन मौके पर पहुंचे और उसे छोड़ने की गुहार लगाई, लेकिन आरोपी महिला ने उनके साथ भी मारपीट की और धमकाकर भगा दिया।

इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना देखकर हैरान रह गई, क्योंकि किरण तिवारी के हाथ-पैर बंधे हुए थे और वह मदद की गुहार लगा रही थी। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपी ललिता गांव में लेडी डॉन के नाम से जानी जाती है और उसके खिलाफ पहले भी मारपीट के मामले दर्ज हैं।

किरण तिवारी का आरोप है कि मारपीट के दौरान आरोपी महिला ने उसका मोबाइल फोन और सोने के कान के झुमके छीन लिए। एक वीडियो में ललिता यह स्वीकार करती नजर आ रही है कि वह सामान वापस कर देगी, लेकिन घटना को काफी समय बीत जाने के बाद भी मोबाइल और जेवर वापस नहीं किए गए हैं। पीड़िता ने पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए सामान दिलाने की मांग की है।

इस मामले में उपनिरीक्षक मोहन पड़वार ने बताया कि किरण तिवारी के साथ ललिता कहार एवं अन्य के द्वारा घर में बांधकर मारपीट करने की शिकायत दर्ज की गई है। पुलिस ने मामला कायम कर लिया है और पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। आरोपी महिला के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

*मार पीट करने वाले धान खरीदी केंद्र के प्रबंधक के विरुद्ध एफ आई आर के निर्देश*

उमरिया जिले के हर्रवाह धान खरीदी केंद्र के संचालक के व्दारा धान बेचने आये किसान के साथ मारपीट करना मंहगा पडता दिखाई दे रहा है । इस मामले को कलेक्टर धरणेंद जैन ने गंभीरता से लिया है और धान खरीदी केंद्र के प्रबंधक के विरुद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश खाद्य विभाग के अधिकारियों को दिये है।विदित होवे धान खरीदी केंद्र सिलपरी वेयर हाऊस धान खरीदी केंद्र में धान बेचने पहुंचे   किसान संजय राय की धान तौलाई का काम चल रहा था जिसमें 580 बोरी तुल चुकी थी और 66 बोरी धान तुलाई बची हुई थी कि तभी प्रबंधक  कर्ण सिंह किसान के पास पहुंचा और तुलाई बंद करने की बात करते हुए विवाद करने लगा, इसके बाद संजय राय के साथ मारपीट भी किया। शासन के निर्देशो के अनुरूप तुलाई के लिए कोई समय सारणी तय नहीं की है। धान खरीदी केंद्र के प्रबंधक का यह कृत्य अमानवीय और नियम विरुद्ध होने के कारण कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए धान खरीदी से अलग रखने के निर्देश जारी किये है। इसकी जिम्मेदारी खाद्य विभाग को सौंपी गई है।

तेज रफ्तार मोटरसाइकिल पेड़ से टकराई, युवक की घटनास्थल में हुई मौत, पुलिस जांच में जुटी


शहडोल

तेज रफ्तार का कहर लगातार जारी है, फिर एक तेज रफ्तार बाइक सड़क किनारे लगे पेड़ से टकरा गई। हादसे में बाइक सवार युवक की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई। घटना देख स्थानीय लोगों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू की है। घटना गोहपारू थाना क्षेत्र के दियापिपर रोड की है।

पुलिस ने बताया कि बाइक सवार सकेन्द्र सिंह पिता महा सिंह (25) वर्ष निवासी सरवारी थाना जैसिंहनगर अपने रिश्तेदारी में दियापिपर आया हुआ था, और वापस बाइक क्रमांक एमपी 18 जेड ई 5035 में सवार हो कर घर लौट रहा था, तभी गोहपारू थाने के पहले दियापिपर रोड में स्थित पेट्रोल पंप के सामने सड़क किनारे लगे आम के पेड़ से तेज रफ्तार बाइक टकरा गई।जिससे बाइक सवार युवक के सर एवं शरीर में गंभीर चोट पहुंची, जिससे बाइक सवार युवक की मौके पर मौत हो गई है।

घटना देख स्थानीय लोग मौके पर दौड़ पड़े, और देखा कि युवक की सांसें थम गई थीं। इसके बाद गोहपारू पुलिस को लोगों ने मामले की सूचना दी, जानकारी के बाद मौके पर पहुंची गोहपारू पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पीएम की कार्रवाई के लिए शव अस्पताल लाया है।

पुलिस ने कहा तेज रफ्तार बाइक सड़क किनारे लगे आम के पेड़ से टकरा गई है, जिसमें बाइक सवार युवक की मौत हुई है। घटना के बाद युवक के परिजनों को एवं रिश्तेदारों को सूचना दी गई है। शव पीएम के लिए अस्पताल लाया गया है। मामले पर मर्ग कायम कर जांच की जा रही है। जिले में इन दिनों लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं, तेज रफ्तार की वजह से लोगों की जान जा रही है। यातयात विभाग लोगों को यातयात नियम का पाठ पढ़ा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कोई असर नहीं है।

ओरिएंट पेपर मिल पर गंभीर आरोप, नगर परिषद अध्यक्ष ने उठाई अवैध लकड़ी की जांच की मांग


शहडोल

नगर परिषद बकहो की अध्यक्ष मौसमी केवट ने अमलाई स्थित हाथी ओरिएंट पेपर मिल पर क्षेत्र के लगातार दोहन का गंभीर आरोप लगाते हुए बड़ा सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि पेपर मिल में लगातार भारी मात्रा में लकड़ी पहुंच रही है, लेकिन यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि यह लकड़ी वैध है या अवैध।

अध्यक्ष मौसमी केवट ने वन विभाग से मांग की है कि पेपर मिल में आने वाली लकड़ी की सघन जांच की जाए और यह सार्वजनिक किया जाए कि लकड़ी किस क्षेत्र से लाई जा रही है, किन दस्तावेजों के आधार पर परिवहन हो रहा है और क्या सभी ट्रांजिट परमिट (टीपी) नियमों के अनुरूप हैं या नहीं।

उन्होंने यह भी स्पष्ट कहा कि केवल वन विभाग ही नहीं, बल्कि जिला प्रशासन को भी संयुक्त रूप से कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि यदि कहीं अवैध कटाई या अवैध परिवहन हो रहा है तो भारी खेप को मौके पर पकड़ा जा सके।

मौसमी केवट ने विशेष रूप से वन परिक्षेत्र बुढार का उल्लेख करते हुए कहा कि इस क्षेत्र से जुड़ी घटनाएं पहले भी सवालों के घेरे में रही हैं। ऐसे में यहां से जाने वाली लकड़ी की निगरानी और जांच और भी ज़रूरी हो जाती है।

अध्यक्ष का कहना है कि यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए तो क्षेत्र के जंगलों का अंधाधुंध दोहन होता रहेगा और जिम्मेदार विभाग सिर्फ मूकदर्शक बने रहेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द जांच शुरू नहीं की गई, तो जनप्रतिनिधि होने के नाते वह इस मुद्दे को राज्य स्तर तक उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगी।

अब बड़ा सवाल यह है की ओरिएंट पेपर मिल में पहुंच रही लकड़ी पूरी तरह वैध है? क्या वन विभाग और जिला प्रशासन संयुक्त कार्रवाई करेगा? या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा? क्षेत्र की जनता अब जवाब और ठोस कार्रवाई का इंतजार कर रही है।

एसपी बंगले के सामने दो दुकानदार के बीच हुई खुलेआम मारपीट, वीडियो हुआ वायरल


शहडोल

जिले में पुलिस का खौफ लोगों में खत्म होता नजर आ रहा है। इसका ताजा उदाहरण उस समय सामने आया जब जिले के पुलिस कप्तान के बंगले ठीक सामने और शहडोल जोन के डीआईजी कार्यालय के ठीक बगल में स्थित भगत सिंह परिसर में खुलेआम मारपीट की घटना हो गई। दुकान लगाने को लेकर हुए मामूली विवाद ने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया और लोग सरेआम एक-दूसरे पर टूट पड़े।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विवाद के बाद कुछ लोगों ने एक युवक को घेर लिया और लात-घूंसे व मुक्कों से जमकर पिटाई की। यह मारपीट कई मिनट तक चलती रही। घटना स्थल पर मौजूद लोग तमाशबीन बने रहे, बाद में कुछ लोगों ने हिम्मत कर बीच-बचाव किया। हो-हल्ला सुनकर पास में मौजूद महिला थाना और अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे, जिनमें से एक पुलिसकर्मी ने हस्तक्षेप कर किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया, तब जाकर मामला शांत हुआ।

हैरानी की बात यह रही कि घटना पुलिस के अति संवेदनशील क्षेत्र में होने के बावजूद कोतवाली स्टाफ ने मीडिया से बातचीत में इस मामले की जानकारी से ही इनकार कर दिया। थाना प्रभारी से इस संबंध में संपर्क नहीं हो सका। वहीं मारपीट के दौरान कुछ लोगों ने वीडियो भी बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि बीते दिनों बस स्टैंड पर यातायात व्यवस्था संभाल रहे एक पुलिस आरक्षक को बस से कुचल दिया गया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर कांग्रेस ने यातायात थाना प्रभारी संजय जायसवाल को निलंबित करने की मांग भी की थी और शहर की यातायात व्यवस्था पर सवाल उठाए थे।

डॉक्टर का नशे की हालत में ड्यूटी में अभद्रता करने का लगा आरोप, परिजनों ने किया जमकर हंगामा


शहडोल

बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज शहडोल में एक बार फिर डॉक्टर के व्यवहार को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं। गायनी विभाग में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पर महिला मरीज के परिजनों से अभद्रता करने और नशे की हालत में ड्यूटी करने का आरोप लगाया गया है। मामला सामने आने के बाद अस्पताल परिसर में देर रात हंगामे की स्थिति बन गई।

जानकारी के अनुसार बुढार थाना क्षेत्र के चंगेरा गांव की उपसरपंच शिवानी त्रिपाठी (34) पत्नी दीपक त्रिपाठी को सोमवार रात करीब 10 बजे डिलीवरी के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया था। महिला को भर्ती कर ऑपरेशन किया गया, जिसमें नवजात बच्ची मृत्य पैदा हुई। परिजनों का कहना है कि बच्ची मृत अवस्था में पैदा हुई थी।

परिजनों के अनुसार रात करीब 2 बजे शिवानी त्रिपाठी को तेज दर्द होने लगा। इस दौरान उनके साथ मौजूद एक महिला परिजन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सीएमओ शशांक शर्मा के पास दर्द का इंजेक्शन लगाने की गुहार लेकर पहुंची। आरोप है कि इस पर डॉक्टर भड़क गए और महिला परिजन से अभद्र भाषा में बात करने लगे।

पीड़िता के पति दीपक त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि उनकी बुजुर्ग भाभी के साथ शराबी डॉक्टर ने बदतमीजी की और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। डॉक्टर ने यह तक कह दिया कि “क्या तुमने कभी बच्चे पैदा नहीं किए, दर्द नहीं होता है?” इतना ही नहीं, डॉक्टर ने मरीज को तत्काल डिस्चार्ज करने और घर भेजने की धमकी भी दी। वीडियो में भी साफ दिखाई दे रहा कि डॉक्टर नशे में धुत है।

घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया और डॉक्टर पर शराब के नशे में ड्यूटी करने का आरोप लगाया। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पुलिस पहुंची और स्थिति को शांत कराया। प्रसूता महिला के पति ने कहा कि जब उप सरपंच महिला और उसके परिजनों के साथ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का ऐसा व्यवहार है तो आम जनता के साथ कैसा होता होगा। उन्होंने आगे कहा कि प्रभारी मंत्री शहडोल के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री हैं मैं उनसे भी इस मामले की शिकायत करूंगा।

नवजात मासूम बच्ची का खेत मे मिला शव, क्षेत्र में मचा हड़कंप, लोगो मे अक्रोश का माहौल


शहडोल

गोहपारू थाना क्षेत्र के मोहतरा गांव में उस वक्त सनसनी फैल गई, जब गांव के पास स्थित एक खेत में नवजात बच्ची का शव मिला। घटना की जानकारी मिलते ही पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। खेत में शव देख ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना गोहपारू थाना पुलिस को दी।

जानकारी के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू की। पुलिस के अनुसार यह नवजात बच्ची का शव मोहतरा आईटीआई कॉलेज के पीछे स्थित एक खेत में पड़ा मिला। प्रथम दृष्टया देखने पर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बच्ची की उम्र एक से दो दिन के बीच रही होगी।

ग्रामीणों ने बताया कि खेत में काम करने के दौरान उनकी नजर नवजात के शव पर पड़ी, जिसके बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके का मुआयना किया और आसपास के लोगों से पूछताछ भी की। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवा दिया है, ताकि मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके।

गोहपारू थाना प्रभारी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि नवजात बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। मामले में मर्ग कायम कर विवेचना शुरू कर दी गई है। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि नवजात को किसने और किन परिस्थितियों में खेत में फेंका। आसपास के क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं जिनका हाल ही में प्रसव हुआ है। उसकी जानकारी भी जुटाई जा रही है। फिलहाल पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद से गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है, वहीं लोग इस अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा कर रहे हैं।

महिलाओं के नाम से फर्जी ऋण लेने और वसूली का दबाव बनाने की शिकायत, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश


शहडोल

जिले में स्व-सहायता समूह से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं के नाम पर कथित रूप से फर्जी ऋण लेने और वसूली का दबाव बनाए जाने के गंभीर मामले में कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने सक्रियता दिखाते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। ग्राम सिलपरी, तहसील गोहपारू की अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग की महिलाओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर लिखित शिकायत सौंपते हुए न्याय की गुहार लगाई।

महिलाओं ने अपने आवेदन में बताया कि वे विभिन्न स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हैं, जिनका संचालन बेला बाई एवं उनके पति रामप्रसाद सिंह द्वारा किया जाता था। आरोप है कि समूह से जोड़ने के नाम पर महिलाओं से अंगूठा लगवाया गया और बाद में उनके नाम व पहचान का दुरुपयोग कर “सत्या माइक्रो कैपिटल लिमिटेड” नामक कंपनी से लाखों रुपये का ऋण ले लिया गया। महिलाओं का कहना है कि उन्होंने स्वयं कोई ऋण नहीं लिया, न ही उन्हें इसकी जानकारी दी गई। 

शिकायत के अनुसार, वर्तमान में संबंधित कंपनी के कर्मचारी महिलाओं को ऋण वसूली के लिए नोटिस भेज रहे हैं और जबरन पैसे की मांग कर रहे हैं, जिससे वे मानसिक तनाव और भय में जीवन यापन कर रही हैं। कई परिवारों में इस कारण विवाद और आर्थिक संकट की स्थिति बन गई है। महिलाओं ने यह भी बताया कि जब उन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी लेने का प्रयास किया, तो बेला बाई और उनके पति रामप्रसाद सिंह गांव से फरार हो गए।

कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आवेदन प्राप्त होते ही तत्काल अधीनस्थ संबंधित विभागीय अधिकारियों से संपर्क किया और पूरे प्रकरण की गहन जांच के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि यदि जांच में धोखाधड़ी, कूट रचना या महिलाओं के नाम पर जबरन ऋण लेने के तथ्य सामने आते हैं, तो दोषियों के विरुद्ध सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही महिलाओं को किसी भी प्रकार की अनावश्यक परेशानियों से बचाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

वन विभाग ने अवैध फर्नीचर फैक्ट्री में मारा छापा, नीलगिरी की लकड़ी से भरा पीकप जप्त


शहडोल

जिले में अवैध लकड़ी कारोबार के खिलाफ वन विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए एक ही दिन में दो बड़ी छापामार कार्रवाइयों को अंजाम दिया। इन कार्रवाइयों में जहां एक ओर घर में संचालित अवैध फर्नीचर फैक्ट्री का पर्दाफाश किया गया। वहीं, दूसरी ओर बिना वैध दस्तावेजों के नीलगिरी लकड़ी का परिवहन करते हुए एक पिकअप वाहन को जब्त किया गया। यह कार्रवाई मुख्य वन संरक्षक वन वृत्त शहडोल अनुपम सहाय के निर्देशन तथा वन मण्डलाधिकारी दक्षिण शहडोल श्रद्धा पन्द्रे और उप वन मण्डलाधिकारी जैतपुर विनोद जाखड़ के मार्गदर्शन में की गई।

पहली कार्रवाई बुढ़ार वन परिक्षेत्र में की गई, जहां सीताराम उर्फ सुरेश चौधरी (61 वर्ष) के निवास पर छापा मारा गया। जांच के दौरान घर में अवैध रूप से संचालित फर्नीचर निर्माण कार्य सामने आया। मौके से बबूल और खम्हेर प्रजाति की लकड़ी से बने 7 सिंगल पल्ला दरवाजे, 1 से 2 डबल पल्ला दरवाजे, 4 सेट सोफा सहित विभिन्न आकार के कुल 274 नग चिरान (1.061 घन मीटर सतकठा प्रजाति) जब्त किए गए। इसके अलावा फर्नीचर निर्माण में उपयोग होने वाले रमदा, सिकंजा, बसूला, आरी, कटर मशीन, टूल मशीन सहित कुल 29 औजार भी बरामद किए गए। इस मामले में वन अपराध पंजीबद्ध किया गया।

दूसरी कार्रवाई जैतपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम मौहार टोला (नगपुरा) मार्ग पर की गई। यहां संदिग्ध पिकअप वाहन क्रमांक MP18GA5083 को रोका गया। वाहन चालक जुगेन्द्र यादव (18 वर्ष), निवासी बैराग, लकड़ी परिवहन से संबंधित कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। वाहन में करीब 3 घन मीटर नीलगिरी लकड़ी लदी हुई पाई गई। मध्य प्रदेश अभिवहन (वनोपज) नियम 2022 की धारा 3, 7, 14 एवं 15 के उल्लंघन पर वन अपराध दर्ज कर वाहन जब्त कर लिया गया।

इन दोनों कार्रवाइयों में बुढ़ार और जैतपुर वन परिक्षेत्र के संयुक्त वन अमले की महत्वपूर्ण भूमिका रही। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि अवैध कटाई, भंडारण और परिवहन के खिलाफ भविष्य में भी इसी तरह सख्त अभियान जारी रहेगा।

प्रबंधक और ठेकेदार से बातचीत में खुली परतें, सोनहा बीट के सामुदायिक भवन निर्माण की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल


शहडोल

दक्षिण वन मंडल शहडोल के वन परिक्षेत्र बुढार के पटना सर्किल तथा खैरहा तेंदूपत्ता समिति में बन रहे सामुदायिक भवन को लेकर लगातार उठ रहे सवाल अब और गंभीर हो गए हैं। बिना टेंडर निर्माण, अवैध मुरुम उपयोग, अधिकारी–ठेकेदार की संदिग्ध भूमिका जैसे मुद्दों पर पहले से ही संदेह था, जिसे प्रबंधक और ठेकेदार से हुई सामान्य बातचीत ने और मजबूत कर दिया है। सामुदायिक भवन पटना सर्किल के सोनहा बीट में वन परिक्षेत्र बुढार द्वारा निर्माण किया जा रहा है।

ललन सिंह ठेकेदार निवासी नंदामन (अनूपपुर), ने बताया ₹150 स्क्वायर फीट के हिसाब से मुझे काम खैरहा तेंदूपत्ता समिति के नोडल अधिकारी डिप्टी रेंजर जयप्रकाश मौर्य ने दिया है। पहले रेट कम था, फिर बढ़ाकर ₹150 किया गया, तब भी मुझे उचित नहीं लगा क्योंकि बाजार रेट ₹160 स्क्वायर फीट है। बार-बार कहने पर मैंने काम स्वीकार किया और भवन निर्माण शुरू कराया। हम केवल मिस्त्री–मजदूर देते हैं, मटेरियल कोई अन्य देता है। मिस्त्री को ₹450 प्रतिदिन देता हूँ। काम आवश्यकता अनुसार मजदूर देकर लगातार चलाया जा रहा है।

खैरहा तेंदूपत्ता समिति के प्रबंधक मो. सगीर खान ने बातचीत में कहा की मुझे मजदूरी भुगतान करने को कहा गया है। मीटिंग में मैंने साफ कहा था कि भवन निर्माण समिति के लोग ही कराएं। लेकिन शहडोल के अधिकारियों ने बताया कि वर्क ऑर्डर रेंज ऑफिसर को मिला है। मुझे यह जानकारी नहीं है कि काम किसे दिया गया है, लेकिन किसी और के माध्यम से काम कराया जा रहा है।”“आप सही तथ्यों पर काम कर रहे हैं। प्रबंधक का यह कथन साफ संकेत देता है कि निर्माण प्रक्रिया पारदर्शिता से पूरी तरह बाहर चल रही है और विभागीय स्तर पर गहरा भ्रम मौजूद है।

बातचीत मात्र से सामने आए ये तथ्य साबित करते हैं कि सामुदायिक भवन निर्माण में—आदेश स्पष्ट नहीं, टेंडर अनुपस्थित,ठेके का स्रोत संदिग्ध,मटेरियल सप्लाई किसी तीसरे द्वारा,फंड शहडोल का, ठेकेदार अनूपपुर का,मुरुम का स्रोत भी अस्पष्ट पूरा मामला वन विभाग के निर्माण कार्यों में गहरी अनियमितता और जवाबदेही के अभाव की ओर संकेत करता है।

किराना दुकान में दूसरी बार घुसा भालू, दहशत का माहौल, सीसीटीवी में कैद हुई वारदात


शहडोल

जैतपुर वन परिक्षेत्र के रसमोहनी बस्ती में स्थित किराना दुकान में सप्ताह भर में दूसरी बार भालू उसी किराना दुकान में आ पहुंचा,घटना का फिर सीसीटीवी फुटेज सामने आने से अब लोगों में डर समा गया है। लोगों ने वन विभाग की कार्यप्रणाली में अब सवाल खड़े किए है।

लोगों के अनुसार जैतपुर वन परिक्षेत्र के रसमोहनी बस्ती के बीच स्थित पवन किराना स्टोर में पहली बार दो दिसम्बर को भालू रात के समय आ गया था। दुकान के बाहर रखी नमक की बोरियां फटी हुई थी, सुबह जब दुकानदार पहुंचा तो उसे कुछ संदेह हुआ,जिसके बाद उसने दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज देखे तो वह खुद हैरान रह गया।

मामले की जानकारी वन विभाग को दी गई, लेकिन विभाग ने कोई एक्शन नहीं लिया, अब बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात भालू फिर दोबारा उसी किराना दुकान में आ पहुंचा, फिर नमक की बोरियां फटी मिली,दुकानदार ने सीसीटीवी देखा, तो भालू दुकान के बाहर दिखाई दिया, जिसके बाद से स्थानीय लोगों में वन विभाग के खिलाफ काफी नाराजगी है।

रोहित गुप्ता एवं अन्य ग्रामीणों का कहना है की बस्ती के बीच में स्थित किराना दुकान में दूसरी बार भालू आ गया,पहली बार जब भालू की मौजूदगी की जानकारी लोगों को लगी तो उन्होंने वन विभाग को इसके बारे में बताया था, लेकिन वन विभाग की टीम ने भालू के मूमेंट पर नजर नहीं रखी और दूसरी बार बस्ती में स्थित उसी किराना दुकान में भालू आ पहुंचा है। जिससे लोगों में काफी डर का माहौल है। 

बीते दिनों केशवाही वन परिक्षेत्र में एक महिला को भालू जंगल ले गया था,और उसे मौत के घाट उतार दिया था। जिसके बाद रेंजर अंकुर तिवारी ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी थी ।लेकिन जैतपुर रेंजर एवं उनकी टीम इसे हल्के में ले रही है।

पड़ोसी दे रहा है धमकी, करता है गाली गलौच, दहशत में परिवार, बच्चो की पढ़ाई हुई ठप्प


शहडोल

जिले के सोहागपुर थाना क्षेत्र के कृष्णा कॉलोनी वार्ड नंबर 1 में रहने वाला मनोज सिंह का परिवार इन दिनों दहशत में जी रहा है। परिवार ने बताया कि उनका पड़ोसी भूपेंद्र मिश्रा कई दिनों से देर रात घर के सामने लाठी-डंडा लेकर पहुंच जाता है और गाली-गलौज करते हुए पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देता है। लगातार मिल रही धमकियों के कारण परिवार भयभीत है और चार दिनों से अपने 16 वर्षीय बेटे को कोचिंग तक नहीं भेज पा रहा है।

पीड़िता पिंकी सिंह ने सोहागपुर थाना पहुंचकर एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि भूपेंद्र मिश्रा से पहले कभी कोई विवाद नहीं हुआ, लेकिन वह आए दिन रंजिशवश घर के बाहर आकर हंगामा करता है। रात के वक्त हथियारनुमा डंडा लेकर घर के सामने खड़े होकर धमकाने से पूरा परिवार मानसिक तनाव में है। परिवार ने सुरक्षा के लिए घर के बाहर सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए हैं, जिसमें बीते दिनों की घटनाएं स्पष्ट रूप से कैद हुई हैं। फुटेज को पुलिस को सौंप दिया गया है।

पिंकी सिंह ने बताया कि करीब एक सप्ताह पहले आरोपी ने उनके पुत्र को रास्ते में रोककर जान से मारने की धमकी दी थी। इससे डरे सहमे बच्चे ने घर पहुंचकर पूरी बात बताई, जिसके बाद से माता-पिता ने उसकी सुरक्षा को देखते हुए उसे कोचिंग भेजना बंद कर दिया है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पीड़ित परिवार ने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस पर थाना प्रभारी भूपेंद्र मणि पांडे ने बताया कि शिकायत प्राप्त होने के बाद जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य तथ्यों के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।परिवार अब पुलिस की कार्रवाई का इंतजार कर रहा है।

आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार


शहडोल

जिले के थाना गोहपारू क्षेत्र अंतर्गत 19  नवम्बर 2025 को सूचना मिलने पर मृतिका बेबी साहू पति चेतन साहू उम्र 28 वर्ष निवासी ग्राम करुआ का शव कुएं में मिलने पर गोहपारू पुलिस द्वारा मर्ग जांच प्रारंभ की गई। सूचना प्राप्त होने पर पुलिस, एफ.एस.एल. टीम एवं चिकित्सक द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया गया। जांच के दौरान मृतिका के परिजनों से कथन लिए गए, जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि मृतिका को उसके ससुर फूलचंद साहू एवं जेठ गणेश साहू द्वारा लगातार उसके चरित्र पर शंका कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था एवं दोनों आरोपियों ने मृतिका का मोबाइल फोन छीन लिया था, जिससे मृतिका प्रताड़ना तथा अपमान के कारण घर से निकल गई थी। मृतिका के पति चेतन साहू द्वारा थाना गोहपारू में गुम इंसान दर्ज कराया गया था। जिसके पश्चात् 19 नवंबर 2025 को मृतिका का शव ग्राम देवदहा स्थित कुएं में मिला। मर्ग जांच व लिये गये कथनों के आधार पर से यह पाया गया कि आरोपी गणेश साहू पिता रामटहल साहू, उम्र 46 वर्ष, एवं फूलचंद उर्फ दद्दा साहू पिता मदनमोहन साहू उम्र 52, वर्ष निवासी ग्राम करुआ द्वारा मृतिका को चरित्र पर संदेह कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जिससे लोक-लज्जा के भय से मृतिका ने आत्महत्या की। उक्त पर जयसिंहनगर पुलिस द्वारा आरोपियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया तथा गोहपारू पुलिस द्वारा दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

भारतीय मानव अधिकार सहकार ट्रस्ट के जिला अध्यक्ष ने 995 किलो दूर पहुँचकर पीड़िता की मदद


शहडोल

भारतीय मानव अधिकार सहकार ट्रस्ट के जिला अध्यक्ष रामनारायण मिश्र ने पीड़ित आदिवासी महिला की मदद कर मानवता की मिसाल पेश की है। मानव अधिकार के जिला अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया एक बार फिर से  दिल्ली आना हुआ उन्होंने बताया हमारे ग्रह क्षेत्र गोहपारू शहडोल के बगल के गांव धोंनहा की आदिवासी समाज की सीधी-साधी महिला संतोषी सिंह जिनका बड़ा बेटा पुणे में काम करने गया था, जहां वह काम कर रहा था, उसी कंपनी से उसका मोबाइल फ़ोन चोरी हो गया, जिसे कोई अज्ञात व्यक्ति उपयोग करने लगा था, उसने इनके मोबाइल सिम से किसी के खाते फ्रॉड कर43 लाख रु की राशि आहरण कर ली थीं, पीड़ित व्यक्तियो ने थाना सेक्टर 20 नोएडा दिल्ली में पुलिस प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जांच के दौरान थाना नोएडा ने पाया कि जिस धोखाधड़ी में उक्त सिम का उपयोग हो रहा है वह हमारे गांव की आदिवासी महिला संतोषी सिंह का नंबर था, जिन्हें किसी प्रकार की इस घटना के संबंध में कोई जानकारी भी नहीं थी, थाना गोहपारू के नोटिस के माध्यम से पीड़ित आदिवासी महिला को दिल्ली नोएडा आने की हिदायत दी गई, जिन्हे लेकर मेरा दिल्ली नोएडा थाना सेक्टर 20 आकर पीड़िता की मदद की, ताकि पीड़ित निर्दोष महिला ऐसे संगीन अपराध से बच सके, मानव अधिकार के जिला अध्यक्ष ने समस्त नागरिक से अपील की है की सभी नागरिक जन सावधानी पूर्वक अपने मोबाइल का उपयोग करे और इस तरह के हादसों के शिकार होने से बचे, इसके पहले भी रामनारायण मिश्रा ने 2000 किलोमीटर दूर पहुंचकर बेंगलुरु में भी एक पीड़ित आदिवासी की मदद कर समाज को सहयोग करने का संदेश दिया था, एक बार फिर से अपने निवास से 995 किलोमीटर दूर पहुंचकर जिला अध्यक्ष ने मानवता की अनुपम मिसाल पेस की है समाज सदा ऐसे समाजसेवियों का ऋणी रहेगा।

खेत से घर जा रही महिला से युवक ने किया दुष्कर्म, आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार


शहडोल

जिले के जैतपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में खेत से घर लौट रही महिला से दुष्कर्म की घटना सामने आई है। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से भाग निकला।घटना के बाद पीड़िता रोते हुए अपने घर पहुंची और परिजनों को घटना के बारे में बताया ,जिसके बाद मामला पुलिस के पास पहुंचा,पुलिस ने मामले में आरोपी पर मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।

पुलिस के अनुसार 22 साल की महिला अपने खेत से वापस पैदल घर लौट रही थी। तभी आरोपी रास्ते में खेत के पास महिला को मिला,महिला ने कहा जब आरोपी रास्ते में उसे मिला तो वह और तेज से चलने लगी। क्यों कि आस पास कोई मौजूद नहीं था।पीड़िता को लग रहा था कि वह अपने घर जल्द पहुंच जाए।महिला को तभी आरोपी ने पीछे से पकड़ लिया और उसे खेत की ओर उठा ले गया,और उसके साथ घटना को अंजाम दिया है। इस दौरान महिला ने मदद के लिए काफी आवाज लगाई लेकिन आस पास कोई मौजूद नहीं था, जिससे महिला को मदद नहीं मिल सकी।

घटना के बाद आरोपी मौके से भाग गया, पीड़िता रोते हुए घर पहुंची और परिजनों को घटना के बारे में बताया,इसके बाद परिजनों के साथ महिला जैतपुर पुलिस के पास पहुंची और आरोपी पर मामला दर्ज करवाया। पुलिस के अनुसार आरोपी भी उसी गांव का रहने वाला पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार अधेड़ को मारी टक्कर,  अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत


शहडोल

बहन के घर जा रहा भाई सड़क हादसे का शिकार हो गया और उसकी दर्दनाक मौत हो गई । घटना ब्यौहारी बस स्टैंड के पास हुई है। बीच बाजार में भी बड़े वाहनों की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है ,और पुलिस भी इस पर कोई कार्यवाही नहीं करती,जिससे आए दिन ऐसे हादसे हो रहे हैं और लोगों की जान जा रही है।

पुलिस के अनुसार ब्यौहारी बस स्टैंड के पास यह दर्दनाक हादसा हुआ है।पुलिस ने बताया कि उमरिया जिले के इन्दवार थाना क्षेत्र का रहने वाला भाई हरिनाथ साकेत अपनी बाइक में सवार हो कर अपनी बहन के घर सीधी जा रहा था। हरि नाथ घर से मिठाई भी लिया था, कि बहन के घर जा कर उसे देगा। काफी दिनों बाद वह अपने बहन के घर जाने घर से अच्छे मन से निकला,लेकिन उसे क्या पता था कि उसका यह सफर आखिरी होगा।

जानकारी के अनुसार बाइक सवार हरि नाथ साकेत (49) अपनी बाइक से सीधी के लिए जा रहा था, तभी ब्यौहारी बस स्टैंड जब वह पहुंचा तो शहडोल से रीवा की ओर जा रहा एक तेज रफ्तार ट्रक ने उसकी बाइक को कुचल दिया।घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी।जानकारी के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और गंभीर घायल हरि नाथ को अस्पताल लाया गया।जहां कुछ देर चले इलाज के बाद उसकी मौत हो गई है।

घटना के बाद पुलिस ने ट्रक को जप्त कर अपनी जांच शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों के अनुसार ब्यौहारी बस स्टैंड में यह घटना घटी है। लोगों ने कहा बस स्टैंड में काफी भीड़ भाड़ रहती है। उसके बाबजूद भी बड़े वाहनो की गति में कमी नहीं रहती, बड़े वाहन तेज गति से निकलते है। जिससे ऐसी घटनाएं होती है। लोगों ने कहा पुलिस और सड़क निर्माण एजेंसी को चाहिए कि बड़े वाहनों की गति कम करने बस स्टैंड में ब्रेकर बनाए जाए। जिससे ऐसे हादसे दुबारा ना हो पाए।पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर विवेचना शुरू कर दी है।

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