भूमि विक्रय पर कलेक्टर अनुमति की अनिवार्यता को समाप्त करने हेतु कमिश्नर का निर्णय स्वागत योग्य
भूमि विक्रय पर कलेक्टर अनुमति की अनिवार्यता को समाप्त करने हेतु कमिश्नर का निर्णय स्वागत योग्य
शहडोल
शहडोल संभाग की लोकप्रिय कमिश्नर श्री मती सुरभि गुप्ता द्वारा शहडोल नगर से संलग्न विशिष्ट ग्रामों की भूमियों के क्रय विक्रय पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिए जाने का निर्णय जारी किया गया है। कमिश्नर द्वारा जारी आदेश के बाद विशिष्ट ग्रामों की सभी प्रकार की कृषि भूमियों के क्रय विक्रय पर अब कलेक्टर अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
कमिश्नर द्वारा लिए गए उक्त निर्णय का भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश तिवारी एवं भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक चंद्रेश द्विवेदी ने स्वागत किया है उन्होंने कहा कि काफी लंबे समय से शहडोल शहर एवं शहर से संबंध विशिष्ट ग्रामों की डायवर्टेड भूमियों सहित सभी प्रकार की भूमियों के क्रय विक्रय पर कलेक्टर अनुमति अनिवार्य थी। कई बार जरूरतमंद लोगों द्वारा अपनी भूमियों का विक्रय करने की स्थिति में कलेक्टर अनुमति प्राप्त करने में कई महीनो का समय लग जाता था। जिसके कारण समय पर उनके जरूरत की पूर्ति नहीं हो पाती थी। अनेक बार उक्त संदर्भ में अलग-अलग व्यक्तियों एवं संस्थाओं द्वारा उक्त विसंगति को दूर करने हेतु विषय प्रकाश में लाया गया था।
भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक चंद्रेश द्विवेदी एड एवं वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश तिवारी ने कहा की तत्कालीन मुख्यमंत्री वर्तमान केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल प्रवास के दौरान पहले भी भूमि क्रय विक्रय पर लगे प्रतिबंध के आदेश को निरस्त करने का निर्देश दिया था।उनके आदेशानुसार अनुमति की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई थी।किंतु विगत 06 माह पूर्व उक्त विसंगति पूर्ण आदेश पुनः जारी कर दिया गया था, जिसे समाप्त किया जाना जरूरी था।
उन्होंने कहा की कार्यालय महा निरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक मध्य प्रदेश द्वारा अपने पत्र क्रमांक /2112 /तकनीकी 2023 भोपाल दिनांक 9/6/23 प्रदेश के सभी कलेक्टर को पत्र जारी कर उल्लेखित किया गया था ,कि कतिपय जिलों की विशिष्ट भूमियों के विक्रय संबंधी दस्तावेजों पर प्रतिबंध के आदेश विविध स्तरों पर जारी किए जाने का तथ्य प्रकाश में आया है, पंजीयन पर प्रतिबंध लगाना पंजीयन विधि के प्रावधानों के विपरीत है। उनके द्वारा स्पष्ट तौर पर लिखा गया था कि यदि दस्तावेजों के पंजीयन पर कोई प्रशासकीय रोक लगाई गई है तो ऐसे प्रतिबंध आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाना सुनिश्चित करें। भाजपा नेताओं ने कहा अबैध तरीके से भूमि क्रय विक्रय पर विधि सम्मत कार्यवाही हेतु पहले से ही प्रावधान मौजूद हैं। भूमियों के पंजीयन पर रोक लगाए जाने कोई औचित्य नहीं था । उक्त संदर्भ मे भाजपा विधि प्रकोष्ठ द्वारा कमिश्नर को पत्र सौपक प्रतिबंध हटाने की मांग की गई थी। विहित प्रावधानों का पालन करते हुए जनहित मे कमिश्नर द्वारा लिए गए निर्णय का भाजपा नेताओं ने स्वागत किया है।