डॉक्टर व अस्पताल कर्मचारियों की खुलेआम गुंडागर्दी, मरीज के परिजनों को जमकर पीटा

डॉक्टर व अस्पताल कर्मचारियों की खुलेआम गुंडागर्दी, मरीज के परिजनों को जमकर पीटा

*वीडियो फुटेज डिलीट करने का आरोप, जांच की मांग*


शहडोल। 

जिले के जयसिंहनगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में बीती रात डॉक्टर और उनके साथ कुछ स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मरीज के परिजनों से की गई मारपीट और गुंडागर्दी का मामला सामने आया है। आरोप है कि प्रसव कराने आई टोटका गांव की महिला के पति, सास और अन्य रिश्तेदारों के साथ डॉक्टर आनंद पटेल और उनके सहयोगियों ने न केवल धक्का-मुक्की की, बल्कि दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।

पीड़ितों के मुताबिक, महिला को अस्पताल के अंदर भर्ती कराने के बाद वे बाहर खुले में बैठे थे। इसी दौरान डॉक्टर आनंद पटेल और कुछ अन्य कर्मचारी वहां पहुंचे और अनावश्यक पूछताछ करने लगे। जब परिजनों ने अपना परिचय दिया, तो आरोप है कि शराब के नशे में धुत डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों ने बिना कारण थप्पड़ जड़ दिए। बीच-बचाव करने पहुंचे हेतराम सिंह, बिहारी सिंह, मुन्नीबाई और अन्य लोगों को भी पीटा गया।

घटना अस्पताल परिसर के ठीक बाहर हुई, जिससे वहां हड़कंप मच गया। पीड़ितों का कहना है कि पूरा घटनाक्रम अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था। लेकिन जब डॉक्टरों को इसका पता चला, तो वे सीधे कैमरा रूम में पहुंचे और वहां रखे हार्ड डिस्क से वीडियो फुटेज डिलीट करने की कोशिश की। आरोप है कि उन्होंने ताला तोड़कर रिकॉर्डेड वीडियो मिटा दिए, ताकि भविष्य में कोई सबूत न बचे।

विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ। पीड़ितों ने बताया कि वे इस घटना की शिकायत करने के लिए जयसिंहनगर थाने पहुंचे, लेकिन वहां भी उन्हें न्याय नहीं मिला। उल्टा, आरोप है कि थाने में मौजूद कुछ लोगों ने उनसे माफी मांगने को कहा। ग्रामीणों का कहना है कि वे निर्दोष होने के बावजूद डर के माहौल में माफी मांगने को मजबूर हुए। वृद्ध महिला मुन्नीबाई, जो अपनी बहू का प्रसव कराने लाई थी, ने भी मीडिया से कहा कि उसके साथ भी मारपीट हुई और अपमानजनक व्यवहार किया गया।

यह मामला पूरे जयसिंहनगर ब्लॉक में चर्चा का विषय बन गया। चौक-चौराहों पर लोग इस घटना पर नाराजगी जता रहे हैं और डॉक्टर व संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि नशे में धुत डॉक्टर ने अस्पताल की गरिमा को तार-तार कर दिया और सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी का दुरुपयोग कर सबूत मिटाने की कोशिश की। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में मरीजों और उनके परिजनों के साथ ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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