सिद्ध बाबा पहाड़ी में एकादश मुखी हनुमान जी का दुर्लभ मंदिर, पूजा दर्शन से होती है मनोकामना पूरी
*ग्यारह मुखी संकट मोचन हनुमान जी का एक दुर्लभ और शक्तिशाली रूप*
अनूपपुर
नगर परिषद बरगवा (अमलाई) अंतर्गत वार्ड नंबर 5 में स्थित सिद्ध बाबा डोंगरिया पहाड़ में एकादशी हनुमान मंदिर स्थित है, जहां एकादश मुखी हनुमान जी विराजमान है । यह मंदिर अमलाई -चचाई मार्ग में रेलवे अंडर ब्रिज चौराहे से मात्र 200 मीटर दूर स्थित है। ज्ञात हो की यह मंदिर पूरे मध्यप्रदेश में विरली ही है जिसमे भगवान हनुमान के ग्यारह मुख है, इस भव्य मंदिर में आसपास व दूर दराज के सभी भक्त विशाल संख्या में उपस्थित होते हैं और पवन सुख का दर्शन लाभ करते हुए पुण्य लाभ की प्राप्ति करते हैं।
एकादशमुखी हनुमान की कथा
ग्यारह मुखी हनुमान, जिन्हें एकादशमुखी हनुमान भी कहा जाता है, हनुमानजी का एक दुर्लभ और शक्तिशाली रूप है, जिसमें 11 मुख और 22 भुजाएं होती हैं. इस रूप में, हनुमानजी भगवान शिव के 11 रुद्र अवतारों का प्रतीक हैं और उनकी पूजा से भक्तों को एक साथ कई आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
ग्यारह मुख वाले हनुमान की कहानी*
प्राचीन काल में, कालकारमुख नामक एक शक्तिशाली राक्षस ने ब्रह्माजी को प्रसन्न करके अमरता का वरदान प्राप्त किया था, कालकारमुख ने कहा था, कि जो भी उसकी जन्म तिथि पर 11 मुख धारण करे, वहीं उसे मार सकता है, देवताओं की रक्षा के लिए, हनुमानजी ने 11 मुखी रूप धारण किया और कालकारमुख का संहार किया।
*ग्यारहमुखी हनुमान की पूजा के लाभ*
1. शक्ति और साहस- हनुमानजी के एकादशमुखी रूप की पूजा से भक्तों को बल, साहस और पराक्रम प्राप्त होता है।
2. अविनाशी ज्ञान- हनुमानजी के गुरु सूर्य देव अपनी ज्ञान और बुद्धि के लिए जाने जाते हैं, इसलिए हनुमानजी की पूजा से ज्ञान और बुद्धि का विकास होता है।
3. विभिन्न शक्तियों का लाभ- हनुमानजी के प्रत्येक मुख का एक अलग व्यक्तित्व और शक्तियां हैं, इसलिए उनकी पूजा से भक्त विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं.
4. मनोकामना पूर्ति- एकादशमुखी हनुमान की पूजा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
*ग्यारहमुखी हनुमान मंदिरभारत में कई स्थानों पर एकादशमुखी हनुमान जी के मंदिर हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख मंदिर है*
1. उत्तराखंड, देहरादून- उत्तराखंड के देहरादून में एकादशमुखी हनुमान मंदिर।
2. राजस्थान, भीलवाडा- राजस्थान के भीलवाड़ा में एकादशमुखी हनुमान मंदिर।
3. बिहार, सासाराम- बिहार के सासाराम में एकादशमुखी हनुमान मंदिरएकादश मुखी हनुमान जी के सभी मुखो का क्या है, महत्व ग्यारह मुखी हनुमान, जिन्हें एकादशमुखी हनुमान भी कहा जाता है, हनुमान जी का एक रूप है, जिसमें उनके 11 मुख होते हैं। ये मुख अलग-अलग शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं और हनुमान जी के पराक्रम का प्रतीक हैं।
*मुख्य विशेषताएँ*
11 चेहरा ये मुख हनुमान जी के विभिन्न शक्तियों और रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसे कि श्री राम, शिव, अग्नि देव, नागदेव, गणेश, गरुड़, हयग्रीव, बराह और नरसिंह। शक्ति और पराक्रम, यह रूप हनुमान जी के बल, साहस और असीमित ऊर्जा का प्रतीक है, जो संकटों को दूर करने और भक्तों को सुख प्रदान करने में सहायक है, पापों का नाशः मान्यता है कि ग्यारह मुखी हनुमान जी के दर्शन से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
*कालकरमुख का वध*
पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी ने कालकारमुख नामक राक्षस का वध करने के लिए ग्यारह मुखी रूप धारण किया था।
*विभिन्न शक्तियों का प्रतीक*
प्रत्येक मुख अलग-अलग शक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है, जैसे कि ज्ञान, बुद्धि, साहस, शक्ति, और कृपा.
*पूजा का फल*
ग्यारह मुखी हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों को सभी देवी-देवताओं की पूजा का फल मिलता है.
*निष्कर्ष*
ग्यारह मुखी हनुमान जी का रूप हनुमान जी के पराक्रम, शक्ति और असीमित ऊर्जा का प्रतीक है। उनके प्रत्येक मुख में अलग-अलग शक्तियों का निवास है जो भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं।