एडीजीपी ने कोतवाली में चलाया झाड़ू, अनाथ बच्चो को खाना खिलाया, कपड़े दिलाए
अनूपपुर
शहडोल संभाग के एडीजीपी डीसी सागर अनूपपुर जिले के निरीक्षण पर पहुंचे। निरीक्षण करते हुए वह कोतवाली अनूपपुर पहुंचे। अनूपपुर पहुंचकर उन्होंने साफ सफाई की व्यवस्था देखी। व्यवस्था अच्छी न होने पर उन्होंने अपनी नाराजगी जताई। इस दौरान एडीजीपी डीसी सागर कोतवाली अनूपपुर के कमरों में जाले होने पर स्वयं ही उन्हें साफ करने लगे। उन्होंने खुद ही झाडू लगाते हुए कोतवाली अनूपपुर में साफ सफाई रखने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने फरियादियों से भी बात की और समस्याएं होने पर जल्द से जल्द निराकरण करने के निर्देश दिया। कानून व्यवस्था और कोतवाली अनूपपुर की व्यवस्थाएं देखते हुए उनमें कुछ सुधार करने के भी निर्देश दिए।
*देखरेख हेतु सौंपा बाल कल्याण समिति को*
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डीसी सागर गुरुवार को अनूपपुर रेलवे स्टेशन अनूपपुर क्षेत्र का जायजा लिया। जहां उन्होंने स्टेशन के बाहर बैठे तीन साल के बच्चे को देखा। बच्चे को अपने पास बुलाया। बच्चे ने बताया कि वह यहां पैसे मांगता है। एडीजीपी ने उसे खाना खिलाया। बच्चे और उसके भाई के लिए एक दुकान से नए कपड़े दिलवाए। रेलवे स्टेशन परिसर के पास लावारिस हालत में 5 वर्षीय बच्चे को घूमते देखे जाने पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने रोकते हुए उसका नाम, घर सहित माता-पिता का नाम पूछा, जिस पर बच्चे ने अपना नाम करण बताया, लेकिन माता-पिता के संबंध में कोई जानकारी नही दे पाया, जिसके बाद एडीजीपी ने बच्चे की दयनीय हालत तथा भूखे होने पर पास की दुकान से फल खरीद कर बच्चे की भूख शांत कराई। इस बीच करन का दूसरा भाई 6 वर्षीय कृष्णा भी वहां पहुंच गया। जिसके बाद एडीजीपी ने दोनो बच्चों को कपडे की दुकान ले जाकर नये कपड़े, जूते चप्पल दिलाये। दोनो बच्चों से उनके घर के संबंध में पूछा, तो दोनो बच्चों ने एडीजीपी को अपने साथ रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक 1 में ले गये जहां वह रोज रात में सोते थें उसे ही अपना घर बताया। पूछताछ के दौरान बच्चो ने बताया कि उनके पिता जेल में है और घर कंकाली मंदिर के पास शहडोल में होना बताया। लेकिन अपने माता पिता के संबंध में इसके अलावा किसी तरह की जानकारी नही बता पाये। जिसके बाद दोनो बच्चों को कोतवाली थाना अनूपपुर ले गये और अच्छी देखभाल के लिए चाइल्ड हेल्प लाईन में सूचना देने के लिए कोतवाली प्रभारी अनूपपुर अमर वर्मा को निर्देश दिए गए। जहां दोनो बच्चों के भरण पोषण एवं उचित देखरेख के लिए बाल कल्याण समिति अनूपपुर के सुपुर्द किया गया।