माता-पिता के सपनों को साकार करने की दिशा में निरंतर कार्य करते रहेंगे- सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह

स्व. दलबीर सिंह की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित  कर संभाग के लोगों ने किया नमन

*माता-पिता के सपनों को साकार करने की दिशा में निरंतर कार्य करते रहेंगे- सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह*


अनूपपुर

शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह के पिता स्वर्गीय दलबीर सिंह की 25वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शहडोल संभाग के विभिन्न क्षेत्रों से भारी संख्या में लोगों ने पहुंचकर  श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए नमन किया और उनके द्वारा शहडोल संभाग ही नहीं मध्य प्रदेश और देश के लिए किए गए कार्यों को याद किया। 

*विकास के साथ दी थी राजनीति को नई दिशा*

शहडोल अनूपपुर उमरिया के विकास में  पंडित शम्भूनाथ शुक्ला के बाद सबसे बड़ा योगदान दलबीर सिंह रहा उन्होंने न केवल आदिवासी शहडोल के विकास के लिए मार्ग प्रशस्त किया बल्कि राजनीति के क्षेत्र में भी शहडोल संभाग का नाम देश के अंदर गौरवान्वित करने का कार्य किया है। स्वर्गीय दलबीर सिंह  का जन्म 6 मई 1944 को मध्य प्रदेश के वर्तमान अनुपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील के कोयलारी गाँव में हुआ। उन्होंने अपनी शिक्षा जबलपुर से प्राप्त की, जहाँ उन्होंने एम.ए. और एल.एल.बी. की डिग्री हासिल की। वकील के रूप में काम शुरू करने वाले दलबीर सिंह ने  1972 में पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता और मध्यप्रदेश विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए,  इस युवा और सभ्रांत  नेता ने निर्दलीय विधायक बन कर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली कांग्रेस में बेहद सक्रिय और प्रभावशाली तरीके से काम करते हुए।

*1980 मे चुने गए शहडोल सांसद*

1985 एक बार फिर शहडोल से सांसद  निर्वाचित होने के बाद और उन्हें राजीव गांधी मंत्रिमंडल में शहरी विकास मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री नियुक्त किया गया। शहडोल में आकाशवाणी दूरदर्शन केंद्र जैसे संस्थान दलबीर सिंह की याद दिलाते हैं। 1991 में सांसद निर्वाचित होने के बाद उन्हें पीवी नरसिम्हाराव के मंत्रिमंडल में  वित्त राज्यमंत्री नियुक्त किया गया, एलआईसी और बैंक के अनेक कार्यालय शहडोल में स्थापित किए गए. रेल सुविधाओं में वृद्धि के लिए उन्होंने विशेष प्रयास किए. पर्यटन को बढ़ाने और शहडोल का नाम राष्ट्रीय स्तर पर उठाने में उनका विशेष योगदान रहा है। दलबीर सिंह जो अविभाजित मध्यप्रदेश प्रदेश की प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यवाहक अध्यक्ष भी बनाया गया, दलबीर सिंह हमेशा उपलब्ध रहने वाले नेता थे।

2 जून 2000 को बीना रेलवे स्टेशन पर हृदयघात के कारण उनका  56 वर्ष की आयु में असामयिक निधन हो गया। आज 25 साल बाद भी दलबीर सिंह को हर अनूपपुर उमरिया एवं शहडोल वासियो के स्मृति पटल पर हैं। आज अपने पिता के दिए हुए मार्गदर्शन पर चलते हुए  उनके सपनों को साकार करने की दिशा में उनकी पुत्री हिमाद्री सिंह शहडोल संसदीय क्षेत्र का नेतृत्व करते हुए विकास की गति को गतिमान बनाए हुए हैं।  पिता स्वर्गीय दलबीर सिंह के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में हिमाद्री सिंह ने कहा कि हम अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करने की दिशा में निरंतर कार्य करते रहेंगे।

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