तालाब को पाटने की साजिश पर प्रशासन की सख्ती, एसडीएम के हस्तक्षेप से रुका गैरकानूनी कार्य
*स्थानीय जनता की सतर्कता से उजागर हुई भूमि माफिया और ठेकेदार की साजिश*
अनूपपुर
कोतमा नगर के वार्ड क्रमांक एक स्थित रेलवे के ओवर ब्रिज के पास बने एक पुराने तालाब को मिट्टी डालकर पाटने का काम रेलवे ठेकेदार द्वारा किया जा रहा था। स्थानीय नागरिकों की सतर्कता और सूझबूझ के चलते यह मामला संबंधित राजस्व अधिकारियों तक पहुँचा, जिसके बाद एसडीएम अजीत तिर्की के तत्काल हस्तक्षेप से इस अवैध गतिविधि पर रोक लगाई गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जून की शाम से रेलवे ठेकेदार द्वारा तालाब में मिट्टी डालकर उसे पाटने का कार्य शुरू कर दिया गया था। जबकि प्रशासन द्वारा लहसुई गाँव के पास पहाड़ी नुमा इलाके से मिट्टी निकालकर रेलवे कार्यों हेतु ट्रकों से ले जाने की अनुमति दी गई थी। इसके विपरीत ठेकेदार ने षड्यंत्रपूर्वक पहाड़ी क्षेत्र से मिट्टी निकालकर खसरा नंबर 318 में स्थित सार्वजनिक तालाब को पाटना शुरू कर दिया। स्थानीय ग्रामीणों ने इस अवैध कृत्य की सूचना अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को दी, जिनके निर्देश पर पटवारी अभिमन्यु पाल को मौके पर भेजकर कार्य पर तत्काल रोक लगवाई गई। यह मामला भूमि माफियाओं और भ्रष्ट तत्वों की उस साजिश का हिस्सा बताया जा रहा है, जिसके तहत तालाबों को पाटकर ऊँचे दामों पर बेचा जाता है।
गौरतलब है कि तालाब न केवल जल संरक्षण का प्रमुख स्रोत होते हैं, बल्कि पशु-पक्षियों और आमजन के लिए जीवनदायिनी भूमिका निभाते हैं। सरकार एक ओर करोड़ों-अरबों रुपए खर्च कर जल स्रोतों का संरक्षण और पुनरुद्धार कर रही है, वहीं दूसरी ओर ऐसे कृत्य इस उद्देश्य को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। पर्यावरण प्रेमियों और क्षेत्रीय नागरिकों ने शासन से माँग की है कि षड्यंत्रकारी भूमाफियाओं और संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए तथा तालाब पाटने में प्रयुक्त वाहनों को जब्त कर कानूनी कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में कोई इस प्रकार की हरकत करने का दुस्साहस न करे।