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ग्राम पंचायत में निर्माण से पहले हुआ भुगतान, नेहा सिंह का भ्रष्टाचार कनेक्शन, सीईओ व एसडीओ मौन

*शोकपिट के ऊपर बना दिया दूसरा शोकपिट, निजी कार्यो में लगा दिया महंगी सामग्री*

अनूपपुर

जिले के ग्राम पंचायत पायरी क्रमांक 1 में स्वच्छ भारत मिशन और ग्रामीण आजीविका मिशन के नाम पर यहां सेग्रीगेशन  कार्यशेड का निर्माण होना था। सरकारी दस्तावेजों में इसके लिए ₹4.5 लाख की स्वीकृति दी गई थी, लेकिन सच्चाई यह है कि ₹3.86 लाख से ज़्यादा की राशि पहले ही निकाल ली गई है, जबकि मौके पर एक अधूरी दीवार तक ही निर्माण सीमित है। न छत है, न शेड की संरचना, और न ही मज़दूरों की कोई गतिविधि, फिर भी लेबर पेमेंट तक जारी हो चुका है। कुल मजदूरी भुगतान 53 हजार रुपए से लगभग 40 हजार रुपए निकाल लिए गए, मतलब कार्य 10 से 12 % हुआ है पेमेंट लगभग पूरी करा दी गई 3 लाख 86 हजार रुपए। सबसे गंभीर और चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब बिलों में 91,772 की जीआई और एल्यूमिनियम शीट, और 8,080 की बिटुमेन वॉशर की खरीद दर्शाई गई। लेकिन यह सामग्री न कहीं उपयोग में दिखाई देती है, न ही उसके कोई प्रमाण मौजूद हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इस महंगी सामग्री को निजी निर्माण में लगाया गया है, शायद किसी अधिकारी के घर की छत पर यह महज अनुमान नहीं, बल्कि एक सशक्त आरोप है, जो पंचायत की गलियों में अब खुलकर गूंज रहा है।

नेहा सिंह की भूमिका इस पूरे घोटाले में सबसे प्रमुख है। उन पर आरोप है कि उन्होंने किसी भी स्थल पर जाकर निरीक्षण नहीं किया, लेकिन फर्जी मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार कर दी। जिन कागजों में काम ‘पूर्ण’ दर्शाया गया, वे ही अब भ्रष्टाचार की असली स्क्रिप्ट बन चुके हैं। पंचायत की जनता अब यह सवाल पूछ रही है कि क्या योजनाएं सिर्फ कागजों पर बननी थीं? क्या जमीनी सच्चाई की कोई कीमत नहीं। लेकिन इससे भी बड़ा सवाल अब जनपद पंचायत के सीईओ और एसडीओ पर उठ रहा है। जब इतनी बड़ी राशि बिना निर्माण कार्य के निकाल ली गई, तो क्या इन अधिकारियों ने आंखें मूंद रखी थीं? या फिर इस पूरे गोरखधंधे में उनकी भूमिका भी संदिग्ध है।

नेहा सिंह पहले भी इसी पंचायत में फर्जी निर्माण का खेल खेल चुकी हैं। वर्ष 2020–21 में मनरेगा योजना के तहत अलग-अलग स्थानों पर शौकपिट निर्माण की योजना बनी, जिसमें रामकृष्ण मंदिर के पास, संतोष महरा (टेड़गी टोला), पंचायत भवन के पास और कन्या शाला के पास निर्माण कार्य किया गया था खास बात यह है कि कन्या शाला के पास पहले से ही 23 हजार की लागत से एसबीएम योजना के तहत पक्का सोकपिट मौजूद था। इसके बावजूद वहां फिर 25 हजार की लागत से नया शौकपिट  में' बना दिया गया एक जगह कुल 3 शोक पीट, एक मनरेगा का , एक स्वच्छ भारत मिशन का और  एक 15 वित्त आयोग का। मतलब जब बना है बार बार बनाने की किया जरूरत यह भ्रष्टाचार करने के लिए किया गया है  यह सब तब हुआ जब नेहा सिंह ने स्थल निरीक्षण कर यह रिपोर्ट दर्ज की कि वहां पहले कोई निर्माण नहीं हुआ था। चार जगह 1 लाख रुपए धन दुरुपयोग किया गया, जहां पहले बना था शोक पिट वह पुनः बना दिया गया यानी पहले से बने निर्माण को ‘अदृश्य’ कर दिखाकर फिर से पैसा निकालने निकाल लिया, यह काम सामान्य लापरवाही नहीं बल्कि सुनियोजित भ्रष्टाचार की मिसाल है।

ग्रामीणों की मांग है कि इस मामले की तत्काल उच्चस्तरीय जांच हो, नेहा सिंह को तत्काल निलंबित किया जाए, और जनपद सीईओ व एसडीओ की भूमिका की स्वतंत्र जांच कराई जाए। इसके साथ ही, सभी निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन कर फर्जी भुगतान की वसूली की जाए।

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कुसुमहाई के जंगल पहुंचे चार हाथी,आठ दिनों से क्षेत्र में विचरण कर पहुंचा रहे घरो व फसलो को नुकसान

अनूपपुर

चार हाथियों का समूह विगत 8 दिनों से अनूपपुर जिले के जैतहरी एवं अनूपपुर इलाके में विचरण करते हुए शनिवार एवं रविवार की मध्य रात गोबरी,पगना से जैतहरी नगर के बीचों-बीच विचरण करते हुए रविवार की सुबह कुसुमहाई के जंगल में एक बार फिर पहुंच कर विश्राम कर रहे हैं, हाथियों के निरंतर विचरण के कारण ग्रामीण परेशान है वही वनविभाग का मैदानी अमला हाथियों के विचरण पर नजर रखते हुए आम जनों को सतर्क एवं सचेत रहने की अपील की है।

चार हाथियों को समूह 25 मई की रात छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही इलाके से अनूपपुर जिले के जैतहरी इलाके में एक बार फिर से प्रवेश कर विगत 8 दिनों से निरंतर जैतहरी एवं अनूपपुर के वन परिक्षेत्र,तहसील एवं थाना क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं, दिन के समय जंगलों में ठहरकर देर शाम एवं रात होने पर ग्रामीण अंचलों में प्रवेश कर किसानों के खेतों,बांडियो में लगी फसलों को अपना आहार बनाते है।चारों हाथी अनूपपुर वन परिक्षेत्र के दुधमनिया बीट अंतर्गत शक्तिकुंडी के जंगल से बड़वार नाला पार कर सुबह होने पर वन परिक्षेत्र,थाना एवं तहसील जैतहरी के वन बीट एवं ग्राम पंचायत गोबरी के ठाकुरबाबा के पास स्थित जंगल में ठहरने बाद, शाम को ठाकुरबाबा के पास सुखीलाल राठौर की बांड़ी में आने पर ग्रामीणों के हल्ला करने पर फिर से जंगल जाकर ठेंगरहा से पगना गांव में जल्दाटोला में नरेश सिंह के खेत में लगी गर्मी वाले धान को खाते हुए, तिपान नदी के समीप स्थित बेलिया गांव में बहादुर पिता मोहनलाल कोल के घर की बाउंड्री वॉल को तोड़ते हुए, रेलवे लाईन के किनारे किनारे नगर परिषद जैतहरी में बीच शहर से गुजरते हुए रेलवे लाईन एवं अनूपपुर-जैतहरी-वेंकटनगर मुख्य मार्ग को पार कर मुर्रा गांव से टकहुली के भर्राटोला होते हुए, रविवार की सुबह धनगवां बीट अंतर्गत ग्राम पंचायत क्योटार के कुशुमहाई गांव से लगे जंगल में एक वार फिर से पहुंचकर ठहरे हुए हैं,हाथियों के निरंतर विचरण से हाथियों के द्वारा किए जा रहे नुकसान के कारण ग्रामीण जन परेशान है जो हाथियों के गांव में पहुंचने की स्थिति में रात-रात भर जाग कर अपनी एवं अपने परिवार के साथ अपनी सम्पत्ति की सुरक्षा कर रहे हैं, वही वनविभाग का गस्ती दल हाथियों के विचरण पर निरंतर नजर रखते हुए हाथियों एवं ग्रामीणों की जान-माल की सुरक्षा को देखते हुए निगरानी कर रहा है। 

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चोरो ने सूने घर का ताला तोड़ कर लाखों की चोरी, मामला दर्ज, जाँच में जुटी पुलिस

शहडोल 

जिले के ब्यौहारी थाना क्षेत्र के पसगढ़ी गांव में सूने घर का ताला तोड़ कर लाखों रुपए की चोरी का मामला सामने आया है। घटना उस वक्त घटी जब घर में मौजूद महिला गांव में स्थित दूसरे घर में सोने चली गई थी। सुबह पड़ोसियों ने घर में चोरी की घटना की जानकारी परिवार को दी। इसके बाद परिजन घर पहुंचे तो देखा तो घर में चोरी हो चुकी थी।

पुलिस ने बताया कि भगवानदीन के घर यह चोरी की वारदात हुई है। भगवानदीन का कहना है कि गांव में हमारे दो घर हैं। जिस घर में चोरी हुई उस घर में केवल मां रहती है। खाना खाने के लिए मां मेरे घर आ गई और रात में यहीं सो गई थी। दूसरे घर में उस दौरान ताला लगा हुआ था। इसका चोरों ने फायदा उठाया और घर में लगे ताले को तोड़कर चोर अंदर घुस गए और घर में रखे सोने-चांदी के जेवर एवं नगद लेकर कर चोर फरार हो गए हैं।

भगवानदीन के अनुसार घर में सोने-चांदी के जेवर एवं नगद 80 हजार रखे थे जिसे चोर चोरी कर ले गए हैं। पीड़ित ने बताया कि सुबह पड़ोस के लोगों ने घर का ताला टूटा देखा तो हमें फोन कर इसकी जानकारी दी। हमारा दूसरा घर भी गांव में ही कुछ दूरी पर स्थित है। हम सभी लोग घर पहुंचे तो घर के दरवाजे में लगा ताला टूटा हुआ था, और अंदर सारा सामान बिखरा पड़ा था। इसे देखने से यह पता लग गया कि घर में चोरी की वारदात हो गई है। इसके बाद हमने पुलिस को मामले की खबर दी। मौके पर पहुंची पुलिस अब जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार यह चोरी लगभग चार लाख रुपए की है। शिकायत के आधार पर अज्ञात चोरों के विरुद्ध चोरी का मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। कोतवाली थाना क्षेत्र में भी लगातार चोरी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, और चोरों को पकड़ने में पुलिस नाकाम है।

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नाबालिग बालिका को आत्महत्या के लिए प्रताड़ित करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

अनूपपुर

कोतवाली अनूपपुर पुलिस ने एक 14 वर्षीय नाबालिग बालिका की मृत्यु के रहस्यमय मामले को चंद घंटो में सुलझाते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। थाना कोतवाली अनूपपुर को सूचना मिली कि एक 14 वर्षीय नाबालिग बालिका को मृत अवस्था में शासकीय जिला चिकित्सालय अनूपपुर लाया गया है। इस संबंध में थाना कोतवाली अनूपपुर में  मर्ग क्रमांक 40/25 दर्ज कर धारा 174 बी.एन.एस.एस. के तहत जाँच शुरू की गई।  

पुलिस द्वारा घटनास्थल से जब्त किए गए भौतिक साक्ष्यों, गवाहों के बयानों तथा मोबाइल फोन कॉल डिटेल्स की जाँच के बाद पता चला कि आरोपी एक किशोर ने नाबालिग बालिका को घर में अकेला पाकर उसके साथ अश्लील हरकत की।  इस घटना के बाद आरोपी किशोर की माँ ने बालिका को गाली-गलौज देते हुए थप्पड़ मारा और धमकी दी।   इस प्रताड़ना से व्यथित होकर बालिका ने घर में रखे कीटनाशक दवा का सेवन कर लिया, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाते समय मृत्यु हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए, थाना कोतवाली अनूपपुर में अपराध क्रमांक 279/25 दर्ज करते हुए धारा 332 (बी), 74, 351(2), 107, 3(5) बी.एन.एस. धारा 7/8 पॉक्सो एक्ट धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया हैं। किशोर एवं उसकी माँ को गिरफ्तार कर लिया गया है।  

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किसानों की सीमांकन की दर्दभरी दास्तान, आवेदन के बावजूद समय सीमा से नहीं हुआ नाप-जोख

अनूपपुर

अनूपपुर तहसील वृत्त पसान क्षेत्र के धुरवासिन कोटमी पड़ौर हल्के के किसानों ने अपनी जमीन का सीमांकन कराने के लिए लोक सेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन किया था, लेकिन राजस्व विभाग की लापरवाही के कारण कई किसानों की समय सीमा समाप्त हो गई है। अब तक उनकी जमीन का नाप-जोख नहीं हुआ है, जिससे किसानों को कानूनी और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। भूमि सीमांकन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें जमीन की सीमाओं को स्पष्ट किया जाता है, ताकि विवादों से बचा जा सके। यह सेवा राजस्व विभाग द्वारा संचालित की जाती है और आवेदन मिलने के दिए गए समय सीमा के भीतर पूरी करने का नियम है। लेकिन  कोटमी धुरवासिन पड़ौर के किसानों का मामला लंबित है, जिससे किसानों को उन्हें अपने ही पट्टे जमीन के मालिकाना हक और खेती-बाड़ी में दिक्कतें आ रही हैं।  

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने तहसील कार्यालय में कई बार शिकायत की लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। कई किसान ने बताया, हमने फीस जमा करके आवेदन दिया था, लेकिन अब तक कोई अधिकारी हमारी जमीन नापने नहीं आया। इससे हमारी फसल और जमीन की बिक्री में दिक्कत हो रही है। भूमि सीमांकन के नियमों के अनुसार, आवेदन मिलने के 30 कार्य दिवसों के भीतर प्रक्रिया पूरी करनी होती है, लेकिन फसल के मौसम या वर्षाकाल में इसमें छूट दी जा सकती है । हालांकि, किसानों का आरोप है कि उनके मामले में कोई वैध कारण नहीं है, फिर भी विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। किसानों की यह समस्या सरकारी व्यवस्था राजस्व विभाग की ढिलाई को उजागर करती है। अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई, तो किसानों को और भी नुकसान हो सकता है। प्रशासन को चाहिए कि वह तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करे और किसानों को न्याय दिलाए।

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जिला चिकित्सालय में ए पॉजिटिव की जगह ओ ग्रुप का ब्लड भेज दिया मरीज को चढ़ाने के लिए

शहडोल

जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक में हुई एक गंभीर लापरवाही ने चिकित्सा सेवाओं के प्रति लोगों की चिंता बढ़ा दी है। एक सिकल सेल एनीमिया के मरीज को ए पॉजिटिव ग्रुप का ब्लड चाहिए था, लेकिन उसे ओ ग्रुप का ब्लड सीधे भेज दिया गया। हालांकि, ड्यूटी डॉक्टर की सजगता के कारण गलत ग्रुप का ब्लड मरीज तक पहुंचने से पहले ही रोक लिया गया।

घटना तब सामने आई जब युवक अपनी पत्नी के लिए ब्लड लेने आया था। युवक ने ब्लड बैंक से एक यूनिट ब्लड लेकर ओपीडी में पहुंचा। वहां, डॉ. भूपेंद्र सिंह ने मरीज के दस्तावेज चेक किए और पाया कि ब्लड में ओ ग्रुप था, जबकि मरीज का डॉक्यूमेंट एबी ग्रुप का था। इस गंभीर त्रुटि को देखते हुए उन्होंने तुरंत तकनीशियन से बात की और ब्लड लौटाने को कहा। डॉ. भूपेंद्र सिंह ने कहा, यह जानकर मैं दंग रह गया कि ब्लड ग्रुप गलत था। टेक्निशियन ने कहा कि रेपर गलत चिपकाया गया था, लेकिन यह एक बड़ी लापरवाही है। इस घटना के बाद, जिला चिकित्सालय की सिविल सर्जन डॉ. शिल्पी सराफ ने कहा, हमने तकनीशियन से बात की और हिदायत दी है कि भविष्य में ऐसी गलती न हो। यह सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है कि ब्लड के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं हो।

हालांकि, यह घटना केवल एक व्यक्ति की लापरवाही नहीं है, बल्कि यह चिकित्सा व्यवस्था में व्यापक सुधार की आवश्यकता को भी दर्शाती है। ब्लड बैंक में गुणवत्ता नियंत्रण और प्रक्रिया की सही जांच न होने की स्थिति में मरीजों की जान जोखिम में पड़ सकती है। पीड़ित ने बताया की उसकी पत्नी को महीने में दो बार ब्लड की जरूरत पड़ती है और वह जिला अस्पताल से ही उसे मिल पाता है । जिसको लेकर पीड़ित ने लिखित रूप में इस मामले की शिकायत नहीं की है, लेकिन उसने सिविल सर्जन से मौखिक रूप में इसके बारे में शिकायत की है।

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चचेरी बहन की भाई ने की हत्या, आरोपी गिरफ्तार, कत्ल के बाद शव को कमरे मे किया था बंद किया 

उमरिया 

जिले के थाना कोतवाली अंतर्गत ग्राम उफरी मे बीते दिन हुई गोमती कोल की नृशंस हत्या मामले मे पुलिस ने उसी के चचेरे भाई को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी का नाम टोब्बा उर्फ  हरीलाल कोल 30 बताया गया है, जिसने आकारण ही अपनी चचेरी बहन की हत्या कर दी। बताया गया है कि हरीलाल कोल ने अपनी अनाथ बहन को लाठी से तब तक पीटा, जब तक उसके प्राण नहीं उड़ गए। इतना ही नहीं हरीलाल जब गोमती को पीट रहा था तो वह जोर-जोर से चिल्ला रही थी। इसी दौरान मृतका ने हरीलाल के बड़े भाई जियालाल की पत्नी अर्थात अपनी भाभी को आवाज दी कि वह उसे बचा ले। जब भाभी बचाने आई तो हत्यारे ने उसे जान से मारने की धमकी देकर रोक दिया। गौरतलब है कि गोमती कोल पिता स्व. टोपी कोल उर्फ  रामगोपाल कोल 16 एक अनाथ युवती थी जो अपने इकलौते भाई के सांथ रहती थी। 

*बचाने की गुहार लगाती रही मृतका*

हरीलाल के हाथों पिटते-पिटते जब गोमती ने दम तोड़ दिया तो आरोपित ने उसे कमरे में बंद करके बाहर से दरवाजा लगा दिया। शाम को जब जियालाल घर वापस लौटा तो उसकी पत्नी ने पूरी जानकारी दी। जिसके बाद जियालाल गांव के सरपंच के पास गया और घटना से अवगत कराया। सरपंच की सूचना पर ही पुलिस रात को नौ बजे मौके पर पहुंची और लाश को कमरे से निकाला गया और उसे पीएम के लिए भेजा गया।

*मां-बाप को भी उतारा था मौत के घाट*

जियालाल ने पुलिस को बताया है कि हरीलाल ने एक साथ पहले मां के साथ भी इसी तरह से मारपीट की थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद उसने पिता के साथ मारपीट की, जिसके बाद उनकी भी मौत हो गई। इतना ही नहीं वह जियालाल की पहली पत्नी यानी अपनी भाभी के साथ भी बुरी तरह से मारपीट किया करता था, जिससे वह उसे छोडक़र चली गई थी। इसके बाद जियालाल ने दूसरी शादी की थी। जियालाल ने बताया कि गोमती के माता-पिता की मौत हो चुकी है और वह उन्हीं के पास रहती थी।

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रक्तदान कर दिया संदेश, जीवन बचाने के लिए आगे आएं युवा शिविर में युवाओं ने किया रक्तदान

उमरिया

रक्तदान जीवन दान के उद्देश्य से दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय उमरिया ब्लड बैंक अधिकारी डॉ. मुकुल तिवारी के मार्गदर्शन पर युवा टीम उमरिया द्वारा बिरसिंहपुर पाली में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। ब्लड बैंक अधिकारी डॉ मुकुल तिवारी ने कहा कि लोगो द्वारा रक्त दान करने से दिल की सेहत में सुधार, दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को कम माना जाता है। खून में आयरन की ज्यादा मात्रा दिल के दौरे के खतरे को बढ़ा सकती है। नियमित रूप से रक्तदान करने से आयरन की अतिरिक्त मात्रा नियंत्रित हो जाती है। जो दिल की सेहत के लिए अच्छी है।उन्होंने बताया कि कई बार मरीजों के शरीर में खून की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि उन्हें किसी और व्यक्ति से ब्लड लेने की आवश्यकता पड़ जाती है। ऐसी ही इमरजेंसी स्थिति में खून की आपूर्ति के लिए लोगों को रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए।

 रक्तवीर हिमांशु तिवारी ने कहा कि रक्तदान हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति हर तीन महीने में रक्तदान कर सकता है। रक्तदान से किसी अनजाने व्यक्ति के प्राण बचाने के पुण्य के साथ हमें आत्मिक आनंद मिलता है। रक्तदान बीमार के लिए रक्तदान जीवन की आशा है, इसलिए जीवन को वापस देने के लिए रक्त दान अवश्य करें। रक्तदान करने के लिए पुलिस व युवाओं में काफी उत्साह देखा गया। कई लोग शिविर में पहली बार रक्तदान करने आए, वहीं कुछ ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने 04 से 05 बार पहले भी रक्तदान किया है।रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं को स्वास्थ्य विभाग ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। रक्तदान के दौरान  जिला चिकित्सालय  टेक्नीशियन लैब वीरेंद्र शर्मा,अंजलि दर्द्वंशी,ज्ञानेन्द्र , रक्तवीर हिमांशु तिवारी,खुशी सेन,पलक सिंह,अभिनव द्विवेदी,आरुष शिवहरे,देवेंद्र त्रिपाठी, राहुल गुप्ता व सभी रक्तदाता उपस्थित रहे।

समाचार 09

अखंड रामचरितमानस का पाठ संपन्न

अनूपपुर

श्री मार्कंडेय आश्रम अमरकंटक में आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्म ऋषि रामकृष्णा नंद जी महाराज के आशीर्वाद से मुख्य यजमान गिरिजा शंकर तिवारी सपत्नीक (भोपाल) के द्वारा आयोजित किया गया जिसमें अमरकंटक नगर के विद्वान पंडितों के द्वारा अखंड रामचरितमानस का पाठ संपन्न हुआ आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मऋषि स्वामी रामकृष्णा नंद जी महाराज ने बताया कि सनातन धर्म में सबके आराध्य भगवान है श्री राम सम्पुण जीवन का सारांश है श्री राम चरित मानस प्रत्येक सनातनीओं को रामायण का अनुसरण करना चाहिए जिसमें संपुर्ण पाठ पंडित धनेश पाठक पंडित सुरेश प्रसाद मिश्रा पंडित अमरनाथ उपाध्याय पंडित राम नरेश शास्त्री किया गया तत्पश्चात विशेष हवन व भंडारे के साथ संपन्न किया गया।।

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