करोड़ों की गांजा तस्करी मामले में पुलिस का बड़ा खुलासा, दो दर्जन लोगों से पूछताछ, दो गिरफ़्तार

करोड़ों की गांजा तस्करी मामले में पुलिस का बड़ा खुलासा, दो दर्जन लोगों से पूछताछ, दो गिरफ़्तार

*लावारिस रूप से खेत मे सवा 3 करोड़ का मिला था गांजा* 


शहडोल

19 मई को शहडोल जिले के जयसिंहनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत गिरुडी खुर्द गांव से खेत में लावारिस रूप से करीब सवा 3 करोड़ का गांजा पुलिस ने जप्त किया था, इस मामले में लगातार इतनी बड़ी कार्यवाही करने के बावजूद शहडोल पुलिस पर उंगलियां उठ रही थी, पुलिस खुद कटघरे में खड़ी नजर आ रही थी,यह भी आरोप थे कि पुलिस द्वारा गांजा जप्त कम किया गया है,जबकि मौके पर गांजा अधिक था, कुछ आरोपियों को भी छोड़ देने की खबर चारों तरफ फैल रही थी। करीब 10 दिन बाद शहडोल पुलिस ने इस मामले से पर्दा उठाते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, पुलिस ने अपने प्रेस नोट में यह भी बताया है कि करीब दो दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ की गई इसमें दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें एक पुराना गांजा तस्कर तथा एक भारतीय जनता पार्टी के नेता सातिका तिवारी का रिश्ते का भाई है।

जिस गांव में गांजा पकड़ा गया था उस गांव में पंचायत की पूरी कमान सातिका तिवारी के पुत्र व उपसरपंच के हाथों में रही है, यही नहीं आसपास के दर्जन भर गांव में सातिका तिवारी का सिक्का चलता है और यहां उसके बिना जानकारी के पत्ता भी नहीं हिलता। इस मामले में कई लोगों के नाम आधे अधूरे तौर पर सामने आए थे, नेताजी को शायद पहले से ही यह जानकारी थी कि उनके भाई का गिरेबान पुलिस के हाथों में आएगा,जिसके संरक्षण में राजू नशे का कारोबार करता था, भाई के और खुद का नाम सामने आने के डर से ही सातिका अनाप- सनाप बयान जारी कर रहे थे।

गोलई उर्फ कन्हैया लाल गुप्ता निवासी ब्यौहारी और राजेश तिवारी उर्फ राजू ग्राम टिहकी दोनों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने अभी इस मामले में पूछताछ की बातें कहीं है, यह भी बताया जा रहा है कि इसमें अभी और लोगों के गिरफ्तार होने या नाम आने बाकी है। पुलिस से जुड़े सूत्र यह भी बताते हैं कि तथाकथित आरोपी की धरपकड़ के लिए उसके साथ ही सातिका तिवारी के घर पर भी पुलिस पहुंची थी, हालांकि इसका उल्लेख प्रेस नोट में नहीं किया गया है, लेकिन दूसरों पर उंगली उठाने वाले और समाज को दिशा दिखाने का ढोंग करने वाले भारतीय जनता पार्टी के तथाकथित नेता के भाई को पुलिस ने गिरफ्तार करके पारदर्शिता का उदाहरण पेश किया है। यह बताया जा रहा है कि लगातार पुलिस पर नेता गिरी के रसूक से दबाव बनाया जा रहा था लेकिन पुलिस उसे दबाव में नहीं आई और अंत में तमाम आरोपियों को सामने रखते हुए पुलिस ने प्रेस नोट जारी किया जिसमें सातिका तिवारी के तथाकथित भाई का नाम सामने आया है।

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