आदिम जाति सहकारी समिति निर्वाचन को लेकर हुई थी शिकायत, भंग हुई समिति, दोबारा निर्वाचन के निर्देश
*निर्वाचन को न्यायालय द्वारा रद्द कर, निर्वाचन प्रक्रिया हुई थी लापरवाही*
अनूपपुर
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति अनूपपुर में हुए निर्वाचन को लेकर जारी प्रकरण में फैसला सामने आया है जिसमें समिति के निर्वाचन को न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया है। उप पंजीयक सहकारी संस्था जिला अनूपपुर को निर्देशित किया गया है कि संस्था में मध्य प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1960 के प्रावधानों के अंतर्गत प्रशासक की नियुक्ति की जाए और इसके पश्चात विधि अनुसार संचालक मंडल के नवीन निर्वाचन कराए जाने की प्रक्रिया पूर्ण की जाए।जारी निर्णय आदेश के अनुसार म.प्र. राज्य सहकारी अधिकरण भोपाल के द्वारा प्रकरण कमांक 32/23 रामनाथ पटेल विरुद्ध ललन पटेल एवं अन्य 12 सहित तथा प्रकरण कमाक 41/23 में अन्य 09 का सामूहिक आदेश पारित किया गया है।
न्यायालय के आदेश दिनांक 28 जनवरी 2025 में उप पंजीयक शहडोल द्वारा प्रकरण क्रमांक 6401/2023 24 में पारित आदेश को निरस्त कर दिया गया है और इस प्रकरण में निर्वाचन विवाद को अधिनियम की धारा 67(3) के अनुपालन में प्रतिवादियों को तीन माह की अवधि के बीच अपने साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा गया था तारीख पेशी दिनांक 3 मार्च 2025 को उभय पक्ष द्वारा उपस्थित होकर अपनी पेशी रखी गई जिसमें पेशी पर प्रतिवादी साक्षी कौशल पटेल, सूरज पटेल, सीताराम पटेल समेत तीन अन्य प्रतिवादियों की ओर से पक्ष रखा गया। लेकिन अन्य प्रतिवादी अनुपस्थित पाए गए। पूरे मामले में न्यायालय द्वारा उभय पक्षों के तर्क को सुनते हुए अपने निर्णय को सुरक्षित रखा गया।
*सभी पक्षों को सुनकर न्यायालय ने दिया फैसला*
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति अनूपपुर में हुए निर्वाचन में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर प्रतिवादी ललन पटेल के द्वारा न्यायालय के समक्ष अपनी बात रखी गई थी जिस पर प्रकरण में न्यायालय द्वारा सभी पक्षों को सुनते हुए उनके तर्क का अवलोकन किया गया तत्पश्चात वादी ललन पटेल पिता जगदीश पटेल के द्वारा मध्य प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1960 की धारा 64(2) के तहत प्रकरण प्रस्तुत किया गया था जिस पर निर्वाचन अधिकारी आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित अनूपपुर एवं 12 अन्य को प्रतिवादी माना गया था जिस पर निर्वाचन अधिकारी द्वारा नियोजन पत्रों की जांच में प्राप्त आपत्तियों का न तो निराकरण किया गया और ना ही कोई कार्यवाही की गई जिस पर न्यायालय ने इस प्रतिवाद को वैध पाते हुए नियमानुसार जांच की गई और उभय पक्ष को पक्ष रखने का मौका भी दिया गया लेकिन उभय पक्ष द्वारा अपना जवाब सही तरीके से नहीं रखा गया और न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनकर अपना अंतिम निर्णय सुनाया है।
*पूर्व निर्वाचन प्रक्रिया को रद्द कर नए निर्वाचन के निर्देश*
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित अनूपपुर में पूर्व में हुए निर्वाचन प्रक्रिया को रद्द करने का निर्देश जारी किया गया है जीपीएस भदोरिया उप पंजीयन सहकारी संस्था शहडोल ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि उक्त निर्वाचन में जो निर्वाचक मंडल चुना गया था वह पूरी तरह से तथ्यहीन और ब्राह्मण की जिस पर अभ्यर्थियों को ना तो सही तरीके से जानकारी दी गई और ना ही उन्हें संतुष्ट किया गया था जिस पर प्रतिवादी ललन पटेल के द्वारा अपना पक्ष रखा गया और उनका पक्ष सही पाया गया है जिस पर उप पंजीयक सहकारी संस्था जिला अनूपपुर को निर्देश किया गया है कि संस्था में मध्य प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1960 के प्रावधानों के अंतर्गत वर्तमान में प्रशासक की नियुक्ति की जाए और इसके पश्चात विधि अनुसार संचालक मंडल के नवीन निर्वाचन संपन्न कराने की प्रक्रिया भी पूर्ण की।
*पूर्व में निर्णय को दी गई थी चुनौती फिर हुई*
आदिम जाती सेवा सहकारी समिति मर्यादित अनूपपुर में वर्ष 2022 से 27 के संचालक मंडल के निर्वाचन के विरुद्ध निर्वाचन याचिका प्रस्तुत की गई थी उक्त निर्वाचन याचिका को न्यायालय उप पंजीयन सहकारी संस्था ने प्रकरण को पारित करते हुए दिनांक 11 मई 2023 को आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित अनूपपुर के संचालक मंडल का निर्वाचन त्रुटि पूर्ण एवं वैधानिक होने से निरस्त कर दिया था, साथ ही उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जिला अनूपपुर को यह निर्देशित किया गया कि उक्त संस्था में प्रशासक की नियुक्ति करें और इसके पश्चात 4 माह के भीतर संचालक मंडल के नवीन निर्वाचन संपन्न कराया जाए लेकिन इस पर उभय पक्ष के द्वारा दोबारा अपील की गई और इसके पश्चात भी अपने साक्ष्य को उनके द्वारा प्रस्तुत नहीं किया जा सका तत्पश्चात प्रतिवादी ललन पटेल के आवेदन पर न्यायालय उप पंजीयन सहकारी संस्था शहडोल ने अपना अंतिम निर्णय सुनाया है।