पुलिस का सनसनीखेज खुलासा, ससुर का बहू ने गला रेतकर की थी हत्या, आरोपी गिरफ्तार


उमरिया

जिले के थाना कोतवाली अंतर्गत बिलासपुर चौकी के बिरसिंहपुर ग्राम मे बीते मांह हुई चंद्रप्रकाश तिवारी की नृशंस हत्या मामले मे उन्ही की बहू को गिरफ्तार किया गया है। गत दिवस घटना का सनसनीखेज खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि इस वारदात को मृतक की बहू रंजना तिवारी ने ही अंजाम दिया था। उल्लेखनीय है कि 65 साल के चंद्रप्रकाश तिवारी का गत 15 व 16 मई की रात उन्ही के घर मे धारदार हथियार से गला रेत कर कत्ल कर दिया गया था। इस मामले मे पुलिस ने अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की। विवेचना के दौरान शक की सुई मृतक की बहू रंजना तिवारी की ओर घूमने के बाद पुलिस टीम ने उससे सघन पूछताछ शुरू की।

इसी दौरान आरोपिया ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुये बताया कि चंद्रप्रकाश तिवारी ने उसे संपत्ति देने से इंकार करते हुए घर से निकाल दिया था। इसी बात पर बहू ने ससुर की हत्या का प्लान तैयार कर लिया। घटना की रात रंजना तिवारी अपने गृह ग्राम बडख़ेरा से बिरसिंहपुर आयी और बरामदे मे सो रहे वृद्ध ससुर पर कुल्हाड़ी से भरपूर वार कर उसकी हत्या कर दी। वारदात के बाद आरोपिया कुल्हाडी एवं घटना के दौरान टूटी चूडिय़ां रास्ते मे पडऩे वाले बन्ना नाले मे फेंक कर वापस चली गई। पुलिस द्वारा महिला आरोपी की निशानदेही पर घटना मे प्रायुक्त कुल्हाडी बरामद की गई। गिरफ्तार आरोपी को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।

पुलिस के कार्य मे बाधा डालने वाले, हाथापाई करने वाले 3 आरोपी गिरफ्तार, 2 फरार


अनूपपुर/कोतमा

थाना कोतमा क्षेत्र में पुलिस के शासकीय कार्य में बाधा डालने एवं पुलिसकर्मियों से हाथापाई करने वाले तीन आरोपियों को कोतमा पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया, जहाँ से उन्हें जेल वारंट पर जिला जेल अनूपपुर भेजा गया।

13 जून की रात्रि को थाना कोतमा के अपराध क्रमांक 106/25 धारा 13 जुआ एक्ट में फरार आरोपी मो. आकिब पिता अब्दुल रसीद उर्फ छेद्दी, जो लगातार सूचना देने के बाद भी थाने में उपस्थित नहीं हो रहा था, उसकी गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम ने दबिश दी। गिरफ्तारी के दौरान आरोपी मो. आकिब के साथ-साथ अन्य व्यक्तियों द्वारा शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई गई और प्रधान आरक्षक संजीव त्रिपाठी एवं रामखेलावन यादव के साथ धक्‍का-मुक्‍की, अश्लील गाली-गलौज कर उन्हें जबरन घर के अंदर कर बंधक बना लिया गया था। प्रधान आररक्षक संजीव त्रिपाठी की शिकायत पर पुलिस ने पांच लोगो के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया था।

शासकीय कार्य में बाधा डालने के साथ पुलिस को बंधक बनाने की कोशिश और उनसे धक्‍का मुक्‍की करने के पर पांच व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिसमें पुलिस ने तीन आरोपियों जिनमें मो. आकिब पिता अब्दुल रसीद उर्फ छेद्दी, अब्दुल रसीद उर्फ छेद्दी पिता अब्दुल समद एवं अब्दुल मुईद पिता अब्दुल समद को गिरफ्तार कर उन्‍हे जेल भेज दिया गया है। वहीं दो आरोपी अब्दुल मुजीब पिता अब्दुल समद एवं अब्दुल बांके पिता अब्दुल समद सभी निवासी ग्राम लहसुई थाना कोतमा अब भी मौके से फरार है, जहां पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।

बढ़ता अतिक्रमण सवालों के घेरे में पटवारी अश्विनी, करोड़ों की जमीन कौड़ियों में बेची, नर्मदा मैया के अस्तित्व पर संकट


अनूपपुर/अमरकंटक

पवित्र नगरी अमरकंटक, जो मां नर्मदा की उद्गम स्थली है, वहां अतिक्रमण का जाल दिन-ब-दिन फैलता जा रहा है। इस संवेदनशील और प्राकृतिक दृष्टि से अति-महत्वपूर्ण क्षेत्र में बढ़ते अतिक्रमण के लिए ज़िम्मेदार माना जा रहा है क्षेत्रीय पटवारी अश्विनी तिवारी को, जिन पर आरोप है कि उन्होंने करोड़ों की शासकीय भूमि को कौड़ियों के भाव बेचने में अतिक्रमणकारियों का साथ दिया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, अमरकंटक के वार्ड क्रमांक 07 में एसईसीएल रेलवे गेस्ट हाउस के सामने की भूमि पर अवैध कब्जा कर वहां पूरी जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। आश्चर्य की बात यह है कि इस स्पष्ट अतिक्रमण के बावजूद आज दिनांक तक संबंधित पटवारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि जब कार्रवाई की मांग की जाती है तो पटवारी द्वारा यह कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है कि "ऊपर के अधिकारियों को भी खिलाना पड़ता है।" यह कथन प्रशासन की निष्क्रियता और भ्रष्ट तंत्र को उजागर करता है। अमरकंटक न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका प्राकृतिक सौंदर्य और जल स्रोत, विशेषकर मा नर्मदा का जल स्तर, लगातार घट रहा है। इसका एक प्रमुख कारण अंधाधुंध अतिक्रमण और प्रशासन की निष्क्रियता मानी जा रही है। स्थानीय जनता की मांग है कि ऐसे भ्रष्ट और अतिक्रमण को बढ़ावा देने वाले पटवारी को तत्काल प्रभाव से अमरकंटक से हटाया जाए और निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। अब प्रश्न यह है कि क्या मा नर्मदा की उद्गम स्थली की रक्षा के लिए प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएगा, या फिर यह पवित्र नगरी भी भ्रष्टाचार की बलि चढ़ती रहेगी।

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