माफियाओ ने काटा सागौन का पेड़, तार टूटा बिजली सप्लाई हुई बन्द, डीएफओ ने किया निरीक्षण

*लगातार हो रही हैं सागौन के हरे पेड़ की अवैध कटाई, विभाग नही कर पा रहा है कार्यवाही*


अनूपपुर

विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रामलाल रौतेल सुबह ग्राम पंचायत लखनपुर के पचरीपानी टोला में विगत दिनों एक हाथी द्वारा किए गए तीन घरों में तोड़फोड़ के निरीक्षण के लिए जा रहे थे तभी उन्हे लखनपुर से पचरीपानी वनमार्ग के मध्य अज्ञात व्यक्तियों द्वारा जो पूर्व में भी अगरियानार बीट अंतर्गत वन क्षेत्र में लगे बहु कीमती सागौन प्रजाति के हरे पेड़ों को आरा मशीन से काटकर उठाकर ले गए, पर वन विभाग द्वारा प्रभावी कार्यवाही न करने के कारण लकड़ी चोर खुले आम आरा मशीन से सागौन के एक बड़े पेड़ को काटा जो इस मार्ग में गिरता हुआ लखनपुर से पचरीपानी को गयी बिजली लाइन को तोड़ते हुए जमीन में पड़े होने के कारण आवागवन अवरुद्ध रहा है रास्ते में पहुंचने पर पेड़ के गिरने से बिजली तार टूट कर जमीन में पड़े होना देखकर श्री रौतेल ने बिजली विभाग के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर विद्युत तार को ठीक कर लाइन चालू करने के निर्देश के साथ वन मंडलाधिकारी अनूपपुर एस,के,प्रजापति एवं मुख्य वन संरक्षक शहडोल व्रृत एल,एल, उईके को फोन कर अज्ञात तत्वों द्वारा काटे गए बहु कीमती सागौन प्रजाति के हरे पेड़ों की अवैध कटाई की जानकारी देते हुए वरिष्ठ अधिकारियों से तत्काल जांच कर कर हरे पेड़ों को काटने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने के की बात कहीं इस बीच वनसुरक्षा समिति अध्यक्ष पचारीपानी अनूप सिंह ने अज्ञात व्यक्ति द्वारा काटे गए सागौन पेड़ जो मुख्य मार्ग में पड़ा रहा है को काटकर मुख्यमार्ग के किनारे किया इस दौरान ग्राम पंचायत लखनपुर सरपंच रामकुमार रौतेल,अनूपपुर जिला मुख्यालय के सामाजिक कार्यकर्ता एवं वन्यजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल सम्मिलित रहे हैं। सूचना के बाद दोपहर में अनूपपुर वन वन मण्डलाधिकारी एस,के,प्रजापति ने वन अधिकारियों के साथ स्थल का निरीक्षण कर पूर्व में काटे गए बहु कीमती सागौन प्रजाति के हरे पेड़ों की अवैध कटाई को देखते हुए कार्यवाही की।

कानून का पाठ पढ़ाने पुलिस बिना इंश्योरेंस के वाहन पर सवार, कौन करेगा कार्यवाही- राजेश सिंह

*कई वर्षों से नहीं हुए पुलिस विभाग में संचालित वाहनों के इंश्योरेंस*


अनूपपुर

केंद्र सरकार द्वारा यातायात के नियमों में संशोधन करते हुए नए कानून के माध्यम से यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास तो किया जा रहा है लेकिन सबसे पहले कानून का पालन करने वाले को कानून का पालन करना चाहिए जिससे कि आम जनमानस में एक बेहतर संदेश प्रस्तुत हो सके । भारतीय जनता पार्टी के अनूपपुर जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने उस विभाग को आईना दिखाने का कार्य किया है जो विभाग डंडा लेकर दिनभर दूसरों को कानून का पाठ पढ़ाकर परेशान करता है। भाजपा जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने मध्य प्रदेश पुलिस के द्वारा संचालित किया जा रहे तमाम थाना क्षेत्रों तथा पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा जो वाहन उपयोग में रखे गए हैं उन वाहनों का भगवान ही मालिक है क्योंकि पुलिस विभाग में वाहन खरीदी होने के पश्चात आज तक ऐसे वाहनों का कभी इंश्योरेंस नहीं हुआ जिनका उपयोग आज भी निरंतर किया जा रहा है जिसके कारण पुलिस विभाग के वाहन चालक कर्मचारियों में  भय  का वातावरण निर्मित है तो वहीं घटना दुर्घटना होने पीड़ित पक्ष को जुर्माना की राशि कौन प्रदान करेगा इसकी भी जिम्मेदारी सुनिश्चित नहीं है क्योंकि इंश्योरेंस तो किसी भी पुलिस विभाग के वाहन का है ही नहीं, कुल मिलाकर भगवान भरोसे पुलिस विभाग के वाहन चल रहे हैं और बिना इंश्योरेंस के वाहन पर सवार हो रही है मध्य प्रदेश की पुलिस।

*आज तक नहीं हुआ पुलिस विभाग के वाहनों का इंश्योरेंस*

 भाजपा जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने जब मामले की तहत पहुंच कर देखा तो पता चला कि मध्य प्रदेश पुलिस विभाग के द्वारा अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को चलने के लिए जो वाहन शासकीय प्रदान किए गए हैं उन वाहनों के इंश्योरेंस शोरूम से निकलने के बाद आज तक नहीं हुए हैं यह प्रमाण एमपी ट्रांसपोर्ट की गूगल साइट पर भी देखे जा सकते हैं जिसमें स्पष्ट रूप से इंश्योरेंस ना होना दर्शा रहा है जैसे कि अनूपपुर जिले के थाना रामनगर में संचालित वाहन क्रमांक एमपी 03 ए- 3179,अजाका अनूपपुर एमपी 03 ए- 25 40, थाना कोतमा एमपी 03 ए- 2264 ,एसडीओपी पुष्पराजगढ़ एमपी 03 ए- 9236, थाना भालूमाडा एमपी 03 ए -2166, थाना बिजुरी एमपी 03 ए- 2052, थाना राजेंद्रग्राम एमपी 03 ए-  2051, एसडीओपी 03 जेड ए 0 206 के वाहनों का इंश्योरेंस कई वर्षों से नहीं हुआ है ऐसी स्थिति में यदि कोई घटना दुर्घटना होती है तो पीड़ित को न्याय कैसे मिल पाएगा यह अपने आप में विचारणीय प्रश्न है।

*पहले पुलिस विभाग करें कानून का पालन*

भाजपा जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने जारी प्रेस नोट में बताया कि पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी आम जनता के वाहनों के चेकिंग के दौरान उनके पास  इंश्योरेंस ना होने पर ₹3000 का जुर्माना लगाया जाता है इसके साथ ही कोई घटना दुर्घटना होने पर पुलिस विभाग से लेकर न्यायालय तक लाखों रुपए का जुर्माना वाहन मालिक को भरना होता है लेकिन क्या पुलिस विभाग के वाहन से ऐसी घटना दुर्घटना होने पर पीड़ित पक्ष को न्याय मिल पाएगा यदि कानून का पालन करना है तो सबसे पहले पुलिस विभाग को खुद कानून का पालन करना पड़ेगा इसके बाद आम जनता से कानून का पालन करने की उम्मीद की जा सकती है। बेहतर होगा कि पुलिस विभाग धारा 164/196 की कार्यवाही करने पर से पहले अपने वाहनों का इंश्योरेंस  कराए।

*पुलिस महानिदेशक से की गई मांग*

भाजपा जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने मध्य प्रदेश के अंदर संचालित सभी थाना क्षेत्र में शासकीय वाहनों के इंश्योरेंस कराए जाने की मांग मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से की है जिससे कि पुलिस विभाग के वाहन का संचालन करने वाले कर्मचारी भी सुरक्षित रहें और घटना दुर्घटना होने पर पीड़ित पक्ष को न्याय भी मिल सके इसलिए सभी वाहनों के शीघ्र इंश्योरेंस कराए जाएं और कानून का पालन सुनिश्चित किया जाए।

*इनका कहना*

इस मामले में मुझे कोई जानकारी नही है मैं मामले को दिखवा लेता हूँ।

*शिवकुमार सिंह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक*

राज्यपाल द्वारा अपने अभिभाषण में नर्मदा महोत्सव का उल्लेख न करना ये दूर्भाग्यपूर्ण-  फुन्देलाल सिंह 


अनूपपुर/पुष्पराजगढ़

पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को के द्वारा राज्य पाल के अभिभाषण में नर्मदा महोत्सव का उल्लेख न करने का विरोध करते हुए मध्यप्रदेश के विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष कहा कि अध्यक्ष मैं आपको ढेर सारी शुभकामनायें और बधाई के साथ आपको को प्रणाम करता हूं और राज्यपाल के अभिभाषण के विरोध में में बोलने के लिये खड़ा हुआ हूं।  अध्यक्ष, राज्यपाल के अभिभाषण में कई महोत्सवों का उल्लेख किया गया है, लेकिन मैं व्यथित हूं, दुखित हूं कि मां नर्मदा के जन्मोत्सव का उल्लेख राज्यपाल के अभिभाषण में शामिल नहीं किया गया, राज्यपाल यदि मां नर्मदा के नाम और महोत्सव का भी उल्लेख किया होता तो इस सदन की गरिमा ही बढ़ती. जो मां नर्मदा लाखों करोड़ो करोड़ लोगों की जीवनदायिनी है जो पवित्र नगरी अमरकंटक से चलकर और मध्यप्रदेश के अंतिम सीमा तक प्रवाहित होती है उनकी कल-कल, छल-छल धारायें, हम लाभ तो लेते हैं लेकिन उसका नाम इस अभिभाषण में शामिल नहीं हुआ और यह अपराध जो आपने किया है उनके नाम का उल्लेख न करने का, जन्मोत्सव के उल्लेख न करने का कालांतर में इसका परिणाम भोगना तो पड़ेगा, अध्यक्ष प्रहलाद पटेल चले गये, आप जब केन्द्रीय मंत्री थे आपने 50 करोड़ रुपये वहां के सौंदर्गीकरण और विकास के लिये दिये। प्रसाद योजना की तरह लोगों ने उस पवित्र नगरी को भी नहीं छोड़ा। प्रसाद की तरह वह राशियां बंट गईं। यह इस सदन में कहा गया था कि जी मां नर्मदा में छोटी-छोटी गंदी नालियां सीधे मिल रही है, उसको रोकने का काम सरकार करेगी लेकिन आज तक वह नहीं हुआ, मां नर्मदा का जहां उद्गम है। हमारी अमरकंटक नगरी का पानी, शहर का पानी सीधे मां नर्मदा में प्रवाहित हो रहा है नालियों, नालों के रूप में, लाखों, लाख लोग वहां जाकर स्रान करने जाते हैं दर्शन करने जाते हैं. देश-विदेश के लोग मां नर्मदा की जल धारा को देखने आते हैं और जब आचमन का समय आता है तो एक बार उनको सोचना पड़ता है. मैं चाहता हूं कि ऐसी पवित्र नगरियां, मां नर्मदा जो इस प्रदेश को सम्पन्न बना रही हैं उनके नाम को लोग देश, विदेश में जानते हैं तो उनका जन्मोत्सव भी उतना ही बिराट और विशाल होना चाहिये था, लेकिन कभी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने नहीं सोचा, वहां कई बार आप दर्शन करने जाते हैं, मां नर्मदा का उपयोग करते हैं लेकिन उनके जन्मोत्सव को हृदय से मनाने का प्रयास नहीं किया गया, वह शासकीय कैलेण्डर में शामिल नहीं हुआ, उसको 2019-20 में हमने सरकार से लड़कर शामिल करवाया था। उनकी भव्य और दिव्य जयंतियां भी मनाई। लाखों लोगों ने तीन दिन तक उनकी जयंती मनाई मां नर्मदा का पूजन और अर्चन किया गया, यदि आप उसको आगे बढ़ाते तो आपका भी नाम होता।

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