राज्यपाल द्वारा अपने अभिभाषण में नर्मदा महोत्सव का उल्लेख न करना ये दूर्भाग्यपूर्ण- फुन्देलाल सिंह
अनूपपुर/पुष्पराजगढ़
पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को के द्वारा राज्य पाल के अभिभाषण में नर्मदा महोत्सव का उल्लेख न करने का विरोध करते हुए मध्यप्रदेश के विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष कहा कि अध्यक्ष मैं आपको ढेर सारी शुभकामनायें और बधाई के साथ आपको को प्रणाम करता हूं और राज्यपाल के अभिभाषण के विरोध में में बोलने के लिये खड़ा हुआ हूं। अध्यक्ष, राज्यपाल के अभिभाषण में कई महोत्सवों का उल्लेख किया गया है, लेकिन मैं व्यथित हूं, दुखित हूं कि मां नर्मदा के जन्मोत्सव का उल्लेख राज्यपाल के अभिभाषण में शामिल नहीं किया गया, राज्यपाल यदि मां नर्मदा के नाम और महोत्सव का भी उल्लेख किया होता तो इस सदन की गरिमा ही बढ़ती. जो मां नर्मदा लाखों करोड़ो करोड़ लोगों की जीवनदायिनी है जो पवित्र नगरी अमरकंटक से चलकर और मध्यप्रदेश के अंतिम सीमा तक प्रवाहित होती है उनकी कल-कल, छल-छल धारायें, हम लाभ तो लेते हैं लेकिन उसका नाम इस अभिभाषण में शामिल नहीं हुआ और यह अपराध जो आपने किया है उनके नाम का उल्लेख न करने का, जन्मोत्सव के उल्लेख न करने का कालांतर में इसका परिणाम भोगना तो पड़ेगा, अध्यक्ष प्रहलाद पटेल चले गये, आप जब केन्द्रीय मंत्री थे आपने 50 करोड़ रुपये वहां के सौंदर्गीकरण और विकास के लिये दिये। प्रसाद योजना की तरह लोगों ने उस पवित्र नगरी को भी नहीं छोड़ा। प्रसाद की तरह वह राशियां बंट गईं। यह इस सदन में कहा गया था कि जी मां नर्मदा में छोटी-छोटी गंदी नालियां सीधे मिल रही है, उसको रोकने का काम सरकार करेगी लेकिन आज तक वह नहीं हुआ, मां नर्मदा का जहां उद्गम है। हमारी अमरकंटक नगरी का पानी, शहर का पानी सीधे मां नर्मदा में प्रवाहित हो रहा है नालियों, नालों के रूप में, लाखों, लाख लोग वहां जाकर स्रान करने जाते हैं दर्शन करने जाते हैं. देश-विदेश के लोग मां नर्मदा की जल धारा को देखने आते हैं और जब आचमन का समय आता है तो एक बार उनको सोचना पड़ता है. मैं चाहता हूं कि ऐसी पवित्र नगरियां, मां नर्मदा जो इस प्रदेश को सम्पन्न बना रही हैं उनके नाम को लोग देश, विदेश में जानते हैं तो उनका जन्मोत्सव भी उतना ही बिराट और विशाल होना चाहिये था, लेकिन कभी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने नहीं सोचा, वहां कई बार आप दर्शन करने जाते हैं, मां नर्मदा का उपयोग करते हैं लेकिन उनके जन्मोत्सव को हृदय से मनाने का प्रयास नहीं किया गया, वह शासकीय कैलेण्डर में शामिल नहीं हुआ, उसको 2019-20 में हमने सरकार से लड़कर शामिल करवाया था। उनकी भव्य और दिव्य जयंतियां भी मनाई। लाखों लोगों ने तीन दिन तक उनकी जयंती मनाई मां नर्मदा का पूजन और अर्चन किया गया, यदि आप उसको आगे बढ़ाते तो आपका भी नाम होता।
