नप उपाध्यक्ष राज तिवारी ने अपने समर्थकों के साथ रासायनिक संयंत्र में किया जबरन घुसपैठ, फैक्ट्री जाम कर दी धमकी
*कोर्ट आदेश तोड़ा, थाना में हुई शिकायत, कार्रवाई की मांग*
अनुपपुर
जिले के सीकेए बिड़ला समूह की औद्योगिक इकाई ओरिएंट पेपर मिल्स (कास्टिक सोडा यूनिट), अमलाई में हुई गंभीर घटना के बाद अब राज तिवारी प्रशासन और पुलिस के सीधे निशाने पर आ सकते हैं। मिल प्रबंधन ने थाना चचाई में दी गई लिखित शिकायत में राज तिवारी पर न्यायालय के आदेश की खुली अवहेलना, औद्योगिक सुरक्षा को खतरे में डालने, जबरन घुसपैठ और फैक्ट्री बंद कराने की धमकी जैसे गंभीर आपराधिक आरोप लगाए हैं।
*कोर्ट के आदेश का जानबूझकर किया उल्लंघन*
शिकायत के अनुसार न्यायालय का स्थायी निषेधाज्ञा आदेश (18 मई 2013, प्रकरण 2 ए/2013) स्पष्ट रूप से कहता है कि फैक्ट्री में अवरोध नहीं किया जाएगा, कर्मचारियों को भयभीत नहीं किया जाएगा आवागमन बाधित नहीं किया जाएगा, इसके बावजूद आरोप है कि राज तिवारी ने पूरी जानकारी होते हुए भी आदेश को ठेंगा दिखाया। यह अवमानना की श्रेणी में आने वाला गंभीर मामला माना जा रहा है।
*राज तिवारी के नेतृत्व में फैक्ट्री गेट जाम*
पत्र में साफ लिखा है कि राज तिवारी 50–55 बाहरी लोगों को लेकर पहुंचे 3 कारें और 30–35 मोटरसाइकिलें मुख्य गेट पर खड़ी कर दीं फैक्ट्री का कामकाज ठप्प किया, मुख्य सड़क पर भी 30–35 मिनट तक यातायात बाधित यह सीधा-सीधा सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने का मामला बनता है।
*रासायनिक संयंत्र में जबरन प्रवेश, दुर्घटना का खतरा*
शिकायत में आरोप है कि सुरक्षा और एचआर अधिकारियों की चेतावनी के बावजूद राज तिवारी और उनके समर्थकों ने जबरन फैक्ट्री में घुसपैठ की लगभग 200 मीटर अंदर जनरल ऑफिस तक पहुंचे राज तिवारी सहित 7–8 बाहरी लोग अधिकारियों के केबिन में घुसे, यह सब एक अत्यंत संवेदनशील रासायनिक संयंत्र में हुआ, जहाँ छोटी चूक भी जानलेवा हादसे का कारण बन सकती थी।
*वीडियो बनाकर डर का माहौल*
आरोप है कि राज तिवारी के साथ आए लोग मोबाइल से अवैध रूप से वीडियो बनाते रहे बार-बार मना करने पर भी नहीं रुके, इससे कर्मचारियों में दहशत और भय का माहौल बन गया, प्रबंधन का कहना है कि आज भी कर्मचारी आतंकित मानसिक स्थिति में हैं। फैक्ट्री बंद कराने की सीधी धमकी शिकायत और ज्ञापन दोनों में दर्ज है। राज तिवारी ने कहा यदि तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो 8 दिन बाद फिर आएंगे ज्ञापन में फैक्ट्री बंद कराने की खुली धमकी लिखी गई है। इसे जबरन वसूली, धमकी और औद्योगिक शांति भंग करने की दिशा में देखा जा रहा है।
*अब सवाल प्रशासन से*
जब CCTV फुटेज, फोटो, वीडियो पेनड्राइव मौजूद हैं जब कोर्ट आदेश उल्लंघन लिखित रूप में दर्ज है, जब औद्योगिक सुरक्षा और जनहित खतरे में डाले गए तो फिर राज तिवारी पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं, क्या प्रशासन कार्रवाई करेगा या चुप्पी साधे रहेगा, यह मामला अब सिर्फ फैक्ट्री प्रबंधन का नहीं बल्कि कानून, न्यायालय और सार्वजनिक सुरक्षा की प्रतिष्ठा का बन चुका है, यदि ऐसे मामलों में भी सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह भविष्य में और बड़े टकराव व हादसों का रास्ता खोलेगा। राज तिवारी पर तत्काल एफआईआर करने की मांग जोर पकड़ते जा रही है।
