प्रेमिका के फ़ोन न उठाने पर शोले का वीरू बनकर टॉवर पर चढ़ा आशिक, प्रेमिका से बात होने पर उतरा

प्रेमिका के फ़ोन न उठाने पर शोले का वीरू बनकर टॉवर पर चढ़ा आशिक, प्रेमिका से बात होने पर उतरा


शहडोल

जिले के देवलोंद थाना क्षेत्र के ग्राम निमिहा में उस समय माहौल फिल्मी हो गया, जब 18 वर्षीय संतोष साकेत अचानक बिजली के विशालकाय टावर पर जा चढ़ा। हाथ में मोबाइल, चेहरे पर गुस्सा और दिल में प्रेमिका की नाराज़गी मानो शोले फिल्म का मशहूर दृश्य गांव में उतर आया हो। संतोष का दर्द यह था कि उसकी प्रेमिका पिछले कुछ दिनों से फोन नहीं उठा रही थी। गुजरात में मजदूरी कर रहे संतोष ने नाराज़गी के बाद काम छोड़कर घर लौटने तक का फैसला कर दिया था, पर दिल का गुबार नहीं निकला तो सीधा टावर पर चढ़ गया।

दोपहर 3 बजे सूचना मिलते ही देवलोंद थाना प्रभारी सुभाष दुबे टीम के साथ मौके पर पहुँचे। नीचे ग्रामीणों की भारी भीड़, किसी के मोबाइल की रील, किसी की तालियां, तो किसी की सांसें अटकीं चारों ओर माहौल पूरी तरह हाई वोल्टेज। वहीं ऊपर संतोष एक ही बात पर अड़ा था जब तक प्रेमिका बात नहीं करेगी, मैं नीचे नहीं उतरूंगा… यहीं से कूद जाऊंगा।

स्थिति गंभीर देख थाना प्रभारी सुभाष दुबे ने तत्काल ट्रांसमिशन विभाग से संपर्क कर विद्युत प्रवाह बंद कराया। रीवा से बड़े सुरक्षा-जाल भी मंगवाए गए, ताकि यदि युवक फिसले भी तो उसकी जान बच सके। पर असली कमाल तब हुआ जब थाना प्रभारी ने बेहद सूझबूझ दिखाते हुए एक अनोखी रणनीति अपनाई।

संतोष के फोन पर स्थानीय महिला कर्मचारी को उसकी प्रेमिका बनाकर बात करवाई गई। दूसरी ओर संतोष का गुस्सा और प्रेम दोनों उमड़ पड़े। जैसे ही काल्पनिक प्रेमिका ने प्यार भरे शब्दों में उसे नीचे उतरने की विनती की, संतोष का वीरू वाला जोश पिघल गया। गांव की भीड़ में सन्नाटा छा गया और एक पल में संतोष नीचे उतर आया। फिल्मी अंदाज़ में असली हीरो बनकर उभरे थाना प्रभारी सुभाष दुबे की इस चतुराई ने युवक की जान बचा ली। इसके बाद संतोष के माता-पिता को बुलाया गया और करीब दो घंटे तक थाना प्रभारी ने स्वयं काउंसलिंग कर उसकी मानसिक स्थिति को सामान्य किया। 

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