नर्मदा परिक्रमा वासियों से दान के नाम डराकर मोनू जैन कर रहा है अवैध वसूली, प्रशासन मौन

नर्मदा परिक्रमा वासियों से दान के नाम डराकर मोनू जैन कर रहा है अवैध वसूली, प्रशासन मौन, देखे वीडियो

*नवलीदान केवट के नाम पर लुट रहे श्रद्धालु, 100 से 1000 तक की कर रहा है वसूली*


अनूपपुर 

नर्मदा परिक्रमा भारत की सबसे प्राचीन, पवित्र और कठोर धार्मिक यात्राओं में से एक मानी जाती है। यह परिक्रमा नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक से शुरू होती है और पुनः अमरकंटक में ही समाप्त होती है। जिले के पवित्र नगरी अमरकंटक में माँ नर्मदा परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। श्रद्धालु देश के हर कोने से आ रहे हैं, नर्मदा परिक्रमा यात्रियों को कोई परेशानी न हो इसलिए प्रशासन कई तरह की व्यवस्था बनाकर रखी है। श्रद्धालु अमरकंटक में स्थित नर्मदा कुण्ड, कपिलधारा, दूधधारा, तथा पास के स्थलों में माई की बगिया और श्री ज्वालामुखी देवी मंदिर परिक्रमा शुरू करने से पहले विशेष रूप से दर्शन किए जाते हैं। माना जाता है कि अमरकंटक में की गई पूजा और संकल्प परिक्रमा की सफलता का आधार होता है। मगर प्रशासन के सारे दावे यहाँ पर फेल नजर आ रहे हैं।

*देखे वायरल वीडियो👇👇👇*


नर्मदा परिक्रमा यात्रियो को नर्मदा मंदिर से लेकर माई की बगिया समेत अन्य सभी स्थानो पर जगह-जगह भ्रमित, परेशान किया जा रहा है, लूटा जा रहा है। इसी प्रकार शोसल मीडिया में श्रद्धालुओ को बेवजह परेशान करने व दान के नाम पर अवैध रुपए वसूलने का वीडियो वायरल हो रहा है। एक वाहन मालिक जिनका नाम मोनू जैन है वह अमरकंटक में आने वाले साधु-संत, तपस्वी, भक्त श्रद्धालु, योगी, आध्यात्मिक साधक व कठिन यात्राओं के इच्छुक यात्री को आस्था के नाम पर तट परिवर्तन, दान, अमरकंटक प्रवेश के नाम, दर्शन कराने, वाहन के नाम पर प्रतिदिन पर सैकड़ो यात्रियों से हजारों रुपए की अवैध वसूली चलाकर अपना गोरखधंधा के दिनों से चला रहा है। यह मोनू जैन बच्चे, बूढ़े गरीब व महिलाओं से भी अवैध वसूली करके अपने पैर पड़वाता है। मोनू जैन यात्रियो से कहता है कि यहाँ नवली का दान लगता है और अपने आप को केवट बताकर डर दिखाकर की अगर यहाँ दान नही दिया तो नर्मदा परिक्रमा को कोई पुण्य नही मिलेगा 100 सौ रुपए से लेकर 1000 एक हजार तक ले लेता है। प्रशासन के नाक के नीचे मोनू जैन श्रद्धालुओ को लूटने का इतना बड़ा कारनामा कर रहा है और प्रशासन को सब जानकारी रहते हुए भी अनभिज्ञ नजर आ रही हैं। 

अमरकंटक का वातावरण आध्यात्मिक, शांत और देवत्व से भरा रहता है। परिक्रमा शुरू करते समय यहीं पर भक्त ‘परिक्रमा व्रत’ लेते हैं और जीवन के सभी कष्टों को माँ नर्मदा को समर्पित कर यात्रा पर निकलते हैं। नर्मदा परिक्रमा पापों से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति, जीवन के दुखों का निवारण, मन की शांति और स्थिरता, आध्यात्मिक उन्नति, आत्मअनुशासन और तपस्या के लिए की जाती है। मगर मोनू जैन इन सभी श्रद्धालुओं के आशाओं पर पानी फेर दे रहा। श्रद्धालुओं ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे बहरूपियों से गरीब, असहाय यात्रियों श्रद्धालुओं को बचाकर आस्था के केंद्र अमरकंटक क्षेत्र को कालिख न लगे जल्द कार्यवाही करें।



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