डीएसओ पर परिवहन में ‘क्रॉस मूवमेंट गेम’ चलाने का लगा आरोप, परिहवनकर्ता को पहुँचाया जा रहा करोड़ों का लाभ
अनूपपुर
जिले में उपार्जन व्यवस्था को लेकर गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं। अनीता सोरते खाद्य अधिकारी डीएसओ द्वारा जारी परिवहन मापिंग्स में जानबूझकर लंबी दूरी तय करने वाली रूट प्लानिंग की गई है, जिससे परिवहनकर्ता बृजेश पांडे को करोड़ों रुपये का अनुचित लाभ मिलने की आशंका जताई जा रही है।
प्रिया एसएचजी के 600 बोरी धान को लगभग 30 किमी दूर बीओटी बरबसपुर भेज दिया गया। जबकि उक्त ट्रक महावीर वेयर हाउस जो 10 किलोमीटर हैं वहाँ पर अनलोडिंग कराया जा सकता था।
इसी तरह आदिम जाति सेवा सहकारी समिति, पटनाकला (रामकथा मैदान खरीद केंद्र) का धान 50 किमी दूर स्थित ओम सिंह वेयर हाउस भेजा जा रहा है, जबकि नजदीकी गोदाम उपलब्ध हैं। फिर ओम सिंह से बीओटी दारसगर फिर दारसागर से एमपीडब्लूएलसी कोतमा भेजकर इतना क्यू घुमाया गया, सवालिया निशान खड़ा हो रहा।
जिले के समस्त उपार्जन केंद्रों के नजदीक गोदाम उपलब्ध हैं और उनमें धान भंडारण हेतु जगह भी खाली हैं, मगर प्रभारी डीएम नॉन अनीता सोरते पूरी तरह से परिवहन ठेकेदार को करोड़ो का लाभ पहुचाकर नियमो की धज्जियाँ उड़ा रही है।
स्थानीय स्तर पर यह सवाल उठ रहा है कि जब कम दूरी वाले गोदाम आसानी से उपलब्ध थे, तब अतिरिक्त 20–40 किमी दूर स्थित गोदामों को क्यों चुना गया? यह स्पष्ट करता है कि मैंपिंग प्रक्रिया में दूरी और व्यय की परवाह किए बिना ऐसे रास्ते चुने गए, जिनसे परिवहन बिलों में भारी बढ़ोतरी हो जाए।
जिले के उपार्जन नियमों के विपरीत इन मापिंग्स को उपार्जन नीति का खुला मज़ाक बताया जा रहा है। आरोप है कि डीएसओ अनीता सोर्टे द्वारा डीएम के प्रभार में आते ही पूरे जिले की मापिंग इस तरह की गई जिससे परिवहनकर्ता को अधिकतम लाभ पहुँचे। यह पूरा खेल परिवहनकर्ता को फायदा पहुँचाने के लिए किया गया है, और लंबी दूरी की मापिंग इस इरादे को साफ़ उजागर करती है। जिले में उपार्जन व्यवस्था पर उठ रहे इन सवालों ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर चिन्ह खड़े कर दिए हैं।
