पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार, कार्य अधूरा, निकाल ली राशि, सरपंच सचिव का कारनामा
उमरिया
जिले के मानपुर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत झाल इन दिनों सचिव की मनमानी और भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों मे है। आरोप है कि पंचायत मे विकास कार्यों के नाम पर भारी अनियमितताएं की गई हैं। सरपंच और जनपद में बैठे अधिकारियों की हरी झंडी होने के कारण धांधली की रफ्तार और तेज होती जा रही है। बताया गया है कि पंचायत के कर्मचारियों ने रंगमंच चौपाल चबूतरा, पुलिया, आरई वॉल, नाली से लेकर सार्वजनिक शौचालय और तालाब निर्माण तक लगभग हर कार्य में अमानक सामग्री का उपयोग करते हुए भुगतान निकाल लिया है, जबकि इनमें से कई कार्य अधूरे पड़े हैं। इतना ही नहीं निर्माण कार्यों मे घटिया सीमेंट, लाल मिट्टी की ईंट और कम गुणवत्ता वाले लोहे का प्रयोग किया गया है। वहीं फ्लाई ऐश ब्रिक्स लगाए जाने के सरकारी प्रावधान को भी दरकिनार किया गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव के झाली टोला मे एक नाली बिना लोहे के ही बना दी गई है। वहीं तालाब का निर्माण मशीनों से करवा कर राशि निकाल ली गई। मौके पर नाममात्र का काम ही हुआ है। इसी तरह वृक्षारोपण मे भी करीब 17 हजार रुपए का बिल आहरित कर लिया गया। ये पौधे कहां हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि निजी ठेकेदारों से मिलकर सचिव द्वारा मोटी कमीशन वसूली जा रही है। मजे की बात यह है कि सरकारी धन में मची लूट का गोरखधंधा सबकी आंखों के सामने होने पर भी जिम्मेदार अधिकारी अपनी आंखें मूंदे हुए हैं, इससे साफ है कि गड़बड़झाले में उनका भी हित सध रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि कई दिनों से पंचायत कार्यालय की व्यवस्था पूरी तरह बदहाल है। कार्यालय में न तो सफाई है और न ही दस्तावेज सुरक्षित। अधिकांश रिकार्ड कर्मचारी अपने घर ले जाते हैं। हालत यह है कि लोगों को ई-केवाईसी जैसे जरूरी कार्य भी निजी लोगों को पैसा देकर कराने पड़ रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि झाल मे ई-पंचायत भवन का निर्माण मंजूर नक्शे और अनुमान पत्रक के विपरीत हुआ है। इसमे भी लाखों रुपए का वारा-न्यारा किया गया, लेकिन उपयंत्री ने मूल्यांकन तक नहीं किया। ग्रामीणों ने बताया कि शिकायतों पर कोई कार्यवाही न होने के कारण अब वे इस मामले को ईओडब्ल्यू तथा लोकायुक्त के समक्ष ले जाने की तैयारी कर रहे हैं।
