कार्य के दौरान बीएलओ की हार्ट अटैक से मौत, परिवार का आरोप एसआईआर के दबाव में हुई घटना
*मृतक के परिवार की सुध लेने नही पहुँचा कोई अधिकारी*
शहडोल
जिले के सोहागपुर तहसील अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला बांध टोला, संकुल कोटमा में पदस्थ 54 वर्षीय प्राथमिक शिक्षक मनीराम नापित की सोमवार शाम हृदयघात से हुई मौत ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। मृतक शिक्षक चुनाव कार्य के तहत मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में बीएलओ अपना दायित्व निभा रहे थे। वे पतेरिया गांव में मतदाताओं से प्रपत्र भरवा रहे थे, तभी किसी अधिकारी का फोन आया। फोन काटते ही उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी और उन्होंने तत्काल अपने बेटे आदित्य नापित को फोन किया।
बेटे ने बताया कि वह तत्काल वाहन लेकर मौके पर पहुंचा और पिता को घर लाया लेकिन हालत और बिगड़ने पर वे उन्हें चार पहिया वाहन से मेडिकल कॉलेज ले गए लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि एसआईआर के अत्यधिक दबाव ने उनकी जान ले ली। पत्नी ममता नापित का रो-रोकर हाल बेहाल है। उनका कहना है कि पति कई दिनों से दबाव में थे, रात-रातभर फॉर्म भरने और डिजिटाइजेशन का काम करना पड़ रहा था।
परिजनों के अनुसार मृतक को शुगर और बीपी की बीमारी भी थी, बावजूद इसके लगातार फील्ड में दौड़-धूप और देर रात तक मोबाइल पर निर्देशों का दबाव बढ़ता जा रहा था। बेटे ने बताया कि पिता कई बार कहते थे कि एसआईआर के कारण अत्यधिक प्रेशर महसूस हो रहा है लेकिन समय पर अधिकारियों द्वारा राहत नहीं दी गई। मौत के बाद भी सोमवार देर रात से सुबह तक कोई जवाबदार अधिकारी उनके घर नहीं पहुंचा।
मृतक शिक्षक बूथ क्रमांक 212 के बीएलओ थे। यहां कुल 676 मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें 453 के फॉर्म डिजिटाइजेशन का कार्य उन्होंने पूरा किया था, जो 67.01 प्रतिशत उपलब्धि है। ग्रामीणों का कहना है कि कामकाज की समीक्षा करने वाले अधिकारियों को बीएलओ पर अत्यधिक दबाव नहीं डालना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। कोई भी विभागीय अधिकारी मृतक के घर नहीं पहुंचे है।
