अवैध कारोबार में थाना प्रभारी व राज्यमंत्री पर ‘कथित संरक्षण’ की चर्चाएँ तेज, निष्पक्ष जांच की मांग हुई उग्र
*कोतमा में बढ़ते अवैध कारोबार से आम जनता परेशान*
कोतमा/अनूपपुर।
जिले के कोतमा नगर इस समय अवैध कारोबारों की तेजी से बढ़ती सक्रियता, प्रशासन की कथित निष्क्रियता और राजनीतिक हस्तक्षेप की चर्चाओं के कारण भारी उथल-पुथल के माहौल से गुजर रहा है। नगर में अवैध खनन, जुआ-सट्टा संचालन, शराब की अवैध बिक्री, तस्करी और विभिन्न संदिग्ध गतिविधियों में जिस तरह वृद्धि देखी गई है, उसने नागरिकों में भय, असुरक्षा और असंतोष को चरम पर पहुँचा दिया है। कई नागरिकों का कहना है कि लगातार शिकायतों के बावजूद जमीन पर किसी बड़े बदलाव का न दिखना गंभीर सवाल खड़े करता है।
अवैध खनन का सामान ले जाने वाले ट्रकों की गतिविधियाँ, गुप्त जुआ-सट्टा अड्डों की सक्रियता और शराब की अवैध बिक्री जैसी घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। इन गतिविधियों के चलते लोगों में यह धारणा बनी है कि इन अवैध नेटवर्कों को किसी न किसी स्तर पर मजबूत संरक्षण प्राप्त है, क्योंकि इतने खुले रूप में गैरकानूनी गतिविधियाँ सामान्य परिस्थितियों में संभव नहीं होतीं।
नगर में यह चर्चाएँ भी तेज हैं कि इन अवैध कारोबारों के संचालन में स्थानीय थाना प्रभारी और क्षेत्र के राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल की कथित सहमति या संभावित मौन समर्थन की बातें नागरिकों और सामाजिक संगठनों की चर्चाओं में बार-बार सामने आ रही हैं। हालांकि इन आरोपों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है, और न ही कोई प्रमाण सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत हुआ है, लेकिन नगर में इन चर्चाओं ने अविश्वास और तनाव के वातावरण को और गहरा कर दिया है।सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि अवैध गतिविधियों पर सच में कार्रवाई होती, तो अवैध कारोबारी इतने निडर होकर अपनी गतिविधियाँ नहीं चला पाते। कहीं न कहीं कोई शक्तिशाली संरक्षण मौजूद है।
प्रशासन पर बढ़ते दबाव को देखते हुए विभिन्न सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवियों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर इस पूरे मामले की स्वतंत्र, निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच की मांग को दोहराया है। उधर पुलिस विभाग का कहना है कि क्षेत्र में लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं और अवैध गतिविधियों में शामिल पाए गए लोगों पर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने दावा किया है कि पिछले दिनों कई छापेमार कार्रवाइयाँ की गईं और कई व्यक्तियों पर मामले दर्ज भी किए गए।
राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल के कार्यालय ने इस मामले पर जारी बयान में आरोपों को पूरी तरह निराधार, झूठा और राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है। उनका कहना है कि मंत्री स्वयं कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने के पक्षधर हैं और किसी भी अवैध गतिविधि या उसके संचालन का समर्थन नहीं करते।
*इनका कहना है।
इन सभी अवैध कारोबार पर रोक लगाइए जाएगी।
*रत्नाबर शुक्ला, थाना प्रभारी, कोतमा*
