करेंट लगाकर बाघ का किया शिकार, दो आरोपियों को वन विभाग की टीम ने किया गिरफ्तार
*आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में*
शहडोल
शिकार के लिए लगाए गए करंट की चपेट में आने से बाघ की मौत हो गई, जिसके बाद शिकारियों ने बाघ के अंगों को एक स्थान पर दफना दिया। यह मामला ब्यौहारी वन क्षेत्र का है। एक बाघ के अंगों की बरामदगी ने वन्यजीव संरक्षण कानूनों के उल्लंघन की गंभीरता को एक बार फिर उजागर कर दिया है। राजस्व ग्राम बोचरो के एक खेत में बाघ के अंग मिलने के बाद, वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब क्षेत्र के किसानों ने खेत में बाघ के अंग देखे और वन विभाग को सूचित किया। इसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और संबंधित अंगों का पोस्टमार्टम किया गया तथा अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद, अज्ञात आरोपियों के खिलाफ वन अपराध दर्ज किया गया। इस मामले की गहन जांच हेतु वरिष्ठ अधिकारियों ने एक विशेष टीम का गठन किया।
संयुक्त टीम, जिसमें वन विभाग और एसटीएसएफ जबलपुर के सदस्य शामिल थे, ने विस्तृत विवेचना के बाद ग्राम बोचरो के स्थानीय निवासी अम्ब्रीश लोनी और लल्लू कोल को गिरफ्तार किया। मामले की जांच के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने तार और खूटियों का उपयोग कर जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए करंट लगाया था, जिससे बाघ की मृत्यु हो गई। आरोपी घटना के बाद बाघ के शव के टुकड़े करके कुछ अंगों को बोचरो क्षेत्र में दबा देने के बाद फरार हो गए थे।
कनिष्ठ अभियंता, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी ब्यौहारी ने भी इस घटना की पुष्टि की है, जिसमें बताया गया है कि करंट लगने से बाघ की मृत्यु हुई थी। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद, उन्हें घटना स्थल पर ले जाकर मौके का निरीक्षण कराया गया। मौके पर की गई जांच में पाया गया कि आरोपियों ने बाघ के अंगों को चीटीमार तालाब में भी दबा दिया था। वन विभाग की टीम ने तालाब से उन अंगों के साथ-साथ शेष सामान को भी जब्त कर लिया। आरोपियों को न्यायालय ब्यौहारी में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। मामले की जांच अब भी जारी है।
