श्रद्धालुओं ने नर्मदा मंदिर में पूजन-अर्चन, गाजे-बाजे के साथ प्रारंभ की पंचकोशी नर्मदा परिक्रमा

श्रद्धालुओं ने नर्मदा मंदिर में पूजन-अर्चन, गाजे-बाजे के साथ प्रारंभ की पंचकोशी नर्मदा परिक्रमा


अनूपपुर

पवित्र नगरी अमरकंटक में आज गुरुवार, 6 नवंबर 2025 (अगहन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा, भरणी नक्षत्र) को पतित पावनी मां नर्मदा की पांच दिवसीय पंचकोशी नर्मदा परिक्रमा का शुभारंभ हुआ। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के करेली से पहुंचे सैकड़ों भक्त श्रद्धालुओं ने नर्मदा मंदिर में विधिवत पूजन-अर्चन के बाद गाजे-बाजे, भजन-कीर्तन और जयकारों के साथ परिक्रमा यात्रा प्रारंभ की।

यह पंचकोशी नर्मदा परिक्रमा 10 नवंबर 2025 (सोमवार, अगहन कृष्ण पक्ष पंचमी-षष्ठी, पुनर्वसु नक्षत्र) को नर्मदा उद्गम मंदिर में हवन, पूजन-अर्चन, आरती और भंडारे के साथ सम्पन्न होगी। परिक्रमा में लगभग 1000 से अधिक महिला-पुरुष श्रद्धालु भाग ले रहे हैं, जो भक्ति और उत्साह से ओत-प्रोत होकर मां नर्मदा के जयघोष करते हुए यात्रा पर निकले हैं। इस धार्मिक यात्रा में मध्य प्रदेश के अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए हैं।

पंचकोशी परिक्रमा का नेतृत्व पंडित जगदीश तिवारी एवं पंडित विजय कुमार तिवारी कर रहे हैं। इस परिक्रमा यात्रा में कमलेश कहार, घनश्याम लोमवंशी, जगदीश लोमवंशी, दिनेश अग्रवाल, पंडित शिवकुमार तिवारी, रमेश कश्यप, दिनेश कुमार शर्मा, रामरतन नामदेव, खेमचंद, मोहित, संजय अग्रवाल, स्वप्निल अग्रवाल, रामलोचन, रमेश पाठक, वराधार सिंह धाकड़, श्यामलाल पटेल, तुलसीदास सहित अनेक श्रद्धालु शामिल हैं।

यह परिक्रमा परंपरा स्वर्गीय जगदीश प्रसाद तिवारी द्वारा आरंभ की गई थी, जिसे उनके सुपुत्र पंडित शिवकुमार तिवारी पिछले लगभग 25 वर्षों से अनवरत रूप से संचालित कर रहे हैं। परिक्रमा का प्रथम पड़ाव नर्मदा माई की बगिया में हुआ, जहां श्रद्धालुओं ने रात्रि विश्राम और मां नर्मदा का ध्यान-पूजन किया। शुक्रवार को द्वितीय दिवस की शुरुआत स्नान-पूजन और भजन-संकीर्तन से होगी, जिसके उपरांत श्रद्धालु अगले पड़ाव के लिए प्रस्थान करेंगे।

श्रद्धालु इस पांच दिवसीय यात्रा में पैदल ही वन क्षेत्र के उबड़-खाबड़ मार्ग, नदी-नालों को पार करते हुए मां नर्मदा के नाम का जाप करते चलते हैं। परिक्रमा स्थलों पर सीमित सुविधाओं के बावजूद भक्तगण श्रद्धा, भक्ति और अनुशासन के साथ मां नर्मदा की आराधना में लीन रहते हैं।

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