कवयित्री डॉ गीता पाण्डेय अपराजिता द्वारा खण्ड काव्य भक्त राज ध्रुव का किया अलौकिक सृजन
*भक्त राज ध्रुव* (खण्ड काव्य)
भारत की जानी-मानी कवयित्री डॉ गीता पाण्डेय अपराजिता द्वारा खण्ड काव्य भक्त राज ध्रुव का सरल भाव से जो सृजन किया गया है वह अलौकिक है। भक्त सरल स्वभाव के होते हैं और उनका सरल भाव से लेखनी को सशक्त बनाना भक्ति की अपार महिमा को अलंकृत कर पाना सहज नहीं है यह कार्य एक साधना से कम नहीं है. जिसे डॉ गीता पाण्डेय अपराजिता ही कर सकती है ......जो इन पंक्तियों में स्पष्ट रूप से दर्शित है.....
जिस मां ने तुमको जन्म दिया, कष्ट अपार सहा उसने।
जिसकी स्नेहिल ममता से ही, तुमसे विष्णु गए मिलने।।
उक्त पद परम पद को चिन्हित करता है। भक्त राज ध्रुव खण्ड काव्य कवयित्री के लेखन का अमृत कलश है जो मां गंगा व पवित्र सई नदी के तट रायबरेली से प्रकाशित हो सम्पूर्ण विश्व पटल पर आभा बिखेरती हुई ध्रुव तारे सा चमकने का सामर्थ्य रखती है और जो भी इस खण्ड काव्य का रसपान करेगा वह स्वयं धन्य हो जाएगा सिर्फ आवश्यकता है ऐसे भक्ति मार्ग को प्रशस्त करने हेतु इस पौराणिक खण्ड काव्य को अमर बेल सा जन-मानस के मन मस्तिष्क में अंकुरित करना है ऐसा मेरा मानना है।
हम सभी का परम कर्तव्य है कि डॉ गीता पाण्डेय अपराजिता द्वारा रचित खण्ड काव्य भक्त राज ध्रुव को जन - जन तक पहुंचाएं .... भक्त राज ध्रुव कृति अपनी संस्कृति, भाषा व साहित्य को समृद्ध बनाने में प्रेरणादायक सिद्ध होगी।
कवि संगम त्रिपाठी
संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा
जबलपुर मध्यप्रदेश
