ज्वालामुखी मंदिर के मामले में हाई कोर्ट ने सहायक पंजीयक को जांच व दस्तावेज जमा करने के दिए आदेश

ज्वालामुखी मंदिर के मामले में हाई कोर्ट ने सहायक पंजीयक को जांच व दस्तावेज जमा करने के दिए आदेश

*पूर्व अध्यक्ष 18 वर्ष का एक साथ सहायक के पास क्यू जमा कराए मंदिर का दस्तावेज*


शहडोल

जिले के धनपुरी नगर में स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां ज्वालामुखी मंदिर से जुड़े हिन्दू जन जागरण समिति व समिति के द्वारा विगत पिछले वर्षों वर्ष 2007 से वर्ष 2015 के कार्य काल में तत्कालीन समिति के द्वारा विधिविरुद्ध किये गये कार्यों को लेकर है जिसमें हर वर्ष सहायक पंजीयक रीवा के कार्यालय में जमा किये जाने वाले दस्तावेजों से जुड़ा है उक्त वषों में जमा किया गया, पूरा दस्तावेज धारा 27 व 28 की जानकारी मनगढ़ंत व भ्रामक है, महेंद्र सिंह पवार ने जव उक्त वषों का लेखा जोखा मांगा तो विवाद शुरू हो गया।

सोसायटी एक्ट के तहत, समिति को हर वर्ष रजिस्ट्रार कार्यालय रीवा में धारा 27 व 28 की जानकारी चार्टेड एकाउंटेंट से आडिट करवा कर जमा करना चाहिए ,हर वर्ष रजिस्ट्रार के यहां वर्ष 2007 से लेकर वर्ष 2010 तक उसके बाद वर्ष 2010 से लेकर वर्ष 2015, तक जानकारी जमा क्यों नहीं किया गया।

महेंद्र सिंह पवार के  (दिनांक -09 सितम्बर 2022) अध्यक्ष बनने और महेंद्र सिंह द्वारा समिति के दस्तावेज, रिकार्ड मांगने पर निवृत मान अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह ने तो जो उनके पास रिकॉर्ड और चार्टेड एकाउंटेंट से आडिट करवाये, दस्तावेज महेंद्र सिंह को दे दिया गया और बताया गया कि बाकी दस्तावेज और रिकॉर्ड पूर्व अध्यक्ष के पास है, उक्त दस्तावेज पूर्व अध्यक्ष से लेने को कहा। परन्तु वर्ष 2007 से लेकर वर्ष 2015 तक का कोई भी रिकॉर्ड और पुष्पेन्द्र सिंह के भी कोई रिकॉर्ड और दस्तावेज किसी भी पूर्व अध्यक्ष ने महेंद्र सिंह को नहीं दिया, रिकॉर्ड और दस्तावेज देने में टालमटोल करते रहे,और समिति को लेकर विवाद पैदा करने लगे। 

अचानक पूर्व अध्यक्ष द्वारा-20 अक्टूबर 2022 को पन्द्रह वर्ष का रिकॉर्ड और बिना चार्टेड एकाउंटेंट से आडिट करवाये विना वर्ष 2007 से लेकर वर्ष 2019 तक का बनावटी आडिट रिपोर्ट और वर्ष 2007 से लेकर वर्ष 2022 और वर्ष 2022 से वर्ष 2025 तक का स्वयं को अध्यक्ष बनकर रिकार्ड रीवा में जमा करवा दिया गया,सवाल यह है कि हर साल जो रिकार्ड और दस्तावेज रीवा में जमा करवाना चाहिए क्यों जमा नहीं करवाया गया , महेंद्र सिंह द्वारा रिकार्ड और दस्तावेज मांगे जाने पर महेंद्र सिंह और जनता को रिकॉर्ड और दस्तावेज दिखाया क्यों नहीं गया, महेंद्र सिंह पवार के अध्यक्ष बनने और उनके द्वारा रिकार्ड और दस्तावेज मांगने पर अचानक सहायक पंजीयक रीवा के कार्यालय में एक मुश्त अठारह साल (18)का रिकॉर्ड क्यों जमा कर आये।

बहरहाल अब देखना यह है कि जांच में सच्चाई कब तक आती हैं और अठारह साल कि बनावटी रिकॉर्ड और बनावटी आडिट रिपोर्ट (चार्टेड एकाउंटेंट से आडिट करवाये बिना) जमा करने वालों पर सहायक पंजीयक( फर्म्स एवं संस्थाएं ) रीवा द्वारा क्या कार्यवाही सुनिश्चित किया जाता है, क्योंकि पूर्व अध्यक्ष द्वारा दिनांक 20 अक्टूबर 2022 को जो धारा 27 व 28 की जानकारी रीवा में जमा किया गया है, उसमें लाखों रुपया का आय व्यय और धारा 27 के तहत जमा किया गया, रिकॉर्ड कुछ और कह रहा है और समिति का खाता और लॉकर जिस बैंक में संचालित है, उन बैंकों के द्वारा दिया गया जानकारी कुछ और है, बैंकों ने जो जानकारी दिया है, वह धनपुरी की जनता ही नहीं मन्दिर से जुड़ा हर व्यक्ति जानता है कि वर्ष 2007 से वर्ष 2022 तक समिति का अध्यक्ष,सचिव और कोषाध्यक्ष कौन कौन रहा है, यही सच्चाई बैंक भी बता रहा है, परन्तु सच्चाई को छिपा कर, बनावटी जानकारी रीवा में जमा किया गया है।

हिसाब-किताब न देना पड़े इसलिए महेंद्र सिंह को मां ज्वालामुखी मंदिर में घेर कर मारपीट लड़ाई झगड़ा किया, पुलिस को फोन करने और पुलिस के पहुंचने पर,थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। महेंद्र ने कहा की धमकाने मारपीट, लड़ाई झगड़ें से डरने वाला नहीं हूं, सच्चाई को जनता के सामने लाने के लिए,और समिती व मन्दिर में गलत कार्य करने वालो को न्याय मिलने तक छोड़ूंगा नहीं, उसके लिए मुझे चौथी बार भी उच्च न्यायालय जबलपुर में जाना पड़ा तो जाऊंगा,यह निर्णय हिन्दू जन जागरण समिति धनपुरी ने एक मत से लिया है। उपरोक्त प्रकरण में उच्च न्यायालय जबलपुर ने जांच हेतु आदेशित किया है, उसी परिपेक्ष्य में सहायक पंजीयक ने दिनांक 27 अक्टूबर 2025 को जांच और दस्तावेज जमा करने का आदेश दिया है।

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