लोक आस्था का महापर्व छठ, अस्ताचलगामी सूर्य को दिया पहला अर्घ्य, श्रद्धा में डूबा कोयलांचल

लोक आस्था का महापर्व छठ, अस्ताचलगामी सूर्य को दिया पहला अर्घ्य, श्रद्धा में डूबा कोयलांचल  

*​36 घंटे का निर्जला उपवास*


अनूपपुर 

जिले के कोतमा में लोक आस्था का महापर्व छठ आज अपने तीसरे और सबसे महत्वपूर्ण दिन, 'संध्या अर्घ्य' के साथ पूरे कोयलांचल क्षेत्र में श्रद्धा और भक्ति के शिखर पर पहुँच गया है। कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि पर आज व्रतधारी (छठव्रती) डूबते हुए सूर्य देव को पहला अर्घ्य अर्पित किए, जिसके लिए सभी छठ घाटों पर तैयारियां पूरी हो चुकी थी और लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े।

नहाय-खाय (25 अक्टूबर) और खरना (26 अक्टूबर) के बाद, आज छठव्रतियों का 36 घंटे का कठिन निर्जला उपवास जारी है। इस दौरान व्रतधारी पूर्ण पवित्रता और आत्मसंयम के साथ छठी मैया और भगवान सूर्य की आराधना में लीन रहे। घाटों पर छठ के पारंपरिक लोकगीत गूंजते रहे, जिससे पूरे वातावरण में एक अद्भुत और अलौकिक ऊर्जा का संचार हुआ।

​घाटों पर दिखा आस्था का सैलाब कोतमा, बिजुरी, भालूमाड़ा जमुना कॉलरी  सहित समूचे कोयलांचल क्षेत्र के प्रमुख छठ घाटों, जैसे केवई नदी तट, शिव सागर धाम कोतमा वार्ड क्रमांक पांच, बिजुरी सूर्य देव मंदिर देवी तालाब वार्ड क्रमांक 9 और विभिन्न तालाबों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया था। स्थानीय पूजा समितियों और प्रशासन ने मिलकर घाटों की साफ-सफाई, सुरक्षा व्यवस्था, और व्रतियों के लिए रास्ते को सुगम बनाने का कार्य युद्धस्तर पर किया था। सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई है और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए गोताखोरों व चिकित्सा दल को भी अलर्ट पर रखा गया था।

​शाम सूर्यास्त के समय (क्षेत्रानुसार लगभग 05:15 बजे से 05:30 बजे तक), छठव्रती नदी या तालाब के पवित्र जल में खड़े होकर, बांस के सूप (दौरा) में फल, ठेकुआ, गन्ना, नारियल, और अन्य पारंपरिक प्रसाद रखकर भगवान भास्कर को दूध और जल से अर्घ्य देंगे। यह अर्घ्य सूर्य देव के प्रति आभार प्रकट करने और संतान की सुख-समृद्धि व दीर्घायु की कामना के लिए अर्घ्य दिया गया।

​प्रशासनिक व्यवस्था चाक-चौबंद नगर पालिका परिषद कोतमा अध्यक्ष अजय सराफ, नगर पालिका परिषद पसान अध्यक्ष राम अवध सिंह, नगर पालिका परिषद बिजुरी अध्यक्ष सहबिन पनिका, मुख्य नगर पालिका अधिकारी कोतमा प्रदीप झरिया बिजुरी पवन साहू पसान शशांक आर्मी ने श्रद्धालुओं से घाटों पर विशेष सावधानी बरतने और प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करने की अपील की थी। कोतमा में मुन्ना तिवारी द्वारा अपने परिजनों के साथ शिव सागर धाम में पहुंचकर छठ पर्व का पूजा अर्चना किया,विशेष रूप से गहरे पानी में जाने से बचने और बच्चों पर नज़र रखने के निर्देश दिए गए थे।

छठ महापर्व का समापन आज मंगलवार 28 अक्टूबर 2025 को उदयमान सूर्य (उषा अर्घ्य) को अर्घ्य देने के साथ होगा। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे के अपने कठोर व्रत का पारण करेंगे, जिसके बाद यह चार दिवसीय अनुष्ठान पूर्ण होगा।

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