इंजीनियरों की हड़ताल, पंचायत मे मनरेगा का काम प्रभावित, ग्रामीणों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ
उमरिया
प्रदेश भर मे चल रहे मनरेगा इंजीनियरों के आंदोलन का असर जिले के विकास कार्यो पर भी पडा है। बीते 70 दिन से जारी हडताल के कारण जहां निर्माण और विकास कार्य पूरी तरह ठप्प हैं वहीं ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। उल्लेखनीय है कि विगत 16 अगस्त से मनरेगा उपयंत्री संघ के आहवान पर इंजीनियरों ने काम करना बंद कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि हड़ताल की वजह से जिले की अधिकांश ग्राम पंचायतों मे विकास कार्य पूरी तरह ठप हो गए हैं। मनरेगा के तहत चल रहे तालाब निर्माण, सड़क मरम्मत, नाली निर्माण और अन्य सार्वजनिक कार्य बंद पड़े हैं। इससे न केवल ग्रामीण विकास कार्यों की रफ्तार थम गई है, बल्कि ग्रामीणों तक सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं पहुंच पा रहा है। वहीं मजदूरों को समय पर भुगतान न मिलने से कई गांवों में पलायन की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
दूसरी ओर इंजीनियरों का कहना है कि वे संविदा नीति 2023 के क्रियान्वयन, नियमितीकरण, वेतन विसंगति दूर करने, अनुकंपा नियुक्ति, पदोन्नति और ग्रेच्युटी जैसे मुद्दों को लेकर लंबे समय से आवाज उठा रहे हैं। यह नीति 22 जुलाई 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा लागू की गई थी, जिसका लाभ अन्य विभागों को मिल चुका है, लेकिन मनरेगा इंजीनियर अब भी इससे वंचित हैं। सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस पहल न करने के कारण अब तक हड़ताल जारी है। इंजीनियरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, वे आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।
