69वीं राज्य स्तरीय शालेय प्रतियोगिता का अमरकंटक में आगाज़, तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा क्रीड़ा परिसर
अनूपपुर
नर्मदा की पावन धरा पर अमरकंटक में एक नया इतिहास रचा गया। जिला शिक्षा विभाग अनूपपुर के तत्वावधान में 69वीं राज्य स्तरीय शालेय सेपक टाकरा प्रतियोगिता का शुभारंभ बालक/कन्या क्रीड़ा परिसर, अमरकंटक में बड़े ही हर्षोल्लास और भव्यता के साथ हुआ। यह प्रतियोगिता आगामी 8 से 11 अक्टूबर तक चलेगी, जिसमें प्रदेश भर से प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएँ अपनी खेल क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
राज्य के शहडोल, उज्जैन, सागर, जबलपुर, जनजातीय, ग्वालियर और इंदौर सहित विभिन्न संभागों से आए 240 खिलाड़ी मैदान में अपनी प्रतिभा आजमाने उतरे हैं। खिलाड़ियों के जोश और अनुशासन ने पूरे परिसर का वातावरण खेलमय और ऊर्जावान बना दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। इसके उपरांत अतिथियों का स्वागत पुष्पमालाओं और बैज से किया गया। स्वागत गीत की मधुर प्रस्तुति पीएम श्री स्कूल, अमरकंटक की छात्राओं ने दी, जिसने पूरे आयोजन को उत्साह और उल्लास से भर दिया।
संबोधन में विधायक ने कहा की “खेल केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि अनुशासन, एकता और संघर्ष की जीवंत पाठशाला हैं। हमें सदैव निष्पक्ष भाव से खेलना चाहिए और अपनी श्रेष्ठता पूरे मनोयोग से प्रदर्शित करनी चाहिए।” उन्होंने सभी प्रतिभागियों को सफलता और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। उद्घाटन मैच शहडोल संभाग और जनजातीय संभाग के बीच खेला गया। तीन राउंड तक चले इस कड़े और रोमांचक संघर्ष में अंततः जनजातीय संभाग ने 15/13 से जीत दर्ज कर प्रतियोगिता का शुभारंभ विजयी अंदाज़ में किया।
सेपक टाकरा, जिसे बुका बॉल, किक वॉलीबॉल या फुट वॉलीबॉल भी कहा जाता है, दक्षिण-पूर्व एशिया का लोकप्रिय खेल है। यह बैडमिंटन कोर्ट जैसे मैदान पर खेला जाता है, जिसमें खिलाड़ी गेंद को पैरों, घुटनों, छाती, कंधों और सिर की सहायता से जाल के पार भेजते हैं। इसे वॉलीबॉल और फुटबॉल का अनोखा संगम माना जाता है, जिसमें फुर्ती, ताकत और सामंजस्य की असाधारण आवश्यकता होती है।