रामनारायण मिश्रा ने 2 हजार किमी दूर जाकर अस्पताल में भर्ती घायल परिवार की मदद
शहडोल
अपने काम और अपने स्वयं के नाम से जाने वाले भारतीय भारतीय मानव अधिकार सहकार ट्रस्ट में दूसरी बार के जिला अध्यक्ष व भाजपा मंडल गोहपारू के पूर्व मंडल अध्यक्ष रामनारायण मिश्रा ने एक बार फिर मांनवता की मिसाल पेश की है, जहां उन्होंने अपने निवास से लगभग 2000 किलोमीटर दूर बेंगलुरु पहुंचकर एक बार फिर से आदिवासी गरीब परिवार जो जिंदगी और मौत के बीच में जूझ रही आदिवासी परिवार की 25 वर्षीय पीड़ित महिला प्रीति सिंह गौड़ की केवल आर्थिक मदद की और परिवार के साथ परिवार की तरह साथ में खड़े रहकर संकट की घड़ी में परिवार को ढांढस बंधाया।
शहडोल जिले अंतर्गत ग्राम धोनहा निवासी रामनाथ सिंहगोंड की 24 वर्षीय पुत्री को उसके पति ने बेंगलुरु में किराए के मकान में आपसी लड़ाई मे पति ने डंडे से सर पर गंभीर चोट की, जिससे रामनाथ सिंह की पुत्री प्रीतिसिंह गोंड उम्र 24 वर्ष गंभीर अवस्था में घायल हो गई और कोमा में चली गईं, आनन फानन में अगल-बगल के लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया जहां पुलिस की सूचना उपरांत पीड़िता के आरोपी पति छोटेलालसिंह गोंड को पिनिया थाना बेंगलुरु की पुलिस ने आरोपी को गंभीर धाराओं में जेल भेज दिया, पीड़िता अपने पति के साथ काम करने बेंगलुरु गई हुई थी, वहां उसके साथ उसका एक 5 वर्ष का बेटा राकेश तथा एक 6 वर्ष की पुत्री कु अंशिका सिंह के अलावा देखभाल के लिए कोई नहीं था, पीड़ित परिवार के पास ना तो वहां पहुंचने के लिए पास में पैसे थे और ना ही पहुंचने का कोई साधन तब भारतीय मानव अधिकार सहकार के ट्रस्ट के जिला अध्यक्ष रामनारायण मिश्रा ने परिवार के पिता रामनाथ सिंह के साथ बेंगलुरु पहुंचकर पीड़िता को प्राइवेट संजीवनी अस्पताल में भर्ती कराया, परिवार की आर्थिक सहायता की, मगर अभी तक प्रीति सिंह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है, जहा उसकी हालत नाजुक बनी हुई है, लेकिन एक बार फिर रामनारायण मिश्रा ने पीड़ित परिवार की मदद कर समाज को एक सुखद संदेश देने का कार्य किया है और सभी समाज के वर्गो इस तरह के कार्यों में आगे आने का आग्रह भी किया है।