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"नदी को जानो"  ‘मां नर्मदा संवाद, एक साधना, एक जागरण’ विषय पर एक दिवसीय संत व्याख्यान उत्सव संपन्न

अनूपपुर

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के योग विभाग में आज प्रातः 10 बजे मां नर्मदा संवाद एक साधना, एक जागरण विषय पर एक दिवसीय संत व्याख्यान उत्सव सिद्ध महायोगी संत श्री दादा गुरु भगवान के पावन सानिध्य में उत्साह एवं गरिमा के साथ आयोजित किया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. व्योमकेश त्रिपाठी, प्रो. खेम सिंह डेहरिया, प्रो. विकास सिंह, डॉ. अशोक भास्कर, सहित विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

मां की सेवा ही सच्ची साधना संत दादा गुरु भगवान मुख्य अतिथि संत दादा गुरु भगवान ने अपने आशीर्वचन में कहा की नदी को जानो, क्योंकि मां नर्मदा केवल जल नहीं, जीवन का सार हैं। जैसे मां अपने आंचल में बच्चों का पालन करती है, वैसे ही मां नर्मदा संपूर्ण सृष्टि का पोषण करती हैं। मां की सेवा ही सच्ची साधना है। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में मां नर्मदांचल का नाम विश्व पटल पर गर्व के साथ लिया जाएगा। संत श्री के इन वचनों ने उपस्थित जनों को गहराई से प्रभावित किया।

संवाद में शामिल हुए विद्यार्थी और अधिकारी विश्वविद्यालय के सैकड़ों विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। विभिन्न विभागों के शिक्षकों और अधिकारियों ने “नदी और मानव का संबंध” विषय पर अपने विचार भी साझा किए। कार्यक्रम का उद्देश्य नदी संरक्षण, पर्यावरण चेतना और सांस्कृतिक जागरण को जन-जन तक पहुँचाना रहा।

संत का स्वागत और मंच संचालन संत दादा गुरु भगवान का स्वागत  कुलपति प्रो. व्योमकेश त्रिपाठी, प्रो. खेम सिंह डेहरिया, प्रो. विकास सिंह और डॉ. अशोक भास्कर द्वारा शाल-श्रीफल एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. कुंज बिहारी सुलखिया ने अत्यंत प्रभावशाली ढंग से किया।

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