खाद की कालाबाजारी और अवैध परिवहन पर फर्मासिस्ट और गोदाम प्रभारी को कलेक्टर ने किया निलंबित
*अमरपाटन तहसील, रामनगर ब्लॉक, मैहर के किसानों को ऋण पुस्तिका के आधार पर यूरिया बेच दी*
शहडोल
जिले में खाद की कालाबाजारी और अवैध परिवहन को लेकर प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए दो जिम्मेदार कर्मचारियों पर गाज गिरा दी है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ. केदार सिंह ने खाद की कालाबाजारी के मामले में तत्काल प्रभाव से फर्मासिस्ट वरुण सिंह और विपणन संघ गोदाम प्रभारी केशरी प्रसाद पटेल को निलंबित कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, 15 सितंबर 2025 को दूरभाष पर सूचना मिली कि एक पिकअप वाहन में अवैध रूप से खाद का परिवहन किया जा रहा है। मौके पर रोके गए वाहन से 69 बोरी यूरिया बरामद हुई। पूछताछ में सामने आया कि यह खाद मध्यप्रदेश राज्य विपणन संघ, शाखा ब्यौहारी (मंटोला, डबल लॉक) से निकाली गई थी और इसे मैहर जिले ले जाया जा रहा था।
प्राथमिक जांच के दौरान यह भी पाया गया कि शासकीय सिविल अस्पताल ब्यौहारी के फर्मासिस्ट वरुण सिंह मौके पर पहुंचे और जप्ती की कार्रवाई में अवरोध पैदा किया। आरोप है कि उन्होंने खाद का अवैध भंडारण कर सतना जिले में भेजने का प्रयास किया और प्रशासनिक कार्रवाई में बाधा डाली। इस अनुशासनहीनता और कालाबाजारी में संलिप्तता पर कलेक्टर ने उन्हें निलंबित कर जिला चिकित्सालय शहडोल में मुख्यालय निर्धारित कर दिया है।
इसी मामले में विपणन संघ गोदाम प्रभारी केशरी प्रसाद पटेल की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई। जांच में स्पष्ट हुआ कि उन्होंने शहडोल जिले के किसानों को खाद उपलब्ध कराने की बजाय अमरपाटन तहसील (रामनगर ब्लॉक, जिला मैहर) के किसानों को ऋण पुस्तिका के आधार पर यूरिया बेच दी। इस लापरवाही के चलते जिले के किसान घंटों लाइन में लगे रहे और खाद के अभाव में परेशान होते रहे। प्रशासन ने इसे गंभीर अनियमितता मानते हुए श्री पटेल को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनके मुख्यालय को सहकारी विपणन संघ मर्यादित शहडोल नियत कर दिया। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार, निलंबन अवधि में दोनों को केवल जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा।
प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि खाद की कालाबाजारी और किसानों के साथ छल करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। किसानों के हितों की अनदेखी करने वाले अधिकारी-कर्मचारी अब कठोर कार्रवाई के दायरे में आएंगे।