राष्ट्रीय उद्यान के भविष्य में चल रही है कुल्हाड़ी अवैध कटाई, हजारों सागौन के वृक्ष ठूंठों में तब्दील

राष्ट्रीय उद्यान के भविष्य में चल रही है कुल्हाड़ी अवैध कटाई, हजारों सागौन के वृक्ष ठूंठों में तब्दील 

*अवैध रेत भरा ट्रैक्टर छोड़ा*


उमरिया

प्रसिद्ध बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के धमोखर वन परिक्षेत्र के रायपुर में जिस तरह कुल्हाड़ी चलाकर वनों का दोहन किया जा रहा है , जिससे राष्ट्रीय उद्यान के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं । बताया जाता है कि  धमोखर वन परिक्षेत्र के रायपुर वीट के सगमनिहा पटपरिहा,घिनौंचीहा जो कुदरी से लगे वन क्षेत्र में सागौन और साल के हजारों वृक्ष आज ठूंठ में तब्दील हो गई है ।

विदित होवे की राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ में अभी हाल में ही पिहरी निकालने गये लोगों के ऊपर राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ के अधिकारियों ने कार्यवाही कर आम लोगों पर शिकंजा कसा था ,जिसको लेकर बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन की काफी किरकिरी भी हुई है, वही पर दूसरी ओर राष्ट्रीय उद्यान धमोखर वन परिक्षेत्र के रायपुर में जिस तरह से हजारो सागौन और साल के वृक्षों की अवैध कटाई की गयी है , जो की राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों - कर्मचारियों के मिली भगत के संभंव नही हो सकती है। वनो की जिस तरह से अवैध वन कटाई का सिलसिला जारी है, जिससे वन विभाग के राष्ट्रीय उद्यान के कतिपय अधिकारियों की कार्य शैली पर तीखे सवाल खड़ी कर रही है । बताया जाता है की राष्ट्रीय उद्यान के कतिपय अधिकारियों ने एक तरफ कार्यवाही का हौवा खडा करते हैं ,वही दुसरी ओर राष्ट्रीय उद्यान की परिधि में बेतहाशा इमारती वृक्षों की कटाई की जा रही है।

धमोखर वन परिक्षेत्र में  जमे दशकों से मातहत अधिकारियों ने राष्ट्रीय उद्यान में लगायें गये सागौन की नर्सरी जो लगायी गयी थी, जिसमें से हजारों वृक्षों को कत्लेआम कर दिया गया है । बताया जाता है की इस क्षेत्र में लगभग एक दशक से ज्यादा समय से पदस्थ वनपाल जिनकी कार्यशैली सदैव विवादों में रही है और जिन्होंने वन तस्करों से सांठगांठ करके राष्ट्रीय उद्यान के बहु मूल्य वन संपदा को बेचने में उतारु है । जिस तरह से धमोखर वन परिक्षेत्र में अवैध सागौन और साल के वृक्षों की कटाई हुई है, निस्संदेह यह गंभीर मामला है और इसकी सूक्ष्मतम जांच कर दोषियों के विरूद्ध जांच कर कार्यवाही करने की अपेक्षा की गयी है।

*चेचरिया में रेत भरा ट्रेक्टर पकड़ा, फिर छोडा*

विदित होवे की राष्ट्रीय उद्यान से जुड़े चेचरिया में पिछले दिनों रेत से भरा एक ट्रेक्टर पिछले दिनों पकड़ कर चेचरिया चौकी में लाकर दो दिनों तक खडा कर के रखा गया था, फिर दो दिनों के बाद ट्रेक्टर को वन चौकी से छोड़ दिया गया । यह मामला चर्चाओं में शुमार है । बताया जाता है कि यह पर पदस्थ वन उपपाल इस मामले को ले देकर रफा दफा कर दिया गया है । इस तरह से देखा जाए तो वन विभाग के अधिकारी वन संपदा को निजी जागीर मानकर खुर्द बुर्द करने में तुले हुए हैं।

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