मूलभूत सुविधाओं से वंचित, लापरवाही व भ्रष्टाचार के खिलाफ पत्रकार व ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
*समस्याओं के त्वरित निराकरण की मांग*
अनूपपुर
स्वतंत्रता के 76 वर्ष बाद भी अनूपपुर जिला मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। जिले में प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते आमजन परेशान हैं। पत्रकार व ग्रामवासियों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के त्वरित समाधान की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि जिला पुलिस प्रशासन पत्रकारों के साथ असहयोग कर रहा है, जबकि पत्रकार शासन की योजनाओं को जनता तक पहुँचाने का कार्य करते हैं। वहीं दूसरी ओर जिले में अपंजीकृत ठेकेदारों और मिस्त्रियों का आतंक फैला हुआ है। ये ठेकेदार भवन निर्माण में लापरवाही कर मकान मालिकों को धमकाते हैं और आजाक थाना का भय दिखाकर मोटी रकम की मांग करते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि एएसआई अजीत सिंह द्वारा भी दबाव बनाकर समझौते के लिए फोन किया जाता है। तथा ठेकेदार और अजीत सिंह की बात न मानने पर मुकदमा दायर करने की बात की जाती है। ग्राम पंचायत पड़रिया, चोई और धनगवां में आज तक बिजली की सुविधा नहीं पहुँच पाई है। वार्ड क्रमांक 04 के मुख्य मार्ग पर 25 आवास और 200 मतदाता आज भी अंधेरे में जीवन यापन कर रहे हैं। बिजली व प्रकाश की व्यवस्था न होने से कई बार सांप के काटने जैसी घटनाएँ हो चुकी हैं। हाल ही में 19 वर्षीय कंचन चौधरी सर्पदंश की शिकार हो चुकी है और वह जिला अस्पताल में भर्ती है। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदारों द्वारा बिजली के खम्भे सड़कों किनारे रख दिए गए हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई आदेश न मिलने के कारण कार्य अधर में लटका हुआ है। इससे लोगों में आक्रोश है। इसी के साथ जिले में निजी माइक्रोफाइनेंस कंपनियों और उनके दलालों का आतंक भी चरम पर है। ग्रामीणों का कहना है कि ये कंपनियां भोले-भाले लोगों को 10-12 जगह से कर्ज दिलाकर कर्ज के जाल में फंसा रही हैं। कई जगह दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर रिश्तों में गड़बड़ी तक कर दी गई है। राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार इस कर्ज के दबाव में 617 महिलाएँ जान गंवा चुकी हैं। पत्रकार व ग्रामीणों ने शासन से आग्रह किया है कि वे समस्याओं का शीघ्र निराकरण कर आमजन को राहत पहुँचाएँ।