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पुलिस की बड़ी कार्यवाही, 28 पेटी 290 लीटर अवैध शराब जप्त, आरोपी हुआ फरार कार जप्त
अनूपपुर
जिले के थाना कोतमा में अवैध शराब बेचने, परिवहन करने, नशे एवं अन्य अवैध गतिविधियों का संचालन करने वालों के विरूध्द अभियान चलाकर कार्यवाहियां की जा रही है। मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई की एक कत्थे रंग की टाटा सफारी गाड़ी में बुढार तरफ से भारी मात्रा में अवैध शराब लाई जा रही है। सूचना प्राप्त होने पर तत्काल पुलिस टीम द्वारा अलग-अलग पुलिस टीमें गठित कर नाकाबन्दी की गई ।रात करीबन 12.20 बजे एक कत्थे रंग की टाटा सफारी गाड़ी काफी तेज रफ्तार से फुनगा तरफ से आते हुई दिखी जो सिंह ढाबा के पास पुलिस द्वारा रोकने पर नही रूकी। जो उक्त वाहन का पीछा करने पर ड्राइवर द्वारा उक्त वाहन को बड़ी तेजी से चलाते हुए शुक्ला ढाबा से हाइवे से अंदर मोड़ कर लहसुई कैम्प स्टेडियम के पास से आयुष्मान आरोग्य केन्द के पास रेलवे पटरी के किनारे कच्चे रास्ते से ड्रायवर द्वारा गाड़ी को चाबी लगी हुई छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाकर झाड़ियों के बीच से भागते हुए चालक फरार हो गया। टाटा सफारी गाड़ी की तलाशी लेने पर गाड़ी क्र0 एमपी 09 सीटी 2995 में पीछे व बीच वाली सीट में खाकी रंग के कार्टूनों मे कुल 28 पेटी अंग्रेजी शराब जिन्हे बाहर निकाल कर अलग- अलग मुआयना किया गया। जिसमे अवैध शराब कुल 289.2 लीटर जो कीमती कुल 175064 ( 1 लाख 75 हजार 64 रुपया ) की एवं एक कत्थे रंग की टाटा सफारी क्र. MP-09 CT-2995 जिस पर अवैध शराब का परिवहन किया जा रहा था, जिसे मौके से जप्त किया गया है जिसकी अनुमानित कीमत करीबन 12 लाख रुपए है। फरार चालक के विरूध्द आबकारी एक्ट की धारा 34(2) के तहत अपराध पंजीबध्द किया गया है । शीघ्र फरार आरोपी चालक तथा शराब परिवहन कराने वाले आरोपियों की पता तलाश कर गिऱफ्तारी सुनिश्चित की जावेगी ।
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7 नग बकरी चोरी, आरोपियो को पुलिस ने किया गिरफ्तार, चोरी के लिए उपयोग की गई कार जप्त
जिले के पुलिस चौकी सरई थाना करनपठार के द्वारा बकरी चोरी करते कार क्रमांक MP 18 C 8278 मे लोड 07 नग बकरी चोरी कर ले जाते वक्त पकडे जाने पर आरोपीगणो के विरूद्ध अपराध धारा – 303(2), 3(5) बी. एन. एस. का कायम कर विवेचना में लिया गया।
ईश्वर यादव पिता उमा प्रसाद यादव उम्र 45 वर्ष निवासी पथखई थाना सिंहपुर जिला शहडोल का चौकी सरई में रिपोर्ट दर्ज कराया कि 07 सितंबर 2025 को सुबह 08.00 बजे अपने साथी लखन सिंह के साथ 20 नग बकरी, बकरा के चराने के लिये ग्राम अहिरगंवा के जंगल तरफ ले कर गया था, बकरी बकरा जंगल में चर रहे थे, बकरी, बकरा की आवाज सुनाई दी, तब मैं तथा मेरे साथी लखन सिंह दौडकर जाकर देखे तो मेरे 20 बकरी, बकरा मे से 13 नग ही थे, 02 बकरा तथा 05 बकरी नही थे, हम लोग दोनो जंगल मे ढूढे पता तलाश कियें कोई पता नही चला, मुझे लगा कि कोई अज्ञात चोर मेरी बकरी, बकरा 07 नग कीमती करीबन 50,000/- रू, का चोरी कर ले गया है । सुबह 09-10 बजे के बीच अहिरगंवा के आस पास एक सफेद रंग के कार जिसका नम्बर MP 18 C8278 में कुछ लोग बैठकर बार बार आना जाना कर रहे थे, मुझे शक है कि उक्त कार वाले ही मेरी बकरी बकरा चोरी कर ले गये होंगे, घटना की बात चौकी सरई में आकर सूचना दर्ज कराया, उक्त रिपोर्ट पर चौकी सरई में अपराध धारा सदर 303(2), 3(5) बी. एन. एस. का कायम किया जाकर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आरोपीगण शिराज खान पिता मिराज खान उम्र 42 वर्ष पुलिस लाईन शहडोल, अफजल अंसारी पिता फरीद अंसारी उम्र 21 वर्ष पुरानी बस्ती शहडोल, सलमान साह पिता सलीम साह उम्र 32 वर्ष वार्ड नं. 27 शहडोल, संतोष ठाकुर पिता शारदा प्रसाद ठाकुर उम्र 37 वर्ष हास्पिटल के पास शङडोल के कब्जे से कार MP 18 C8278 कीमती करीबन 5 लाख रू. एवं बकरी कीमती 50 हजार रू. की आरोपी गणो के कब्जे जप्त कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
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शासकीय भूमि पर अतिक्रमण, सरपंच ने कई बार कलेक्टर से की शिकायत, नही हुई कार्यवाही
*पटवारी का संरक्षण, रात में होता हैं निर्माण करने का कार्य*
अनूपपुर
तहसील अनूपपुर के ग्राम फुनगा में शासकीय भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे को लेकर ग्राम पंचायत की सरपंच रेखा सिंह बार-बार कलेक्टर को शिकायत पत्र सौंपा गया था। परंतु कलेक्टर को बार-बार शिकायत के बाद भी शासकीय भूमि अतिक्रमण करने वाले के ऊपर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है।
पहले की स्थिति में निर्माण कार्य खुले में चल रहा था इसके बाद हल्का पटवारी ने जाकर ज्ञान दे दिया की खुले में बनाओगे तो ग्रामीण देखेंगे और फिर शिकायत करेंगे नेट लगाकर रात में निर्माण करोगे तो कोई नहीं देख पाएगा और पूरा कब्जा कर लोगे।
शिकायत के अनुसार फुनगा स्थित आराजी खसरा क्रमांक 452/1 रकबा 0.607 हे. (लगभग डेढ़ एकड़) शासकीय भूमि में से करीब एक एकड़ भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर लिया गया है, जबकि शेष भूमि पर मकान निर्माण सामग्री का भंडारण कर निर्माण कार्य की तैयारी की जा रही है।
बताया गया है कि इस संबंध में दिनांक 18 अगस्त को नायब तहसीलदार कौशलेन्द्र मिश्र को सूचना देकर अवैध निर्माण कार्य रोकने की मांग की गई थी, परंतु मौके पर पहुँचे पटवारी दीनदयाल टांडिया द्वारा न तो कोई कार्रवाई की गई और न ही अतिक्रमणकर्ताओं को रोका गया।
सरपंच श्रीमती रेखा सिंह ने कलेक्टर से आग्रह किया है कि ग्राम फुनगा की शासकीय भूमि आराजी खसरा क्रमांक 452/1 की सम्पूर्ण भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराने की तथा दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो परंतु यहां तो सिर्फ पैसा दो और अतिक्रमण करो वाला अभियान चल रहा है
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जैन नमकीन का गोरखधंधा, मैन्युफैक्करिंग, एक्सपायरी डेट न बिल, फैक्ट्री में गंदगी के बीच हो रही पैकिंग
*जनता को परोसी जा रही हैं बीमारी, स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़, खाद्य विभाग नतमस्तक*
अनूपपुर
जिले के कोतमा में जैन नमकीन का काला सच लगातार बेनकाब हो रहा है, पहले बिना मैन्युफैक्करिंग और एक्सपायरी डेट के उत्पाद बेचकर लोगों की सेहत से खिलवाड़, फिर खुलेआम विभाग को मैनेज करने की डींगे, और अब फैक्टरी की गंदगी व बिना बिल कारोबार का खुलासा.. सवाल ये है कि कार्रवाई कब होगी? क्या जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदकर बैठे रहेंगे या जनता की थाली में जहर परोसने वालों पर शिकंजा कसेंगे।
अनूपपुर
जैन नमकीन पर लग रही खबरें जैसे-जैसे सामने आ रही हैं, वैसे-वैसे इसका असली चेहरा उजागर होता जा रहा है, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मालिक अंशु जैन खुलेआम कहते फिरते हैं कि विभागीय अधिकारी महीने की रकम खाकर चुप रहते हैं, कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। यही नहीं, फैक्टरी के आस-पड़ोस में रहने वालों ने बड़ा खुलासा किया है कि यहां साफ-सफाई का कोई ध्यान नहीं, गंदगी का अंबार लगा रहता है, उनका कहना है कि जो भी व्यक्ति फैक्टरी में एक बार उत्पाद बनते देख ले, वह जिंदगी भर इनका सामान इस्तेमाल नहीं करेगा। इसके अलावा फुटकर विक्रेता भी बता रहे हैं कि आज तक किसी को पक्का बिल नहीं दिया गया, बस वाट्सएप पर हिसाब और मोबाइल से पेमेंट का खेल चलता है। सवाल बड़ा है कि कलेक्टर के निर्देशों के बावजूद अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई, क्या सचमुच अंशु जैन की डींगे सही हैं कि अधिकारी बिके हुए हैं।
*जैन नमकीन बिना बिल का धंधा*
फुटकर विक्रेताओं ने भी चौंकाने वाला खुलासा किया है उन्होंने बताया कि जैन नमकीन कभी भी किसी को पक्का बिल नहीं देता न जीएसटी, न टैक्स, न किसी भी तरह की लिखित रसीद। पूरा हिसाब-किताब सिर्फ वाट्सएप पर लिखकर दिया जाता है और पेमेंट भी मोबाइल ट्रांजैक्शन के जरिए होता है यानी सरकार को भी चूना और ग्राहकों को भी धोखा। यह तरीका न सिर्फ काला कारोबार है, बल्कि कर चोरी का खुला खेल है। सवाल ये है कि टैक्स चोरी करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं? क्या विभाग आंखें मूंदे बैठे हैं या"महीने की रकम" पर चुप हैं।
*आदेश के बाद नही हुई कार्यवाही*
इस पूरे मामले में जब आवाज उठी तो कलेक्टर हर्षल पंचोली ने विभागीय अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश की बात कही थी, लेकिन अफसरों की चुप्पी और अब तक कोई भी जांच न होना अपने आप में ही बड़ा सवाल है। कहीं ऐसा तो नहीं कि कलेक्टर के आदेश फाइलों में दबाकर रख दिए गए हों? क्या विभागीय अधिकारी वास्तव में मैनेज होकर बैठे हैं। बिना बिल का काला कारोबार जैन नमकीन स्वीट्स एण्ड बेकरी जनता पूछ रही है कि आखिरकार कब कार्रवाई होगी और कब तक लोगों की सेहत से इस तरह खिलवाड़ होता रहेगा।
*विभागीय मिलीभगत का खेल*
अभी तक न जांच हुई, न कार्रवाई। यह अपने आप में साबित करता है कि विभागीय मिलीभगत का खेल कितना गहरा है। हमारे पुष्ट सूत्र बताते है कि अंशु जैन का खुलेआम बाजार में यह कहना रहा है कि "मैं हर महीने अधिकारियों को पैसा देता हूं, मुझे कोई कुछ नहीं कर सकता" अब सच साबित होता दिख रहा है। यह बयान न सिर्फ विभागीय ईमानदारी पर, बल्कि पूरी प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न है। जनता पूछ रही है कि क्या वाकई अधिकारी बिक चुके हैं? क्या जनता की थाली में जहर परोसना ही इस जिले का व्यापार मॉडल है।
*फैक्ट्री में गन्दगी ही गंदगी*
गंदगी से सनी फैक्टरी जैन नमकीन की फैक्टरी का हाल जानकर हर किसी का पेट खराब हो जाएगा, आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों ने साफ कहा कि वहां गंदगी का अंबार रहता है, न साफ-सफाई, न हाइजीन, न किसी तरह का मानक पालन, लोग कहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति खुद फैक्टरी में जाकर प्रोडक्ट बनते हुए देख ले, तो कसम से वह जिंदगी भर इनका सामान खाने से तौबा कर ले, खाद्य पदार्थ तैयार करने की जगह पर नालियां गंदी पड़ी हैं, कीड़े-मकौड़े रेंगते रहते हैं और मजदूर बिना दस्ताने, बिना मास्क खुले हाथों से नमकीन और मिठाई तैयार करते हैं, यह सीधा-सीधा खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धज्जियां उड़ाना है और जनता की थाली में बीमारी परोसना है।
*स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़*
बिना मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट के उत्पाद बाजार में बेचना और गंदगी में तैयार करना सीधा जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे उत्पादों से फूड पॉइजनिंग, लीवर, किडनी और आंतों की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं बच्चे और बुजुर्ग तो सीधे इसकी चपेट में आ सकते हैं जब तक साफ-सफाई और गुणवत्ता की गारंटी नहीं होगी, तब तक हर निवाला जनता के लिए जहर से कम नहीं। सवाल यही उठता है कि क्या विभाग कार्रवाई का इंतजार तब तक करेगा जब तक कोई बड़ा हादसा न हो जाए।
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क्षमा का दिव्य संदेश, पर्यूषण पर्व के समापन पर आदिनाथ भगवान की निकाली गई शोभायात्रा
अनूपपुर
नर्मदा के पावन उद्गम स्थल, देवत्व और साधना की भूमि अमरकंटक सोमवार को क्षमा, करुणा और मैत्री के दिव्य भाव से अभिभूत हो उठा। दिगंबर जैन समाज के दशलक्षणा पर्यूषण पर्व के समापन अवसर पर आदिनाथ भगवान की भव्य शोभायात्रा नगर की गलियों से गुजरी, तो सम्पूर्ण वातावरण आध्यात्मिक माधुर्य से गूंजायमान हो उठा। भोर की पावन बेला सुबह की सुनहरी किरणों के साथ दिगंबर जैन मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान आरंभ हुए। प्रातः 8 बजे भगवान आदिनाथ का अभिषेक संपन्न हुआ।
8:30 बजे शांति धारा का आयोजन हुआ। 10 बजे क्षमावाणी सभा में जैन समाज ने क्षमा, करुणा और मैत्री के संदेश को आत्मसात किया सभा में उपस्थित समाज जनों ने हाथ जोड़कर एक-दूसरे से क्षमा याचना की और जीवन में सद्भाव व अहिंसा का संकल्प लिया। दोपहर 1 बजे जैन सर्वोदय तीर्थ क्षेत्र से निकली शोभायात्रा मानो एक चलायमान मंदिर प्रतीत हो रही थी। रथनुमा वाहन पर मंदिर प्रतिकृति में विराजमान भगवान आदिनाथ की प्रतिमा, चारों ओर सजावट, और आगे-आगे धर्म ध्वज लिए श्रद्धालु – यह दृश्य भक्तिरस से ओतप्रोत कर देने वाला था।
ढोल-नगाड़ों की गूंज, बैंड-बाजों की ध्वनि और भजन-कीर्तन की लहरियों ने नगर के कोने-कोने में धार्मिक उल्लास बिखेर दिया। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में मंगलगीत गाती चल रही थीं, वहीं पुरुष भक्तजन नृत्य करते हुए भगवान के चरणों में अपनी भक्ति अर्पित कर रहे थे।नगर भ्रमण करते हुए यह भव्य शोभायात्रा 3:30 बजे पुनः जैन मंदिर परिसर में संपन्न हुई।
रात्रि 8 बजे संगीतमय आरती का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालु दीपों की ज्योति के साथ भगवान की महिमा गा रहे थे। आरती उपरांत क्षमावाणी का आयोजन हुआ, जहाँ भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने वातावरण को भावविभोर कर दिया।
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पवित्र नगरी में पितृपक्ष पर नर्मदा तट व आरंडी संगम पर श्रद्धालु कर रहे पितरो का तर्पण
अनूपपुर
माँ नर्मदा की अविरल धारा जहाँ धरती पर उतरकर समस्त प्राणियों को जीवनदान देती है, वहीं उसकी पुण्यधरा अमरकंटक में इन दिनों पितृपक्ष का आध्यात्मिक उल्लास छाया हुआ है। श्रद्धालुजन नर्मदा उद्गम कुंड एवं आरंडी संगम तट पर अपने पितरों की स्मृति में जल तर्पण कर रहे हैं। भाद्र पूर्णिमा से आरंभ हुआ यह पुण्यकाल अश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या (पितृमोक्ष अमावस्या) तक चलता रहेगा। इस दौरान लोग न केवल जल तर्पण करते हैं, बल्कि पुण्यतिथियों पर विशेष पूजन-अर्चन और अनुष्ठान भी संपन्न करते हैं।
सनातन धर्म में पितृपक्ष का गहरा महत्व है। यह केवल पिंडदान या तर्पण का अनुष्ठान नहीं, बल्कि अपने पूर्वजों के प्रति आभार और स्मरण का पर्व है। प्रातःकाल स्नान के बाद श्रद्धालु तट पर पहुँचकर मंत्रोच्चार के बीच आचमन करते हैं और नर्मदा जल से अपने पितरों को तर्पण अर्पित करते हैं। घाटों पर “ॐ पितृभ्यः स्वधा नमः” का उच्चारण गूंज रहा है। महिलाएँ दीप प्रज्वलित कर पुष्प व अक्षत अर्पित कर रही हैं।पुरुष श्रद्धालु जलधारा में खड़े होकर अपने पूर्वजों के नाम तर्पण कर रहे हैं।भक्तों का विश्वास है कि यहाँ किया गया तर्पण पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष प्रदान करता है।
स्थानीय विद्वान पंडित धनेश द्विवेदी बंदे महाराज एवं उमेश द्विवेदी बंटी महाराज का कहना है, की “माँ नर्मदा के पावन तट पर तर्पण करने से पितृदेव प्रसन्न होते हैं और आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। अमरकंटक की यह भूमि सिद्धपीठ मानी जाती है, यहाँ किया गया पिंडदान एवं जल तर्पण अक्षय फलदायी है।”
श्रद्धालुओं ने बताया कि“नर्मदा तट पर जल अर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है और जीवन में शांति का संचार होता है। नर्मदा उद्गम कुंड पर सुबह से अनुष्ठान का क्रम जारी। आरंडी संगम पर दूर-दराज़ से श्रद्धालुगण आ रहे है। ऐसी मान्यता है कि आरंडी संगम तट पर किया गया पिंडदान और जल तर्पण गया जी के समान फल देता है। प्रशासन ने घाटों पर साफ-सफाई और श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु विशेष व्यवस्था की है।।समाचार
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थाना की आंबटित भूमि से आठ साल बाद भी विभाग बेखबर, अतिक्रमण की भेंट चढी पुलिस को आंबटित भूमि
*यातायात थाना की भूमि अतिक्रमण की चपेट में*
उमरिया
जिले के पाली थाना के लिए राजस्व विभाग व्दारा आंबटित भूमि से आज आठ साल बाद भी पुलिस विभाग पूर्णतया बेखबर है और उस अनमोल भूमि पर अतिक्रमण कारियों ने अपना मकड़जाल फैला कर अवैध कब्जे में ले लिया है ,,पुलिस महकमा के लिए मध्यप्रदेश शासन व्दारा भूमि सुरक्षित कर रखी है फिर भी वह भूमि आज भी असुरक्षित बनी हुई है ,जिससे आंबटित भूमि पर अतिक्रमण कारियों की भेंट चढ़ चुकी है । बताया जाता है की बिरसिंहपुर पाली थाना के लिए कार्यालय तहसीलदार तहसील पाली जिला उमरिया ( म प्र) आदेश क्र 22/पाली दिनांक 6- 12- 2017 को थाना पाली के पत्र क्र / थाना पाली/ 3725 /2017 दिनांक 10-10-2017 को आधार मानकर धौंरई ग्राम में आराजी खसरा नंबर 327/1/ ख रकबा 0.809 हेक्टेयर ग्राम मलहदू स्थिति आराजी खसरा नंबर 92/2 रकबा 0.202 हेक्टेयर और घुनघुटी स्थिति आराजी खसरा नंबर 366/1/2 रकबा 0.069 हेक्टेयर आंबटित कर थाना प्रभारी पाली को उक्त आदेश के हवाले से आंबटित कर राजस्व निरीक्षक पाली को सीमांकान कर सात दिवस मे पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए गए थे , लेकिन उक्त भूमि आज भी लावारिश पडी हुई है , उक्त आंबटित भूमि आज तक पुलिस प्रशासन के कब्जे में नहीं है ।
पाली थाना को आंबटित भूमि से आज भी पाली थाना की पुलिस अनजान बनी हुई है ,और वह भूमि अतिक्रमण कारियों के मकड़जाल में उलझ कर कही महल का आकार ले लेती है तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है ।
*पुलिस की भूमि सुरक्षित नहीं*
विदित होवे की पाली थाना को आवासीय कालोनी के लिए म प्र शासन राजस्व विभाग व्दारा दो एकड़ भूमि पुलिस महकमा के लिए आवासीय कालोनी बनाने के लिए राजस्व ग्राम धोंरई मूल ग्राम गिंजरी में भूमि आवंटित लगभग आठ साल पहले की गयी थी, जिसमें कालोनी बनना तो दूर की कौड़ी उस भूमि को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर सुरक्षित करने में भी सफल नहीं हो पायी, और करोड़ों की उस भूमि पर अतिक्रमण कारियों ने अवैध रूप से कब्जा कर हथिया लिया है, फिर भी पुलिस प्रशासन अपनी भूमि को भूला बैठा है अभी भी पुलिस महकमा के जिम्मेदार अधिकारियो को ही कोई रता पता नहीं है की पुलिस को राजस्व विभाग के व्दारा भूमि आवंटित की गयी है ,अब उसके सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस महकमा की हों गयी है ।भूमि अतिक्रमण कारियों के कब्जे में न चली जाए इसके लिए अब उन्हें ही चिंता करनी होगी । जिससे पुलिस प्रशासन के प्रति नागरिकों के बीच यह संदेश जा रहा है की पाली पुलिस जब अपनी परिसंपत्तियों की सुरक्षा नहीं कर पा रही तो अन्यों की सुरक्षा तो सवालों के घेरे में बनी हुई है ।
*यातायात थाना की भूमि अतिक्रमण की चपेट में*
नगर के विस्तारित विकास के लिए भी राजस्व विभाग व्दारा पुलिस निरीक्षक के पत्र के आधार पर यातायात थाना के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलहदू में आराजी खसरा नंबर 92/2 रकबा 0.202 हेक्टेयर भूमि यातायात थाना के लिए सुरक्षित कर पुलिस थाना पाली को अतिक्रमण मुक्त करा कर सुपुर्द की गयी थी, बताया जाता है कि इस भूमि के रकबे पर कतिपय लोगों का आवासीय कब्जा था,,जिसे तत्कालीन तहसीलदार पाली राजेश पाण्डेय ने कब्जा हटाकर पुलिस विभाग को दिया गया था , लेकिन उस भूमि को भी पुलिस सुरक्षित नहीं रख सकीं और आज उस रकबे पर ऊषा रैदास ने दुबारा पी एम आवास बना कर कब्जा कर ली है , इस तरह देखा जाए की पुलिस अपनी परिसंपत्तियों की सुरक्षा करने में पूर्णतः असफल साबित हो रही है । अभी भी उच्च पुलिस अधिकारी अनमोल भूमि को सुरक्षित करने के लिए पहल करेंगे ऐसी जनापेक्षा है । देखने में आया है कि पाली में वैसे भी समुचित व्यवस्थित विकास के लिए भूमि का बेहद अभाव बना हुआ है और पुलिस विभाग को मिली भूमि आज अतिक्रमण कारियों के लिए वरदान साबित हो रही है।
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बुजुर्ग की तालाब में उतराते हुई मिली लाश, शाम को निकले थे घर से, पुलिस जांच में जुटी
शहडोल
मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के जयसिंह नगर थाना क्षेत्र के दरौंडी गांव में एक बुजुर्ग की लाश गांव के तालाब में तैरती हुई मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। बुजुर्ग बीती शाम को घर से शौच के लिए निकले थे, और सोमवार सुबह उनका शव तालाब में मिला है। घटना देख मामले की जानकारी स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी। जानकारी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने बताया कि जयसिंह नगर थाना क्षेत्र के दरौंडी गांव में स्थित तालाब में दद्दा सिंह गोड का शव पानी में उतराता मिला है। परिजनों के अनुसार ,बुजुर्ग की उम्र 70 वर्ष है। और वह रविवार शाम तकरीबन 5:00 बजे घर से शौच के लिए निकले थे। लेकिन देर रात तक वह वापस नहीं लौटे। इसके बाद पुत्र एवं परिवार के अन्य सदस्यों ने रात में ही उनकी तलाश शुरू कर दी। आसपास काफी तलाश करने के बाद भी दद्दा सिंह का पता नहीं चला। इसके बाद रात में ही परिजनों ने बुजुर्ग के लापता होने की जानकारी पुलिस को दी थी।
घटना की जानकारी के बाद पुलिस ने अपनी पड़ताल शुरू की, सोमवार सुबह तकरीबन 6:00 बजे गांव में स्थित तालाब में एक शव पानी में उतरता गांव के कुछ लोगों ने देखा, इसके बाद इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से तालाब से शव को बाहर निकाला गया। जिससे मृतक की पहचान दद्दा सिंह के रूप में हुई है।
वहीं, पुलिस का कहना है कि बुजुर्ग शौच के लिए तालाब से पानी निकालते वक्त उसमें गिर गए होंगे और पानी में डूबने से उनकी मौत हुई होगी। तो गांव के लोग कई तरह की चर्चा भी कर रहे हैं। पुलिस मामले को संदिग्ध मानते हुए आगे की जांच कर रही है। वहीं, पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम के लिए शव अस्पताल लाया गया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि बुजुर्ग की मौत की वजह क्या है? फिलहाल मर्ग कायम कर जांच की जा रही है।
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खेलते-खेलते पानी मे टंकी में गिरी मासूम, हुई मौत
अनूपपुर
जिले के बिजुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत लोहसरा में घर के आंगन में खेलते हुए 3 वर्षीय मासूम पानी की टंकी में डूबने से मुत्यु हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। बिजुरी थाना पुलिस ने बताया कि 3 वर्षीय राधिका मिश्रा पुत्री संजय मिश्रा घर में खेल रही थी, और खेलते-खेलते घर के आंगन में बनी हुई पानी के टंकी में गिर जाने की वजह से उसकी डूबने से मुत्यु हो गई। घटना के समय घर में सिर्फ मासूम की मां थी जो कि अपने कार्य में लगी हुई थी और खेलते हुए कब मासूम पानी की टंकी में जा गिरी उसे जानकारी नहीं मिली। लगभग आधे घंटे बाद कहीं भी उसकी आवाज न मिलने और नजर आने पर मां ने उसे ढूंढना प्रारंभ किया। पानी के टंकी में भी देखने का प्रयास किया लेकिन काफी गहरा होने के कारण कुछ भी समझ में नहीं आया तब परिवार के अन्य लोग वहां पहुंचे और पानी के टंकी में नीचे उतरकर मासूम के शव को बाहर निकलते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिजुरी लेकर के गए जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।