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ससुराल जाकर पत्नीव साले को मारी तलवार, फिर जहर पीकर दे दी जान, तलवार जब्त
*पत्नी के मायके जाने से नाराज था पति*
शहडोल
जिले के ब्यौहारी थाना अंतर्गत पत्नी मायके गई तो नाराज होकर पति अपने ससुराल पहुंच गया, और धारदार हथियार के साथ अपने जेब में जहर की एक शीशी भी साथ ले गया। ससुराल पहुंचने पर उसने इन सभी चीजों को पहले ही छुपा दी। रात में सब सो गए तो शराबी पति ने उठकर पत्नी पर तलवार से हमला कर दिया। हल्ला सुन बीच बचाव करने आया साला भी इस घटना में घायल हुआ है। तेज आवाज सुन आस पड़ोस व परिवार के अन्य सदस्य जागे और घायल पत्नी एवं साले को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। इधर आरोपी पति ने जेब में रखी जहर की बोतल पी ली और मौत को गले लगा लिया। घटना ब्यौहारी थाना क्षेत्र के चरका गांव की है।
पुलिस ने बताया कि ब्यौहारी के चरका गांव में यह घटना घटी है। पुलिस के अनुसार संजू उर्फ मनोज कहार ब्यौहारी के कुमारिया गांव का रहने वाला है। पति पत्नी के बीच हुए विवाद के बाद पत्नी अपने माइके दो बच्चों के साथ चरका आ गई थी। तभी पति अपने ससुराल चरका पहुंचा और आरोपी मनोज अपने साथ धारदार हथियार एवं जहर की शीशी भी साथ ले गया था। लेकिन उसे उसने ससुराल घर के बाहर की छुपा दी थी। पुलिस के अनुसार मनोज घटना दिनांक को ससुराल शराब के नशे में पहुंचा तो पत्नी ने उसे खाना निकाल कर दिया, और सब सोने चले गए।
रात तकरीबन दो बजे आरोपी संजू उर्फ मनोज जागा और उसने घर के बाहर छिपाई तलवार निकालकर सो रही पत्नी के पर हमला कर दिया। चीखने की आवाज सुन साला भी जाग गया, और उसने बीच बचाव किया, जिससे वह भी घायल हुआ है। घटना की आवाज सुन परिवार के अन्य सदस्य भी जागे तो, पत्नी एवं साला गंभीर रूप से घायल थे। तभी घायलों को परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे। इधर आरोपी मनोज ने जहर पीकर अपनी जान दे दी।
परिजनों के अनुसार संजू उर्फ मनोज अपनी पत्नी से रोज विवाद करता था, और उससे मारपीट करता था। इससे परेशान होकर महिला अपने मायके आ गई थी,और मायके में आकर भी उसने महिला के साथ मारपीट की, घटना के बाद आरोपी घर से बाहर चला गया। लोग उसे छोड़ पहले तो घायलों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाना उचित समझा, दोनों घायलों को परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे तो इधर आरोपी ने खुद जहर पीकर अपनी जान दे दी है। परिजनों के अनुसार बच्चों के सामने पति ने अपने पत्नी और साले पर तलवार से हमला किया था।
थाना प्रभारी अरुण पांडे ने बताया कि घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मनोज ने पहले अपनी पत्नी और साले को घायल किया था। फिर उसने जहर खाकर अपनी जान दी है। तलवार जब्त की गई है।
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रास्ते मे किया विवाद, महिलाओं व बच्चो के सामने कीआपत्तिजनक हरकत, पुलिस ने मामला किया दर्ज
शहडोल
जिले के ब्यौहारी थाना क्षेत्र के ग्राम ओझौरी में हुए विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद क्षेत्र में हंगामा मच गया। घटना को लेकर पुलिस ने आरोपी उदयशंकर चतुर्वेदी पुत्र गंगे चतुर्वेदी निवासी ग्राम ओझौरी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज किया है। शिकायतकर्ता नीलम चतुर्वेदी पिता उमाकांत चतुर्वेदी ने थाना ब्योहारी में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
सुबह करीब 11:30 बजे नीलम चतुर्वेदी अपने घर पर गणपति का भंडारा आयोजित करने की तैयारी कर रही थीं। इसी दौरान उनके भाई को सामान लेने बाहर जाना पड़ा। रास्ते में आरोपी उदयशंकर चतुर्वेदी ने शिकायतकर्ता के भाई का रास्ता रोकते हुए विवाद किया और गाली-गलौज शुरू कर दी। आरोप है कि उदयशंकर चतुर्वेदी ने न केवल अभद्र व्यवहार किया बल्कि वहां मौजूद महिलाओं और बच्चों के सामने आपत्तिजनक हरकतें भी कीं। शिकायत में कहा गया है कि आरोपी ने केवल अंडरगारमेंट्स पहनकर सामने आकर वीडियो बनाने की जिद की और असामान्य व्यवहार करते हुए बार-बार कहने लगा कि उसका वीडियो बनाया जाए। शिकायतकर्ता नीलम चतुर्वेदी ने बताया कि इस दौरान उनके माता-पिता सहित परिजन मौके पर मौजूद थे और घटना को देखकर भयभीत हो गए। उन्होंने कहा कि यह सब उनके घर के सामने हुआ जिससे घर की महिलाओं और बच्चों को भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।
घटना की जानकारी पुलिस को दी गई जिसके बाद ब्योहारी थाना पुलिस ने देर शाम FIR दर्ज कर ली। आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 126 , 296(2), 3(5) और 79 के तहत मामला कायम किया गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस वीडियो के प्रसार ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। लोग इस पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज के लिए गलत संदेश देती हैं।
पुलिस का कहना है कि घटना की जांच की जा रही है और आरोपी की गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। फिलहाल ब्यौहारी पुलिस ने वायरल वीडियो और दर्ज प्राथमिकी के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में चर्चा का माहौल है और लोग पुलिस कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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भाजपा नेता और पार्षद पति की दबंगई गरीब राजमिस्त्री बना आरोपी, पुलिस की कार्यवाही पर उठे सवाल
*न्याय की तलाश में दर-दर भटक रहा परिवार*
अनूपपुर
अनूपपुर जिले के थाना भालूमाड़ा क्षेत्र से राजनीति और पुलिस की ऐसी सांठगांठ का मामला सामने आया है, जिसने गरीब और मज़लूमों के न्याय की उम्मीदों को तार-तार कर दिया है जमुना कोलियरी निवासी राजमिस्त्री राकेश पोद्दार का कसूर बस इतना था कि उन्होंने भाजपा नेता और पार्षद पति अजय यादव की दबंगई के खिलाफ आवाज़ उठाई लेकिन थाने से लेकर अदालत तक हर जगह उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश हुई और अंततः उन्हें ही “अभियुक्त” बना दिया गया।
15 अगस्त की आधी रात, जब लोग स्वतंत्रता दिवस की सुबह का इंतज़ार कर रहे थे, उसी वक्त भाजपा नेता अजय यादव अपने साथी संग शराब के नशे में राकेश पोद्दार के घर जा पहुँचे गाली-गलौज और महिलाओं से अशोभनीय व्यवहार करते हुए उन्होंने घर का माहौल दहला दिया यह सब कैमरे में कैद भी हुआ वीडियो में अजय यादव झूमते और गालियाँ बकते दिख रहे हैं पीछे से एक महिला की आवाज़ साफ़ सुनाई देती है अजय यादव पी के आया है।
16 अगस्त को राकेश पोद्दार ने थाना भालूमाड़ा में लिखित शिकायत दर्ज कराई दोपहर 12:48 बजे पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन उसी दिन 3:01 बजे आरोपी पक्ष की ओर से भी एक एफआईआर दर्ज कर ली गई, जिसमें राकेश को ही अपराधी बना दिया गया यानी जिसने अन्याय सहा, वही दोषी ठहरा दिया गया।
शिकायत के बाद राकेश की मुसीबत और बढ़ गई 23 अगस्त को अजय यादव घर पहुँच गए और खुलेआम धमकी दी — “अपने बेटे से कहो केस वापस ले, नहीं तो उठा लूँगा।” 30 अगस्त को परासी रोड पर भी यही धमकियाँ दोहराई गईं मगर पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
पीड़ित का आरोप है कि 30 सितंबर को थाना भालूमाड़ा में पदस्थ एएसआई दशरथ बागरी खुद उनके घर पहुँचे और भाजपा नेता से समझौता करने के लिए दबाव बनाने लगे इनकार करने पर राकेश को रूम में बंद कर पीटा गया और जबरन कागज़ों पर हस्ताक्षर करा लिए गए मेडिकल जांच की औपचारिकता पूरी करने के बाद राकेश को अभियुक्त बनाकर अदालत भेज दिया गया परिवार तक को भनक तक नहीं लगने दी गई।
राकेश पोद्दार, जो दिन-रात मज़दूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं, आक्रोश और बेबसी में कहते हैं। मेरा अपराध सिर्फ इतना है कि मैंने भाजपा नेता अजय यादव की दबंगई के खिलाफ शिकायत की अब थाना भालूमाड़ा की पुलिस नेताओं के दबाव में मुझे ही अपराधी बना रही है। राकेश ने बार-बार 181 सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की, लेकिन नतीजा कुछ नही निकला।
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शुरू हुआ गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन, पंडालों में हवन-पूजन के बाद हुआ भंडारा
अनूपपुर
जिले के कोतमा नगर में गणेश उत्सव का समापन चरण आरंभ हो गया है। 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर घरों में स्थापित प्रतिमाओं का 10 दिनों तक श्रद्धा और विधि-विधान से पूजन-अर्चन करने के बाद मंगलवार से विसर्जन का क्रम शुरू हो गया। केवाई नदी पुल घाट स्थित कोतमा नगर परिषद द्वारा बनाए गए कुंड पर श्रद्धालु परिवार सहित पहुंचे और वहां आरती व पूजा कर प्रतिमाओं का विसर्जन किया। इस दौरान प्रशासन ने सुरक्षा, साफ-सफाई और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए।
कोतमा नगर के मुख्य मार्गों पर स्थापित सार्वजनिक गणेशोत्सव समितियों के पंडालों में शुक्रवार को दिन भर हवन-पूजन और भंडारे का आयोजन किया गया। भक्तों ने पूरे उत्साह के साथ कार्यक्रमों में भाग लिया। समितियों की ओर से बताया गया कि सार्वजनिक प्रतिमाओं का विसर्जन 6 सितंबर को शोभायात्रा के साथ किया गया। इसके लिए नगर परिषद और पुलिस प्रशासन ने विशेष तैयारियां की थी। इस श्रद्धालुओं ने कहा कि पिछले दस दिनों से कोतमा नगर में भक्ति और उल्लास का अद्भुत वातावरण बना रहा। घरों से लेकर पंडालों तक आरती, भजन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भंडारे से पूरा क्षेत्र गूंजता रहा। समय इतनी जल्दी बीत गया कि पता ही नहीं चला। गणेश प्रतिमाओं की विदाई पर कई श्रद्धालु भावुक हो उठे। प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान घाटों पर गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आना के जयकारे गूंजते रहे। श्रद्धालुओं ने विघ्नहर्ता से कोतमा नगर के सुख-समृद्धि सुख-और प्रगति की कामना की। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाला वर्ष भी गणेश जी की कृपा से मंगलमय रहेगा।
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रेलवे रिजर्वेशन केंद्र ठप्प, सर्वर की समस्या से 1 सप्ताह से बंद पीआरएस, तीर्थयात्रियों को हो रही परेशानी
*रेलवे के दावे खोखली, जनप्रतिनिधि सवालों के घेरे में*
अनूपपुर
मध्यप्रदेश की पावन धरा, मां नर्मदा, सोन और जोहिला नदियों के उद्गम स्थल, पवित्र नगरी अमरकंटक में इन दिनों एक गंभीर समस्या यात्रियों और श्रद्धालुओं को झकझोर रही है। डाकघर परिसर में स्थित रेलवे का रिजर्वेशन केंद्र (पीआरएस) पिछले पंद्रह दिनों से अधिक समय से बंद पड़ा है। इस केंद्र पर आने वाले देश के विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालु और पर्यटक टिकट न मिलने से मायूस होकर लौट रहे हैं। सर्वर की समस्या का बहाना बनाकर रेलवे ने अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया, जिससे यात्रियों का भरोसा टूटता जा रहा है। रेलवे रिजर्वेशन न होने के चलते यात्रियों को अब पेंड्रा रोड या अनूपपुर जैसे दूरस्थ स्टेशनों का रुख करना पड़ रहा है। इसके लिए उन्हें न सिर्फ अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ रहा है, बल्कि समय भी बर्बाद हो रहा है। स्थानीय नागरिक बताते हैं कि कई बार तीर्थयात्री अंतिम समय में टिकट न मिलने से अपनी यात्रा स्थगित करने को मजबूर हो जाते हैं। तीर्थयात्रा पर आए श्रद्धालु कहते हैं कि जब अमरकंटक जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक स्थल पर ही टिकट की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी, तो यह रेलवे के दावों पर सवाल खड़ा करता है।
रेलवे प्रशासन अक्सर तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सुविधा हेतु आधुनिक सेवाएँ उपलब्ध कराने का दावा करता है। अमृत महोत्सव के नाम पर योजनाएँ और घोषणाएँ भी होती रही हैं। लेकिन अमरकंटक जैसी जगह, जहाँ हर वर्ष लाखों श्रद्धालु पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के विभिन्न हिस्सों से पहुँचते हैं, वहाँ पर रिजर्वेशन सुविधा का लगातार बंद रहना इन दावों की पोल खोल रहा है। स्थानीय डाकघर के उपडाकपाल ने कई बार रेलवे बिलासपुर को स्थिति से अवगत कराया है, लेकिन विभाग ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
जनता का कहना है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन भी इस विषय पर सक्रिय नहीं दिखाई दे रहे। जबकि अमरकंटक की पहचान देशभर में नर्मदा उद्गम स्थल के रूप में है और यहाँ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारें लाखों रुपये खर्च करती हैं। फिर भी, ऐसी छोटी मगर अहम सुविधा का बाधित रहना, यात्रियों की परेशानियों को और बढ़ा देता है।“अमरकंटक में कोई अधिकृत रेलवे एजेंट नहीं होने से समस्या और गंभीर हो गई है।
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अनियोजित कंक्रीट निर्माण और जनसंख्या काभारी दबाव व बसाहट, नर्मदा उद्गम क्षेत्र हो रहा प्रभावित
अनूपपुर
मां नर्मदा, सोन और जोहिला नदियों के पावन उद्गम स्थल अमरकंटक में अनियोजित विकास कार्य और कंक्रीट निर्माण ने पर्यावरणीय संकट को गहरा कर दिया है। कभी जंगलों की हरियाली और शीतल जलधाराओं से आबाद यह तीर्थनगरी आज कंक्रीट के जंगल और अव्यवस्थित बसाहट की मार झेल रही है। नतीजतन बढ़ता तापमान, गिरता जलस्तर और घटती हरियाली स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को असंतुलित कर रहे हैं।
वर्ष 1988 में तत्कालीन अध्यक्ष भोलानाथ राव विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) की अध्यक्षता की बैठक में तत्कालीन अधिकारियों ने अमरकंटक में सीमेंट निर्माण और अंधाधुंध बसाहट पर रोक लगाने का निर्णय लिया था। उस समय मध्यप्रदेश शासन के मुख्य सचिव के.सी.एस. आचार्य ने साफ निर्देश दिए थे कि यहां न तो ठोस सीमेंट निर्माण हो और न ही बोरिंग की अनुमति दी जाए। परंतु समय के साथ प्रशासनिक उदासीनता और निजी स्वार्थों के कारण धीरे-धीरे नियम दरकिनार होते गए। फलस्वरूप अमरकंटक का तापमान बढ़ने लगा और जलस्तर लगातार नीचे खिसकता गया। “विकास आवश्यक है, लेकिन ऐसा विकास जो प्रकृति के साथ कदम मिलाकर चले, न कि उसे कुचलकर।
1970–80 के दशक में नर्मदा तट दलदली भूमि से घिरा रहता था। परंतु सीमेंट कंक्रीट मार्ग और वृक्षों की अंधाधुंध कटाई ने भूमि की नमी और जलधारण क्षमता छीन ली। अमरकंटक भूकंपीय जोन में आता है, ऐसे में अनियोजित निर्माण कार्य भविष्य में भूकंप जैसे खतरों को और बढ़ा सकते हैं। नर्मदा, कपिला, वैतरणी और आरंडी जैसी सहायक नदियाँ जल स्रोतों को बढाएं रखने में सहायक है
छत्तीसगढ़ शासन ने हाल ही में अमरकंटक में 5 एकड़ भूमि सामुदायिक भवन और धर्मशाला निर्माण हेतु मांगी है। जिस स्थल पर नजर है, वहां सैकड़ों साल पुराने वृक्ष खड़े हैं। यदि उन्हें काटा गया तो अमरकंटक के पर्यावरण पर गहरा असर पड़ेगा। “अमरकंटक केवल भूमि नहीं, यह नदियों का उद्गम और करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है।
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ग्राम पंचायत दूधमनिया में नशा मुक्ति रैली, सांस्कृतिक कार्यक्रम व शिक्षक सम्मान समारोह
अनूपपुर
शिक्षक दिवस के अवसर पर ग्राम पंचायत दूधमनिया के केकरपानी में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रीति सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व डिप्टी कलेक्टर रमेश सिंह तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम पंचायत सरपंच भवन सिंह ने की। शिक्षक दिवस कार्यक्रम की शुरुआत ग्राम में निकाली गई नशा मुक्ति रैली से हुई। रैली में बड़ी संख्या में ग्रामीण, शिक्षक, विद्यार्थी एवं सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। हाथों में तख्तियां और नारों के माध्यम से लोगों ने समाज से शराब, तम्बाकू और अन्य नशे को जड़ से खत्म करने का संदेश दिया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष प्रीति सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि “नशा केवल व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरे परिवार और समाज का भविष्य बर्बाद करता है। ग्रामीण जन जागरूक होकर इसे रोकने में सहयोग करें। स्वस्थ और नशा मुक्त समाज ही वास्तविक अर्थों में विकास कर सकता है। पूर्व डिप्टी कलेक्टर रमेश सिंह ने कहा कि “युवाओं को नशे से दूर रखना ही सबसे बड़ी सामाजिक सेवा है। शिक्षकों को चाहिए कि वे विद्यार्थियों में नशामुक्त जीवन की प्रेरणा जगाएँ, क्योंकि यही भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी है। नशा मुक्ति रैली और शुभारंभ के बाद पंचायत प्रांगण में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ आयोजित की गईं। बच्चों और युवाओं ने समाज सुधार, शिक्षा और राष्ट्र निर्माण से जुड़े कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया।
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तालाब में मिला मासूम का भ्रूण, इंसानियत हुई शर्मसार
उमरिया
जिले के नौरोजाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम उजान में इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। यहाँ श्मशान घाट के पास स्थित तालाब में अज्ञात नवजात का भ्रूण मृत अवस्था में बरामद हुआ। ग्रामीणों ने जब तालाब में मच्छरदानी में लिपटा भ्रूण देखा तो सन्न रह गए और तुरंत पुलिस को सूचना दी।प्राथमिक दृष्ट्या भ्रूण करीब पाँच से छह माह का बताया जा रहा है। सूचना पाकर नोरोजबद पुलिस मौके पर पहुँची और आवश्यक कार्यवाही करते हुए भ्रूण को कब्ज़े में लेकर पीएम आदि की प्रक्रिया शुरू कर दी।ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना न केवल दिल दहला देने वाली है, बल्कि माँ कहलाने वाली प्रसूता पर भी कई सवाल खड़े करती है। जिस कोख में मासूम को ज़िंदगी की सुरक्षा मिलनी चाहिए, वहीं से उसे तालाब में बहाकर इंसानियत को शर्मसार कर दिया गया।फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जाँच में जुटी है कि यह भ्रूण किसका है और तालाब तक कैसे पहुँचा।
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सीईओ ने निर्माणाधीन आवासो का किया निरीक्षण
शहडोल
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत शिवानी जैन ने ग्राम पंचायत चंदेला एवं गोपालपुर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जा रहे निर्माणाधीन आवासो का निरीक्षण कर तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए तथा पीएम आवास के हितग्राहियों से चर्चा कर प्रदाय की गई किश्तो के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने हितग्राहियों को "एक बगिया माँ" के नाम पौधों का रोपण करने हेतु समझाइश भी दी।