भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के नाम का कार्यालय हुआ लापता, कतिपय पदाधिकारियों ने किया नीलाम

भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के नाम का कार्यालय हुआ लापता, कतिपय पदाधिकारियों ने किया नीलाम 


उमरिया

दक्षिण - पूर्व कोल फील्डस लिमिटेड जोहिला क्षेत्र के पाली परियोजना में भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के नाम पर कंपनी के एक आवास को एस ई सी एल प्रंबधन से एलाट करा कर उसे किसी को नीलाम करने का मामला श्रमिकों के बीच चर्चा का बिषय बना हुआ है । ज्ञात होवे उपक्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय के पत्र क्र एस ई सी एल /उ क्षे प्रं / पा उ क्षे/क्र/ 22/ 1350 / दिनांक 23-3-22 को आवास क्र 14/4 बी एम एस कार्यालय के नाम पर आंबटित किया गया था । यह आवास तत्कालीन सचिव और अध्यक्ष के आवेदन के आधार पर आंबटित किया गया था । उस दौरान भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ की कमान संघ के नागेन्द्र सिंह संयुक्त सलाहकार समिति में बी एम एस की तरफ से सदस्य एस ई सी एल जोहिला क्षेत्र में और पाली परियोजना में माननीय शक्ति सिंह बतौर सचिव कमान सम्हाल रहें थे ,तब पाली समूह के प्रबंधन के ऊपर नाजायज रूप से दबाब बनाकर पाली प्रोजेक्ट न्यू कॉलोनी में बी एम एस के नाम पर कार्यालय के लिए भवन आंबटित कराया गया था , जबकि सर्व विदित है की पाली प्रोजेक्ट कालोनी में कंपनी की भूमि पर बी एम एस ने कालरी श्रमिकों के चन्दा और एस ई सी एल प्रंबधन की मेहरबानी से कार्यालय भवन का निर्माण दो दशक पहले से करा कर रखा था और संघ की सारी गतिविधियां इसी कार्यालय से संचालित होती आ रही है , फिर भी संघ कार्यालय के नाम पर भवन आंबटित करा कर उसे एक सेवा निवृत्ति एस ई सी एल कर्मचारी को मनमाफिक राशि लेकर नीलाम कर दिया ।

एस ई सी एल पाली प्रोजेक्ट कालोनी में न्यू कालोनी 14/4 का आवास बी एम एस के नाम पर आंबटित किया है , जिसमें गया प्रसाद साहू नामक पूर्व कालरी श्रमिक आज भी निवास रत है । बताया जाता है कि उक्त श्रमिक पाली शहर में निजी आवास बना लिया है फिर भी एस ई सी एल जैसी मुफ्त में सुविधाये कहा मिलती है ,जिसके चलते वह कतिपय संघ पदाधिकारियों को दिये एक मुश्त राशि के बदले में आज बी एम एस कार्यालय में आजाद होकर रह रहा है । इतना ही नहीं कहा तो यह भी जाता है की यह सफेद पोश नेता पाली समूह मे कालरी प्रबंधन के साथ मिलीभगत कर सैकड़ों अवांछित लोगों को कंपनी के आवास कुछ को आवास आंबटित कराया गया है , जबकि कुछ लोगों को बिना आंबटित किये ही प्रबंधन से सांठगांठ कर कंपनी के आवास की चाबी सौंप दी जाती है ।

उल्लेखनीय है की कालरी आवासों को पिछले दशक में उच्च न्यायालय के पारित आदेश के तहत अतिक्रमण मुक्त कराया गया था लेकिन आज उन आवासों में फिर उसी तरह अवांछित लोगों ने ऐसे ही सैकड़ों लोगों को अतिक्रमण करा दिया गया है ।

एस ई सी एल प्रंबधन बी एम एस कार्यालय के नाम आवास आंबटित कर उस आवास का पता लगाना भूल गया की कार्यालय के नाम पर आंबटित आवास का उपयोग किस तरह से हो रहा है । हैरतअंगेज कहा जाता है की जब भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ का कार्यालय पहले से संचालित होता आ रहा था तब उपक्षेत्रीय प्रबंधक ने कंपनी आवास को क्यों आंबटित किया , और बी एम एस के कतिपय नेताओं ने कार्यालय के नाम पर आवास आवंटित करा कर क्यों बेंच दिया। एस ई सी एल जोहिला क्षेत्र के पाली उपक्षेत्र से कंपनी के आवास कतिपय नेताओं की काली कमाई का जरिया बना हुआ है। अपेक्षा है की भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के वरिष्ठ नेता और एस ई सी एल के उच्च प्रबंधन इस तरह कतिपय नेताओं की कंपनी आवासों की खुली खरीद फरोख्त पर रोक लगाने आवश्यक कदम उठायेंगी।

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