कोयला मजदूर सभा ने गोविन्दा साइडिंग में कोयला लोडिंग में पारदर्शिता की उठाई मांग
अनूपपुर
कोयला मजदूर सभा (एच.एम.एस.) ने गोविन्दा साइडिंग में कोयला लोडिंग एवं परिवहन व्यवस्था में पारदर्शिता की मांग उठाई है। संगठन ने आरोप लगाया है कि क्षेत्र में कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र की कंपनियों द्वारा कोयला लोडिंग में गड़बड़ियां की जा रही हैं।
संगठन द्वारा सहायक महाप्रबंधक, एस.ई.सी.एल. जमुना/कोतमा क्षेत्र को ज्ञापन सौंपते हुए कहा गया कि जे.क्यू.एस.जी., डी.एस.एल.डी., एम.के.एम.ए., एच.आई.एम.बी., एन.वाई.आर., जी.एन.वी.एस., पी.एम.ए.एम. सहित कई कंपनियों को कोयला लोड कर डिस्पैच किया जाता है। किंतु इन कंपनियों द्वारा प्राइवेट ट्रकों में कोयले की लोडिंग कर अपारदर्शी ढंग से मिलान प्रक्रिया की जा रही है, जिससे कोयले की सही मात्रा का आकलन नहीं हो पाता।
संगठन ने बताया कि ऑटोमोबाइल कोयला एडजस्टमेंट के नाम पर कोयला चोरी और अवैध कटौती की आशंका है। वहीं कोयला परिवहन में प्रयुक्त रेलवे डब्ल्यूबीसी (वेट ब्रिज क्लर्क) के साथ मिलान नहीं किया जाता, जिसके कारण प्रति रैक लगभग 150 से 250 टन कोयले का नुकसान कंपनी को उठाना पड़ता है।
कोयला मजदूर सभा के अध्यक्ष श्रीकांत शुक्ला ने स्पष्ट किया कि यह अनियमितता सीधे-सीधे कंपनी और देशहित के खिलाफ है। उन्होंने प्रबंधन से मांग की है कि पूरे साइडिंग सिस्टम को पारदर्शी बनाया जाए ताकि कोयले की हेराफेरी पर रोक लग सके। मजदूर संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।