4 वर्ष बाद भी गौशाला का अधूरा निर्माण कार्य, ठेकेदार की मनमानी, ग्रामीणों में आक्रोश
*गुणवत्ता विहीन कार्य, शासकीय फंड का जमकर हुआ दुरुपयोग*
अनूपपुर
जिले के कोतमा जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायत भाटाडाँड़ में करीब 38 लाख की लागत से वर्ष 2021 में प्रारंभ हुआ कार्य आज बीते 4 वर्ष बाद भी अधूरा पड़ा है, जिस कारण से ग्रामीण जनों में भारी आक्रोश व्याप्त है, ठेकेदार रसूक होने के कारण किसी की नहीं सुनता और ग्रामीणों को डरा कर रखता है, गौशाला निर्माण कार्य निर्धारित मां को और योजना के अनुसार पूरा नहीं किया गया है, बाउंड्री वॉल चार दिवारी जैसी महत्वपूर्ण संरचनाओं खराब बनी हुई है एवं अधूरी पड़ी है।
*निम्न गुणवत्ता व अधूरा निर्माण कार्य*
गौशाला के निर्माण में घटिया और निम्न स्तर के निर्माण सामग्री इस्तेमाल किया गया है, जो की बेहद ही घटिया एवं हल्की क्वालिटी का है, गौशाला में जो भी शेड़ निर्माण किया गया है, उसमें किसी भी तरह का लॉक सिस्टम नहीं बनाया गया है ताकि सेट मजबूती के साथ लगा रहे, हवा आदि आने पर कभी भी उड़ सकता है या फिर उसे चोरी कर निकल भी ले जाया जा सकता है।
*फंड का हुआ जमकर दुरुपयोग*
ग्रामीणों के द्वारा बताया गया है कि 38 लाख रुपए का बजट के अनुपात में वास्तविक कार्य दिखाई नहीं देता, कार्य को पूर्णता भ्रष्टाचार युक्त किया गया है, जिससे फंड के बड़े हिस्से के दुरुपयोग की आशंका है, गौशाला में मवेशियों के लिए पर्याप्त शेड पानी एवं चारे की व्यवस्था नहीं की है जिसके कारण पशुओं की हालत पर बुरा असर पड़ेगा।
*बिजली की नहीं है व्यवस्था*
गौशाला निर्माण के दौरान इस बात का बिल्कुल भी ध्यान नहीं किया गया की उसके आसपास कोई भी खंबे या ट्रांसफार्मर नहीं है, जिससे गौशाला में विद्युत व्यवस्था उपलब्ध हो पाए, आखिर 38 लाख की लागत से बना रहे गौशाला में जो मानक तैयार किए गए थे, विद्युत व्यवस्था कभी उल्लेख किया गया था, लेकिन विद्युत व्यवस्था कैसे पहुंचाई जाएगी यह बड़ा सवाल है।
*ठेकेदार हुआ मालामाल*
ग्रामीण जनों में गौशाला निर्माण की अनियमिता को लेकर काफी आक्रोश व्याप्त है, यह बताया गया कि ठेकेदार सत्ता पार्टी का पदाधिकारी है, जिस कारण से ग्रामीणों पर दबाव बनाता है, वह अपनी मनमानी चलाता है, 4 वर्ष पूरे होने के बाद भी कार्य को पूरा न करना कहीं ना कहीं इस बात को सिद्ध है कि ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहा है।
*जांच के बाद कड़ी हो कार्रवाई*
ग्रामीणों के द्वारा बताया गया है कि मध्य प्रदेश सरकार की यह योजना सभी की सुविधा के लिए बनाई गई है, लेकिन जिस तरह से ठेकेदार के द्वारा 4 वर्ष बाद भी गौशाला का निर्माण का पूर्ण नहीं किया गया है, ऐसा प्रतीत होता है कि ग्रामीण जनों को गौशाला का लाभ नहीं मिल पाएगा, शासकीय योजना जिसके इंतजार में 4 वर्ष बीत गया, आवारा पशुओं के कारण ग्रामीण जनों की फैसले बर्बाद हो रही है, इन सब का दोषी सिर्फ ठेकेदार है।
इनका कहना है।
कई बार ठेकेदार को कम पूर्ण करने को बोल चुकी हूँ, लेकिन आज तक काम पूरा नहीं किया गया, इस विषय की जानकारी अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है, जल्द ही कार्य को पूरा कराया जाएगा।
*ओमवती सिंह, सरपंच, ग्राम पंचायत,भाटाडांड*
मुझे इस विषय में जानकारी आपके माध्यम से मिली है, मैं एसडीओ को भेज कर दिखवाती हूँ।
*ममता मिश्रा, जनपद, सीईओ, कोतमा*