अधूरा नाली निर्माण व ऊँचाई ज्यादा, तकनीकी खामियां व अधिकारियों की अनदेखी जनता के लिए बना मुसीबत
*तीसरे ठेकेदार के हाथ में निर्माण कार्य*
अनूपपुर
नगर पालिका परिषद कोतमा के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 9 कलमुड़ी में बन रही नाली अब लोगों के लिए सुविधा नहीं, बल्कि मुसीबत बनती जा रही है। क्षेत्र में चल रहे नाली निर्माण कार्य में जहां गंभीर तकनीकी खामियां उजागर हो रही हैं, वहीं अफसरों की लापरवाही और ठेकेदार की मनमानी से स्थानीय नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नाली का निर्माण अधूरा पड़ा है और जो नाली बनी है, वह पहले से मौजूद नाली से काफी ऊंचाई पर बनाई गई है, जिससे पानी का बहाव अवरुद्ध हो गया है। इससे गंदा पानी सड़कों और घरों के पास जमा हो रहा है, जिससे बदबू और बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
*तीसरे ठेकेदार के हाथ में निर्माण कार्य*
जानकारी के अनुसार इस नाली निर्माण कार्य को अब जीशांत ट्रेडर्स द्वारा लगभग 17 लाख रुपये की लागत से कराया जा रहा है। इससे पहले दो अन्य ठेकेदारों ने भी इस निर्माण कार्य को हाथ में लिया था, लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया गया। आश्चर्य की बात यह है कि इतने बड़े निर्माण कार्य की अभी तक ना तो कोई तकनीकी जांच हुई है और ना ही नगर पालिका का कोई इंजीनियर या जिम्मेदार अधिकारी मौके पर पहुंचा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जीशांत ट्रेडर्स द्वारा मनमाने ढंग से निर्माण कराया जा रहा है, जिससे नाली की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं।
बाउंड्री वॉल तोड़कर भूल गए*
वार्ड निवासी दीपक केवट ने बताया कि नाली निर्माण के दौरान उनकी निजी बाउंड्री वॉल को तोड़ दिया गया था। उस समय ठेकेदार द्वारा कहा गया कि तीन दिन के भीतर दीवाल बना दी जाएगी, लेकिन कई हफ्ते बीत जाने के बाद भी दीवार नहीं बनी। इस दौरान उनके परिसर में रखे कई सामान चोरी भी हो गए। दीपक ने कहा, नाली की ऊंचाई इतनी ज्यादा कर दी गई है की गंदा पानी अब सड़क पर ही बह रहा है। शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
खुली नाली से बना खतरा*
स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माणाधीन नाली को बिना किसी सुरक्षा के खुला छोड़ दिया गया है। इससे छोटे-छोटे बच्चे कभी भी फिसल कर गंभीर रूप से घायल हो सकते हैं। वहीं, पूरी नाली लाइन में पानी की निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं है, जिससे घरों में सीलन और गंदगी फैल रही है। वार्डवासियों ने नगर पालिका से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से निर्माण कार्य की तकनीकी जांच कराई जाए, ठेकेदार की जवाबदेही तय की जाए और अधूरे काम को समयबद्ध तरीके से गुणवत्ता सहित पूर्ण कराया जाए। साथ ही प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा भी दिया जाए।
इनका कहना है।
फिलहाल नगर पालिका परिषद में कोई इंजीनियर पदस्थ नहीं है, जिसकी वजह से निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सीधी निगरानी रखना संभव नहीं हो पा रहा है। हालांकि, हमें शिकायत प्राप्त हुई हैं, हम जल्द ही किसी को मौके पर भेजकर स्थिति का जायज़ा लेंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आगे कोई दुर्घटना न हो और निर्माण कार्य गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप पूरा किया जाए।
प्रदीप झरिया, सीएमओ, कोतमा