मिथलेश व मोनू ने एग्रीमेंट के नाम पर धोखे से रजिस्ट्री कराकर हड़प ली किसानों की 1.16 करोड़ की भूमि

मिथलेश व मोनू ने एग्रीमेंट के नाम पर धोखे से रजिस्ट्री कराकर हड़प ली किसानों की 1.16 करोड़ की भूमि

*जमकर चल रहा बंटी-बबली का खेल*


उमरिया

जिले के भरौला गांव के पांच किसानों ने गंभीर आरोप लगाया है कि लालपुर उमरिया निवासी मिथलेश राय व उनकी पत्नी मोनू राय ने एग्रीमेंट के नाम पर उनकी पुश्तैनी जमीन की रजिस्ट्री करा ली और 1 करोड़ 16 लाख रुपये हड़पने के बाद आज तक बकाया भुगतान नहीं किया। पीड़ितों का कहना है कि शिकायतों के बावजूद प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

मुख्यमंत्री तथा कलेक्टर को एक बार पुनः की गई शिकायत मे पीड़ित ईश्वरी यादव, राकेश यादव, बाबूलाल यादव, कालिका यादव (सभी पिता रमई यादव) तथा उनके चचेरे भाई गोरेलाल यादव पिता बजारी यादव ने बताया कि उनकी लगभग 5.50 एकड़ पुश्तैनी जमीन भरौली मे स्थित है। उनका आरोप है कि 18 अगस्त 2020 को मिथलेश राय ने यह जमीन 1 करोड़ 50 लाख में खरीदने का सौदा किया। सांथ ही एग्रीमेंट के समय 32 लाख का भुगतान कर बाकी रकम 11 माह बाद देने का आश्वासन भी दिया।

19 अगस्त 2020 को मिथलेश राय सभी किसानो को उप पंजीयक कार्यालय उमरिया ले गए और ऑनलाइन एग्रीमेंट कराने के बहाने पीड़ितों से दस्तखत करवा लिए। इस दौरान गोरेलाल यादव की 0.624, 0.379 और 0.120 हेक्टेयर जमीन मिथलेश राय के नाम और ईश्वरी, कालिका, राकेश व बाबूलाल की 0.281-0.281 हेक्टेयर के चार खसरे मोनू राय के नाम रजिस्ट्री कराई गईं। किसानो को बाद में पता चला कि मिथलेश राय और उनकी पत्नी मोनू राय ने एग्रीमेंट नहीं बल्कि जमीन ही रजिस्ट्री करा ली है।

आरोप है कि मिथलेश और उसकी पत्नि ने एग्रीमेंट के समय किसानो को केवल 16-16 लाख रूपये के चेक दिए, शेष रकम रजिस्ट्री के समय देने का वादा कर वापस भेज दिया। बाद मे वे लगातार टालमटोल करते रहे। कुछ समय बीतने पर बाबूलाल यादव को 12.25 लाख देकर शेष रकम जल्दी देने का वादा किया, पर आज तक लगभग 1.16 करोड़ का भुगतान नहीं किया गया।

पीड़ितों का कहना है कि पैसा मांगने पर मिथलेश राय उन्हें जान से मारने की धमकी देता है। आरोप है कि शिकायतों के बावजूद पुलिस व प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। भू-माफिया मिथलेश राय और उनकी पत्नी मोनू राय ने हमारी गरीबी और कम पढ़ाई का फायदा उठाकर जमीन हड़प ली। पैसे न मिलने से वे सड़क पर आ गए हैं। यदि न्याय नहीं मिला तो आत्महत्या करने को मजबूर होंगे। इसकी जिम्मेदारी मिथलेश राय, मोनू राय और प्रशासन की होगी।

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