पावर प्लांट मे बिना वेरिफिकेशन श्रमिकों की एंट्री, संयत्र व जिले की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर मंडरा रहा खतरा
*पुलिस और प्रबंधन की अनदेखी*
उमरिया
जिले के बिरसिंहपुर पाली स्थित संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में सुरक्षा की गंभीर खामियां उजागर हुई हैं। यहां बड़ी संख्या में ठेका श्रमिकों को बिना पुलिस वेरिफिकेशन सिर्फ आधार कार्ड दिखाकर गेट पास जारी किए जा रहे हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह लापरवाही न केवल संयंत्र बल्कि पूरे जिले की सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा है। जानकारी के मुताबिक 9 अगस्त से शुरू हुए 60 दिनों के शटडाउन के दौरान विभिन्न यूनिटों के मेंटेनेंस कार्यों मे सैकड़ों श्रमिक जुटे हैं। इनमें स्थानीय के अलावा बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से आए श्रमिक भी शामिल हैं। बिना पुख्ता जांच और पहचान सत्यापन के इनका प्रवेश सीधे-सीधे सुरक्षा नियमों की अनदेखी है।
सुरक्षा अधिकारी एसके दुबे ने स्वीकार किया कि स्थाई कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य हैए लेकिन ठेका श्रमिकों को केवल आधार कार्ड पर ही पास दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह कोई नई व्यवस्था नहीं है, कई वर्षों से इसी तरह किया जा रहा है।
वहीं, पाली थाना प्रभारी राजेश चंद्र मिश्रा ने कहा कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेगी और कंपनी प्रबंधन से बाहर से आए श्रमिकों की पूरी जानकारी मांगी जाएगी। उनका स्पष्ट कहना है कि बिना पुलिस वेरिफिकेशन पास जारी करना सुरक्षा नियमों के खिलाफ है।
स्थानीय नागरिकों और श्रमिक संगठनों ने भी प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि केवल आधार कार्ड देखकर किसी को भी प्रवेश देना खतरनाक हैए क्योंकि उसकी वास्तविकता मौके पर जांचे बिना साबित नहीं हो सकती।विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि इस लापरवाही से अपराधी या असामाजिक तत्व आसानी से प्लांट में घुस सकते हैंए जिससे न केवल ऊर्जा उत्पादन प्रभावित हो सकता है बल्कि आसपास के इलाकों की सुरक्षा पर भी गंभीर असर पड़ सकता है। साफ है कि यह व्यवस्था वर्षों से चली आ रही है और अब तक इस पर ठोस कदम नहीं उठाए गए। लेकिन अब जब मामला उजागर हुआ है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रबंधन और पुलिस मिलकर सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए क्या कदम उठाएंगे।