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अहिंसा चौक बना नई आध्यात्मिक पहचान आचार्य की स्मृति में कीर्ति स्तंभ का हुआ भव्य अनावरण
*कीर्ति स्तंभ आचार्य विद्यासागर महाराज के विचारों एवं आदर्शों को जीवंत रखेगा*
अनूपपुर
नगर परिषद जैतहरी द्वारा जैन मंदिर के समीप शासन की मंशा के अनुरूप निर्मित अहिंसा चौक पर कीर्ति स्तंभ का अनावरण समारोह भक्ति और भावनाओं से भरे वातावरण में सम्पन्न हुआ। यह स्तंभ महान तपस्वी आचार्य विद्यासागर महाराज के तप,त्याग व अहिंसा मार्ग को समर्पित है। नगर परिषद अध्यक्ष उमंग अनिल गुप्ता द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा-अर्चना के साथ लोकार्पित किए गए इस स्तंभ को देखने नगरवासी बड़ी संख्या में उमड़े।वर्षों से अधर में लटके इस बहुप्रतीक्षित कार्य को नगर परिषद ने रिकॉर्ड समय में पूर्ण कर नगरवासियों को आध्यात्मिक स्वरूप की सौगात दी है।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव द्वारा प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में आचार्य श्री की स्मृति में कीर्ति स्तंभ निर्माण की घोषणा के बाद जैतहरी में यह पहला स्तंभ अपने विशिष्ट स्वरूप के लिए चर्चा में है।यह स्मारक नगर की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक पहचान को निरंतर पुष्ट करेगा।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विंध्य विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा कि यह कीर्ति स्तंभ नगर की आस्था,श्रद्धा और सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बनेगा।आने वाली पीढ़ियां इससे प्रेरणा लेकर अहिंसा,संयम एवं सदाचार जैसे जीवन मूल्यों को अपनाएंगी।यह स्मारक नगर के गौरव में अभूतपूर्व वृद्धि करेगा।परिषद लगातार नगर के विकास कार्यों एवं सुंदरीकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं।पूरे मध्यप्रदेश में नगर परिषद जैतहरी के द्वारा बहुत ही कम मूल्य पर पेयजल का दोनों पाली में आपूर्ति की जा रही है,तथा निकाय क्षेत्र अंतर्गत एपीजे अब्दुल कलम लाइब्रेरी के का संचालन भी किया जा रहा है,जो की पूरे संभाग में एकमात्र है।तथा संचालित लाइब्रेरी से लगभग 15 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागी परीक्षा में सफल होकर नया कीर्ति मान हासिल किया है।तथा पूरे नगर में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था करते हुए पूरे निकाय में प्रकाश की व्यवस्था की है।
समारोह के मुख्य अतिथि भाजपा जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम ने कहा कि जैतहरी नगर मध्यप्रदेश में नवाचार कर अद्भुत कार्य किए हैं।अद्भुत कार्यों एवं विकास कार्यों को गति देकर संभाग के लिए अनुकरणीय कार्य किया है।निकाय आर्थिक स्थिति ठीक ना होने की बावजूद भी इच्छा शक्ति एवं दूर दृष्टि के कारण नगर परिषद के अध्यक्ष उमंग गुप्ता एवं उनकी परिषद ने विकास के नए आयाम लिखे हैं।
नगर परिषद अध्यक्ष उमंग गुप्ता ने सभी नगरवासियों एवं अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्तंभ केवल प्रतीक नहीं बल्कि आचार्य विद्यासागर महाराज के विचारों एवं आदर्शों को जीवंत रखेगा। जो कि नगर के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि नगर परिषद भविष्य में भी ऐसे कार्यों के माध्यम से जैतहरी की पहचान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए संकल्पित है। भावनात्मक वातावरण में आयोजित इस समारोह का समापन आरती एवं मंगल भावना के साथ किया गया। नगरवासियों ने इस ऐतिहासिक क्षण को गौरव और हर्ष के साथ साझा करते हुए एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया और कीर्ति स्तंभ को नगर की नई आध्यात्मिक धरोहर घोषित किया।
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चारागाह के बीच संचालित विद्यालय, बदहाल व्यवस्था, शिक्षा के नाम पर छलावा, नल की टोटियां गायब
अनूपपुर
जिले के जनपद जैतहरी, संकुल फुनगा अंतर्गत ग्राम पंचायत कोलमी बैगान टोला में स्थित प्राथमिक वा माध्यमिक स्कूल में असीमित अव्यवस्थाये देखने को मिली, एक ओर शासन हर संंभव प्रयास कर रही है की कोई भी शिक्षा से वंचित ना रहे, देश के हर नौनिहालो को उचित शिक्षा बेहतर स्वास्थ्य और सुविधा प्राप्त हो, इसी विचार को सफल बनाने की नियत से शासन पानी की तरह धन राशि खर्च कर रही है, परन्तु सरकार की इस सोच पर पानी फेरती ये ठेकेदारी वाली प्रथा जो अपनी कमाई के आगे देश का भविष्य कहे जाने वाले नौनिहालो के हक पर भी डाका मारने से नहीं चूकते, तस्वीर में साफ साफ देख सकते हैँ की किस तरह से ये छोटे छोटे बच्चे स्कूल में बाउंड्रीबाल के आभाव मे झाड़ीयो के बीच खेलने खाने पर विवश हैँ, शौचालय तो है पर भवन निर्माण से अब तक उसका ताला नहीं खुला, पीने के पानी के लिये बोर तो कराये गये, नल भी लगाये गये हैं मगर टोटियां गायब है, अब तक किसी भी बच्चे की इस दिखावे वाली सुविधा से प्यास ना बुझ सकी, स्कूल के चारो तरफ कुड़ा करकट का अम्बार देखने को मिला, अध्यनरत छात्रों के अभिभावकों ने बताया की जब तक हमारे बच्चे घर नहीं पहुंचते हम राहत की सांस नहीं ले सकते क्यूंकि इस स्कूल प्रांगण में तरह तरह के विसैले जीव जंतु को विचरण आम बात हो चुकी है, आपको बता दे की हमारे मीडिया कर्मी ने स्कूल को चारो ओर से देखा तो पता चला की स्कूल के पीछे खेत नुमा एक बड़ा खड्डा है जिससे स्कूल की ईमारत को कभी भी कोई बड़ा खतरा हो सकता है, अभिभावक गोरे लाल केवट ने बताया की सबसे ज्यादा बरसात के दिनों मे मुसीबत होती होती है, शाला परिसर में बाउंड्री वा मिट्टी फिलिंग ना होने के वजह से घुटनो तक पानी भर जाता है, बच्चों को भीग कर शाला तक पहुंचना पड़ता है, ऐसा नहीं है की इस अव्यवस्था की जानकारी ग्राम पंचायत के प्रमुख को नहीं है, उन्हे सारी जानकारी है पर लगता है वो किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहे हैँ, अभिभावकों ने जिला प्रशासन से इस ओर विशेष ध्यान देने की गुहार लगाई है।
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भारत विकास परिषद ने पीआरटी कॉलेज में पौधरोपण कर संरक्षित करने का भी लिया संकल्प
अनूपपुर
सम्पर्क, सहयोग संस्कार, सेवा और समर्पण इन पांच सूत्रों के साथ स्वस्थ समर्थ संस्कारित भारत ध्येय वाक्य के साथ काम करनेवाली पूर्ण राष्ट्रीय सामाजिक संगठन भारत विकास परिषद, जो सेवा संस्कार और पर्यावरण के क्षेत्र में वर्षों से कार्य कर रही है और जिसके सम्पूर्ण भारत वर्ष में लगभग 20 लाख सदस्य हैं कि अनूपपुर शाखा ने वृहद पौधारोपण किया। पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से भारत विकास परिषद शाखा अनूपपुर के द्वारा पीआरटी महाविद्यालय बरीं अनूपपुर प्रांगण में वृहद पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यहाँ विशेष उल्लेखनीय है कि परिषद पौधों को लगाने के साथ साथ उन्हे संरक्षित करने का भी काम कर रही है।
जब - जब गर्मी का भीषण कहर पडता है, तब - तब हम हजारों पौधे लगाने का संजीदा सा संकल्प लेते हैं। बारिश आते ही सेल्फी, फोटो, वीडियो के प्रोत्साहन के साथ हजारों, लाखों की संख्या मे सरकारी, गैर सरकारी पौधे लगाए जाते हैं। लेकिन इसके बावजूद हमारे आसपास पौधे, वृक्ष का स्वरुप लेते नहीं दिखलाई पडते।
भारत विकास परिषद अनूपपुर इस मामले मे अपवाद साबित हुआ है। विगत सात-आठ वर्ष मे परिषद द्वारा लगाए गये सभी पौधे सुरक्षित और बड़े हो रहे हैं। इस वर्ष रविवार, 3 अगस्त को भारत विकास परिषद अनूपपुर द्वारा पी आर टी कालेज परिसर बरीं मे वृहद पौधारोपण किया गया।
भारत विकास परिषद विंध्य प्रांत के अध्यक्ष डा देवेन्द्र तिवारी, संघ के जिला संघ चालक राजेन्द्र तिवारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. आर के वर्मा, मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज द्विवेदी, भारत विकास परिषद अनूपपुर शाखा के अध्यक्ष राज किशोर तिवारी, हरिशंकर वर्मा, बाल भारती विद्यालय जैतहरी की उन्नति बी जोशी, वीरेन्द्र सिंह, शब्द आधारी सिंह, आनंद पाण्डेय, अजय तिवारी, अरविन्द पाठक, विजय तिवारी, जीवेन्द्र तिवारी, महेश दीक्षित, पुष्पेन्द्र पाण्डेय, रमाकांत तिवारी, विमल पाण्डेय के साथ पी आर टी महाविद्यालय के छात्र छात्राओ सहित अन्य लोगों ने परिसर मे आम, अशोक, आँवला, नीम, जामुन गोलमोहर के लगभग डेढ सौ पौधे लगाए । इन पौधों को लगाने के बाद सभी ने पौधा संरक्षण का सामूहिक संकल्प लिया। संस्थान ने उपस्थित लोगों को तुलसी का पौधा भेंट किया।
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कल्याणिका केंद्रीय शिक्षा निकेतन ने मनाया गौरवशाली 28वाँ स्थापना दिवस
*27 वर्षों की उत्कृष्ट शिक्षा यात्रा, सम्मान समारोह के साथ भव्य आयोजन*
अनूपपुर
आध्यात्मिक नगरी अमरकंटक में रविवार को कल्याणिका केंद्रीय शिक्षा निकेतन विद्यालय ने अपना 27वाँ वर्षगांठ और 28वाँ स्थापना दिवस उत्साह एवं धूमधाम के साथ मनाया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर में भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुधाकर सिंह बघेल मुख्य अतिथि, प्रबंधन्यासी हिमाद्रि मुनि महाराज तथा पीएम श्री शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरकंटक की प्राचार्य अनुजा मिश्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अतिथियों द्वारा मां वीणापाणी सरस्वती जी की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवं पुष्प अर्पित कर समारोह का शुभारंभ किया गया। विद्यालय परिवार ने अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया। तत्पश्चात विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
विद्यालय के विद्यार्थियों ने विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। महिला सशक्तिकरण पर आधारित नृत्य-नाटिका ‘द्रौपदी और सीता’, भक्ति-प्रधान ‘देवीमाई’, ‘शिवमहिमा’ और उल्लासपूर्ण ‘उत्सव नृत्य’ ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके साथ ही विद्यालय की विकास यात्रा पर आधारित संक्षिप्त डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी प्रदर्शित की गई, जिसे देखकर सभी अतिथि एवं दर्शक गहराई से प्रभावित हुए।
पूर्व प्राचार्य आर. एस. कुशवाहा ने विद्यालय की स्थापना कथा सुनाते हुए बताया कि 3 अगस्त 1998 को परम पूज्य महाराज कल्याण दास के आशीर्वाद से यह विद्यालय प्रारंभ हुआ था। उस समय विद्यालय में मात्र चार कक्षाएं, चार शिक्षक और 51 विद्यार्थी थे तथा मिडिल स्कूल स्तर तक ही शिक्षा दी जाती थी। अभिभावकों को प्रवेश के लिए प्रेरित करने हेतु आसपास के क्षेत्रों में जाना पड़ता था। महाराज श्री ने भविष्यवाणी की थी कि यह विद्यालय एक दिन वटवृक्ष बनेगा, और आज यह शिक्षा, संस्कार और संस्कृति का प्रमुख केंद्र बन चुका है। वर्तमान में यहाँ प्रवेश के लिए प्रतीक्षा सूची लगती है
प्रधानाचार्य कमलेश मिश्रा ने कहा कि यह विद्यालय केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि नैतिकता, मित्रता और जीवन मूल्यों का भी पाठ पढ़ाता है। उन्होंने इसे अपने लिए गर्व और सौभाग्य का क्षण बताया कि वे इस संस्थान में सेवा दे रहे हैं। कल्याण सेवा आश्रम के अंतर्गत संस्थान कल्याण सेवा आश्रम के तत्वावधान में संचालित संस्थानों में कल्याणिका केंद्रीय शिक्षा निकेतन स्कूल, अमरकंटक कल्याणिका केंद्रीय शिक्षा निकेतन स्कूल, राजेंद्रग्राम (ICSE मान्यता प्राप्त) मां कल्याणिका पब्लिक स्कूल, पेंड्रारोड (छत्तीसगढ़) कल्याणिका बी.एड. महाविद्यालय, अमरकंटक शामिल हैं। इसके अलावा राजनांदगांव में एक नया विद्यालय निर्माणाधीन है और भविष्य में अनूपपुर में भी विद्यालय खोलने की योजना है। प्रबंधन्यासी हिमाद्रि मुनि महाराज ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
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हर घर तिरंगा अभियान के तहत युवाओं ने निकाला तिरंगा यात्रा, छात्राएं हुई सम्मिलित
उमरिया
विजय विश्व तिरंगा प्यारा ,झंडा ऊंचा रहे हमारा हर घर तिरंगा अभियान के तहत कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन के निर्देशन व मार्गदर्शन पर जिले की सक्रिय युवाओं की टोली युवा टीम उमरिया के द्वारा शासकीय माध्यमिक विद्यालय मुदरिया परिसर से तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। तिरंगा यात्रा का शुभारंभ विद्यालय परिसर से किया गया तिरंगा यात्रा गांव के विभिन्न मार्गो से होते हुए विद्यालय परिसर में समापन की गई। तिरंगा यात्रा के दौरान सैकड़ो की संख्या में छात्र छात्राएं हाथ में तिरंगे व भारत माता के जय जयघोष के साथ सम्मिलित हुई।तिरंगा यात्रा के दौरान लोगों का उत्साह देखते बन रहा था। भारत माता ,अमर बलिदानियो व वीर सपूतों के लिए किए जा रहे जय जयकार से शहर गुंजायमान हो रहा था।यह तिरंगा यात्रा हमारे राष्ट्र के प्रति प्रेम का गौरव बढ़ाए जाने के लिए किया गया।
टीम संयोजक हिमांशु तिवारी ने कहा कि यह अभियान अत्यन्त महत्वपूर्ण है क्योंकि यह युवाओं के दिलों में देशभक्ति की भावना का और संचार करेगा, जो हमारे देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि यह हमारी एकता को प्रदर्शित करता है। एक राष्ट्र के रूप में झंडे को सामूहिक रूप से घर पर लाना न केवल तिरंगे के साथ हमारे व्यक्तिगत संबंध का प्रतीक है बल्कि यह राष्ट्र निर्माण में हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। यह पहल लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जागृत करने और भारत के राष्ट्रीय झंडे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए की गई है।
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आरटीओ कार्यालय में फर्जीवाड़ा, झारखंड के फर्जी एनओसी से हुआ पंजीयन, दो बाबू गिरफ्तार, मास्टरमाइंड फरार
*पुलिस ने वाहन को किया जब्त, गाड़ी के चेचिस नंबर से की गई छेड़छाड़*.
शहडोल
आरटीओ कार्यालय शहडोलमें फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें 15 साल से अधिक पुरानी कबाड़ बस को फर्जी दस्तावेजों के सहारे नया नंबर और वैध पंजीयन दे दिया गया। झारखंड की एक फर्जी एनओसी के आधार पर इस गाड़ी को नया जीवन देने वाले खेल में आरटीओ कार्यालय के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि मुख्य आरोपी फरार है।
पूरा मामला तब उजागर हुआ जब शिकायतकर्ता ने इस संदिग्ध बस की जानकारी पुलिस को दी और जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए। वाहन एमपी 18 6155 जो 1992-93 मॉडल की थी और जिसकी उम्र परिवहन नियमों के अनुसार परमिट के योग्य नहीं थी, को झारखंड के रांची आरटीओ की फर्जी एनओसी के जरिए पुष्पेन्द्र मिश्रा नामक व्यक्ति के नाम पर शहडोल में रजिस्टर कराया गया। आरटीओ कार्यालय में कार्यरत बाबू अनिल खरे ने इस फर्जी एनओसी को जांचने का नाटक किया और फाइल को बिना आरटीओ के हस्ताक्षर के आगे बढ़ा दिया। इसके बाद बाबू एम.पी. सिंह बघेल ने दस्तावेजों पर दस्तखत किए और डिस्पैच सेक्शन की नीलमणि द्वारा एनओसी वाहन स्वामी को बाई हैंड सौंप दी गई। इतना ही नहीं, वाहन स्वामी ने खुद ही फर्जी सत्यापन पत्र भी तैयार कर लिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
शिकायत मिलने पर पुलिस ने वाहन को जब्त कर लिया और टाटा कमर्शियल टीम से जांच कराई। जांच में यह सामने आया कि गाड़ी के चेचिस नंबर से छेड़छाड़ कर हथौड़े से नया नंबर पंच किया गया है। जब रांची आरटीओ से इस एनओसी की पुष्टि कराई गई तो सामने आया कि न तो वह नंबर झारखंड की किसी बस का है और न ही कोई एनओसी जारी की गई थी। बल्कि जिस नंबर (JH 01 P 4872) का उल्लेख था, वह वास्तव में मारुति वैगन आर के नाम पर पंजीकृत है। इस मामले में अनिल खरे और एम.पी. सिंह बघेल को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि मास्टरमाइंड पुष्पेन्द्र मिश्रा अभी फरार है। पुलिस का कहना है कि यह फर्जीवाड़ा एक संगठित रैकेट की तरह काम कर रहा था, जिसमें आरटीओ कार्यालय के अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं। यदि जांच निष्पक्ष और गहराई से की गई तो एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों पर कार्रवाई संभव है।
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वन विकास निगम में 34 वर्षों से बिना डिग्री के कर रहा नौकरी, प्रोविजनल प्रमाण पत्र पर बन बैठा लेखापाल
*2 वर्ष बाद हो जाएंगे सेवानिवृत्त*
उमरिया
जिले के वन विकास निगम के संभागीय कार्यालय में भष्ट्राचार की फेहरिस्त में एक और भष्ट्राचार का संवेदनशील मामला तब जुड गया, जबकि वन विकास निगम के संभागीय कार्यालय में लेखापाल की कुर्सी पर पिछले 34 वर्षों पहले प्रोविजनल प्रमाण पत्र के आधार पर ओंकार सिंह सेंगर की नियुक्ति कर दी गई थी, और विभाग ने आज तक उनसे बिना डिग्री लिये लेखा पाल की सेवा लेते आ रहा है। इस बात का खुलासा सूचना अधिकार के जरिये मिले दस्तावेज से हुआ। बताया जाता है की वन विकास निगम में हुई एक शिकायत के बाद संभागीय प्रबंधक ने संबंधित लेखापाल को पत्र जारी कर उनसे डिग्री जमा करने के निर्देश जारी किया गया था। विदित होवे की वन विकास निगम संभागीय कार्यालय के पत्र क्रमांक/व वि नि /10/नि स /2024/4366 उमरिया दिनांक 20-12-24 को जारी कर उन्हें एक सप्ताह के अंदर डिग्री की मूल प्रति जमा करने के निदेश दिये गये थे, लेकिन संभागीय प्रबंधक के निर्देश दिए एक वर्ष पूरे होने को आये , उक्त लेखापाल के व्दारा आज तक अपनी डिग्री कार्यालय में प्रस्तुत नहीं की गयी। हैरत अंगेज है की वन विकास निगम के कार्यालय में इस तरह नियुक्तियों में भारी अनियमितता अभी भी फाइलों में दफन हैं , और विभाग इन विसंगतियों से जान बूझकर ऐसे कर्मचारियों को पाल पोश रही हैं जो नियमत सेवा में भर्ती करने योग्य नहीं थे।
प्रोविजनल प्रमाण पत्र एक ऐसा दस्तावेज है की कुछ समय के लिए सशर्त स्वीकार किया जा सकता है।वन विकास निगम में यह दो वर्षों के लिए मान्य किया जा सकता है, दो वर्ष के बाद उसे सेवा से मुक्त कर दिया जायेगा, लेकिन ओंकार सिंह सेंगर पिछले 34 वर्षों से प्रोविजनल प्रमाण पत्र के जरिये नौकरी कर रहे हैं।
ओंकार सिंह वरिष्ठ लेखापाल प्रभारी सहायक प्रबंधक के पद पर वर्तमान में पदस्थ है जो की पिछले 34 सालो से प्रोविजनल दस्तावेज के आधार पर नौकरी कर रहे हैं इनके के संबंध में बताया जाता है की इनकी नियुक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मंडला में हुई थी और वर्ष 1995 से उमरिया वन विकास निगम में तबादला होकर आये थे। इनकी रसूखदारी इतनी है की कार्यालय में बैठे आलाधिकारी सभी इनके रसूखदारी के नीचे दबे हुए हैं।
भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत यदि कोई भी शासकीय कर्मचारी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करता है और नकली दस्तावेज कार्यालय में प्रस्तुत करता है तो भारतीय दण्ड संहिता की धारा 466, 468,471(1) के साथ ही 420 के अन्तर्गत दण्ड का भागी होता है लेकिन कार्यालय प्रमुख के व्दारा इस मामले में लीपापोती कर बचाने में जुटा हुआ है जबकि श्री सेंगर की सेवा पूरी होने में अब ज्यादा वक्त शेष नहीं बचा है ।
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नालियों में कचरा गंदगी की भरमार, नागरिक परेशान, बारिश में सड़कों पर आ जाता है गंदा पानी
अनूपपुर/कोतमा
कोतमा नगर मे इन दिनों नगर प्रशासन के कर्मचारियों द्वारा साफ-सफाई के प्रति लापरवाही बढ़ती जा रही है। जहां-तहां गंदगी की भरमार है। कोतमा नगर में कुल 15 वार्ड हैं। अधिकांस वार्डों में सफाई नहीं की जा रही है। नियमित साफ-सफाई नहीं होने के कारण वार्डों की नालियां कचरें और गंदगी से पटी पड़ी हैं। जिससे यहां हल्की बारिश में ही पानी सड़कों पर आ जाता है। जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वार्ड क्रमांक 2 के निवासी सविता सोनी, राधा सोनी, अभिषेक सोनी, मुकेश जैन आदि ने बताया कि महीनों से सफाई नहीं होती है । कई बार पार्षद को कहा गया लेकिन नहीं सुना जिसके बाद नगर पालिका में शिकायत करने के बावजूद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। जिससे लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। जिससे परेशान होकर लोगों ने स्वयं ही अपने आसपास की सफाई करना शुरू कर दी है। सफाई कर्मचारी वार्ड में कब आते हैं लोगों को पता ही नहीं चलता।
जानकारी के मुताबिक गोविंदा कॉलोनी में करीब एक वर्ष से नालियों की सफाई नहीं कराई गई है। जिसके कारण नालियां कई जगह से चोक हो गई हैं और बाकी कचरा और गंदगी भरी हुई है। जिससे यहां पर हमेशा दुर्गंध आती रहती है और हल्की सी बारिश में ही नालियों का पानी और कचरा सड़कों में और घरों के दरवाजे पर आ जाता है। जिससे उन्हें खासी परेशानी रही है। लेकिन नालियों में सफाई नहीं की जा रही है। जिससे दिन भर दुंर्गध आती रहती है।
लेकिन नालियों से निकला कचरा किनारे में ही डाल दिया गया। जिससे बारिश होने पर वह कचरा फिर से नाली में चला गया जिससे फिर से नाली का पानी बाहर आने लगा। वहीं कोतमा नगर के बाहरी इलाकों में रहने वाले लोगों ने बताया कि उनके यहां पर नगर पालिका द्वारा साफ सफाई नहीं कराई जा रही है। उन्हें जब भी सफाई करानी होती है तो स्वीपरों को रुपए देकर की कार्य कराना पड़ रहा है।
नगर के विभिन्न वार्डों में कूडा दान रखे हैं लेकिन अधिकांश यह कूडा दान नालियों के किनारे रखे गए हैं। जहां पर आस पास के लोगों द्वारा कचरा फैका जा रहा है। लेकिन जिम्मेदारों द्वारा यहां से कचरे को नहीं उठाया कराया जाता है। जिससे वह कचरा नालियों में बह जाता है और नालियां चोक हो जाती है। जिससे बारिश में नालियों का पानी और कचरा सड़कों पर आ रहा है।