पानी की टंकी निर्माण का कार्य बाधित, पानी की समस्या को लेकर वार्ड वासी युवाओं ने किया आंदोलन

पानी की टंकी निर्माण का कार्य बाधित, पानी की समस्या को लेकर वार्ड वासी युवाओं ने किया आंदोलन

*अमृतधारा योजना के अंतर्गत टंकी निर्माण, वार्ड 11 और 12 में जल संकट गहराया*


अनूपपुर

नगर पालिका परिषद कोतमा के वार्ड क्रमांक 10 एवं 11 में पानी की भीषण समस्या को लेकर नगरवासी अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए। आंदोलन की अगुवाई वार्ड क्रमांक 11 के पार्षद नोहर सिंह, वार्ड क्रमांक 10 के पूर्व पार्षद एवं समाजसेवी देवशरण सिंह, तथा वार्ड क्रमांक 12 के पार्षद पुत्र अर्पण सिंह ने की। यह धरना कॉलेज तिराहा पर प्रारंभ किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में नगरवासी एवं युवा शामिल हुए।

*अमृतधारा योजना के अंतर्गत टंकी निर्माण*

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी हर घर नल जल योजना के तहत कोतमा में अमृतधारा-2 योजना स्वीकृत की गई थी। इसके अंतर्गत वार्ड क्रमांक 10 में लगभग ढाई करोड़ रुपए की लागत से ओवरहेड टंकी का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। नगर पालिका एवं उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में भूमि पूजन व लेआउट भी विधिवत किया गया था। ठेकेदार  द्वारा टंकी निर्माण का कार्य तेजी से किया जा रहा था और कुछ महीनों में ही आधा काम पूरा कर लिया गया था। निर्माण कार्य प्रगति पर ही था कि  बीच में निर्माण कर रुकवा दी गई नगर पालिका के द्वारा ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया की कम अभी रोक दिया जाए और  यह आपत्ति दर्ज की कि टंकी जिस स्थान पर बन रही है, उसके नीचे मीरा इंक्लाइन खदान चल रही है। प्रशासनिक दबाव के चलते निर्माण कार्य रोक दिया गया। इससे नाराज स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने कहा कि यह कदम पूरी तरह से राजनीतिक दबाव और व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते उठाया गया है, जबकि वास्तविकता यह है कि वार्ड क्रमांक 10, 11 और 12 लंबे समय से जल संकट से जूझ रहे हैं।

*वार्ड 11 और 12 में जल संकट गहराया*

वार्ड क्रमांक 11 की स्थिति विशेष रूप से गंभीर है। यहाँ के अधिकांश हैंडपंप व जलस्रोत कोयला खनन के कारण विफल हो चुके हैं। वार्डवासियों का कहना है कि एक समय में यह क्षेत्र नगर पालिका को सबसे ज्यादा रॉयल्टी देने वाला हुआ करता था, लेकिन आज आमजन पानी की एक-एक बूंद के लिए भटक रहे हैं। इसी तरह, वार्ड क्रमांक 12 के गणेश नगर में भी वर्षों से पानी की समस्या बनी हुई है। आंदोलनकारियों का कहना है कि नगर की जनता ने हमेशा शासन-प्रशासन और प्रबंधन को सहयोग दिया, लेकिन बदले में उन्हें केवल उपेक्षा ही मिली।

*प्रशासन व प्रबंधन ने साधी चुप्पी*

धरना-प्रदर्शन की सूचना मिलते ही तहसीलदार कोतमा, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष अजय सराफ, सीएमओ प्रदीप झरिया, मीरा इंक्लाइन के खान प्रबंधक वाडेकर साहब, एसडीओपी आरती शाक्य, तथा तीनों थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। हालाँकि, आंदोलनकारियों द्वारा स्पष्ट सवाल किए जाने के बावजूद प्रशासन, नगर पालिका और खदान प्रबंधन ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया। इस चुप्पी ने आंदोलनकारियों के आक्रोश को और बढ़ा दिया।

*आंदोलनकारियों की मांग*

धरना स्थल पर मौजूद युवाओं और नागरिकों ने कहा कि उन्हें आंदोलन करने में कोई रुचि नहीं है, लेकिन पानी जैसी मौलिक आवश्यकता से समझौता नहीं किया जा सकता। उनकी प्रमुख मांग है कि ओवरहेड टंकी निर्माण कार्य तत्काल पुनः शुरू कराया जाए।वार्ड 10, 11 र 12 में जल संकट को दूर करने हेतु स्थायी समाधान किया जाए। राजनीति और व्यक्तिगत हितों के कारण योजनाओं को बाधित न किया जाए।अमृतधारा योजना का उद्देश्य हर घर तक नल से पानी पहुँचाना था, लेकिन राजनीतिक टकराव और प्रशासनिक ढुलमुल रवैये के चलते यह योजना अधर में लटकती दिख रही है। यदि शीघ्र समाधान नहीं निकाला गया तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।

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